3 अक्टूबर 2023, मंगलवार ,देहरादून देहरादून, 3 अक्टूबर ,मंगलवार, सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पुष्कर सिंह धामी ने छठवें वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन के आयोजन एवं अभिप्राय को लेकर विस्तृत रूप से प्रेस वार्ता की ..!
सम्मेलन 28 नवंबर से 1 दिसंबर 2023 तक देहरादून में होना प्रस्तावित है इस कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र से देश व विश्व के कई देशों के विशेषज्ञों के मध्य मंथन किया जाएगा ..! यह सर्विदित है कि उत्तराखंड एक हिमालयी अति संवेदनशील पर्वतीय प्रदेश है जहां लगातार पिछले कुछ वर्षों से भूस्खलन, बाढ़ ,भूकंप व बादल फटने जैसी कई प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हुई है.! जो उत्तराखंड की धामी सरकार के लिए निरंतर चुनौतियां उत्पन्न कर रही है जिसके साथ ही राज्य और विकास की गति भी प्रभावित हो रही है.!
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों से उत्तराखंड व हिमालय क्षेत्र में उत्पन्न आपदाओं की चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व स्तरीय प्रयासों को गति मिलेगी। इसी प्रकार के प्रयासों चिंतन मंथन व निराकरण को लेकर राज्य सरकार 6 वां . विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन आयोजित कर रही है जो राज्य प्रबंधन प्राधिकरण, डी.एम.आई .सी एस हैदराबाद तथा उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ( यू कास्ट) के संयुक्त प्रयासों से किया जाएगा .!
मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो,  रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुखों, भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के साथ ही विश्व के प्रमुख संस्थानों के प्रतिनिधियों, संयुक्त राष्ट्र संघ, देश-विदेश के जलवायु विशेषज्ञों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा कि 6वें विश्व सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोध की चुनौतियों पर चर्चा करना एवं उनका समाधान करना है । साथ ही सम्मेलन का उद्देश्य उत्तराखण्ड को आपदा प्रतिरोधकता और तत्परता के लिए जलवायु अनुकूली समाधानों के केंद्र के रूप में विकसित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक आपदा प्रबन्धन सम्मेलन से आपदा प्रबन्धन की गंभीरता व विशेष रूप से उत्तराखण्ड राज्य और हिमालयी क्षेत्रों की आपदा से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए विश्व स्तर पर किये जा रहे चिन्तन व प्रयासों को गति मिलेगी। यहां जलवायु परिर्वतन (Climate Change) और आपदा प्रतिरोध्यता (Disaster Resilience) अत्यंत महत्वपूर्ण विषय हैं और वर्तमान समय में भारतवर्ष एवं विशेष रूप से हिमालयी राज्यों में इनके महत्व को देखते हुए आपदा प्रबन्धन के वैश्विक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
विदित हो 08-09 दिसम्बर को राज्य में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (Global Investors Summit-2023 ) का आयोजन किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन से ठीक पहले आयोजित आपदा प्रबन्धन के वैश्विक सम्मेलन से उत्तराखण्ड राज्य में “सुरक्षित निवेश, सुदृढ उत्तराखण्ड” (Safe Investment- Resilient Uttarakhand ) का संदेश देश-विदेश में प्रसारित होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इकोलॉजी एवं इकोनामी संतुलन बनाकर राज्य में विकास करेगी। आपदा प्रबंधन व उत्तराखंड में निवेश कहीं न कहीं एक दूसरे से सम्बंधित है
अतः सम्मेलन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से राज्य भर में आपदा प्रबन्धन के विशेष सत्रों का आयोजन सम्पूर्ण प्रदेश में विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय तथा राज्य में स्थित केन्द्रीय संस्थानों, जैसे- वाडिया, हिमालयी भू-विज्ञान, आई.आई.पी., आई.आई.आर.एस. जल संरक्षण इत्यादि में किया जायेगा। पूर्वोत्तर राज्य सहित देश भर के संस्थानों में भी आपदा प्रबन्धन पर पूर्व कार्यक्रम आयोजित किये जाने संभावित हैं । आपदा प्रबन्धन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा ।
आयोजित सम्मेलन में 04 मुख्य सत्रों, 50 तकनीकी सत्रों, कई विशेष तकनीकी सत्रों में आपदा प्रबंधन से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श होगा। जिनमें मुख्यतः जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोध्यता, पूर्व चेतावनी प्रणाली और प्रतिरोधकता तथा आपदा के पश्चात पुनर्वास और पुनर्निर्माण आदि शामिल हैं। इस सम्मेलन के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) के साथ एकीकृत करके जलवायु परिवर्तन जनित चुनौतियों का बेहतर रूप से सामना करने में सहायता मिलेगी। जिससे प्रभावित समुदायों की प्रतिरोध्यता में सुधार होगा और प्रकृति की सुरक्षा के प्रति समुदाय अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर पाएंगे। आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संस्थानों, शोध संस्थानों तथा स्टार्ट-अप द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों एवं समाधानों के प्रदर्शन के लिए मैगा एक्सपो का आयोजन भी किया जायेगा। सम्मेलन में उत्कृष्ट शोधपत्र और युवा शोधार्थियों और प्रतिभागियों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कृत भी किया जायेगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन में विश्व के विभिन्न देशों के विशेषज्ञों, विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों, राज्यों की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं के शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों एवं नीति निर्धारकों के प्रतिभाग करने की संभावना है। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (यू.एस.डी.एम.ए) द्वारा इस सम्मेलन का कार्यान्वयन किया जायेगा। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू – कॉस्ट) द्वारा सम्मेलन के वैज्ञानिक और तकनीकी विषयों का समन्वयन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में भारत द्वारा जी-20 की सफल अध्यक्षता की गयी और नवम्बर माह इस वार्षिक अध्यक्षता का अन्तिम चरण है। इस जी-20 सम्मेलन में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (डी.आर.आर.) एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में शामिल किया गया है। इस दृष्टि से नवम्बर माह के अंत में देहरादून में आयोजित होने वाला 6वाँ विश्व आपदा प्रबन्धन सम्मेलन और भी महत्वपूर्ण है।
होने वाले प्रस्तावित छठें विश्व सम्मेलन का उद्घाटन सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, गृह एंव आपदा प्रबन्धन मंत्री अमित शाह को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित के लिए अनुरोध किया जाएगा। पद्म विभूषित अमिताभ बच्चन सम्मेलन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सहभागी होंगे।
इस मीडिया वार्ता में अभिनेता अमिताभ बच्चन का सन्देश भी प्रसारित किया गया ..कार्यक्रम में सचिव आपदा रंजीत सिन्हा, महानिदेशक (यू कोस्ट) प्रो. दुर्गेश पंत एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे ।
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संजय बलोदी प्रखर ( मिडिया समन्वयक उत्तराखंड प्रदेश एवं पीआरओ पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र )

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