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नई दिल्ली प्रस्तावित रोड शो में पंहुचे पुष्कर सिंह धामी , केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सदिच्छा भेंट की

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नई दिल्ली ,4अक्टूबर,बुद्धवार नई दिल्ली प्रस्तावित रोड शो में पंहुचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सदिच्छा भेंट की |

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से उत्तराखंड में आगामी दिसंबर माह में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट व जोशीमठ आपदा पर चर्चा की | इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समसामयिक विषयों पर चर्चा कर गृहमंत्री को राज्य की तत्कालीन स्थिति से अवगत कराया ,तथा दिसंबर माह में आयोजित होने वाले” वैश्विक निवेशक सम्मलेन” तथा नवंबर में आपदा प्रबंधन पर आयोजित होने वाले छठे वैश्विक सम्मेलन में सम्मिलित होने का निमंत्रण भी दिया |

Sanjay Balodi ‘ Prakhar’

गैया है मेरी मैया – अंतिम सांस तक पालिये-दूध दे या ना दे, गलत हाथों में मत बेचिए

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👉🏻 चीता के मुंह से जान बचाकर गौ माता ने 11 दिन के अबोध बालक की बचाई जान
👉🏻 गौ हत्या के लिए जितना दोषी दूसरे समुदाय के हैं, उससे कहीं अधिक दोषी हम और आप
👉🏻 त्यौहारों के मौसम में अन्य बेजुबान पशुओं की भी दी जाती है बलि, इस प्रथा पर भी रोक जरूरी
👉🏻 बिडम्बना है कि मनुष्य का शरीर प्राण निकलने के बाद मृत घोषित होता है, पर पशु का लाश पवित्र बन त्योहारों में व्यंजन बन जाता है।

मुम्बई में मेरी मुलाक़ात गउ भारत भारती पत्रिका के संपादक आदरणीय संजय शर्मा अमान जी से 30 सितम्बर को अंधेरी स्थित श्रीजी नामक एक होटल में मेरे परम मित्र विशाल विजय भगत जी के माध्यम से हुई। इस क्रम में उन्होंने मुझे गऊ भारत भारती की अख़बार तथा मैगज़ीन भेंट की। श्री शर्मा जी ने बातचीत के दौरान बताया कि हमलोग गौ माता के ऊपर कार्य कर रहे है तथा समाज में जागरूकता ला रहें है। उनके इस सराहनीय कार्य पर मै भावुक हुआ। मै भी बचपन से ही जीव हत्या का खिलाफ हूं। मुझे ऐसा लगा कि जिसकी तलाश मुझे थी, वह मिल गया है। क्योंकि जीव हत्या का विरोध करना मतलब लोगों से दुश्मनी झेलना है। जब इसकी आवाज उठाने वाला मिल जाये तो अपने आपको ऊर्जा मिलती है।

मेरा जन्म एक मध्यमवर्ग परिवार में हुआ है। मेरे पिता श्री नर बहादुर सोनार और माता श्रीमती राज कुमारी की गोद से 1973 में डिब्रुगढ़, आसाम में स्थित दिनजान सैनिक अस्पताल में जन्म हुआ। मेरी मां बताती है कि मै मां का दूध बिल्कुल ही नहीं पिया है। मां का स्तन में दूध जमा होने से काफी दर्द सहती थी। दूध को निकाल कर फेंकना पड़ता था। मेरे पिता को काफी चिंता हो गई कि पहला संतान माँ का दूध नहीं पी रहा है, तब पिताजी वायु सेना के एमईएस में कार्यरत थे। मुझे गाय का दूध पिलाया गया। गौ माता का दूध पीकर आज मै आधी उम्र गुजार चुका हुं। मेरे पिताजी बताते हैं कि बाहर का दूध से बेटा को क्या खुराक मिलेगा। मै खुद गाय पालकर बेटा को दूध पिलाऊंगा। पिताजी सरकारी जागीर में थे। गाय पालना संभव नहीं था, फिर भी पिताजी ने वहां के उच्च अधिकारी और वायु सेना के सीईओ साहब से अनुमति मांगी कि मेरा पहला संतान बेटा माँ का दूध नहीं पी रहा है। मुझे एक गाय पालने की अनुमति दीजिये। पिताजी को अनुमति मिल गई।

