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लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी का तंज, कहा- जड़ों से कट चुकी कांग्रेस ने तय कर लिया है कि सौ साल तक शासन में नहीं आना

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नई दिल्ली, ANI यूं तो हर चुनावी जीत-हार के बाद कांग्रेस के अंदर भी मंथन होता होगा लेकिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में जिस तरह कांग्रेस के सिकुड़ते आधार के इतिहास को सामने रखा वह मजबूत कांग्रेस की बात करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी भयभीत कर सकता है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर पिछले तीन दिनों से चल रही चर्चा का जवाब देते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री पूरी रौ में थे। अंदाज हास-परिहास से भरा था लेकिन शब्द चुटीले

आंकड़ों के सहारे कांग्रेस पर तगड़ी चोट

आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि देश पर 60 साल शासन करने वाली कांग्रेस के लिए नगालैंड के लोगों ने आखिरी बार 1998 में वोट किया था। ओडिशा में 27 साल से सरकार में एंट्री नहीं मिली तो गोवा में 1994 में पूर्ण बहुमत मिला था। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में कांग्रेस शासन को 37 साल गुजर गए, तमिलनाडु में 50 साल पहले 1962 में अवसर मिला था। जिस तेलंगाना के गठन का श्रेय लूटने की कोशिश होती है, वहां के लोगों ने कभी कांग्रेस को अपनाया ही नहीं।

जड़ों से कट गई है कांग्रेस

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इसलिए हो रहा है क्योंकि कांग्रेस जड़ों से कट गई है, जनता से दूर हो गई है। विपक्षी दलों के शोर शराबे के बीच परोक्ष तौर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज करते हुए उन्होंने कहा, ‘आपके बयानों से, कार्यक्रमों से ऐसा लगता है कि आपने मन बना लिया है सौ साल तक सत्ता में नहीं आना है। थोड़ी सी भी आशा होती तो ऐसा नहीं करते। आपने तय कर लिया है कि सौ साल नहीं आना है तो हमने भी तैयारी कर ली है।’

देश के हितों की अनदेखी कर रही कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सरकार की उपलब्धियों को देश की उपलब्धियों से जोड़ा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को ऐसे दल के रूप में अलग-थलग कर दिया जो कथित तौर पर व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ के लिए देश के हितों की भी अनदेखी कर रही है। यही कारण है कि उन्होंने कांग्रेस के सहयोगी दलों को भी चेताया और कहा कि कांग्रेस की सोच 2014 पर अटक गई है। वह उससे बाहर निकलने को तैयार नहीं है और इसका नतीजा भुगतना पड़ा है।

तो जवाब देना भी जरूरी

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने खुद को ऐसी मानसिक अवस्था में बांध रखा है कि जनता आपको पहचानती नहीं। सदन का काम देश के लिए काम करना होता है लेकिन जब आप दल के लिए काम करते हैं तो जवाब देना जरूरी हो जाता है।

अपनी सोच बदले कांग्रेस

सदन में उस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी तो मौजूद नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने बार-बार कांग्रेस को याद दिलाया कि वह अपनी सोच बदले, नकारात्मकता से निकले और यह देखने की कोशिश करे कि बीते वर्षों में कई क्षेत्रों में मूलभूत व्यवस्था बदली है। गरीबों के लिए घर की योजना तो पहले से चल रही थी, लेकिन गति और ध्यान अब दिया गया। अब जो भी पक्का घर पाता है, वह गरीब अब लखपति की श्रेणी में आ जाता है। गरीब के घर शौचालय बना है। चूल्हे के धुएं से गरीब का मां की आंखें खराब नहीं होतीं। उनके घर अब गैस कनेक्शन है।

जनता को समझ नहीं सकी कांग्रेस

प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव अलग बात है लेकिन सवाल चुनाव नतीजों का नहीं है, सवाल उनकी नीयत का है जो इतने साल तक सरकार में रहने के बाद भी देश की जनता को समझ नहीं सके। जनता ने उन्हें नकार दिया और दोबारा प्रवेश करने का मौका नहीं मिल रहा है।

