गाय का गोबर और इससे बने पेपर से 70 तरह के प्रोडक्ट। सालाना एक करोड़ टर्नओवर। मुनाफा 50%। चौंक गए न आप!

तो चलिए, आज आपको पूरी कहानी बताने के लिए लेकर चल रहे हैं राजस्थान…जयपुर रेलवे स्टेशन से करीब 4 किलोमीटर दूर सुदर्शनपुरा इंडस्ट्रियल एरिया है। यहां की अधिकांश यूनिट्स में प्रिंटिंग प्रेस का काम होता है।

इसी में 50 साल के भीम राज शर्मा का भी प्रिंटिंग प्रेस है। भीम राज गोबर से पेपर बनाकर स्टेशनरी आइटम्स तैयार करते हैं।

दिवाली पर वो गोबर से बने लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, दीये और कई और प्रोडक्ट बनाकर सेल कर रहे हैं। इन दिनों दिवाली की वजह से प्रोडक्ट्स की बहुत ज्यादा डिमांड है। भीम राज कहते हैं, फेस्टिवल सीजन में इतनी डिमांड होती है कि हम पूरा नहीं कर पाते हैं।

गोबर ही एक मात्र चीज है जो गाय के साथ हमेशा रहता है
2014-15 की बात है। आयुर्वेद और गाय को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने वाले राजीव दीक्षित के कुछ क्लिप सुन रहा था। हम देखते हैं कि सड़कों पर भी आवारा गायें घुमा करती हैं, उनकी मौत भी हो जाती है।

भीम राज कहते हैं, ऐसा भी कई बार सुनने में आया था कि साउथ अफ्रीका में हाथी के गोबर से कुछ प्रोडक्ट्स और पेपर तैयार किए जा रहे हैं। इसके बाद मैंने भी गाय के गोबर से कुछ करने की ठानी।

जब मैंने गणित लगाया तो पता चला कि गाय की औसतन उम्र 15 साल होती है, जिसमें से वो 10 साल दूध नहीं देती है। जबकि गोबर ही एक मात्र चीज है जो गाय के साथ हमेशा रहता है। चाहे वो दूध दे या न दे।

बड़े भाई ने पागलखाना भेज देने तक की बात कही थी
भीम राज हंसते हुए बताते हैं- मेरे बड़े भाई ने पागलखाना भेज देने तक की बात कही थी। घर वाले कहते थे- तुम्हारे दिमाग में गोबर भर गया है। गोबर से पेपर बनाएगा, अरे! किसी के मुंह से कभी सुना है।

मैं भी डर रहा था कि इतना अच्छा प्रिंटिंग प्रेस का बिजनेस है। यदि इसमें फेल हो गया, तो सब चौपट हो जाएगा। क्या करूंगा? मैंने हिम्मत की। दोस्तों, रिश्तेदारों से बिजनेस स्टार्ट करने के लिए पैसे मांगे, लेकिन किसी ने नहीं दिया। सब यही कहते थे- ‘पहली बार सुन रहा हूं कि कोई गोबर से कागज बनाएगा।’

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