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देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ महाभियान शुरू,

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हमारे देश में प्लास्टिक के कचरे को लोग गम्भीरता से नहीं लेते. सरकार प्लास्टिक पर बैन तो लगाती है लेकिन लोगों को लगता है कि प्लास्टिक ही तो है, इससे क्या हो जाएगा. हालांकि आज यानी शुक्रवार से हमारे देश में प्लास्टिक से आजादी दिलाने के लिए एक बड़ा आन्दोलन शुरू होने जा रहा है.

19 तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लागू,

एक जुलाई से भारत में 19 तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के Items पर बैन लग जाएगा. सिंगल यूज़ प्लास्टिक वो होता है, जिसका इस्तेमाल एक बार ही होता है और फिर उसे फेंक दिया जाता है. सिंगल यूज प्लास्टिक को रिसाइकल भी नहीं किया जा सकता. सरकार ने जिन 19 Items पर रोक लगाने का फैसला किया है, उनमें प्लास्टिक के Straw हैं, जिनसे आप जूस या कोई दूसरी Drink पीते हैं. प्लास्टिक स्टिक्स वाले Earbuds, प्लास्टिक स्टिक्स वाले गुब्बारे, Candy Sticks, Ice Cream Sticks, सजावट में इस्तेमाल होने वाला Thermocol, प्लास्टिक के कप, प्लास्टिक के झंडे, प्लास्टिक के चाकू-छुरी, ट्रे, प्लास्टिक की मिठाई के डिब्बे, शादी के कार्ड पर इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक शीट, मिठाई के डिब्बे पर इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक शीट और सिगरेट के पैकेट पर लगी प्लास्टिक की पन्नी भी इसमें शामिल है.

देश में हर साल निकलता है 35 लाख टन कचरा,

पर्यावरण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में हर साल 35 लाख टन प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है. यानी इस हिसाब से हर भारतीय सालाना ढाई किलोग्राम प्लास्टिक का कचरा पैदा करता है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के जिन 19 Items पर प्रतिबंध लगाया है, प्लास्टिक के कुल कचरे में उनकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है. यानी 40 प्रतिशत कचरा इन 19 Items से ही पैदा होता है. ये कचरा पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुंचाता है, इसका अन्दाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि भारत की नदियों और समुद्र में हर साल 15 करोड़ टन प्लास्टिक का कचरा फेंका जाता है. जबकि गंगा नदी में हर साल डेढ़ करोड़ टन प्लास्टिक का कचरा फेंका जाता है.

यानी एक तरफ हमारे देश के लोग गंगा नदी की सौगंध खाते हैं. दूसरी तरफ उसी गंगा में प्लास्टिक का कचरा भी फेंकते हैं. अगर सिर्फ दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में हर रोज 1 हज़ार 140 टन प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है, जिसमें से 632 टन प्लास्टिक का कचरा सिंगल यूज़ प्लास्टिक Items का होता है.

सेहत को नुकसान पहुंचा रहा प्लास्टिक,

हालांकि एक सच ये भी है कि आज बड़ी बड़ी कम्पनियां और लोग प्लास्टिक पर इस कदर निर्भर हो चुके हैं कि ऐसा लगता है कि एक बार के लिए भारत अंग्रेजों से आजाद हो गया. लेकिन प्लास्टिक से आजाद होना बड़ा मुश्किल है. लेकिन सरकार ने इसके खिलाफ आजादी के जैसी ही मुहिम शुरू की है. इसके लिए एक ऐप भी बनाया गया है. ये आपके काम की ख़बर तो है ही, साथ ही ये आपकी जान से जुड़ी ख़बर भी है. प्लास्टिक सिर्फ पर्यावरण के स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि ये अब इंसानों के खून, फेफड़े और Liver तक पहुंच चुका है.

भारत की बड़ी कामयाबी, देश के पहले पालयट रहित लड़ाकू विमान का डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण

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मानव रहित लड़ाकू विमान विकसित करने की दिशा में भारत को एक बड़ी सफलता मिली है। डीआरडीओ ने शुक्रवार को ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर के पहले एयरक्राफ्ट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस विमान की खासियत यह है कि ये बिना पायलट के उड़ान भर सकता है। टेकऑफ से लेकर लैंडिंग तक का पूरा काम बिना किसी मदद के अंजाम दे सकता है।

चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफल परीक्षण,

डीआरडीओ ने एक बयान में बताया कि इस परीक्षण को शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। मानव रहित हवाई वाहन यानी अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) को ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर कहा जाता है। वहीं रक्षा  मंत्रालय ने कहा कि विमान पूरी तरह से ऑटोनॉमस मोड में संचालित हुआ था। एयरक्राफ्ट ने एक सफल उड़ान भरी जिसमें टेक ऑफ, वे प्वाइंट नेविगेशन और स्मूथ टचडाउन शामिल हैं। ये विमान भविष्य की बिना पायलट के चलने वाले विमानों को विकसित करने की दिशा में एक मील का पत्थर है। साथ ही आत्मनिर्भरता की दिशा में एक जरूरी कदम भी है।

डीआरडीओ ने कहा कि एयरक्राफ्ट ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी। खुद ही इस परीक्षण को अंजाम दिया। यह सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भता की दिशा में अहम कदम है। इस एयरक्राफ्ट को बेंगलुरू स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) ने डिजायन और विकसित किया है। एडीई डीआरडीओ के तहत एक प्रमुख रिसर्च लोबोरेटरी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है।

 

एशिया महादेश का सबसे पुराना निरंतर प्रकाशित एवं प्रसारित दैनिक समाचार -पत्र ‘मुंबई समाचार’

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१ जुलाई १८२२ को पहला अंक प्रकाशित हुआ था ,यह अखबार अपने आपमें इतिहास का महत्वपूर्ण दस्तावेज तो है ही, इसकी यह इमारत भी अब हैरिटेज बिल्डिंग का दर्जा पा चुकी है। इसके चार साल पहले १८१८ में देश की क्षेत्रीय भाषाओं में पहला अखबार ‘समाचार दर्पण’ बंगला भाषा में ‘ प्रकाशित होना शुरु हुआ था। आज उस बंगाली अखबार का कोई अता -पता नहीं है किन्तु मगर मुंबई समाचार न सिर्फ मौजूद है बल्कि लगातार नयी-नयी मंजिलें तय कर रहा है।
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– राजेश झा

प्रिंट मीडिया के लड़खड़ाते परिवेश में दो सौ वर्ष पुराना हुआ दैनिक ‘मुंबई समाचार ‘नामक गुजराती अखबार अपने आपमें एक करिश्मा है । एक ऐसे दौर में जब खबरों की तरह ही प्रिंट मीडिया विशेषकर अखबारों की भी उम्र लगातार कम हो रही हो ,एक -से -बढ़कर एक स्थापित अखबारों से लगातार पत्रकारों की छंटनियों, उनके साप्ताहिक परिशिष्टों के खात्मे के साथ-साथ खुद उनके अस्तित्व पर मंडराते संकट की सूचनाएं मिल रही हों इतना ही नहीं मीडिया के राजस्व में प्रिंट मीडिया की हिस्सेदारी पिछले एक दशक में लगातार कम हो रही है – ऐसी असंख्य निराशाजनक बातों के बीच मुंबई से प्रकाशित गुजराती अखबार ‘मुंबई समाचार’ के प्रकाशन के २०१ वें वर्ष में प्रवेश की बात अनूठी है।‘मुंबई समाचार’ अकेले हिंदुस्तान का ही नहीं बल्कि पूरे एशिया का लगातार प्रकाशित सबसे पुराना अखबार है। यह सब देश की भाषाई पत्रकारिता के लिए किसी गौरवगाथा से कम नहीं है।

यह तथ्य सुनने में ही बहुत रोमांचक लगता है कि २०१ वर्ष पहले यानी १ जुलाई १८२२ को मुंबई समाचार, मुंबई के जिस हार्निमन सर्कल स्थित बिल्डिंग से छपना शुरु हुआ था, आज भी यह इसी दो मंजिल की लाल रंग वाली बिल्डिंग से छप रहा है। बिल्डिंग के एक हिस्से में आज भी वे मशीनें रखी हुई हैं जिनसे एक सदी पहले अखबार छपा करता था। यह अखबार अपने आपमें इतिहास का महत्वपूर्ण दस्तावेज तो है ही, इसकी यह इमारत भी अब हैरिटेज बिल्डिंग का दर्जा पा चुकी है। अपने आपमें दो सदियों का इतिहास समेटे मुंबई समाचार १८२२ में एक पारसी कारोबारी फर्दूंजी मर्जबान के द्वारा साप्ताहिक ‘मूंबिना समाचार’ के रूप में प्रकाशित होना शुरु हुआ था। जब गुजराती भाषा में यह साप्ताहिक प्रकाशित होना शुरु हुआ। इसके चार साल पहले १८१८ में देश की क्षेत्रीय भाषाओं में पहला अखबार ‘समाचार दर्पण’ बंगला भाषा में ‘ प्रकाशित होना शुरु हुआ था। हालांकि आज इस बंगाली अखबार का कोई नामोनिशान नहीं बाकी। मगर मुंबई समाचार न सिर्फ मौजूद है बल्कि लगातार नयी-नयी मंजिलें तय कर रहा है।

