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फिल्म ‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ में देश की समृद्ध परंपराओं और संस्कृति की झलक

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फिल्म ‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ का फिल्मांकन और उसकी कहानी कई मायनों में एक सिनेमाई क्रांति लाएगी। यह पांच अलग-अलग दिलचस्प और बेहतरीन कहानियों पर आधारित है, जो आपस में संबंधित है। इसे चंदेरी जैसे छोटे से शहर की पृष्ठभूमि में स्थापित किया गया है। यह फिल्म एक मिश्रित कहानियों को कहने का एक अनोखा और साहसिक मार्ग है। इस कथा का मूल बुन्देलखंड में चंदेरी नाम का एक छोटा सा शहर है, जो भारत के मध्य प्रदेश राज्य में फैला एक पहाड़ी इलाका है। बुन्देलखण्ड अपनी भौगोलिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए लोकप्रिय है। इतिहास इस बात के उदाहरणों से भरा पड़ा है कि कैसे इस क्षेत्र की विशिष्ट सांस्कृतिक विशेषताएँ पूरे देश को ताकत देती हैं। फिल्म की पांच कहानियां वास्तविक घटनाओं पर आधारित हैं। इस फिल्म की कहानी विचारोत्तेजक है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। सिनेमैटोग्राफी शानदार है और फिल्म का संगीत बेहद मधुर और सुखद जो निश्चित रूप से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। फिल्म निर्माता इसे बेहतरीन एक मनोरंजक फिल्म का उदाहरण मानते हैं। जो भारतीय सांस्कृतिक लोकाचार, इतिहास, विरासत और परंपराओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ साथ राष्ट्र निर्माण में भी सहायक सिद्ध होगी। फिल्म में बड़ी बारीकी के साथ तथ्यों को सही माध्यम से दर्शाया गया है।

अभिनेता बृजेंद्र काला ने वर्षों से अपने शानदार अभिनय से प्रशंसकों का दिल जीता है, उनके साथ पूर्वा पराग, उमेश बाजपेयी, सागर वाही, सारिका भरोलिया, माही सोनी, कुरांगी नागराज, हरवीर मलिक और रुहाना खन्ना भी शामिल हैं।

आगामी फिल्म ‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ के प्रचार प्रसार करने का अनूठा तरीका देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। और सबसे विशेष बात यह है कि फिल्म देखने पर मालूम चलेगा कि इसमें दर्शकों के लिए एक सरप्राइज है। दर्शकों की भारी भीड़ के लिए आकर्षक पुरस्कार है जिसका फैसला लकी ड्रा से किया जाएगा। जो किसी भाग्यशाली दर्शक को प्राप्त होगा। दर्शक रचनात्मक और सुस्वादु सामग्री का आनंद प्राप्त कर सकेंगे, जो भारत की समृद्ध ग्रामीण सांस्कृतिक विरासत और गौरव का सच्चा प्रदर्शन करेगी। निस्संदेह, प्रत्येक स्क्रीनिंग में तीन लकी ड्रा और बम्पर पुरस्कार जीतने का अवसर दर्शकों को प्राप्त होगा जिससे दर्शक अवश्य रोमांचित होंगे। विजेता को ना केवल एक उपयोगी पुरस्कार प्राप्त होगा बल्कि कुछ पुरस्कार उनकी पहुंच और सोच से ज्यादा आकर्षक होंगे। फिल्म प्रचार प्रसार का यह अनूठा तरीका केवल दर्शकों का ध्यान अच्छे सिनेमा की ओर आकर्षित करना है अन्यथा फिल्म का प्रचार प्रसार करने के लिए अच्छी बजट और बड़े अभिनेता ही काफी होते हैं। प्रोडक्शन हाउस का मूल उद्देश्य भारत के ग्रामीण इलाकों में सिंगल स्क्रीन में नई जान फूंकना भी है। यह प्रयास भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सिनेमा की असाधारण प्रतिभा और रचनात्मकता के विकास के लिए एक बहुत जरूरी मंच विकसित करेगा और लोगों को प्रोत्साहित करेगा।

निर्माताओं ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक नया कीर्तिमान बनाने के लिए वितरकों, थिएटर मालिकों, उत्पाद निर्माताओं और दर्शकों के साथ मिलकर नया काम किया है। निर्माताओं को आशा है कि इस प्रयास से पूरे विश्व के सिनेमाओं में नया बदलाव आएगा।इस फिल्म से पूरे परिवार के साथ मनोरंजन का आंनद और सिनेमा की जादुई दुनियां को देखने का बढ़ावा मिलेगा। छोटे बजट के असाधारण कंटेंट निर्माताओं और अद्भुत क्षेत्रीय प्रतिभाओं को एक नया और योग्य स्थान मिलेगा। यह अभियान उन वितरकों और स्क्रीन मालिकों के बीच विश्वास हासिल करने और आत्मविश्वास बढ़ाने का प्रयास करता है जो अच्छी फिल्मों का प्रदर्शन करने में स्वाभाविक रूप से झिझकते हैं।