आपका अहंकार नहीं जाता

आलोचना के लिए आलोचना करने वाले विरोधियों पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, हम तो एक चुनाव हार जाएं तो महीनों बाद भी उसे याद दिलाया जाता है लेकिन आपका अहंकार नहीं जाता।

शायराना अंदाज में तल्‍ख तेवर

शायराना अंदाज में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वो जब दिन को रात कहें तो तुरंत मानी जाए, नहीं मानोगे तो वह दिन में नकाब ओढ़ लेंगे। जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे, वह मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहा, उन्हें आइना मत दिखाओ, वो आइने को भी तोड़ देंगे।’

अंधविरोध लोकतंत्र का अनादर

प्रधानमंत्री ने कहा कि आलोचना जीवंत लोकतंत्र का एक आभूषण है लेकिन अंधविरोध लोकतंत्र का अनादर है। दो साल से कोविड महामारी के प्रकोप से विश्व जूझ रहा है, लेकिन कांग्रेस इस दौरान मेक इन इंडिया का भी विरोध कर रही है। देश शत प्रतिशत पहली डोज के निकट पहुंच रहा है। 80 प्रतिशत लोगों को सेकेंड डोज लग चुकी हैं, लेकिन कोविड काल में कांग्रेस ने हद पार कर दी।

भारत तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था

कांग्रेस सदस्यों की ओर से लगातार हो रहे शोर शराबे और सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों की मुस्कान के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड काल में योग को विश्व ने माना लेकिन कांग्रेस के लोगों ने उसका भी मजाक बना दिया। भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है।

जब खाने का संकट था तब मुफ्त राशन उपलब्ध कराया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल में किसानों ने रिकार्ड पैदावार की, सरकार ने रिकार्ड खरीद की। दुनिया में खाने का संकट था, लेकिन सरकार ने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया, अभी भी करा रही है। कुल निर्यात सर्वाधिक है। रक्षा सेक्टर में भी देश निर्यात कर रहा है।

रक्षा खरीद में खरीदे जाते थे अच्छे-अच्छे लोग

उन्होंने इस मुद्दे पर बारीकी से कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा, ‘सभी को पता है कि रक्षा खरीद में अच्छे-अच्छे लोग खरीदे जाते थे, अब वह बंद हो गया है।’ बताने की जरूरत नहीं कि उनका तंज किस ओर था। वैसे भी भाजपा बोफोर्स को बड़ा मुद्दा बनाती रही है।

छोटे किसानों के लिए आपके मन में नफरत क्यों

हाल के दिनों में विपक्ष की ओर से किसानों के सहारे राजनीति को धार देने की कोशिश होती रही है। प्रधानमंत्री ने वहां भी विपक्ष को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि खाद आपूर्ति सुनिश्चित की गई है, छोटे किसानों को मदद दी जा रही है। जो लोग जड़ों से कटे हुए लोग हैं, दो-दो चार-चार पीढ़ी से महलों में बैठने के आदी हो गए हैं, वह उनसे पूछना चाहते हैं कि छोटे किसानों के लिए आपके मन में नफरत क्यों है।

आपके लिए फाइल हमारे लिए लोगों की लाइफ ही सबकुछ

प्रधानमंत्री ने बहुत बारीकी से उत्तर प्रदेश की राजनीति भी साधी और याद दिलाया कि उत्तर प्रदेश की सरयू नहर परियोजना, अर्जुन डैम इसी शासनकाल में पूरा हुआ। कांग्रेस चार धाम को आल वेदर रोड से जोड़ सकती थी लेकिन नहीं किया। पुराने तौर-तरीकों के कारण गोरखपुर का खाद कारखाना बंद हो गया था, वह अब शुरू हुआ है। उन्होंने फिर तंज किया, ‘जो कटे हुए लोग हैं, वे फाइल पर साइन कर आने वाले मुलाकाती का इंतजार कर रहे थे। आपके लिए फाइल सब कुछ है, हमारे लिए 130 करोड़ लोगों की लाइफ सब कुछ है।

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