विशेष -गोपाल के देस में गऊ ग्राम महोत्सव ‘ संपन्न
गाय की पीठ पर विद्यमान सूर्यके्तु नाडी सौर मंडल की समस्त ऊर्जा को अवशोषित कर अपने गव्यों (दूध ,मूत्र,गौमय) में डालकर समस्त मानव जीवन और प्रकृति को निरोगी एवं सम रखने का कार्य करती हैं। हमारा शरीर पंचमहाभूतों से बना हैं ये पंचमहाभूत्त है पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एंवआकाश । इन पंचमहाभूतों मैं असंतुलन ही विभिन्न रोगों का कारण हें। किन्तु ईश्वर ने हमें गाय दी है जो अपने पंचगव्यो (गोमय दूध, घृत, गोमूत्र, छाछ) से इन पंचमहाभूतों को संतुलित करती है और हमें निरोगी रखती है। शरीर का पृथ्वी तत्व असंतुलित हुआ है तो हमें गोबर का रस या गोबर के कंडों से बनी भस्म का सेवन कर अपने पृथ्वी तत्व को संतुलित किया जा सकता है ।