यह कठिन प्रयास दर्शकों, निर्माताओं, वितरकों, सिनेमा मालिकों और अन्य लोगों को आगे बढ़ने का मौका देगा।

निर्माता यह भी उजागर करना चाहते हैं फिल्म प्रचार प्रसार की इस नई रणनीति से कई लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। फिल्म पंचकृति की रिलीज पर दर्शक ध्यान दें, इसमें उन्हें उपहार पाने के अवसर मिलेंगे, जिसे वे प्रसन्नता से अपने घर ले जा सकेंगे।

बृजेन्द्र काला फिल्म के मुख्य पात्रों में एक हैं। वह एक प्रशंसित अभिनेता हैं। काला कहते हैं कि ‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ में कई लोकप्रिय और बड़े कलाकार शामिल है। पांच अलग-अलग कहानियों को अनावश्यक तत्वों के बिना, रचनात्मक रूप से एक सकारात्मक पारिवारिक-मनोरंजन फिल्म में एक साथ पिरोया गया है, जो शहरी और ग्रामीण दर्शकों को बेहद पसंद आएगा।

इस अनूठी फिल्म का निर्देशन संजाॅय भार्गव ने किया है। संजाॅय कहते हैं कि हम फिल्म के माध्यम से अपनी भारतीय परंपरा और संस्कृति पर एक विशेष संदेश देना चाहते हैं जो सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन विरासत को प्रतिबिंबित करती है। फिल्म की सभी पांच कहानियां हमें सोचने पर विवश कर देगी कि हम अपने भारतीय पारंपरिक दैनिक जीवन में कहाँ और कैसे रहते हैं? और क्या करते हैं? यह मानवीय है और किसी भी अंधविश्वास पर आधारित नहीं है। फिल्म में अनुभवी कलाकारों को लिया गया है, कहानी का फिल्मांकन करते समय फिल्म को प्रभावी और सशक्त बनाने के लिए और अभिनय को वास्तविक रूप प्रदान करने के लिए बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पडा है।

फिल्म की निर्माता हरिप्रिया भार्गव का कहना है कि उन्होंने हमारी समृद्ध विरासत, रीति-रिवाजों, परंपराओं और भारतीय ग्रामीण जीवन शैली से प्रभावित होकर यह कहानी बनाई है। वह आगे कहती हैं कि यह फिल्म भारत के दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले उभरते प्रतिभाशाली कलाकारों को काम करने का मौका और नई पहचान दिलाती है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी शामिल होती हैं जो दिल से इस कन्टेन्ट का समर्थन करती हैं। साथ ही फिल्म प्रचार की रणनीति थिएटर मालिक और वितरकों को भी मौका देती है। हरिप्रिया बेहद खुश हुई कि इस फिल्म की कुछ कहानी महिलाओं पर केंद्रित है।

फिल्म ‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ प्रेम से अभिभूत और हृदय को छू लेने वाले आध्यात्मिक गीतों का समावेश है। संगीत राजेश सोनी द्वारा रचित है, फिल्म का संगीत दर्शकों के दिल को अवश्य छू लेगा।

‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ पूरी तरह से मध्यप्रदेश में फिल्माई गई है, जिसमें स्थानीय कलाकारों और सहायक कलाकारों को काम पर रखा गया है। फ़ोटोग्राफ़ी मध्य प्रदेश के ऐसे रमणीय और अनछुए प्राकृतिक दृश्यों को चित्रित करती है जो पर्यटन को बढ़ावा देने मे सहायक होंगे।

‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ का निर्माण उबॉन विजन प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले हरिप्रिया भार्गव और संजॉय भार्गव द्वारा किया गया है।

यह फिल्म मानसून सीज़न में भारत भर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। निर्माता, निर्देशक और प्रमोटर देशभर में व्यापक स्तर पर फिल्म के लिए कार्य कर रहे हैं।

अपोलो की बड़ी उपलब्धि, हॉस्पिटल में हुआ 500 अंग प्रत्यारोपण 

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327 किडनी प्रत्यारोपण, 200 लीवर प्रत्यारोपण और 8 हृदय प्रत्यारोपण अपोलो हॉस्पिटल द्वारा किये गये हैं