दरअसल मैं गौ माता का दूध पीकर अब बड़ा हो गया हूं। उस गौ माता का दूध पिया है, जो मेरे पिताजी आगे बताते हैं कि वायु सेना के जंगल में गाय को घास चरने के लिए छोड़ दिया था, तभी एक चीता ने गाय पर आक्रमण कर दिया। गौ माता अपनी जान बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी। चीता के साथ जीवन और मौत का संघर्ष चल रहा। गौ माता लहू लुहान हो गई और चीता हार मानकर वापस जंगल चला गया। फिर वह गौ माता जो मुझे दूध पिलाती थी, वापस लहू लुहान होकर घर वापस लौटी। उस गौ माता का नाम भुंती रखा गया था। भुंती नेपाली शब्द है भूंती का अर्थ गोल-मटोल को कहा जाता है। इस घटना को वायु सेना के कर्मचारियों ने आँखो से देखी तथा मेरे पिता को सूचना दिया। मेरा पिताजी उस गाय को वापस घर लेकर आये। गाय काफी जख्मी हो गयी थी, गर्दन से खून बह रहा था। गाय का सिंग भी लहू-लुहान हो गया था। पूरे शरीर में चीता के पंजे का चीथड़ा हुआ निशान था। मेरे पिता ने गौ माता का इलाज कराया। इलाज के दौरान बाद में घाव भर गया और वह स्वस्थ्य हो गयी। यह घटना मेरे जन्मदिन से 11वें दिन फरवरी 16 तारीख की घटना है। उस दिन मेरे घर में खुशी का माहौल था, जिस दिन मेरा नामांकरण हो रहा था। इस खुशी के माहौल में एका-एक खबर आयी की गाय को चीता ने घायल कर दिया है और उसी गाय का दूध पी नामांकरण होने वाला बालक पी रहा था। इन शब्दों को लिखते हुए मेरे आँखों में आंसू भर आया। मेरे जीवन में जन्म देने वाली माँ और दूध पिलाने वाली गौ माता है। इन दोनो माँ का सदैव ऋणी हूं।

इसलिए शायद मैं बचपन से शाकाहारी जीवन जी रहा हूं। जब किसी भी पशु को काटा जाता है तो मेरा दिल झकझोर देता है। अनुभव करता हूं कि बेजुवान पशुओं का कब तक क़त्लेआम होता रहेगा। अब विज्ञान का युग आ गया है। तब जाकर लोगों को अपना संस्कृति याद आ जाती है। अब आवाज उठने लगी है कि गाय हमारी माता है। उसकी हत्या बंद करनी चाहिए। जाति संप्रदाय में आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है कि गौ हत्या बंद हो। ऐसे में हिंदू समाज काफी अग्रसर है और गौ माता की रक्षा के लिए कार्य भी कर रहा है। मेरा अपना निजी विचार है कि गौ हत्या करने में जितना दोषी अन्य समुदाय है, उतना दोषी मैं समझता हूं कि हिंदू समाज भी है। हो सकता है कि कट्टर हिंदू को मेरा इन शब्दों से बुरा लग सकता है। दरअसल बात मैं यह बताना चाहता हूं कि अन्य समुदाय से अधिक संख्या में गाय पालने वाले हिन्दू समाज से ही हैं। इसका बड़ा कारण है कि जब तक गाय दूध देती है, तब तक गौ माता कहते हैं। जब गाय बुढ़ी हो जाती है या दूध देना बंद करती है तो चंद पैसों की लालच में कसाई को बेच देते हैं। ऐसा खरीद-बिक्री मैंने अपने जीवन में कई बार देखा है। अब बताइये इसमें दोषी ज्यादा कौन है। अगर हमलोग गौ माता के सेवक हैं तो उसे कसाई के हाथों क्यो बेच रहे हैं। इसे रोकने के तौर तरीके को सख्त रूप अपनाना होगा। आरोप लगाने से पहले अपने आप को सजग होकर गौ माता की रक्षा करनी होगी। हम हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, पारसी आदि होने से पहले मानव हैं। इसमे हमारा वास्तविक धर्म क्या है। धर्म जाति आपस में लड़कर कुछ हसील होने वाला नहीं है।

आज हम गाय सेवा की काफी चर्चा करते हैं। इसके लिए देश में विभिन्न क्षेत्रों में कई संगठन काम कर रहे हैं। अब सोचने वाली बात यह है कि जब ऊपर लिखे गये मेरे जीवन का उदाहरण पेश किया है, ठीक इसी तरह किसी समाज में व्यक्ति को बकरी का दूध सेवन करने से नया जीवन मिला हो। भले बकरी को माता का दर्जा न मिल पाया हो।

