आधुनिक तकनीकी का उपयोग व लाभ सामान्य जनता तक पहुंचे- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
देहरादून 14 अक्टूबर2023, शनिवार , आज दून बिजनेस पार्क, देहरादून में हेक्सावेयर टेक्नोलॉजी के स्थानीय कार्यालय का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा उद्धघाटन किया गया ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि जिन उद्देश्यों व सोच को लेकर यह उद्घघाटन हो रहा है वह निश्चित ही सफल होगा..! प्रौद्योगिकी का क्षेत्र लोगों को सशक्त व स्वयं के पैरों पर खड़ा होने का एक माध्यम बनेगा. !
वर्तमान में नए रिसर्च हो रहे हैं उन्हें हमें स्वीकार करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम 75 वें वर्ष के अमृत काल में श्रेष्ठ भारत के निर्माण में आगे बढ़ रहे हैं.. ! यह नया भारत टेक्नोलॉजी के विकास व विस्तार में अहम भूमिका निभा रहा है ! एक समय था जब भारत में आयातित अधिकांश वस्तुओं पर अन्य देश का ब्रांड छपा रहता था किंतु आज प्रत्येक वस्तुओं में मेड इन इंडिया लिखा जा रहा है! हम 2G 3G 4G के मामले में टेक्नोलॉजी हेतु दूसरों पर निर्भर रहते थे किंतु हमने 5G से अपनी योग्यता व टेलिकॉम टेक्नोलॉजी में वैश्विक मानक तय किये हैं .!भारत की स्वीकार्यता प्रत्येक क्षेत्र में बड़ी है। तकनीकी कितनी भी आए यदि उसके उपयोग की जिम्मेदारी सशक्त हाथों में ना हो तो उसका सही प्रयोग नहीं हो पाता है ! अमेरिका व अन्य पश्चिमी देशों का कथन व बयान यह दर्शाता है कि हमारा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में सशक्त हाथों में है !भारत डिजिटलाइजेसशन के क्षेत्र में तीव्रता से अग्रसर है .!
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया यह कोई सरकारी कार्य नहीं बल्कि एक विजन है, दृष्टि है जिसका उद्देश्य सामान्य जनमानस तक तकनीकी को पहुंचना है !जिससे इस सेवा का उचित व अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके।गत कुछ वर्षों से यूपीआई हमारी अर्थव्यवस्था व जरूरतों का अभिन्न अंग बन गया है .मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि एक समय वह भी था जब डिजिटल इंडिया की समझ रखने वाले मुट्ठी भर लोग सामान्य गरीब जनता को संशय की दृष्टि से देखते किंतु आज डिजिटल इंडिया सभी लोगों के उपयोग तक उनके हाथों में पहुंच गया है !वर्तमान में 40% डिजिटल पेमेंट का उपयोग भारत में ही होता है भारत इस क्षेत्र में नित तरक्की कर रहा है लोगों का जीवन स्तर व तरीका बदल रहा है ! यह विकास का गेटवे या डिजिटल इंडिया की नींव है. ! यह डिजिटल सेवा का माध्यम है इसके विस्तार और विकास के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है ! किसी भी प्रकार का सहयोग इस प्रकार की हेक्सावियर टेक्नोलॉजी के विकास के लिए किया जा सकेगा.. !उत्तराखंड सरकार द्वारा लोगों को निवेश हेतु आकर्षित करने के लिए हमने कई नीतियां बनाई व संशोधित की हैं !यहां प्रत्येक उद्यमी कार्य करना चाहता है हम उन सभी महानुभावों का स्वागत करेंगे।
इस उद्धघाटन समारोह में विधायक विनोद चमोली, प्रौद्योगिकी सचिव शैलेश बगोली, आईटीडीए निदेशक निकिता खंडेलवाल, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजी के एजीक्यूटिव वाईस प्रेजिडेंट हेमंत विज, सतेन्दयु मोहंती व नीता नम्बिआर सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।
वीस्ट्राइड डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च
अनिल बेदाग
मुंबई : वीस्ट्राइड, सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई), मध्यवर्ती और अनिर्मित सामग्री के लिए पहली बार खुफिया-संचालित, एकीकृत बी 2 बी प्लेटफॉर्म ने मुंबई के कोहिनूर कॉन्टिनेंटल होटल के एमराल्ड हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में अपना नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि फुललाइफ हेल्थकेयर के चेयरमैन सतीश खन्ना, जो ल्यूपिन के पूर्व समूह अध्यक्ष और रणनीतिक सलाहकार, लेखक और मेंटर थे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राकेश बामजई, अध्यक्ष, भारत, उभरते एशिया और एक्सेस मार्केट्स, वियाट्रिस, और सीईओ-एमडी, मायलन लेबोरेटरीज लिमिटेड थे।