इस तरह देखा जाए तो मुंबई समाचार सिर्फ इतिहास ही नहीं है,अपने आपमें एक सतत इतिहास है, जो इस बात की गवाही होता है कि वह कुछ खास है तभी अभी तक उसका अस्तित्व है। जिस दौर में देश के बड़े से बड़े अखबारों ने अपनी तमाम साप्ताहिक परिशिष्टों को अखबार के नियमित पन्नों में बदल दिया हो, उस दौर में भी मुंबई समचार अकेला ऐसा अखबार है जो आज भी सप्ताह के सातों दिन मुख्य अखबार के साथ एक साप्ताहिक परिशिष्ट का प्रकाशन करता है, जिसमें सिर्फ गुजराती भाषा के ही तमाम प्रतिष्ठित लेखक, पत्रकार और विद्वान ही नहीं छपते बल्कि अलग-अलग भाषाओं के विद्वान भी यहां नियमित रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। यह अखबार की पाठकीय साख का प्रमाण है कि डेढ़ लाख से अधिक की संख्या में हर दिन छपने वाले इस अखबार को गुजराती समाज में न सिर्फ बहुत गंभीरता से लिया जाता है बल्कि आज भी जब सूचनाओं के अनंत माध्यम विकसित हो गये हैं, मुंबई समाचार के पाठक सूचना पाने के लिए अपने इस प्रिय अखबार पर भरोसा करते हैं।

देश की प्रिंट मीडिया और खासकर क्षेत्रीय भाषाओं की प्रिंट मीडिया इस ऐतिहासिक अखबार से क्या सीख सकते हैं? निश्चित रूप से अपना अस्तित्व बनाये रखने की कला जो कि एक नियमित अनुशासन से आती है। अखबार के मौजूदा युवा संपादक नीलेश दवे का कहना है, ‘निश्चित रूप से यह गर्व का विषय है कि मुंबई समाचार दुनिया के उन गिने -चुने अखबारों में से है, जिन्होंने यह इतिहास बनाया है। लेकिन महत्वपूर्ण सिर्फ अखबार का अस्तित्व होना भर नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि इतने साल गुजर जाने के बाद आज भी ‘ मुुंबई समाचार ‘ अत्यंत प्रासंगिक है। उनके मुताबिक, ‘हम आज भी अपने संस्थापकों की उन नीतियों का पालन करते हैं, जिन नीतियों को मजबूत बनाने के लिए इस अखबार की दो शताब्दियों पहले नींव पड़ी थी। आज जब ज्यादातर अखबार बड़े कार्पोरेट विज्ञापनदाताओं को अपने प्रथम पेज में जगह देते हैं, तब भी हम अपने छोटे विज्ञापनदाताओं को अपने पहले पेज में जगह देते हैं। यह महज कारोबार नहीं है, यह उनके और हमारे बीच एक सम्मान और भावनाओं का रिश्ता है।

हमारे अखबार की संपादकीय नीति हमेशा से सनसनीखेज मामलों को उछालने से बचने की रही है। हम कभी भी हंगामों पर भरोसा नहीं करते। हमने हमेशा अपनी स्वतंत्र संपादकीय नीति को महत्व दिया है। हम घटनाओं की ईमानदारी से तथ्यात्मक रिपोर्टिंग पर बल देते हैं।’देश की आजादी के लिए लड़े गये पहले स्वतंत्रता संग्राम १८५७ से भी पहले प्रकाशित होना शुरु हुए ‘मुंबई समाचार’ की हमेशा से प्राथमिकता, गुजराती भाषा, समाज और संस्कृति को मजबूती देना रहा है।अखबार शुरु में १०साल तक साप्ताहिक के रूप में निकला था और फिर अगले लगभग दो दशकों तक पाक्षिक रूप में निकला था। अखबार का वर्तमान स्वरूप १८५५ से अभी तक एक समान है, जो न केवल संस्थान की नीतियों में स्थिरता बल्कि पाठकों के साथ विश्वसनीयता भरे रिश्तों का भी सबूत है। अखबार की स्थापना एक पारसी कारोबारी ने किया था और आज भी संस्थान के मालिक कामा परिवार के लोग हैं जो पारसी समुदाय से रिश्ता रखते हैं।