आख़िरकार अपने बच्चे या किसी इंसान के बच्चों को दूध तो पिलाया होगा। हो सकता है कि दूध पिलाने में रेगिस्तान का ऊट भी शामिल हो। फिर भी मानव को देखिये इसके विपरीत पशु को लोग काटकर मांस को बड़े चाव से खाते हैं। अब त्योहारों का मौसम आ रहा है। देश के अन्य भागों में सहित मुम्बई राज्य में धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया गया, अब पितृ पक्ष के बाद महालया, नवरात्रि, दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा, भैया दूज आदि त्योहार मनाया जायेगा। अब त्योहारों के मौसम में चिकन-मटन आदि का सेवन करेंगे। जैसे ही अन्य समुदाय का त्योहार आयेगा तो गौ माता याद आ जाती है।
मैं इसमें किसी समुदाय विशेष का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मेरा कहने का अभिप्राय यह है कि बूढ़ी हो जाने के बाद या दूध देना बंद करने के बाद गाय ना बेचें। इसका सख्त विरोध होना चाहिए। इसके साथ ही पशु हत्या भी बंद होनी चाहिए। यह इसलिए कि मेरा विचार संसार के उन लोगों के विचार से भिन्न हैं, जो पशुओं में विभाजन लाते है। यह बात अगर मै व्यक्तिगत बोलूं तो हो सकता है, कोई आहत हों। कसाई के यहां जाकर आपलोग प्राय सभी लोग देखते होंगे बकरी, मुर्गा इत्यादि काटते हैं तो कतार में दूसरा पशु देख रहा होता है। उसी के सामने शरीर के चमड़े को उखाड़ दिया जाता है। वही कतार पर खड़ा होकर अपनी मौत की बारी आने का इंतज़ार में प्रतीक्षा कर रहा होता है। फिर भी सर्वश्रेष्ठ प्राणी मनुष्य इस दर्द को नहीं समझ सकता है। बस त्योहारों पर समुदाय के बीच भेदभाव में अपना आक्रोश जाहिर करते हैं। मेरा बस चले तो जीव हत्या ही बंद होना चाहिए। अब इस बात को लोगों के समक्ष किस तरह से समझाया जाये, जिसके मुँह में मांस का स्वाद मिल चुका है। इसमे हो सकता है की लोग मांस का स्वाद का भक्षण का आनंद लेने वाले व्यक्ति मेरा पुरजोर विरोध करेंगे। मैं एक दलित परिवार से हूं फिर भी शाकाहारी जीवन आनंद के साथ जी रहा हूं। मेरी धर्म पत्नी, बेटी, बेटा बिल्कुल ही शाकाहारी जीवन यापन कर रहे है। मैं अपनी दिमागी सोच इस तरह रखता हूं कि इंसान की जब मौत होती है तो डॉक्टर सांस चेक करता है। सांस नहीं चल रहा होता है तो उसे मृत घोषित किया जाता है। उसे अंग्रेजी भाषा में डेथ बॉडी कहते हैं मतलब मृत शरीर। अब लोग अपने-अपने धर्म और रीति-रीवाज से उनकी अंतिम विदाई देते है। हिंदू हो या अन्य धर्म समाज के लोग, मृत शरीर को अछूत मानते हैं। मनुष्य का मृत शरीर छूने से अपवित्र मानते है और श्मशान तथा कब्रिस्तान से घर वापस लौटने के बाद कुछ न कुछ नियम (शुद्धिकरण) करके घर के अंदर प्रवेश करते हैं।

अब देखिये सोचने और विचारने का समय है कि प्राणी में सर्वश्रेष्ठ मानव चोला का प्राण निकलने के बाद अपवित्र होता है, तो पशुओं का प्राण निकलने के बाद अपवित्र कैसे नहीं हुआ। वह पशु इतना शुद्ध है कि मानव जाति मांस का भक्षण कर रहा है। यह कैसी बिडम्बना है कि मानव लाश को छूता है तो अपवित्र और पशु के लाश से कोई मतलब नहीं। बल्कि शानदार आहार बन जाता है जो छोटे-मोटे होटलों से लेकर फाइव स्टार होटल तक में बिकता है। उस मांस के लिए होटालों में सेफ नाना प्रकार से स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर तैयार करते है। भाई, दुनिया में ऐसा कौन सा विज्ञान है कि मनुष्य को मृत घोषित करती है और पशुओं को नही। अगर पशुओं को मृत घोषित करती है तो उसे शमशान के बजाये अपना आहार में भक्षण क्यों किया जाता है?

मेरा मानना है कि मनुष्य का मृत शरीर को श्मशान या कब्रिस्तान में जलाया या दफनाया जाता है। वहां अगर मध्य रात्रि को अकेले जाने के लिए कहा जाये तो लोग सोचेंगे की कैसे जाये, क्योकि वहां किसका निवास स्थान है। प्रायः यही सुनने को आएगा कि भूत का निवास होता है। डरावनी आवाज निकलती है, यही न? अब मेरा इस बात को ध्यान से मनन और चिंतन करिये कि प्राणीयों में सर्वश्रेष्ठ मनुष्य है, फिर भी शमशान में मध्य रात को जाने से लोग डरते हैं। वहीं जिन पशुओं को मार कर नाना प्रकार का व्यंजन बना कर खाते है तो उसे कौन सा शमशान में पहुंचाया जाता है वह है मनुष्य का पेट। उस शमशान रूपी पेट में किसका वास होगा? डरावने भूत पिचाश ही तो उत्पन्न होंगे। पशु का मृत शरीर पेट में जायेगा तो भूतों का असर तो होना ही होना है। इसलिए कहा भी गया है कि जैसा खायेगा अन्न, वैसा होगा मन। जैसा पिएंगे पानी, वैसा होगा वाणी ।

हिम बहादुर सोनार।
सिलीगुड़ी जिला दार्जीलिंग
पश्चिम बंगाल
मोबाइल नम्बर : 7602719190
Email: himbahadur.ghimire@gmail.com

डॉ. मुस्तफ़ा यूसुफ़ अली गोम को मिला ‘महात्मा गांधी रत्न अवार्ड 2023’

