देशी चीजों के फायदों को देखते हुए लोगों में ऐसे सामानों के प्रति इंट्रेस्ट बढ़ रहा है. देशी सब्जी से लेकर देशी खाना और देशी जानवरों के उत्पाद जैसे देशी मुर्गी के अंडे से लेकर देशी गायों के दूध आदि की मांग काफी बढ़ी है. देशी गाय के दूध और उससे बने प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ने से अचानक देसी गाय थारपारकर के दाम हजारों से लाखों में पहुंच गए हैं.
हाल ही में राजस्थान में भारत सरकार के केन्द्रीय पशु प्रजनन फार्म में थारपारकर नस्ल की गायों और बछियों की खुली बोली लगाने का कार्यक्रम 18 अक्टूबर 2024 को आयोजित किया गया था. इसमें थारपारकर गाय की नीलामी ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. नीलामी में 85 किसानों और पशुपालकों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. नीलामी में कुल 43 पशुओं को रखा गया था जिसमें थारपारकर गाय संख्या 8034 की सबसे बड़ी बोली लगी. इस गाय के लिए 9.25 लाख रुपये की बोली लगाई गई.
यह बोली महाराष्ट्र के सतारा जिले के निमसोड निवासी प्रगतिशील किसान और ब्रीडर पुष्कराज विठ्ठल ने लगाई थी. बाद में पुष्कराज ने इसे खरीद लिया. इसके बाद अन्य राज्यों में भी थारपारकर गाय के दाम एकदम से आसमान छूने लगे. सहारनपुर के रहने वाले किसान आदित्य त्यागी के पास कई थारपारकर गाय हैं. उनकी गायों के भी 5 लाख रुपये से अधिक दाम लगा चुके हैं.
थारपारकर गाय की खासियत
थारपारकर गाय भारत की बेहतरीन दुधारू गायों में से एक है. यह गाय थार रेगिस्तान से ली गई है इसलिए इसका नाम थारपारकर पड़ा. थारपारकर गाय भारत के अलावा पाकिस्तान से भी जुड़ी हुई है. यह गाय भारत के जोधपुर, जैसलमेर और कच्छ में सबसे पहले पाई गई थी. आजकल यह गाय भारत के लगभग सभी राज्यों में पाई जाती है. थारपारकर गाय को ग्रे सिंधी, वाइट सिंधी और थारी के नाम से भी जाना जाता है. इस गाय के दूध में कई बीमारियों से लड़ने की ताकत होती है. यह गाय बिना खाए पिए दो से तीन दिन तक आसानी से रह सकती है. किसी भी प्रकार का घास खा लेती है लेकिन दूध में फर्क नहीं पड़ता.
थारपारकर गाय के दाम बढ़ने से किसान खुश
किसान आदित्य त्यागी ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि यह थारपारकर नस्ल की गए हैं और इन गायों को राजस्थान से एक बाड़मेर, एक जेसलमेर से लेकर आये थे. अब इन थारपारकर गायों की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई है. अभी हाल ही में सूरतगढ़ फार्म राजस्थान में इन गायों की नीलामी हुई है जबकि नीलामी में ए ग्रेड की गायों को नीलाम नहीं किया जाता. वहां सिर्फ डिफेक्टेड गायों को नीलाम किया जाता है. वहां पर सबसे ऊंची बोली थारपारकर गाय की 9 लाख 25 हजार रुपये लगी है. जबकि दूसरे नंबर पर थारपारकर 7 लाख 25 हजार रुपये में बिकी है.
किसान आदित्य त्यागी बताते हैं कि उनसे अच्छी नस्ल की गए उनके पास मौजूद है लेकिन इन गायों की डिमांड अब बहुत ज्यादा बढ़ गई है. कई लोगों के फोन भी आए हैं. यहां तक की 5 लाख रुपये तक उनकी गाय की कीमत लग चुकी है लेकिन अब थारपारकर गायों के दाम सोने के भाव हो गए हैं इसलिए वह उन गायों को अभी बेचना नहीं चाहते.
थारपारकर गाय 8 से 10 किलो दूध रोजाना देती है. इस थारपारकर गाय का दूध ₹100 लीटर से 150 रुपये लीटर बिकता है. आदित्य त्यागी बताते हैं कि इस थारपारकर गाय का बीमार आदमी को दूध पिलाने से वह जल्द स्वस्थ हो जाता है जिसका जीता जागता उदाहरण वह स्वयं हैं.