नवी मुंबई। अपोलो हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई ने 535 अंग प्रत्यारोपण पूरे करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि अपोलो हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई में अपोलो इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसप्लांट के सबसे बड़े और सबसे व्यापक कार्यक्रमों में से एक अत्याधुनिक बहु-अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम के कारण हासिल हुई है। 2017 में शुरुआत करते हुए अपोलो हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई ने 327 किडनी प्रत्यारोपण, 200 लीवर प्रत्यारोपण और 8 हृदय प्रत्यारोपण किए हैं।
अपोलो हॉस्पिटल्स के पश्चिमी क्षेत्र के क्षेत्रीय सीईओ संतोष मराठे ने कहा कि अपोलो हमेशा स्वास्थ्य सेवा में अग्रणी रहा है, और यह उपलब्धि जीवन बचाने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। हमारे 535 प्रत्यारोपण (अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से 18 किडनी प्रत्यारोपण और 12 लीवर प्रत्यारोपण) केवल एक संख्या नहीं हैं; यह परिवारों के पुनर्मिलन की खुशी और रोगियों को जीवन का दूसरा मौका मिलने का प्रतीक है। अपोलो का प्रत्यारोपण कार्यक्रम प्रत्येक उस मरीज के लिए आशा की किरण है, जिसका जीवन प्रत्यारोपण के माध्यम से बचाया या सुधारा गया है, जो पूरे अपोलो परिवार के लिए बहुत गर्व और प्रेरणा का स्रोत है।
डॉ. प्रोफेसर डेरियस मिर्ज़ा (वेस्टर्न रीजन, लिवर-एचपीबी प्रोग्राम लीड कंसल्टेंट, अपोलो हॉस्पिटल्स) ने कहा कि अंग प्रत्यारोपण टर्मिनल अंग विफलताओं से प्रभावित रोगियों के लिए जीवन-रक्षक हैं, जिससे प्राप्तकर्ता के जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार होता है। अपोलो में, लिवर प्रत्यारोपण विभाग हमेशा उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत रहा है। हमारे अंतर्गत 200 लीवर प्रत्यारोपणों के साथ, जिनमें से 65 बच्चों में किए गए हैं, हम लीवर की बीमारी से निपटने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं और अपने रोगियों को एक स्वस्थ और अधिक पूर्ण जीवन का मौका दे रहे हैं। हमारा बहु-विषयक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि हम अपने लीवर प्रत्यारोपण के रोगियों को सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने और सफल परिणाम सुनिश्चित करने में कोई कमी न छोड़ें।
डॉ. अमोल कुमार पाटिल (सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, यूरो-ऑन्कोलॉजी, किडनी प्रत्यारोपण-रोबोटिक सर्जरी, अपोलो हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई) ने कहा कि अपोलो में हमारा किडनी प्रत्यारोपण कार्यक्रम, वृक्क निष्क्रियता वाले रोगियों के जीवन को बदलने में आधारशिला रहा है। नवाचार, समर्पण और अद्वितीय रोगी देखभाल के माध्यम से, हमने 300 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। प्रत्येक प्रक्रिया एक नए जीवन की प्राप्ति और हमारे रोगियों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए हमारी अटल प्रतिबद्धता का संकेत देती है।”
डॉ. संजीव जाधव (सीवीटीएस, हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट सर्जरी कंसलटेंट,अपोलो हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई) ने कहा कि हृदय प्रत्यारोपण एक नाजुक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें सटीकता, विशेषज्ञता और अनुकंपा की आवश्यकता होती है। अपोलो में, हम हृदय पात रोगियों को आशा और नई शुरुआत देने के लिए समर्पित हैं। हमारे द्वारा किया गया प्रत्येक हृदय प्रत्यारोपण अदम्य मानवीय भावना और चिकित्सा उत्कृष्टता की निरंतर खोज का एक प्रमाण है जो हमारी टीम को परिभाषित करता है।
अंग प्रत्यारोपण, विशेष रूप से मृत अंग प्रत्यारोपण भारत जैसे देश में महत्वपूर्ण हैं, जहां अंग दान की उच्च मांग है। अपोलो के 500 प्रत्यारोपण के मील के पत्थर का महत्व इस तथ्य से रेखांकित होता है कि हर वर्ष, भारत में 500,000 से अधिक लोगों को अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, जिसमें 200,000 को लीवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है और लगभग 150,000 को किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है। लेकिन अंगों की कमी और प्रत्यारोपण सेवाओं तक सीमित पहुंच के कारण इस मांग का लगभग 5% ही पूरा हो पाता है, और हजारों लोग प्रत्यारोपण के इंतजार में अपनी जान गंवा देते हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक थैली मुक्त दिवस मनाया