मुंबई समाचार से देश के तमाम अखबार खासकर क्षेत्रीय भाषाओं के अखबार बहुत कुछ सीख सकते हैं। सबसे पहली बात तो उन्हें मुंबई समाचार से यह मजबूत सीख मिलती है कि कोई भी अखबार अपने पाठकों के विश्वसनीय रिश्ते के बिना स्थिरता और मजबूती नहीं हासिल कर सकता। पाठकों के बीच किसी भी मीडिया प्रकाशन की विश्वसनीयता तभी बनती है, जब वह उन्हें लगातार सजग रहते हुए ईमानदार सूचनाएं और विश्लेषण मुहैय्या कराता है। अपने तात्कालिक कारोबारी फायदों के लिए जब मीडिया प्रकाशन अपने पाठक समुदाय का ख्याल नहीं रखते, उनके साथ इज्जत और ईमानदारी का बरताव नहीं करते तो किसी भी प्रकाशन का चाहे वह जिस माध्यम का प्रकाशन हो, उसके पाठक भी उसके साथ स्थायी रिश्ता नहीं रखते।

मंदाकिनी और उपासना की रही जे.पी. सिंघानिया और गुड़िया की ‘प्यार में तेरे’ म्यूजिक वीडियो के लॉन्च में उपस्थिति

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मुम्बई। बॉलीवुड के मशहूर सिंगर शान के गाए हुए रोमांटिक म्युज़िक वीडियो “प्यार में तेरे” में रियल लाइफ जोड़ी जे.पी. सिंघानिया और श्रीमती गुड़िया सिंघानिया दिखाई दे रही है। इस गाने को रूपल मोहता और रूपेश राय प्रोडक्शंस ने प्रोड्यूस किया है, रूपल खुद दिवा मिसेज इंडिया 2018, मिसेज यूनिवर्स 2019 हैं।
मुम्बई के रेड बल्ब स्टूडियो में रूपेश राय सिकंद द्वारा डायरेक्ट किया गया यह खूबसूरत गीत रिलीज किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि अभिनेत्री मंदाकिनी और उपासना सिंह भी मौजूद थीं। यहां सभी को गाने की मेकिंग और फुल सांग दिखाया गया।
मुख्य अतिथि मंदाकिनी ने गाने की तारीफ करते हुए कहा कि एक्टिंग की कोई उम्र नहीं होती। जे.पी. सिंघानिया और गुड़िया सिंघानिया ने तारीफ के लायक काम किया है। इन लोगों ने बड़ा अच्छा काम किया है। जेपी सिंघानिया बहुत लक्की हैं कि इतने बड़े एक्सीडेंट के बाद भी वो ठीक हैं, उन्हें भगवान का शुक्र अदा करना चाहिए। इस एल्बम का बहुत अच्छा म्युज़िक है और कमाल का डायरेक्शन है। पहले के जमाने के गीत भी अच्छे होते थे और आज के गाने भी अच्छे हैं। मुझे तो यह म्युज़िक वीडियो बेहतर लगा।
वहीं ऎक्ट्रेस उपासना सिंह ने बताया कि पुराने गाने आज भी दिल को छू जाते हैं। आज के कई गानों का कोई सेंस नहीं होता, मगर प्यार में तेरे एक खूबसूरत सांग है। मशरूम के बिज़नेस में रहकर जेपी सिंघानिया और गुड़िया ने जो वीडियो में एक्सप्रेशन दिया है, इतनी तेज गर्मी में शूट किया है, वो कमाल है। जेपी सिंघानिया ने तो वीडियो में कई बार गुड़िया को गोद मे उठा भी लिया है।
इस अवसर पर गुड़िया सिंघानिया ने कहा कि इस वीडियो को करना हम दोनों के लिए एक अलग अनुभव रहा लेकिन बहुत ही अच्छा लगा।
वहीं जेपी सिंघानिया ने कहा कि हमने इस गाने के जरिये एक ट्रेंड सेट करने की कोशिश की है। हम दोनों ने पहले अरेंज मैरिज की, फिर प्यार हुआ, और अब रियल लाइफ जोड़ी रील जोड़ी बनकर आई है। हम दोनों की शादी की एनिवर्सरी पर मैं अपनी पत्नी को इस वीडियो के द्वारा एक सरप्राइज गिफ्ट देना चाहता था इसलिए हमने इसे प्लान किया।
संगीतकार शुजात खान ने डायरेक्टर रूपेश का शुक्रिया अदा किया और कहा कि सिंगर शान ने इस गाने को बड़ी शिद्दत से गाया है। शान भाई खुद इस गाने के लॉन्च पर आने वाले थे पर वह अमेरिका में हैं।
डायरेक्टर रूपेश राय सिकंद ने कहा कि इसमे मुम्बई के पास की लोकेशन है, गाने में कई कॉस्ट्यूम्स हैं। जेपी सिंघानिया और गुड़िया सिंघानिया ने इसमे बेस्ट परफॉर्मेंस दी है और हमने एक बेहतर सांग बनाया है।
आपको बता दें कि मशरूम के कारोबार से जुड़ी यह जोड़ी रांची की दंपत्ति है। इस रोमांटिक म्युज़िक वीडियो प्यार में तेरे को प्रसिद्ध गायक शान द्वारा आवाज दी गई है।
पुरस्कार विजेता फिल्म मेकर रूपेश राय सिकंद ने गाने का निर्देशन किया है। वह इन दिनों कश्मीर पर आधारित एक फिल्म पर काम कर रहे हैं। उन्होंने अनगिनत म्युज़िक वीडियो, टीवी विज्ञापनों और बहुत सारी पुरस्कार विजेता शार्ट फिल्मों का निर्देशन किया है। वह शार्ट फिल्म ‘अनफिट’ के लिए यूएसए में व्यूवर्स च्वाइस अवार्ड प्राप्त करने वाले पहले भारतीय निर्देशक भी हैं।
इस गाने को शुजात अली खान व नज़ाकत शुजात ने खूबसूरती से कंपोज किया है। गाने के बोल अंजान सागरी ने लिखे हैं।
कार्यक्रम में मंदाकिनी, उपासना सिंह, मिथिलेश चतुर्वेदी और सुनील पथारे मैक्सवेल समूह के मालिक ने अपनी उपस्थिति से शोभा बढ़ाई।

