नई दिल्ली. लोकसभा में स्मोक क्रैकर के साथ कूदे लोगों से जुड़े मामले में जांचकर्ताओं ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि संसद की सुरक्षा में चौंकाने वाला खतरा (Parliament Security Breach) पैदा करने के लिए जिम्मेदार समूह देश में अराजकता पैदा करना चाहता था. उनका इरादा सरकार को अपनी ‘अवैध’ मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर करना था. अब जांच का फोकस पांचवें आरोपी ललित मोहन झा (Lalit Mohan Jha) पर केंद्रित हो गया है. जिसे साजिश के पीछे का दिमाग बताया गया. सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजे गए झा ने गुरुवार देर रात गिरफ्तार होने से पहले पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल अब कथित तौर पर ललित झा से जुड़े दो लोगों की भूमिका की जांच कर रही है, जिनकी पहचान राजस्थान के नागौर के रहने वाले दो भाइयों कैलाश कुमावत और महेश कुमावत के रूप में हुई है. जांचकर्ताओं ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) हरदीप कौर को एक रिमांड आवेदन सौंपा. जिसमें कहा गया कि झा ने कथित तौर पर मामले में खुद के शामिल होने की बात कबूल कर ली है. इस मामले से परिचित लोगों के मुताबिक रिमांड आवेदन से पता चला कि सभी आरोपी कई बार मिले और साजिश को अंजाम दिया.

पुलिस ने कोर्ट में जो आवेदन पेश किया, उसमें कहा गया कि ‘झा ने खुलासा किया कि वे देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे ताकि वे सरकार को अपनी अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें.’ गौरतलब है कि बुधवार को लोकसभा में हुई घुसपैठ 2001 के संसद हमले की बरसी पर हुई. इस मामले में पकड़े गए सभी आरोपियों ने सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को समर्पित एक फेसबुक पेज के सदस्यों के रूप में बातचीत शुरू की. बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा से हासिल विजिटर पास का उपयोग करके संसद में कथित हमले को अंजाम दिया.

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