मनाली के गोशाल गांव में शुक्रवार से सात दिवसीय गौ कथा महायज्ञ समारोह की शुरुआत हुई। इस अवसर पर भव्य कलशयात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं व कन्याओं ने सिर पर कलश रख यात्रा में भाग लिया।
कलशयात्रा की शुरुआत ब्यास नदी की पूजा अर्चना के साथ हुई। महिलाओं ने ब्यास नदी में पानी भरकर कलशयात्रा की शुरुआत की। इस दौरान वाद्य यंत्रों के साथ कलशयात्रा मुख्य गांव से होती हुई मंदिर परिसर पहुंची। यहां विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तों ने भगवान के जयकारों से माहौल को भक्तिमय बना दिया। कलशयात्रा के बाद मंदिर में संगीत में गौ कथा का शुभारंभ भी कर दिया गया है। कार्यक्रम के भक्तों को खाने पीने की पूरी व्यवस्था की गई है।
पुरोहित बुधराम शर्मा ने बताया कि कलशयात्रा में तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु व महेश के साथ 33 करोड़ देवी देवता स्वयं कलश में विराजमान होते हैं। वहीं कलश को धारण करने वाले जहां से भी ग्राम का भ्रमण करता है वहां की धरा पवित्र हो जाती है। जो अपने सिर पर कलश धारण करता है उसकी आत्मा को ईश्वर पवित्र और निर्मल करते हुए अपनी शरण में ले लेते हैं।
मनाली की उझी घाटी में इतिहास में पहली बार आयोजित हो रहे गौ कथा महायज्ञ के लिए 17 देवी देवता भाग के रहे हैं। ऐतिहासिक गांव गोशाल में इस महायज्ञ का आयोजन घाटी के नौ गांव कोठी, सोलंग, पलचान, रुआड, कुलंग, मछाच, बुरुआ, शनाग व गोशाल के ग्रामीण मिलकर कर रहे हैं। महायज्ञ को आयोजन कमेटी के अध्यक्ष वेद राम ठाकुर व कारदार हरि सिंह ठाकुर ने बताया कि देवताओं का आगमन वीरवार को हो गया है जबकि आज कलशयात्रा से गौ कथा महायज्ञ शुरू हो गया। गोशाल के आराध्य देवों व्यास ऋषि, गौतम ऋषि व कंचन नाग के प्रांगण में आयोजित हो रहे इस महायज्ञ में पराशर ऋषि कुलंग, वशिष्ठ ऋषि वशिष्ठ, मनु ऋषि व माता हिडिंबा मनाली, सियाली महादेव सियाल, शंख नारायण नसोगी, गोहरी देवता पारशा, शांडिल्य ऋषि शालीन, सृष्टि नारायण अलेउ, शावर्णी माता व थान देवता शुरु, फाइया नाग प्रीणी, तक्षक नाग भनारा, संध्या गायत्री जगतसुख, प्यूली नाग बटाहर, गणेश भगवान घुड़दौड़ व बशुकी नाग हालाण की मौजूदगी में यह यज्ञ हो रहा है। उझी घाटी के कुल पुरोहित पंडित बुध राम शर्मा ने बताया कि पंडित नटराजन आचार्य, पंडित विपिन की देखरेख में 21 ब्राह्मण महायज्ञ में भाग ले रहे हैं।