भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला टेक्नीशियन सरस्वतीबाई फाल्के की 80वीं पुण्यतिथि (3 जून) के अवसर पर कैफ अवार्ड्स आयोजन समिति के संस्थापक व संचालक रविन्द्र अरोड़ा रवि द्वारा ओशिवारा, मुम्बई स्थित व्यंजन हॉल में ‘बैकबोन अवार्ड’ समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में बॉलीवुड के चर्चित निर्माता पहलाज निहलानी ,सुंदरी ठाकुर, बी एन तिवारी, रजा मुराद, शारुख मुराद, हनुमंत राव पाटिल, अरबिंद कुमार, नीलू, रामा मेहरा, शशि दीप, सुवी मनीष, राजू असरानी, सुनील गावडे, करुणा गावडे, डॉ सय्यदा समीना परवीन, राजू टॉक, गुरमीत टॉक, प्रभुदास वाघेला, मंजुला बेन, जस्मिन कुमार, डॉ शैलेन्द्र एन त्रिपाठी, डॉ अशोक त्रिपाठी, एम एल ए भारती लावेकर, सनाउल्लाह सिद्दकी, कविता मोथै, कल्याणजी जाना, अंकिता, प्रिया (विफपा कॉमेटी मेंबर), वेस्टर्न इंडिया फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी दिलीप दलवी, दीपिका दलवी, दत्तात्रेय जाधव, राजेन्द्र माने, सविता माने,सुनील पाल, सविता पाल, अनिता नायक, अनिल नायक, राज कुमार तिवारी, समी तंबतकर, अमीना समी तंबतकर, प्रिया शहनबाज़ राठौड़, पब्लिसिटी डिजाइनर ज्ञानजी, चाँद पाशा फैमली हैदराबाद, गुरमीत सिंह बेदी और संजना कश्यप, लेस्ली त्रिपाठी और वरिष्ठ फिल्म प्रचारक पुनीत खरे के अलावा बॉलीवुड के  नामचीन शख़्सियतों ने शरीक हो कर सरस्वती बाई  फाल्के को श्रंद्धाजलि अर्पित की। इस समारोह की खास बात ये थी कि शामिल लगभग सभी शख्सियत इस मौके पर सपरिवार आये थे, जिन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला टेक्नीशियन सरस्वतीबाई दादा साहेब फाल्के की स्मृति में ‘बैकबोन अवार्ड’ से नवाजा गया।

विदित हो कि भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फाल्के की पत्नी सरस्वती बाई ने अपने पति दादा साहेब फाल्के के निर्देशन में फिल्म डेवलपिंग, मिक्सिंग और फिल्म पर केमिकल कैसे इस्तेमाल करना है, यह सब सीखा और इस तरह से भारत की पहली हिंदी फीचर फिल्म ‘ राजा हरिश्चंद्र’ की एडिटिंग सरस्वती बाई फाल्के ने की। इन सबके अलावा इस पितृसत्ता समाज में वह एक औरत थी तो उनकी खुद की जिम्मेदारियां तो थी ही। लेकिन उन्होंने कभी भी उन जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ा। सरस्वती बाई ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में पोस्टर बनाने से लेकर फिल्म की एडिटिंग तक, हर जगह सरस्वती बाई ने दादासाहेब फाल्के की मदद की। फाल्के ने उन्हें कैमरा चलाने से लेकर एडिटिंग के लिए शॉट्स हटाने और लगाने तक सभी कुछ सिखाया। उनकी पत्नी सेट पर भरी दोपहरी में घंटों सफेद रंग की चादर लेकर खड़ी रहती थी।

यह सफेद चादर उस समय लाइट रिफ्लेक्टर का काम करती थी। भारतीय फिल्म जगत की पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ को बनाने वाले दादा साहब फाल्के को तो सभी जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही उनकी पत्नी सरस्वती बाई फाल्के को जानते हैं, जिनके बिना दादा साहब फाल्के की पहली फिल्म कभी बन ही नहीं पाती। दरअसल उनकी पहली फिल्म का निर्माण सरस्वती बाई फाल्के के दृढ़ निश्चय और असाधारण सहयोग के कारण ही संभव हो पाया था। यही वजह है कि सरस्वती बाई फाल्के का नाम भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला टेक्नीशियन के रूप में शुमार है।

इस बात की अवधारणा को आत्मसात कर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला टेक्नीशियन सरस्वतीबाई की 80वीं पुण्यतिथि (3 जून) के अवसर पर कैफ अवार्ड्स आयोजन समिति के संस्थापक व संचालक रविन्द्र अरोड़ा रवि के द्वारा ‘बैकबोन अवार्ड’ समारोह का आयोजन किया जाना एक शुभ संकेत है। इस आयोजन की तैयारी वो पिछले तीन वर्षों से कर रहे थे। इस सफल आयोजन के बाद उम्मीद की जा रही है कि अन्य अवार्ड शो आयोजकों के सोच को एक नई दिशा मिलेगी।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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