जानें क्या है पूरा मामला

मुंबई के मुलुंड पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के अनुसार राणा और उनके पिता ने कथित तौर पर जाली जाति प्रमाण पत्र बनवाया था क्योंकि जिस सीट से वह सांसद निर्वाचित हुई हैं वह अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. बंबई उच्च न्यायालय ने 2021 में अमरावती की सांसद को जारी किए गए जाति प्रमाण पत्र को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके प्राप्त किया गया था.

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