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मुम्बई की चर्चित स्वयं सेवी संस्था कृष्णा चौहान फाउंडेशन के संस्थापक डॉ कृष्णा चौहान द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को अंधेरी (वेस्ट), मुम्बई स्थित मेयर हॉल में आयोजित ‘महात्मा गांधी रत्न अवार्ड 2023’ समारोह बॉलीवुड सिंगर पद्मश्री उदित नारायण, निर्माता धीरज कुमार, एसीपी संजय पाटिल, एसीपी बाजीराव महाजन, दिलीप सेन, सुनील पाल, के के गोस्वामी, अमिताभ बच्चन के मेकअप आर्टिस्ट दीपक सावंत, पंकज बेरी, अरुण बख्शी, अली खान, रमेश गोयल, जीतेन्द्र कुमार तिवारी, जीनत एहसान कुरैशी, डांसर शिरीन फरीद, समाजसेविका सुंदरी ठाकुर और मधुमंगल दास की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
इस समारोह में पद्मश्री उदित नारायण, निर्माता धीरज कुमार, एसीपी संजय पाटिल, एसीपी बाजीराव महाजन, दिलीप सेन, सुनील पाल, के के गोस्वामी के हाथो जाने माने , सुप्रसिद्ध समाजसेवी और केयर टेकर्स एक्सटीरियर एंड इंटीरियर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. मुस्तफ़ा यूसुफ़ अली गोम को सम्मान चिन्ह दे कर ‘महात्मा गांधी रत्न अवार्ड 2023’ से सम्मानित किया गया।
डॉ. मुस्तफ़ा यूसुफ़ अली गोम , मुंबई के कांदिवली में अंजुमन ए नजमी दाऊदी भोरा जमात के सचिव हैं। अपनी अंजुमन के माध्यम से वह सामाजिक कार्य करते है। अब तक श्री गोम को उनके अच्छे सामाजिक कार्यों के लिए कई सम्मान मिल चुके हैं। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें “गौ भारत भारती” के सर्वोत्तम सम्मान के साथ-साथ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा वाग्धारा सम्मान से सम्मानित किया। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने भी राजभवन में डॉ. बीआर अंबेडकर पुरस्कार से सम्मानित किया है।
इसके अलावा मुस्तफा यूसुफ अली गोम को हाल ही में “फेस ऑफ इंडिया” का सम्मान भी सिनेमा जगत के मशहूर अभिनेता मुकेश ऋषि ने दिया था।
खैर ‘महात्मा गांधी रत्न अवार्ड 2023’ कार्यक्रम की एंकर डॉ भारती छाबरिया,थी , और प्रमुख आयोजक कृष्णा चौहान थे।

ऋण वसूली के लिए मोबिक्यूल का पहला फिज़िकल कलेक्शन प्लॅटफॉर्म ‘एमकोलेक्ट’ लॉन्च

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अनिल बेदाग, मुंबई
मुंबई : मोबिक्यूल टेक्नोलॉजीज एक मान्यता प्राप्त ऋण संग्रह और भारत में एक अग्रणी घरेलू डिजिटल ग्राहक ऑन-बोर्डिंग कंपनी है। कंपनी को ऋण वसूली और ऋण क्षमता बढ़ाने के लिए अपनी फिजिटल ऋण समाधान सेवा शुरू करने पर गर्व है। अत्याधुनिक ऋण वसूली और समाधान के लिए एक सुव्यवस्थित और कुशल दृष्टिकोण बनाने के लिए ग्राहक-केंद्रित कॉल सेंटर के साथ डिजिटल आउटरीच का एक समानांतर मिश्रण है। यह दृष्टिकोण ग्राहक केंद्रित रणनीति की गारंटी देकर बाउंस दरों को कम करने में मदद करेगा। क्योंकि यह डिजिटल + एआई + भौतिक कॉल के संयोजन के साथ उपयोगकर्ता के व्यवहार को पूरा करके संग्रह दक्षता में वृद्धि करेगा।
      वर्तमान आधुनिक आर्थिक परिदृश्य में बैंक और एनबीएफसी अक्सर विभिन्न चैनलों के माध्यम से ऋण संग्रह का प्रबंधन करने के लिए संघर्ष करते हैं, जिससे परिचालन अक्षमताएं और बढ़ती लागत होती है। मोबिक्यूल की ओमनी-चैनल ऋण समाधान सेवा लागत प्रभावी तरीके से इस चुनौती का समाधान करती है।
     इस नवोन्मेषी और उद्योग के पहले समाधान के बारे में उत्साहित मोबिक्यूल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा, “बैंक और एनबीएफसी डिजिटल संग्रह के लिए मामले सौंपते हैं और अनसुलझे मामलों को समाधान के लिए कॉल सेंटर में स्थानांतरित कर दिया जाता है। दोनों चैनलों का उपयोग एक साथ या कम मात्रा में किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अक्षमताएं और लागत में वृद्धि होती है।
    मोबिक्यूल एक एकीकृत ऋण समाधान सेवा पेश करता है जो डिजिटल आउटरीच के साथ 100 से अधिक कॉल सेंटर संचालन को सहजता से जोड़ती है, एक सच्चा ओमनी-चैनल समाधान बनाती है जो प्रौद्योगिकी, डेटा विज्ञान, रणनीति और भौतिक कॉल सेंटरों का लाभ उठाती है। जैसे एसएमएस, ईमेल, व्हाट्सएप, आईवीआर, वॉयस बॉट, आउटबाउंड और इनबाउंड कॉल सेंटर सेवाएं। हमारा मिशन प्लेटफ़ॉर्म पर वास्तविक समय ग्राहक संपर्क और व्यवहार का लाभ उठाकर डिजिटल और मानव कॉल सेंटर क्षमताओं के बीच तालमेल में सुधार करना है।
हमारा ऋण वसूली मंच पूर्व, प्रारंभिक, मध्य और अंतिम चरण के सभी चरणों को पूरा करता है। हमने अपना प्लेटफ़ॉर्म विशेष रूप से निपटान, परिसंपत्ति पुनर्प्राप्ति और कानूनी वर्कफ़्लो प्रबंधन के पुनर्प्राप्ति चक्रों को पूरा करने और प्रबंधित करने के लिए डिज़ाइन किया है।  हम विशेषज्ञता और विशिष्ट क्षेत्रों की पूर्ति करने वाले वकीलों के सहयोग से आपकी कानूनी प्रक्रिया को प्रबंधित करने के लिए कानूनी सेवाओं के साथ एक एकीकृत मंच प्रदान करते हैं।
हमारी भौतिक ऋण समाधान सेवा का उद्देश्य व्यक्तिगत ग्राहक जुड़ाव के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़कर ऋण वसूली और वसूली की सुविधा प्रदान करना है। हमारा इरादा वसूली दरों में सुधार करने और वित्तीय संस्थानों की परिचालन लागत को कम करने का है।”
मोबिक्यूल टेक्नोलॉजीज के वरिष्ठ प्रौद्योगिकी अधिकारी यतिन पेडनेकर ने कहा, “मानव-केंद्रित रणनीतियों के साथ डिजिटल क्षमताओं को संरेखित करके, नये  दृष्टिकोण की पेशकश करना जो वित्तीय संस्थानों को ऋण वसूली की जटिलताओं को सटीक और सावधानीपूर्वक नेविगेट करने की अनुमति देता है।”