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चेन्नई/जयपुर (राजस्थान) : गऊ भारत भारती
गौ सेवा अभियान मैं जूते फलोदी राजस्थान के गौ सेवा मिलीन पशु प्रेमी एवं भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के प्रतिनिधि रविंद्र जैन आजकल इको फ्रेंडली तकलीफ के माध्यम से तथा पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के विषय में जागृति फैला रहे हैं। रविंद्र जी अभी कुछ दिन पहले कन्याकुमारी से क्रश यात्रा अभियान में कश्मीर की यात्रा करके आए हैं वहां उन्होंने बड़े गर्मजोशी के साथ में इको फ्रेंडली बैग और उस प्रकार के बैग बनाने के का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मिशन क्लीन खीचन व महावीर इंटरनेशनल संस्था ने मिलकर विद्यार्थियों के बीच में जागृति लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक थैली मुक्त दिवस पर ग्लोबल इंटरनेशनल स्कूल, रेनबो पब्लिक स्कूल ,बाल अकादमी में कार्यक्रमों का आयोजन किया। मिशन क्लीन खीचन की टीम में चेष्टा जैन, विनोद ,लक्ष्मी व ललिता ने मिलकर विद्यार्थियों को छोटे नाटक के माध्यम से बताने का प्रयास किया कि किस प्रकार हम अपने घर में प्लास्टिक की थैली को आने से रोक सकते हैं। महावीर इंटरनेशनल संस्था के मधुकर मौखा ने प्लास्टिक की उत्पत्ति में काम आने वाले हानिकारक केमिकल व उनके हमारे ऊपर पड़ने वाले दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए सभी को बताया कि हमें प्लास्टिक की थैली को क्यों छोड़ना चाहिए।

आगे रविंद्र अभी कहां कि महावीर इंटरनेशनल के अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण निदेशक रविंद्र कुमार जैन ने विद्यार्थियों से प्रश्न उत्तर के माध्यम से कपड़े की थैली के सकारात्मक प्रभाव पर बातचीत की एवं उपस्थित सभी विद्यार्थियों को कपड़े की थैली उपयोग लेने तथा अपने परिवार जनों को इसके उपयोग की प्रेरणा करने की शपथ दिलाई। महावीर इंटरनेशनल के भीखम सिंह ने सभी विद्यालयों के प्रबंधक टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया।

10 लाख के चार वार्षिक पुरस्कारों के 27वें नामांकन की अंतिम तिथि है 31 जुलाई 2023, एक पुरस्कार पशु कल्याण के नाम

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डॉ. आर. बी. चौधरी
एमएससी (एजी.), पशु पोषण, पीएच.डी. (पशु विज्ञान), सीसीएडब्ल्यू, पीजीडीजेएमसी, एफएनएएडब्ल्यू से.नि. प्रधान संपादक- एडब्ल्यूबीआई, भारत सरकार/ प्रधान संपादक- पशु मित्र(हिंदी/अंग्रेजी द्विमासिक)
चेन्नई (तमिलनाडु) : गऊ भारत भारती
भगवान महावीर फाउंडेशन, चेन्नई द्वारा सामाजिक क्षेत्र में मानवीय सेवा के उत्कृष्ट कार्य हेतु 27वें महावीर पुरस्कार का नामांकन आमंत्रित किया गया है। इस पुरस्कार के तहत 1-अहिंसा और शाकाहार के प्रचार( पशु कल्याण/ जीव जंतु नक्शा), 2- शिक्षा, 3- चिकित्सा और 4- सामुदायिक और सामाजिक सेवा के क्षेत्र को शामिल किया गया है। भगवान महावीर फाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी, श्री एन सुगलचंद जैन के अनुसार, पुरस्कार चार श्रेणियों मे दिया जाता है . प्रत्येक पुरस्कार मे 10 लाख रुपये का नकद धनराशि, एक प्रशस्ति पत्र और एक स्मृति चिन्ह दिया जाता है।