वीस्ट्राइड के सह-संस्थापक अश्विनर सिंह चौधरी और सलीम शेख ने फार्मा उद्योग के वरिष्ठ पेशेवरों की उपस्थिति में आधिकारिक तौर पर वीस्ट्राइड डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया।
लॉन्च कार्यक्रम में वीस्ट्राइड के सह-संस्थापक डॉ. मधु तल्ला ने कहा, “वीस्ट्राइड को लॉन्च करते हुए, हम न केवल एक प्लेटफॉर्म पेश कर रहे हैं, बल्कि हम फार्मा उद्योग के लिए एक नए युग की शुरुआत भी कर रहे हैं। वीस्ट्राइड फार्मा खरीदारों और विक्रेताओं के इस परिदृश्य को नेविगेट करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार है, जिससे एक सहज यात्रा का निर्माण होता है जो दोनों पक्षों को सशक्त बनाता है। यह सिर्फ लेनदेन के बारे में नहीं है; यह एआई-सक्षम खुफिया-संचालित परिवर्तन के बारे में भी है।
वीस्ट्राइड कॉमर्स अपने नए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से खरीदारों और आपूर्तिकर्ताओं को जोड़ने के लिए तैयार है, जिससे लागत बचत लाभ और बेहतर परिचालन दक्षता हो सकती है। कंपनी अपने प्लेटफॉर्म का उपयोग करके सही भागीदारों की पहचान करने के बाद ग्राहकों के लिए कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को निधि देने में मदद करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला वित्तपोषण विकल्प भी प्रदान किया करेगी।
की सेवाओं में वीस्ट्राइड एड्ज और वीस्ट्राइड कॉमर्स शामिल हैं। वीस्ट्राइड एड्ज महत्वपूर्ण बाजार खुफिया प्रदान करने के लिए डेटा इंटेलिजेंस की शक्ति का लाभ उठाता है जो सीधे ग्राहकों द्वारा सामना की जाने वाली व्यावसायिक चुनौतियों को संबोधित करता है। ये अंतर्दृष्टि व्यापक वैश्विक अनुसंधान, वास्तविक समय बाजार की गतिशीलता, और व्यापक डोमेन विशेषज्ञता और अत्याधुनिक डेटा विज्ञान में निहित हैं। यह ग्राहकों को चुस्त और अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेने में मदद करता है। फार्मास्युटिकल बिजनेस-टू-बिजनेस (बी 2 बी) कॉमर्स परिदृश्य को बदलने के लिए समर्पित वाईस्ट्राइड कॉमर्स का उद्देश्य एक विश्वसनीय और पारदर्शी पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।
इंडिया आईटीएमई सोसाइटी, आईटीएमई, अफ्रीका एंड मिडिल ईस्ट ने मुंबई में कर्टेन रेजर कार्यक्रम की मेजबानी की
अनिल बेदाग
मुंबई : इंडिया आईटीएमई सोसाइटी, आयोजक, आईटीएमई, अफ्रीका एंड मिडिल ईस्ट 2023 ने मुंबई में एक पूर्वावलोकन और कर्टेन रेजर कार्यक्रम की मेजबानी की। यह नेटवर्किंग प्रस्तुति 30 नवंबर से 2 दिसंबर 2023 तक नैरोबी, केन्या में आगामी अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी आईटीएमई अफ्रीका और एमई 2023 की एक झलक प्रदर्शित करने के लिए थी। यह वैश्विक दर्शकों के लिए आयोजित श्रृंखला का दूसरा कार्यक्रम है। पहला कार्यक्रम 3 अक्टूबर को केन्या के नैरोबी में वरिष्ठ केन्याई सरकारी अधिकारियों और दूतावास की भागीदारी की उपस्थिति में आयोजित किया गया था।
मीडिया को संबोधित करते हुए इंडिया आईटीएमई सोसाइटी के अध्यक्ष श्री केतन सांघवी ने कहा, “आईटीएमई, अफ्रीका और मध्य पूर्व 2023 द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने और केन्या और भारत के बीच औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस साझेदारी का उद्देश्य दोनों देशों की व्यावसायिक क्षमता का लाभ उठाना और उनके संबंधित वस्त्र प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग उद्योगों के नवाचार, आर्थिक विकास और स्थिरता लक्ष्यों का निर्माण करना है। केन्या में इंडिया आईटीएमई सोसाइटी प्रदर्शनी में 23 देशों के भाग लेने के साथ, अफ्रीका को भविष्य की साझेदारी में निवेश करने और पूरे अफ्रीकी क्षेत्र में सफल व्यावसायिक उद्यमों के निर्माण के अपार लाभ प्राप्त होंगे।”
भगवान श्रीविष्णु के अवतार श्री परशुराम जी महाराज से सीखनी चाहिए गौ रक्षा
भगवान परशुराम जी का सुंदर चित्र जब वह अपनी नन्दिनी को आतताईयों से छूडाकर लाते हैं .सबसे बड़े गौ रक्षक भगवान श्रीविष्णु के अवतार श्री परशुराम जी महाराज से हम सबको सीखनी चाहिए गौ रक्षा हेतु। गौ रक्षा इस धर्म और धरा पर सबसे महत्वपूर्ण क्यों है? गौ नहीं रही तो क्या यह पृथ्वी या स्वयं मनुष्य रह लेगा?