श‍िंदे गुट के सांसद हेमंत पाटिल का अस्पताल दौरा अस्पताल , डीन से शौचालय साफ कराया

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मुंबई\नांदेड़: नांदेड़ ज‍िले के डॉ शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार से अब तक 31 लोगों की मौत हो गई है। सोमवार को एक ही दिन में 24 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 12 बच्चे भी शामिल थे। इस घटना के सामने आते ही पूरे महाराष्‍ट्र और देश में हड़कंप मच गया। इस स्थिति को लेकर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने राज्य सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कल तत्काल अस्पताल का दौरा किया और उसका निरीक्षण किया। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, शिवसेना ठाकरे गुट के नेता सुषमा अंधारे, आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाए। इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सवाल उठाए हैं। मंगलवार को शिवेसना एकनाथ शिंदे गुट के सांसद हेमंत पाटिल ने अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान हेमंत पाटिल आक्रामक थे। उन्‍होंने अस्पताल के डीन एस आर वाकोडिकर से शौचालय साफ कराया गया। उनके एक्शन को लेकर इधर-उधर चर्चा हो रही है।

दरअसल जानकारी मिल रही है कि नांदेड़ के अस्पताल में दवाओं की कमी के कारण बच्चों की मौत हुई है। इस पर सांसद हेमंत पाटिल ने विष्णुपुरी स्थित अस्पताल का दौरा किया और अलग-अलग विभागों में जाकर निरीक्षण किया। इस बीच कई वार्डों में शौचालय बंद थे। कई जगहों पर देखा गया कि शौचालयों में रखे सामान को तोड़-फोड़ कर नष्ट कर दिया गया। इस पर गुस्साए सांसद हेमंत पाटिल ने पानी का पाइप हाथ में ले लिया और चिकित्सा अधीक्षक एस आर वाकोडिकर से बाथरूम साफ कराया। उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय में रजिस्टर की जांच की। विष्णुपुरी अस्पताल और उसके आसपास गंदगी की स्थिति पर गहरा गुस्सा जताया। सफाई निरीक्षक को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश के बाद राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री और संरक्षक मंत्री गिरीश महाजन तत्काल नांदेड़ के लिए रवाना हो गए हैं। बताया गया है कि इस मौके पर सांसद प्रताप पाटिल चिखलीकर भी उनके साथ रहेंगे। सबसे पहले यह बात सामने आई है कि ठाणे के कलवा, नांदेड़ और फिर छत्रपति संभाजीनगर में कुछ मरीजों की मौत हुई है। इससे राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा भी सामने आ गया है।

उत्तराखंड में भूकंप के तेज झटके , दहल गया देवभूमि

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उत्तराखंड में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। देहरादून और ऋषिकेश भूकंप के तंज झटकों से दहल गया। बुधवार को देवभूमि के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।

देहरादून में भूकंप के झटके महसूस हुए। इसके साथ ही ऋषिकेश और चमोली में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। उत्तराखंड बुधवार को भूकंप के तेज झटके से हिल गया। दोपहर 2: 51 बजे रुद्रप्रयाग जनपद में भूकंप के झटके महसूस किए गए। जनपद के समस्त तहसीलों से भूकंप को लेकर सूचना प्राप्त की गई।भूकंप के झटको से किसी भी प्रकार की जान माल की कोई क्षति नहीं हुई है।