ढाई साल बाद महाराष्ट्र की सत्ता में लौटी भाजपा, जानें मोदी राज में कैसे बदला देश का सियासी नक्शा

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एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। गठबंधन के जरिए ही सही राज्य में ढाई साल बाद भाजपा फिर सत्ता में वापसी कर ली है। महाराष्ट्र में देश की नौ फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है। इसके साथ देश के 19 राज्यों में भाजपा सत्ता में है। इन राज्यों में देश की करीब 59% फीसदी आबादी रहती है। वहीं, कांग्रेस की सरकार अब चार राज्यों तक ही सिमटकर रह गई है। इन चार राज्यों में देश की करीब 16 फीसदी आबादी रहती है।

जब मोदी सत्ता में आए तब सात राज्यों में थीं भाजपा सरकारें,

मई 2014 में नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने। मोदी के सत्ता में आने के वक्त देश के सात राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगियों की सरकारें थीं। इनमें पांच राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री थे। वहीं, बिहार और पंजाब में उसकी सहयोगी पार्टी सरकार चला रही थी। इन दो राज्यों में देश की 11 फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है। बाकी पांच राज्यों छत्तसीगढ़, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा के मुख्यमंत्री थे।

इन राज्यों में देश की 19 फीसदी आबादी रहती है। यानी, जब मोदी सत्ता में आए उस वक्त करीब 30 फीसदी आबादी पर भाजपा और उसकी सहयोगी सरकारें चल रही थीं। 2014 में जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आए उस वक्त देश के 14 राज्यों में कांग्रेस और उसके सहयोगी पार्टियों की सरकार थी। कांग्रेस शासित इन राज्यों में देश की 27 फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है। इन राज्यों में महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे दो बड़े राज्य शामिल थे।

2018 में पीक पर पहुंची भाजपा,

2014 में सात राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगियों की सरकार थी। चार साल बाद मार्च 2018 में 21 राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगियों की सरकार थी। इन राज्यों में देश की करीब 71 फीसदी आबादी रहती है। ये वो दौर था जब भाजपा शासन आबादी के लिहाज से पीक पर था। वहीं, चार राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। इन राज्यों की सात फीसदी आबादी रहती है।

अब आगे क्या होगा? 

अभी 19 राज्यों में भाजपा सत्ता में है। साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव हैं। दोनों राज्यों में अभी भाजपा सत्ता में हैं। 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना शामिल हैं। अभी कर्नाटक, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। इसके अलावा मेघालय, नगालैंड में भाजपा गठबंधन के साथ सरकार में है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस जबकि तेलंगाना में टीआरएस की सरकार है।

2024 में लोकसभा और सात राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होंगे। इनमें सिक्किम, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड शामिल हैं। अभी हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम में भाजपा की सरकार है। ओडिशा में बीजद, आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी, महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की गठबंधन वाली सरकार है। इन राज्यों में भाजपा के सामने बड़ी चुनौती यह है कि जहां वह सरकार में है, उसे कायम रखना और जहां वह विपक्ष में है, वहां जीत हासिल करना।

एकनाथ शिंदे बने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने दिलाई शपथ; फडणवीस बने डिप्टी सीएम