यह बता दें कि 26वें महावीर पुरस्कार में नई दिल्ली स्थित ध्यान फाउंडेशन को उल्लेखनीय गौ संरक्षण/ पशु कल्याण कार्य करने के लिए पुरस्कृत किया गया था। संस्था ने बीएसएफ के सहयोग से काम किया है और पूरे भारत में गोवंशीय पशुओं सहित लगभग 70,000 जानवरों को बचाया और 43 से अधिक पशु आश्रयों और गौशालाओं का प्रबंधन किया। ध्यान फाउंडेशन भारत के 5 शहरों में 10 एंबुलेंस चला रहा है। फाउंडेशन अस्थायी आश्रयों का आयोजन करता है। गाय बचाओ’, ‘कुत्ते को खाना खिलाओ’, ‘बंदर की मदद करो’ और ‘पक्षी से दोस्ती करो ‘ उनके लोकप्रिय अभियान हैं।
भगवान महावीर फाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी श्रीएन सुगलचंद जैन ने संस्था का परिचय देते हुए बताया कि फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 1994 में की गई थी । देश के सर्वश्रेष्ठ कार्यकर्ताओं/ संस्थाओं को पुरस्कृत कर सम्मानित करने हेतु अब तक राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि गणमान्य व्यक्तियों द्वारा कुल 84 पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं। हाल ही में 11 जनवरी 2023 को आयोजित प्रेस वार्ता के माध्यम से 26वें महावीर पुरस्कार के 4 विजेताओं के नामों की घोषणा की गई है। और, इस प्रकार 23 राज्य और 1 केंद्र शासित राज्य को मिलाकर कुल पुरस्कारों की संख्या 88 हो जाएगी ।
पुरस्कार चयन समिति में श्री एस. गुरुमूर्ति, संपादक तुगलक, आरबीआई के अंशकालिक निदेशक; प्रो. बी.एम. हेगड़े, अध्यक्ष, भारतीय विद्या भवन, मैंगलोर केंद्र; श्री टीएस कृष्णमूर्ति, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त;श्री डीआर मेहता, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व अध्यक्ष, सेबी ; प्रो. (डॉ.) एम एस स्वामीनाथन, आनुवंशिकीविद्-प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक ; श्री प्रभात कुमार, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व कैबिनेट सचिव, भारत सरकार, न्यायमूर्ति श्री जीएस सिंघवी, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और पूज्य आचार्य श्री चंदनाजी महाराज, प्रख्यात सन्यासी और समाज सुधारक शामिल होंगे।
नामांकन की प्रक्रिया बताते हुए भगवान महावीर फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी श्री एस. प्रसन्नचंद जैन ने कहा कि आवेदन पत्र को वेबसाइट www.bmfawards.org से डाउनलोड किये जा सकता है। श्री एस. प्रसन्नचंद जैन के अनुसार, नामांकन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 है। अंतिम तिथि के बाद कोई भी नामांकन स्वीकार नहीं किया जाएगा और आवेदन पत्र में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार आवेदन पत्र भरा जाना चाहिए। कोई भी अधूरा नामांकन नहीं स्वीकार किया जाएगा । अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संपर्क सूत्र है:टेलीफोन: 044-35220000/42153056/9962340367, सियाट हाउस, 961- पूनामल्ली हाई रोड, चेन्नई – 600 084(तमिलनाडु)

शहरों में मानव सभ्यता हो रही कृत्रिम, छत पर बागवानी कर कर रहे हैं लोग

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गोसेवा गतिविधि कार्यशाला संपन्न हुआ आर एस एस के गौ सेवा प्रमुख अजीत महापात्रा भी शामिल हुए
  • डॉ. आर. बी. चौधरी
    एमएससी (एजी.), पशु पोषण, पीएच.डी. (पशु विज्ञान), सीसीएडब्ल्यू, पीजीडीजेएमसी, एफएनएएडब्ल्यू
    से.नि. प्रधान संपादक- एडब्ल्यूबीआई, भारत सरकार/ प्रधान संपादक- पशु मित्र(हिंदी/अंग्रेजी द्विमासिक

 

ओसियां /जोधपुर (राजस्थान):
गऊ भारत भारती
गोपालक कार्यशाला अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर ब्यावर में संपन्न हुआ प्रांतीय गोपालन गोसंवर्धन प्रमुख हरनारायण सोनी ने बताया कि सामूहिक गोपूजन व गौ पुष्टि यज्ञ के साथ शुरू हुई कार्यशाला में कई राष्ट्रीय स्तर के तज्ञ विशेषज्ञों द्वारा गोसेवा संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया गया। अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख अजीत महापात्रा ने कहा कि गौशालायें लोक कल्याण के लिए हो व गौसेवा से राष्ट्रहित के विभिन्न विषयों की जानकारी देते हुए सुखी, संपन्न, स्वस्थ भारत निर्माण के लिए घर-घर गाय हर-घर दूध पहुंचाने का लक्ष्य रखा।
अखिल भारतीय प्रशिक्षण प्रमुख राघवन ने गो आधारित वैदिक कृषि के लिए कई प्रयोग बताए व कहा कि महानगरों में मानव व्यवस्था कृत्रिम होती जा रही है। पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं, नदी-पहाडों से दूर, सूर्य की किरणों से वंचित जहां जल,रोशनी, मिट्टी सभी कृत्रिम है, जिसे छत पर बागवानी करके थोड़ा प्राकृतिक बनाया जा सकता है। अखिल भारतीय गौ सेवा संरक्षक शंकरलाल भाई ने गो चिकित्सा व मनुष्य चिकित्सा के पारंपरिक नुक्से बताए।
अखिल भारतीय सदस्य नवरंगलाल शर्मा ने विभिन्न गौउत्पाद बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रशिक्षण शिविर में क्षेत्रीय संयोजक राजेंद्र पामेचा, प्रचारक निंबाराम, प्रांत संयोजक श्यामसुंदर राठी, प्रशिक्षण प्रमुख भीमाराम माली, विजयराज गोड़, गणपत लाल, हीरालाल कुलरिया, राजवर्धन प्रजापत,हरनारायण सोनी,मोहनलाल सुथार,सत्यनारायण शर्मा सहित विभिन्न जिलों के कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए।

