मकरसंक्रांति के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर गायों को चारा खिलाया। सोशल मीडिया पर गायों के साथ पीएम मोदी के कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है। यह पहली मौका नहीं है कि जब दुनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गौ-प्रेम को देखा है। इससे पहले पिछले साल जब वो वारंगल शहर में भद्रकाली मंदिर पहुंचे थे तब भी उनको गौ-सेवा करते देखा गया था।

एएनआई, नई दिल्ली। PM Modi with Cows। देशभर में कल (15 जनवरी) मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इसी बीच आज पीएम मोदी की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों में वो गायों को चारा खिलाते नजर आ रहे हैं।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि जब दुनिया ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गौ-प्रेम को देखा है। इससे पहले पिछले साल जब वो वारंगल शहर में भद्रकाली मंदिर पहुंचे थे, तब भी उनको गौ-सेवा करते देखा गया था।

पीएम मोदी ने पोंगल, मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी

पीएम मोदी ने आज देशवासियों को पोंगल की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह त्योहार ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दर्शाता है। पीएम ने राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय राज्य मंत्री (MoS) एल मुरुगन के आवास पर पोंगल समारोह में भाग लेने के दौरान यह बात कही।

पीएम मोदी ने कहा, “देश ने कल लोहड़ी का त्योहार मनाया। कुछ लोग आज मकर संक्रांति मना रहे हैं और कुछ लोग कल मनाएंगे, माघ बिहू भी आ रहा है, मैं देशवासियों को इन त्योहारों की शुभकामनाएं देता हूं।”

बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह हो। इस पूजन में पीएम मोदी मुख्य यजमान हैं। पीएम ने 11 दिवसीय अनुष्ठान शुरू किया है। पीएम नरेंद्र मोदी समेत सभी यजमानों को 11 दिनों तक एक समय सेंधा नमक युक्त सात्विक आहार ग्रहण करना होगा।

‘पोंगल एक भारत श्रेष्ठ भारत की राष्ट्रीय भावना को दर्शाता है’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि पोंगल एक भारत श्रेष्ठ भारत की राष्ट्रीय भावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यही भावनात्मक जुड़ाव काशी-तमिल संगमम और सौराष्ट्र-तमिल संगमम में भी देखने को मिला।

केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन के नई दिल्ली स्थित आवास पर आयोजित पोंगल समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तमिलनाडु के हर घर में उत्सव का उत्साह देखा जा रहा और सभी लोगों के जीवन में खुशी, समृद्धि और संतुष्टि की कामना की।

प्रधानमंत्री ने कोलम (रंगोली) के साथ भारत की विविधता की समानता बताते हुए कहा कि जब देश का हर कोना एक-दूसरे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ता है, तो देश की ताकत एक नए रूप में दिखाई देती है।

 

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