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शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री को तौर पर शपथ ले ली है। विधानसभा भवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है। वहीं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम की शपथ ली है। फडणवीस ने ही सीएम पद के लिए एकनाथ शिंदे के नाम का ऐलान किया था और खुद इस सरकार से बाहर रहने की बात कही थी। लेकिन आखिरी समय में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कहने पर फडणवीस ने डिप्टी सीएम का पद स्वीकार कर लिया। इसी के साथ महाराष्ट्र की सियासत में 21 जून को उठा भूचाल अब थमता हुआ दिखाई दे रहा है।

आपको बता दें कि इसके पहले देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान किया था। उनके इस ऐलान के बाद सभी सियासी दल चौंक गए। इसके पहले सियासी गलियारों में इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि शिवसेना के बागी विधायक बीजेपी को समर्थन देकर सरकार बनाएंगे और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे।

अगले कुछ दिनों में होगा कैबिनेट विस्तार,

एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन महाराष्ट्र के राजभवन में आयोजित किया गया। इस दौरान शिवसेना और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहें। एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब अगले कुछ दिनों में महाराष्ट्र की कैबिनेट का गठन किया जाएगा। इस दौरान ये सत्ता में आए दोनों दलों के नेताओं को मंत्रालयों की जिम्मेदारियां दी जाएंगी। आपको बता दें कि इसके पहले गुरुवार की शाम को देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि आज शाम साढ़े सात बजे एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए सीएम के तौर पर शपथ लेंगे, जबकि इनकी कैबिनेट अगले कुछ दिनों में शपथ लेगी.

अब शिवसेना को लेकर खड़ा होगा सवाल? कौन असली शिवसेना,

बागी शिवसेना विधायकों की मांग थी कि उद्धव ठाकरे एनसीपी और कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बना लें। बागी विधायकों ने कहा आप महाविकास अघाड़ी का साथ छोड़ दीजिए हम आपके साथ आ जाएंगे। इसके बाद संजय राउत और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की बयान बाजियों ने आग में घी का काम किया और नतीजा एक सप्ताह के भीतर ही उद्धव ठाकरे को सत्ता गंवानीं पड़ी। अब एक बड़ा सवाल शिवसेना के चुनाव चिन्ह को लेकर भी खड़ा होगा। एकनाथ शिन्दे गुट दावा करता है कि वो असली शिवसेना है उसके पास 2 तिहाई से ज्यादा विधायकों का बहुमत है लेकिन उद्धव ठाकरे कहते हैं शिवसेना उनकी पार्टी है।

आत्मनिर्भर भारत की रीढ़, इस सेक्टर के लिए नीतियों में जरूरी बदलाव कर रही सरकार -PM मोदी

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PM नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को आश्वस्त किया कि केंद्र छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए जरूरी नीतिगत कदम उठाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि ये उद्यमी सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने ‘उद्यमी भारत’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छोटे उद्यमियों से सरकार को वस्तुओं की आपूर्ति के लिये सरकारी खरीद मंच जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) पोर्टल पर पंजीकरण कराने को भी कहा। उन्होंने कहा, एमएसएमई आत्मनिर्भर भारत के लिए जरूरी है।

आत्मनिर्भर के सपने को साकार करने में बड़ी भूमिका 

एमएसएमई क्षेत्र ने पिछले आठ साल में आत्मनिर्भर भारत को एक आकार देने में बड़ी भूमिका निभायी है। मोदी ने कहा, मैं चाहता हूं कि अगले सप्ताह जीईएम पोर्टल पर एक करोड़ नये पंजीकरण हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए पिछले आठ साल में बजट 650 प्रतिशत से अधिक बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने कहा, अगर कोई उद्योग आगे बढ़ना चाहता है, विस्तार करना चाहता है तो सरकार न केवल उसे समर्थन कर रही है बल्कि नीतियों में जरूरी बदलाव भी ला रही है।

खादी का कारोबार एक लाख करोड़ के पार

उन्होंने यह भी कहा कि खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है, खादी बिक्री पिछले आठ साल में चार गुना बढ़ी है। इससे पहले, मोदी ने एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने और उसे गति देने को लेकर 6,000 करोड़ रुपये की योजना ‘रैंप’ (रेजिंग एंड एक्सिलेरेटिंग एमएसएमई परफार्मेन्स) की शुरूआत की। साथ ही उन्होंने वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिये ‘पहली बार निर्यात करने वाले एमएसएमई निर्यातकों के क्षमता निर्माण (सीबीएफटीई)’ की योजना शुरू की।

परियोजना लागत में की गई वृद्धि 

उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की नई विशेषताओं की भी शुरूआत की। इसमें विनिर्माण क्षेत्र के लिये अधिकतम परियोजना लागत 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये तथा सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करना शामिल है।

एकनाथ शिंदे बनेंगे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री, फडणवीस रहेंगे सरकार से बाहर