नैनीताल में भूकंप की तीव्रता 4.6 मैग्नीट्यूड
भूकंप के झटके से धरती डोल उठी। दहशत में लोग घरों के बाहर निकल गए। भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है। रिएक्टर स्केल में भूकंप की तीव्रता 4.6 मैग्नीट्यूड थी। नैनीताल जिले में जैसे ही दो बजकर 51 मिनट पर भूकंप का झटका महसूस हुआ। घरों के अंदर लगे पंखे भी हिलने लगे। लोग सहमकर घरों से बाहर दौड़ पड़े। इंटरनेट मीडिया में पोस्ट डालने लगे। एक-दूसरे को फोन कर हालचाल जानने लगे। सबसे अधिक डर ऊंचे भवनों में रहने वाले लोगों में दिखाई दिया। जिला आपातकालीन परिचालन कंद्र के प्रभारी के अनुसार जिले में किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। भूकंप का केंद्र नेपाल के भटकोला था।

रानीखेत में भूकंप के तेज झटके से सहमा पहाड़
मंगलवार को दोपहर 2.51 से 2.52 बजे के बीच भूकंप के तेज झटके से पहाड़ सहम गया। घबराए लोग घरों से बाहर दौड़ पड़े। उधर द्वाराहाट ब्लाक के भंटी गांव में एक आवासीय मकान में दरारें भी आ गई। रानीखेत के अलावा सल्ट, स्याल्दे, द्वाराहाट आदि क्षेत्रों में भी भूकंप के तेज झटका महसूस किया गया। घर में रखी अल्मारियां, फ्रीज व बर्तनों के साथ ही टेबल कुर्सियां हिलने पर लोग सतर्क हो गए। हालांकि कुछ समय बाद स्थित सामान्य हो गई। भूकंप के झटके से द्वाराहाट के भंटी गांव निवासी तुलसी राम के मकान में दरार आ गई।

जब हिलने लगा पंखा
उत्तराखंड के कई जिलो में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। खाटीमा में भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि पंखे भी कंपन करते हुए नजर आए।

प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न चुनौतियों के समाधान हेतु देहरादून में होगा 6 वां विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन

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3 अक्टूबर 2023, मंगलवार ,देहरादून देहरादून, 3 अक्टूबर ,मंगलवार, सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पुष्कर सिंह धामी ने छठवें वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन के आयोजन एवं अभिप्राय को लेकर विस्तृत रूप से प्रेस वार्ता की ..!
सम्मेलन 28 नवंबर से 1 दिसंबर 2023 तक देहरादून में होना प्रस्तावित है इस कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र से देश व विश्व के कई देशों के विशेषज्ञों के मध्य मंथन किया जाएगा ..! यह सर्विदित है कि उत्तराखंड एक हिमालयी अति संवेदनशील पर्वतीय प्रदेश है जहां लगातार पिछले कुछ वर्षों से भूस्खलन, बाढ़ ,भूकंप व बादल फटने जैसी कई प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हुई है.! जो उत्तराखंड की धामी सरकार के लिए निरंतर चुनौतियां उत्पन्न कर रही है जिसके साथ ही राज्य और विकास की गति भी प्रभावित हो रही है.!
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों से उत्तराखंड व हिमालय क्षेत्र में उत्पन्न आपदाओं की चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व स्तरीय प्रयासों को गति मिलेगी। इसी प्रकार के प्रयासों चिंतन मंथन व निराकरण को लेकर राज्य सरकार 6 वां . विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन आयोजित कर रही है जो राज्य प्रबंधन प्राधिकरण, डी.एम.आई .सी एस हैदराबाद तथा उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ( यू कास्ट) के संयुक्त प्रयासों से किया जाएगा .!
मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो,  रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुखों, भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के साथ ही विश्व के प्रमुख संस्थानों के प्रतिनिधियों, संयुक्त राष्ट्र संघ, देश-विदेश के जलवायु विशेषज्ञों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा कि 6वें विश्व सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोध की चुनौतियों पर चर्चा करना एवं उनका समाधान करना है । साथ ही सम्मेलन का उद्देश्य उत्तराखण्ड को आपदा प्रतिरोधकता और तत्परता के लिए जलवायु अनुकूली समाधानों के केंद्र के रूप में विकसित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक आपदा प्रबन्धन सम्मेलन से आपदा प्रबन्धन की गंभीरता व विशेष रूप से उत्तराखण्ड राज्य और हिमालयी क्षेत्रों की आपदा से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए विश्व स्तर पर किये जा रहे चिन्तन व प्रयासों को गति मिलेगी। यहां जलवायु परिर्वतन (Climate Change) और आपदा प्रतिरोध्यता (Disaster Resilience) अत्यंत महत्वपूर्ण विषय हैं और वर्तमान समय में भारतवर्ष एवं विशेष रूप से हिमालयी राज्यों में इनके महत्व को देखते हुए आपदा प्रबन्धन के वैश्विक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
विदित हो 08-09 दिसम्बर को राज्य में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (Global Investors Summit-2023 ) का आयोजन किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन से ठीक पहले आयोजित आपदा प्रबन्धन के वैश्विक सम्मेलन से उत्तराखण्ड राज्य में “सुरक्षित निवेश, सुदृढ उत्तराखण्ड” (Safe Investment- Resilient Uttarakhand ) का संदेश देश-विदेश में प्रसारित होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इकोलॉजी एवं इकोनामी संतुलन बनाकर राज्य में विकास करेगी। आपदा प्रबंधन व उत्तराखंड में निवेश कहीं न कहीं एक दूसरे से सम्बंधित है
अतः सम्मेलन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से राज्य भर में आपदा प्रबन्धन के विशेष सत्रों का आयोजन सम्पूर्ण प्रदेश में विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय तथा राज्य में स्थित केन्द्रीय संस्थानों, जैसे- वाडिया, हिमालयी भू-विज्ञान, आई.आई.पी., आई.आई.आर.एस. जल संरक्षण इत्यादि में किया जायेगा। पूर्वोत्तर राज्य सहित देश भर के संस्थानों में भी आपदा प्रबन्धन पर पूर्व कार्यक्रम आयोजित किये जाने संभावित हैं । आपदा प्रबन्धन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा ।
आयोजित सम्मेलन में 04 मुख्य सत्रों, 50 तकनीकी सत्रों, कई विशेष तकनीकी सत्रों में आपदा प्रबंधन से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श होगा। जिनमें मुख्यतः जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोध्यता, पूर्व चेतावनी प्रणाली और प्रतिरोधकता तथा आपदा के पश्चात पुनर्वास और पुनर्निर्माण आदि शामिल हैं। इस सम्मेलन के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) के साथ एकीकृत करके जलवायु परिवर्तन जनित चुनौतियों का बेहतर रूप से सामना करने में सहायता मिलेगी। जिससे प्रभावित समुदायों की प्रतिरोध्यता में सुधार होगा और प्रकृति की सुरक्षा के प्रति समुदाय अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर पाएंगे। आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संस्थानों, शोध संस्थानों तथा स्टार्ट-अप द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों एवं समाधानों के प्रदर्शन के लिए मैगा एक्सपो का आयोजन भी किया जायेगा। सम्मेलन में उत्कृष्ट शोधपत्र और युवा शोधार्थियों और प्रतिभागियों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कृत भी किया जायेगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन में विश्व के विभिन्न देशों के विशेषज्ञों, विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों, राज्यों की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं के शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों एवं नीति निर्धारकों के प्रतिभाग करने की संभावना है। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (यू.एस.डी.एम.ए) द्वारा इस सम्मेलन का कार्यान्वयन किया जायेगा। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू – कॉस्ट) द्वारा सम्मेलन के वैज्ञानिक और तकनीकी विषयों का समन्वयन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में भारत द्वारा जी-20 की सफल अध्यक्षता की गयी और नवम्बर माह इस वार्षिक अध्यक्षता का अन्तिम चरण है। इस जी-20 सम्मेलन में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (डी.आर.आर.) एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में शामिल किया गया है। इस दृष्टि से नवम्बर माह के अंत में देहरादून में आयोजित होने वाला 6वाँ विश्व आपदा प्रबन्धन सम्मेलन और भी महत्वपूर्ण है।
होने वाले प्रस्तावित छठें विश्व सम्मेलन का उद्घाटन सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, गृह एंव आपदा प्रबन्धन मंत्री अमित शाह को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित के लिए अनुरोध किया जाएगा। पद्म विभूषित अमिताभ बच्चन सम्मेलन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सहभागी होंगे।
इस मीडिया वार्ता में अभिनेता अमिताभ बच्चन का सन्देश भी प्रसारित किया गया ..कार्यक्रम में सचिव आपदा रंजीत सिन्हा, महानिदेशक (यू कोस्ट) प्रो. दुर्गेश पंत एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे ।

