झाँसी : अन्ना पशुओं को आश्रय देने के लिये जहाँ योगी सरकार गम्भीरता दिखा रही है, वहीं पशुपालन विभाग ने झाँसी में मॉडल गौ संरक्षण केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके लिये 4 स्थानों को चिह्नित किया गया है, जहाँ स्थायी वृहद गौ संरक्षण केन्द्र बनेंगे। इन्हें मॉडल के रूप में तैयार किया जायेगा। जिले में अन्ना पशु बहुत बड़ी समस्या है
वर्ष 2019 की पशु गणना में 37,431 गौवंश आवारा माने गये थे। इनके संरक्षण के लिये जिले में 246 गौशालाएं बनाई गयीं। इसमें नगर निगम द्वारा बिजौली में कान्हा उपवन, हँसारी व लहरगिर्द में काँजी हाउस तथा पशुपालन विभाग द्वारा सुकुवाँ व लुहरगाँव घाट में गौवंश वन विहार नाम से बड़ी गौशालाएं हैं, जबकि अन्य जगह पर छोटी गौशालाएं संचालित की जा रही हैं। इसके बावजूद अन्ना पशुओं को उचित संरक्षण नहीं मिल पा रहा है।
इस समस्या को दूर करने के लिये पशुपालन विभाग ने बामौर के गौती में 4.50 हेक्टेयर, गुरसराय के गुढ़ा में 4.50 हेक्टेयर, धवारी में 8.50 हेक्टेयर एवं बंगरा के पठगुवाँ में 2.76 हेक्टेयर स्थान चिह्नित की है। इसमें धवारी 2,500 गौवंश रखने की व्यवस्था की जायेगी, जबकि अन्य गौ संरक्षण केन्द्र इससे कम संख्या वाले होंगे। प्रत्येक गौ संरक्षण केन्द्र पर 1.20 करोड़ रुपये की लागत आँकी गयी है। इन वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों पर भूसा गोदाम, स्टोर रूम, पेयजल के लिये बोरिग, सुरक्षा के लिये जालीदार तार वाली फेसिंग तथा चारा उत्पादन की व्यवस्था की जायेगी।