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Eknath Shinde: एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेस में ये ऐलान किया। फडणवीस ने बताया कि आज साढ़े 7 बजे शिंदे का अकेले का शपथग्रहण होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ शिंदे ही शपथ सीएम पद की शपथ लेंगे और मैं सरकार से बाहर रहुंगा। फडणवीस ने कहा कि सरकार अच्छे से चले ये मेरी कोशिश होगी।

एकनाथ शिंदे ने क्या कहा-

महाराष्ट्र के सीएम की घोषणा के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा, ” हमने जो फैसला लिया है उस बारे में आप सब जानते हैं। मैं पहले भी बोल चुका हूं कि बालासाहेब का हिंदुत्व, उनकी भूमिका और विधायकों के विकास कार्य करने के लिए हम आगे बढ़ रहे।” शिंदे ने कहा कि दो तिहाई से ज्यादा लोग हमारे साथ हैं और 50 से विधायक हम सबके साथ हैं। पिछले कुछ दिनों से ढ़ाई साल में जो हुआ वो आप जानते है। सीएम ठाकरे को हम अपनी परेशानी बताते थे, मैंने भी कई बार उनसे चर्चा की थी।

शिंदे ने आगे कहा कि हमने मन में कोई स्वार्थ नहीं रखा। हमारा बीजेपी के साथ नैचुरल गठबंधन था। विधायकों ने आगे के चुनाव को ध्यान में रख बीजेपी के साथ जाने की बाते कही। एकनाथ शिंदे ने कहा, मैं भी सरकार में काम कर रहा था पर राज्य के हित मे कुछ नहीं हो रहा था। महाविकास आघाड़ी में कुछ फैसले हुए उसका स्वागत है पर वैचारिक मतभेद से हम कुछ मामलों पर आगे नही बढ़ सकते थे। उन्होंने कहा कि राज्य के हित और भविष्य की दृष्टि से जो कुछ हो रहा था, MVA की वजह से हम कुछ फैसले नहीं ले पा रहें थे।

“देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा दिल दिखाया”

शिंदे ने आगे कहा कि 39 हम और 11 निर्दलिय विधायक जब अलग फैसला लेते हैं तो समझना चाहिए था। बड़े पैमाने पर 50 लोग साथ आते, वो लोग मुझे अपनी समस्याएं बताते। हमने ये निर्णय राज्य के हित में जनता की उम्मीदें पूरी करने के लिए लिया है। उन्होंने कहा कि फडणवीस साहब ने जो फैसला लिया, 120 विधायकों की ताकत उनके पास थी, फडणवीस सीएम पद ले सकतें थे लेकिन उन्होंने बाल ठाकरे के शिवसैनिक को इस पद के लिए चुना, इसके लिए शुक्रिया।

एकनाथ शिंदे ने कहा, “देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बीजेपी के पास 120 लोग हैं। मुख्यमंत्री पद संख्याबल के आधार पर वो ले सकते थे लेकिन उन्होंने बड़े दिल से बालासाहेब के शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाया। मैं मोदीजी, अमित शाह, देवेंद्र जी धन्यवाद व्यक्त करता हूं। ये पद किसी लालसा में नहीं हुआ, मैंने भी कोई पद नही मांगा था। हम राज्य को विकास की तरफ ले जाएंगे। देवेंद्र बड़े दिल के व्यक्ति हैं। मंत्रिमंडल में न होते हुए उनका मार्गदर्शन मिलता रहेगा।”

शिंदे ने आगे कहा कि 50 विधायकों ने बालासाहेब और धर्मवीर दिघे की भूमिका को आगे ले जाने का काम  किया। उन्होंने विश्वास जताया, उनका शुक्रिया। 120 और 50, आज 170 की ताक़त है, आगे और भी जुड़ेंगे। मोदी सरकार की ताकत खड़ी रहेगी तो हमारी राह में कोई अड़चन नहीं आएगी।

फडणवीस बोले- मैं सरकार से रहूंगा बाहर

राज्यपाल से मिलने के बाद  देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं सरकार से बाहर रहूंगा पर सरकार ठीक से चले ये मेरी जिम्मेदारी होगी। मुझे उम्मीद है कि फिर से हिंदुत्व विचारों की, बालासाहेब के विचारों की सरकार बनेगी। उन्होंने आगे कहा, “मुझे विश्वास है कि विकास, ओबीसी आरक्षण और अन्य विषय को वो आगे ले जाएंगे और सभी को न्याय देंगे।”