प्रभास अभिनीत, प्रशांत नील निर्देशित फिल्म ‘सालार’ का टीज़र 6 जुलाई को होगी रिलीज

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मुम्बई। पैन इंडिया सुपरस्टार प्रभास के फैन्स के लिए एक बेहद खुशी की खबर सामने आई है। एक्टर के फैन्स जो साल की शुरूआत से ही ‘साल नही सालार है’ ट्रेंड करने लगे थे, अब वो अपने फेवरेट स्टार की इस अपकमिंग फिल्म के एक झलक देख सकते हैं। मेकर्स ने एक बड़ी घोषणा करते हुए टीज़र का डेट और टाइम रिवील कर दिया है। प्रभास स्टारर सालार का टीजर 6 जुलाई, सुबह 5:12 पर जारी किया जाएगा। इस फिल्म को प्रशांत नील ने डायरेक्ट किया है।
‘सालार’ इस साल की सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्म है। इसमें सबसे बड़े एक्शन निर्देशक प्रशांत नील और सबसे बड़े एक्शन सुपरस्टार प्रभास पहली बार एक साथ आ रहे हैं। बता दें, प्रशांत नील ने जहां केजीएफ का निर्देशन किया हैं, वहीं प्रभास की बाहुबली फ्रेंचाइजी को इस युग में अब तक की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक माना जाता हैं। ऐसे में दोनों का साथ आना वास्तव में फिल्म को खास बनाता है।
लंबे इंतजार के बाद होम्बले फिल्म्स की आने वाली ‘सालार’ का टीज़र अब 6 जुलाई को रिलीज़ होने के लिए तैयार है, जो सभी भाषाओं के लिए एक टीज़र होगा। केजीएफ 2 और कांतारा जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के साथ साल 2022 में राज करने के बाद ‘सालार’ होम्बले फिल्म्स का अगला बड़ा प्रोजेक्ट है जो यकीनन बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड सेट करने जा रहा है। ऐसे में इस मेगा-एक्शन से भरपूर फिल्म की एक झलक देखने का उत्साह भी तेज है।
होम्बले फिल्म्स की सालार में प्रभास के साथ पृथ्वीराज सुकुमारन, श्रुति हासन और जगपति बाबू भी होंगे। प्रशांत नील के निर्देशन में बनी यह फिल्म 28 सितंबर 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

शिवालयों में पूजन तीन जुलाई से आरंभ

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सावन का महीना यानि श्रावण मास पर शिव मंदिरों में जलाभिषेक की तैयारियां पूरी हो गई हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन सोमवार (तीन जुलाई) को सभी प्रमुख शिवालयों में पूजन शुरू हो जाएगा। भक्तों को कोई दिक्कत नहीं हो, इसकी व्यवस्था कर ली गई है। हालांकि सावन को पहला सोमवार 10 जुलाई को है, लेकिन गुरु पूर्णिमा से ही पूजन व जलाभिषेक शुरू हो जाएंगे।

इच्छा अनुसार शिवलिंग पर ये चढ़ाएं

गाय का दूध- शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण होती है। चंद्रमा प्रबल होता है और उज्ज्वल स्थान प्राप्त होता है।
गन्ने का रस- इसे चढ़ाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
सरसों का तेल- शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है। अपार शांति और सकारात्मकता के साथ स्वस्थ मन और उत्तम शरीर का आनंद प्राप्त होता है l
शहद- व्यक्ति के अंदर मिठास की तरह उसके कर्म और विचारों में शुद्धता आती है एवं रोगों से मुक्ति मिलती है शरीर एकदम स्वस्थ रहता है l
बेलपत्र- दरिद्रता दूर होती है। धन-धान्य में वृद्धि होती है। महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है l
गंगाजल- भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं l गंगाजल हमेशा ताम्र पात्र में ही चढ़ावें ।

