शाजापुर.
उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी एक वृद्धा ने अपनी अंतिम इच्छा परिजनों को बताई थी कि वो गौदर्शन, गौपूजन और गौ दान करना चाहती है। रविवार को ज्यादा स्थिति बिगडऩे पर जब परिजन वृद्धा को लेकर अस्पताल पहुंचे तो यहां पर डॉक्टर्स ने उन्हें घर ले जाकर सेवा करने की सलाह दे दी। इसके चलते परिजनों को वृद्धा की अंतिम इच्छा याद आ गई और उन्होंने शहर के गौसेवकों से संपर्क किया। गौसेवक महिला की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए गाय की बछिया लेकर अस्पताल पहुंच गए। यहां पर परिजनों ने वृद्धा के हाथों से गौपूजन कराते हुए गौ के दान के निमित्त राशि गौसेवकों को दे दी। वृद्धा की ये अंतिम इच्छा शहरभर में चर्चा का विषय बनी रही।
जानकारी के अनुसार गीताबाई (80) पति स्व. उमरावसिंह राठौर निवासी दुपाड़ा रोड की तबियत विगत कुछ समय से लगातार बिगड़ती जा रही थी। गीताबाई ने अपने परिजनों को बताया था कि वो अंतिम समय में गौपूजन करके गौ का दान करना चाहती है। रविवार दोपहर जब गीताबाई की तबियत ज्यादा बिगड़ गई तो परिजन उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंच गए। यहां पर चिकित्सकों ने उपचार तो किया, लेकिन उनकी स्थिति में सुधार होने की संभावना नहीं जताई। कहा गया कि अब गीताबाई को घर पर ले जाकर ही सेवा करें। ऐसे में परिजनों को गीताबाई की अंतिम इच्छा याद आ गई। परिजन शहर में गाय की तलाश कर रहे थे। तभी गीताबाई की बेटी पूजा राठौर को गौसेवक मनोज गवली का नंबर मिल गया। मनोज गवली को फोन करके गीताबाई के परिजनों ने पूरी स्थिति से अवगत कराया।