अटल बिहारी वाजपेयी की बायोपिक बना रहे हैं विनोद भानुशाली और संदीप सिंह

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मुम्बई। अटल बिहारी वाजपेयी भारत के एक अनुकरणीय नेता, प्रसिद्ध कवि, लेखक, भारत के पूर्व प्रधान मंत्री, उत्कृष्ट वक्ता और मानवीय राजनीतिज्ञ थे। विनोद भानुशाली और संदीप सिंह ने भारत के बेस्ट सेलिंग बुक ‘3 टाइम प्राइम मिनिस्टर’ के अधिकार हासिल कर लिए हैं, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-संस्थापक और वरिष्ठ नेता भी थे।
फिल्म ‘मैं रहूं या ना रहूं, ये देश रहना चाहिए – अटल’ जो पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब ‘द अनटोल्ड वाजपेयी: पॉलिटिशियन एंड पैराडॉक्स’ का एक नाटकीय रूपांतरण है जिसे प्रसिद्ध लेखक उल्लेख एन पी ने लिखा है।
विनोद भानुशाली और संदीप सिंह ने देश के सबसे शानदार लीडर अटल बिहारी वाजपेयी जी की एपिक लाइफ पर फिल्म बनाने के लिए हाथ मिलाया है।

निर्माता विनोद भानुशाली कहते हैं कि मैं अपनी पूरी लाइफ में अटल जी का सबसे बड़ा प्रशंसक रहा हूं। जो एक जन्मजात नेता,उत्कृष्ट राजनेता,और दूरदर्शी थे। हमारे राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान अद्वितीय है, और यह हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है कि भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड उनकी विरासत को सिल्वर स्क्रीन पर ला रहा है।
निर्माता संदीप सिंह का कहना है कि अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय इतिहास के महानतम नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपने शब्दों से दुश्मनों का दिल जीता था, उन्होंने सकारात्मक रूप से राष्ट्र का नेतृत्व किया और प्रगतिशील भारत का प्रिंट तैयार किया। एक फिल्म निर्माता होने के नाते, मुझे लगता है कि सिनेमा ऐसी अनकही कहानियों को प्रस्तुत करने का सबसे अच्छा माध्यम है, जो न केवल उनकी राजनीतिक विचारधाराओं पर प्रकाश डालेगी, बल्कि उनके मानवीय और काव्यात्मक पहलुओं को भी उजागर करेगी, जिसने उन्हें सबसे प्रिय “विपक्ष का नेता” और साथ ही भारत का सबसे प्रगतिशील प्रधानमंत्री बना दिया था।
फिल्म के निर्माता जल्द ही फिल्म के अभिनेता और निर्देशक की घोषणा करेंगे। फिल्म की शूटिंग 2023 के शुरुआत में शुरू की जाएगी, जो भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की 99 वीं जयंती, क्रिसमस 2023 में रिलीज होगी।
भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड और लीजेंड स्टूडियो द्वारा प्रस्तुत ‘अटल’  विनोद भानुशाली, संदीप सिंह, सैम खान, कमलेश भानुशाली और विशाल गुरनानी द्वारा निर्माण किया जा रहा है, और जूही पारेख मेहता, जीशान अहमद और शिव शर्मा इस फिल्म को सह निर्माण कर रहे हैं।

राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2022 का आयोजन 20 जुलाई को

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मुम्बई (अंधेरी) स्थित मेयर हॉल में 22 जुलाई की शाम को कृष्णा चौहान फाउंडेशन के द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2022’ समारोह में समाज सेवा और मानव सेवा का उल्लेखनीय योगदान देने वाले शख़्सियतों को अवार्ड दे कर सम्मानित किया जाएगा।
विदित हो कि मुम्बई में जून 2022 को केसीएफ व केसीपी प्रस्तुत ‘मिस बॉलीवुड ऑनलाइन ब्यूटी कॉन्टेस्ट 2022’ का भव्य आयोजन किया गया था जहां रोज़ खान विनर बनी। इस ब्यूटी कांटेस्ट के ज्यूरी मेम्बर्स में डॉ कृष्णा चौहान, डॉ परिन सोमानी (अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर) और आर राजपाल (पब्लिसिटी डिज़ाइनर) शामिल थे।
फिलवक्त अवार्ड समारोह के आयोजक डॉ कृष्णा चौहान ‘राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2022’ समारोह को लेकर काफी उत्साहित हैं। डॉ कृष्णा चौहान का हिंदी अल्बम ‘ज़िक्र तेरा’ हाल ही में रिलीज हुआ है। इस पुरस्कार समारोह के बाद डॉ कृष्णा चौहान अपनी नवीनतम हॉरर थ्रिलर फिल्म ‘आत्मा डॉट कॉम’ की शूटिंग शुरू करने जा रहे हैं, जिसका हाल ही में भव्य मुहूर्त किया गया था। इस फिल्म के संगीतकार दिलीप सेन हैं।