गुरु पूजन के लिए शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 9:12 बजे से लेकर 1:42 बजे दोपहर तक है। इस दिन भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी, शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। गाय का पूजन व दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और शारीरिक कष्ट भी समाप्त होते हैं।

ट्रक से कुचलकर छह मवेशियों की मौत

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गुना। रविवार को बाईपास पर आरटीओ कार्यालय के आगे एक ढाबे के सामने सात गायें रोड पर बैठी थीं। इस दौरान टोल नाके की तरफ से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें कुचल दिया। इस हादसे में छह गायों की मौके पर ही मौत हो गई। मध्य प्रदेश के गुना शहर के बाईपास पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने सात गायों को कुचल दिया। इसमें छह गायों की मौत हो गई। वहीं, एक गाय गंभीर रूप से घायल है, जिसे उपचार के लिए गौशाला भेजा गया है। एक्सीडेंट की यह पूरी घटना ढाबे पर लगे CCTV कैमरे में भी कैद हो गई। फुटेज में एक ट्रक गायों को कुचलता हुआ दिख रहा है। सूचना मिलने पर कैंट पुलिस और नगरपालिका की टीम मौके पर पहुंच गई। मृत गायों को नपा की टीम ने दफना दिया है। जानकारी के अनुसार, घटना रविवार को बाईपास पर आरटीओ कार्यालय के आगे एक ढाबे के सामने हुई। जहां सात गायें रोड पर बैठी थीं। बारिश के कारण मिट्टी गीली हो जाने की वजह से वे सूखी हुई सड़क पर बैठी थीं। इस दौरान टोल नाके की तरफ से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने गायों में टक्कर मार दी। उसने एक के बाद एक सात गायों को कुचल दिया। घटना के बाद नगरपालिका की टीम को भी मौके पर बुला लिया गया। घायल गाय को इलाज के लिए कैंट गौशाला भिजवाया गया है। वहीं, बाकी छह मृत गायों के शव को दफनाने के लिए भेज दिया गया है। जेसीबी से उठाकर गायों के शवों को ट्रॉली में भरा गया।

समस्त महाजन द्वारा -तीन दिवसीय वैश्विक अहिंसा सम्मलेन का आयोजन दिनाँक ८ जुलाई से १० जुलाई तक

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गुजरात – भावनगर ,जीवदया को ले कर काम करने वाली देश की अग्रहणीय संस्था ” समस्त महाजन ” के द्वारा सोनगढ़ के पालीताणा में तीन दिवसीय वैश्विक अहिंसा सम्मलेन का आयोजन दिनाँक ८ जुलाई से १० जुलाई तक किया गया है।

समस्त महाजन के प्रमुख ट्रस्टी गिरीश भाई शाह ने बताया कि इस सम्मलेन में -‘ केंद्रीय पशुपालन मंत्री परषोत्तम रुपाला जी प्रमुख अतिथि के तौर पर भाग ले रहे है। इसके अतिरिक्त स्थानीय पालीताणा के प्रमुख लोग भाग ले रह है साथ ही साथ संत समाज का भी आगमन कार्यक्रम में हो रहा है। जिसमे प्रमुख रूप से संत समाज के परम पूजनीय ललित किशोर शरण जी महाराज , पूजनीय श्रेष्ठि वर्य श्री मनजी दादा विशेष तौर पर आ रहे है।

इस तीन दिवसीय महासम्मेलन में प्रमुख रूप से समस्त महाजन द्वारा किये गए ग्रामीण क्षेत्रों में कामो की समीक्षा बैठक , पालीताणा शहर में साफ सफाई अभियान जिसमे पालीताणा के स्कूल के छात्र भाग तो लेंगे ही साथ ही साथ , अधिकारी , राजनेता , प्रोफ़ेसर और अन्य लोग भी भाग लेंगे।

विशेष तौर पर समस्त महाजन की सबसे बड़ी पहल आदर्श ग्राम को ले कर है उसकी बैठक इस कार्यक्रम में होगा। हानोल गांव को आदर्श ग्राम का बीड़ा समस्त महाजन ने उठाया है। जिसका जल्द ही उद्घाटन किया जायेगा।

तीन दिवसीय वैश्विक अहिंसा सम्मलेन में अंतिम दिन संस्था के कार्यकर्ताओ की बैठक होगी।

तीन दिवसीय वैश्विक अहिंसा सम्मलेन के विषय में अधिक जानकारी और गौ टेक स्टॉल के लिए परेश शाह से 98193 01298 पर संपर्क किया जा सकता है।