महाराष्ट्र के अस्पताल में 12 मासूमों समेत 24 लोगों की मौत पर सियासत विपक्ष ने शिंदे सरकार को घेरा

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Maharashtra Deaths: महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल में 12 नवजात सहित 24 लोगों की मौत हो गई है. वहीं अब राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, शरद पवार समेत कई बड़े नेताओं ने शिंदे सरकार पर हमला बोला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने इन सभी मौतों को शर्मनाक बताया और यहां तक कह दिया कि ये सभी मर्डर हैं. शरद पवार ने कहा कि इस घटना ने सरकार की विफलताओं का पर्दाफाश कर दिया है, सरकार की जिम्मेदारी है कि वो अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें.
प्रियंका गांधी ने क्या कहा
कांग्रेस नेता प्रिंयका गांधी ने सोशल मीडिया माध्यम एक्स पर लिखा, ”दवाओं की कमी के चलते महाराष्ट्र में 12 शिशुओं समेत 24 मरीजों की मौत का दुखद समाचार प्राप्त हुआ. ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें. शोक-संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई हो और पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाये.”
शिवसेना सांसद ने सरकार पर बोला हमला
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार पर हमला बोलते हुए एक्स पर लिखा, ”कृपया इसे मौत ना कहें, ये असंवैधानिक राज्य सरकार की तरफ से की गई लापरवाही के कारण हत्या है.  राज्य सरकार अलग-अलग कार्यक्रमों और विदेशी यात्राओं की प्लानिंग में बिजी हैं. वे भूल गए हैं कि उनका काम राज्य की सेवा करना है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया माध्यम एक्स पर लिखा, “नांदेड़, महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल में दवाइयों की कमी से 12 नवजात शिशुओं समेत 24 लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है. सभी शोकाकुल परिवारों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. भाजपा सरकार हज़ारों करोड़ रुपए अपने प्रचार पर खर्च कर देती है, मगर बच्चों की दवाइयों के लिए पैसे नहीं हैं? भाजपा की नज़र में गरीबों की ज़िंदगी की कोई कीमत नहीं है.”
शरद पवार ने इस घटना पर क्या कहा
शरद पवार ने पोस्ट करते हुए लिखा- ”नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 लोगों की मौत हो गई. घटना में 12 नवजात शिशुओं की भी जान चली गई. यह चौंकाने वाली घटना है. ठाणे के कलवा अस्पताल में भी ऐसी ही एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी और अब घटना को गंभीरता से न लेने के कारण ही नांदेड़ में 24 लोगों की मौत हो गई. यह सरकार की विफलता है. शरद पवार ने सरकार से आग्रह किया कि वे मरीजों की जान की फिक्र करें और जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाएं.”