यूपीएल ने शाश्वत मिठास से लिखी टिकाऊ कृषि की नई कहानी

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– अनिल बेदाग 
मुंबई : टिकाऊ कृषि समाधानों में दुनियाभर में अग्रणी यूपीएल अपने दूरदर्शी दृष्टिकोण के माध्यम से कृषि में सस्टेनेबिलिटी की क्रांति लाने में अगुवा है। पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और दुनिया भर में किसानों को समर्थन देने की अटूट प्रतिबद्धता के साथ यूपीएल टिकाऊ समाधानों की अपनी क्षमता का लगातार विस्तार कर रही है।
    सस्टेनेबिलिटी के लिए यूपीएल की दृढ़ प्रतिबद्धता उसके टिकाऊ उत्पाद पोर्टफोलियो और टिकाऊ कृषि सेवा और प्रौद्योगिकी समाधानों के माध्यम से 2040 तक जीएचजी उत्सर्जन को 1 जीटी तक कम करने के उसके संकल्प से जाहिर होती है। कंपनी 2030 तक अपशिष्ट जल प्रदूषण को खत्म करने के मिशन में वर्ल्ड बिजनेस काउंसिल फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (डब्ल्यूबीसीएसडी) के शुरुआती तीन वैश्विक भागीदारों में से एक है। कंपनी को वर्तमान में सस्टेनलिटिक्स द्वारा ईएसजी प्रदर्शन में नंबर वन फसल संरक्षण कंपनी का दर्जा दिया गया है।
मिट्टी के स्वास्था से लेकर उन्नत संकर बीजों से लेकर फसल कटाई के बाद अपशिष्ट में कमी, जल दक्षता से लेकर कार्बन पृथक्करण तक -यूपीएल किसानों के साथ मिलकर काम कर रही है और इसने उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए विभिन्न पहल की है।
     यूपीएल का शाश्वत मिठास प्रोजेक्ट सस्टेनेबिलिटी के प्रति उसके दृढ़ समर्पण का उदाहरण है। यह परियोजना पूरे भारत में यूपीएल और चीनी मिलों के बीच एक अभूतपूर्व सहयोग का प्रतीक है, जिसका लक्ष्य गन्ना किसानों के लिए स्थाई समाधान प्रदान करना है। यह पहल गन्ना किसानों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करती है, जिनमें खराब पैदावार बढ़ती लागत, श्रम की कमी और पानी की कमी शामिल है। चीनी की खेती की जल- गहन और संसाधन खपत प्रकृति को पहचानते हुए यूपीएल प्रोनुटिवा पहल से कृषि में सुरक्षा और पोषण को जोड़ती है। इस पहल में जेबा प्रौद्योगिकियों का उपयोग शामिल है, जो प्राकृतिक स्टार्च से प्राप्त एक पेटेंट स्मार्ट तकनीक है और पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल है। जेबा प्रौद्योगिकियों सहित प्रोनुटिवा को लागू करके यूपीएल का लक्ष्य पुणे में 3,500 एकड़ में गन्ने की उपज में 15% की प्रभावशाली वृद्धि हासिल करना है, जिससे अक्टूबर 2023 तक 1,200 से अधिक किसानों को लाभ होगा।
     जेबा प्रौद्योगिकी के उपयोग से उल्लेखनीय जल संरक्षण हुआ है, प्रति एकड़ लगभग 600,000 लीटर पानी की बचत हुई है और यूरिया उर्वरक के उपयोग में 50 किलोग्राम / एकड़ की कमी आई है। ये प्रयास पानी की कमी को कम करने और गन्ने की खेती से जुड़े एग्री फुटप्रिंट को कम करने में योगदान देते हैं। यूपीएल के दूरदर्शी लक्ष्य पुणे से कहीं आगे तक फैले हैं। कंपनी वित्त वर्ष 2024 तक कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में अतिरिक्त 15 चीनी मिलों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रही है। अगले तीन वर्षों में, यूपीएल का लक्ष्य 1,000,000 एकड़ के कुल परिचालन क्षेत्र को कवर करते हुए 100 चीनी मिलों के साथ सहयोग करना है। इन सहयोगों से गन्ने की पैदावार बढ़ेगी, लाभप्रदता में सुधार होगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
    चीनी मिलों के साथ साझेदारी में  काम शामिल हैं, जिसमें गुड एग्रोनॉमिकल प्रैक्टिसेज (जीएपी) पर सलाहकार सेवाएं, प्रोनुटिया का कार्यान्वयन, उन्नत उपकरणों का उपयोग करने वाला मशीनीकरण और नर्चर फार्म ऐप के माध्यम से ट्रेसबिलिटी शामिल है। ये उपाय किसानों को गन्ना नर्सरी स्थापित करने के लिए सशक्त बनाते हैं, जिससे साथी किसानों को गन्ने के बीज की बिक्री के अवसर मिलते हैं।