महाराष्ट्र के नांदेड़ में 24 मरीजों की मौत के बाद मंगलवार (3 अक्टूबर) को चौकसी समिति निरीक्षण करेगी. छत्रपति संभाजी नगर के घाटी अस्पताल से डॉक्टरों की एक टीम नांदेड़ आएगी और अस्पताल के डॉ भरत चव्हाण, डॉ. मीनाक्षी भट्टाचार्य और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जोशी इस मौत के पीछे का कारण ढूंढेगी.

Chhattisgarh – काँग्रेस सरकार द्वारा चलाई जा रही गौठान योजना में लगातर घोटाले के लग रहे है आरोप

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धमतरी / मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही गौठान योजना में लगातर घोटाले के आरोप लगते रहे हैं सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का जमीन पर कोई अता पता नहीं गायों के लिए चलाई गई रोका छेका योजना भी जमीन से गायब है रोजाना सैकड़ों गौ वंश रोड पर दुर्घटना ग्रसित हो रहे हैं जिससे रोजाना सैकड़ों गौ वंश की मृत्यु हो रही है और हजारों गौ वंश सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।।

वर्तमान घटना धमतरी के अर्जुनी चौक की है जहां पर एक गौ वंश को एक अज्ञात वाहन ने ठोकर मारकर घायल कर दिया जिसे बजरंग दल कार्यकर्ता दुर्गेश कुमार नेताम, गणेश सिन्हा अजय ध्रुव द्वारा सुरक्षित कर उनका ईलाज करवाया गया।।
शासन द्वारा ज़ारी किया गया टोल फ्री नंबर 1962 से भी कोई सहायता प्राप्त नही, केवल खाना पूर्ति करने के लिए नंबर जारी किया गया।। गौ एंबुलेंस जैसी कोई सुविधा नहीं होने के कारण चोटिल गौ वंश को समय पर उचित ईलाज नही मिलने के कारण रोजाना सैकड़ों गौ वंश की मौत हो जा रही है।।

सरकार द्वारा चलाई गई गौठान में चारा पानी की व्यवस्था ना होने और ना ही किसी प्रकार की सुविधा होने के कारण गौठान खाली पड़े हैं और गौ वंश रोड पर दुर्घटना ग्रस्त हो रहे हैं।।

रोड पर दिन रात गौ वंश का जमावड़ा लगा रहता है जो आम जनता और गौ वंश दोनो के लिए खतरा है।। आए दिन गौ वंश दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।।

छत्तीसगढ़ में विपक्षी बीजेपी के लोगो ने भी विगत दिनों काँग्रेस सरकार द्वारा चलाई जा रही गौठान योजना में लगातर घोटाले पर खुल कर हमला किया है।

 

 

गौ-तस्करी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

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बलिया। गौ-तस्करी करने वाले आरोपी की गिरफ्तारी हुई है. पुलिस अधीक्षक जनपद बलिया एस0 आनन्द महोदय के आदेश के अनुपालन मे अपराध नियत्रंण व संदिग्ध व वांछित अपराधियो के गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे अभियान के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी व श्रीमान क्षेत्राधिकारी रसड़ा मो0 फहीम कुरैशी के कुशल पर्यवेक्षण व प्रभारी निरीक्षक रसड़ा प्रवीण कुमार सिंह के नेतृत्व में थाना रसड़ा के पुलिस टीम उ.नि.वंश बहादुर सिंह मय हमराह द्वारा मुखबिरी सूचना पर प्रधानपुर पुल के पास से मु0अ0सं0 373/2023 धारा 3/5ए/8 गोवध नि0 अधि0 व 11 पशु क्रूरता अधि0 से सम्बन्धित वांछित अभियुक्त इमरान उर्फ भोदू पुत्र इरशाद निवासी नोनहरा भर टोली थाना नोनहरा जनपद गाजीपुर को प्रधानपुर पुल के पास से गिरफ्तार किया गया । थाना स्थानीय द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करते हुये अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया । गिरफ्तार आरोपी का नाम 1. इमरान उर्फ भोदू पुत्र इरशाद निवासी नोनहरा भर टोली थाना नोनहरा जनपद गाजीपुर उम्र करीब 20 वर्ष । गिरफ्तार करने वाली टीम- 1. नि.वंश बहादुर सिंह थाना रसड़ा जनपद बलिया । 2. हे.का. रामपति यादव थाना रसड़ा जनपद बलिया ।