तो बिलकुल नहीं गाय खत्म तो पृथ्वी खत्म यह तय है… इस हेतु गाय की रक्षा एवं सम्मान कितना आवश्यक है इससे ही समझ सकते हो।
परन्तु स्वयं को ब्राह्मण कहने कहलाने वाले समाज जो सनातन की मार्गदर्शक जिम्मेदारी मिली है उनमे बड़ी आबादी को गौ रक्षा और गौ रक्षक से मतलब नहीं गाय की दुर्दशा होने से कोई मतलब नहीं।
जय दादा परशुराम जय परशुराम संगठन सहित फेसबुक सोसल मिडिया पर दम भरने वाले ब्राह्मणों की कमी नहीं है, परन्तु भगवान परशुराम से जरा सा भी गौ रक्षा गौ सेवा नहीं सीखी…
वही भगवान परशुराम को जातिवाद मे बांध के सोचने वालों की भी कमी नहीं है, जो जातीवाद को बढ़ावा देते है वर्ण व्यवस्था से मतलब नहीं रखते हद है कि भगवान को भी जाती तक सिमित किया गया। जबकि राम क्षत्रिय थे ब्राह्मण रावण पापी था तो उन्होंने रावण का वध किया उसी प्रकार भगवान परशुराम भी जो उस समय के क्षत्रिय पापी थे उनके वध किया। राम और परशुराम अलग नहीं दोनों । एक है विष्णु दोनों रूपों में और गौ के सम्मान की अद्भुत गौरवशाली गाथा के रूप में। जगत के प्रथम गौ रक्षक श्री हरि भगवान परशुराम , है .राम और परशुराम अलग नहीं दोनों ।एक है विष्णु दोनों रूपों में और गौ के सम्मान की अद्भुत गौरवशाली गाथा के रूप में।
युद्ध की छाया में बेरंग होते विधानसभा चुनाव
इजराइल और फिलीस्तीन के बीच चल रहे युद्ध ने भारत में पांच राज्यों के चुनावों का रंग फीका कर दिया है। चुनाव बेमजा और बेरंग हो गए है । टीवी के परदे का एक बड़ा समय इस युद्ध की भेंट चढ़ गया है। युद्ध होता ही ऐसा है जिसमें सब कुछ भेंट चढ़ जाता है। मानवता तक नहीं बचती। पहले पंद्रह दिन पितृपक्ष ले गया और आने वाले नौ दिन देवी के नाम आरक्षित हैं। कांग्रेस ने पितृपक्ष में अपने प्रत्याशियों की सूची का ऐलान न कर इस रंग को और बेरंग कर दिया।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने दो महीने पहले ही अपने प्रत्याशियों की पहली सूची मध्यप्रदेश में जारी कर दी थी । फिर छत्तीसगढ़ का नंबर आया । राजस्थान की बारी बाद में आयी। तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव में भाजपा की ज्यादा दिलचस्पी है नहीं क्योंकि इन दोनों राज्यों में भाजपा के लिए कोई ज्यादा गुंजाइश है भी नहीं। पैर रखने की जगह ही मिल जाये ये ही बहुत है। स्थिति ये है कि मिजोरम की और तो अब तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झांका तक नहीं है। इन विधानसभा चुनावों में रंग उभरने से पहले ही इजराइल और फिलीस्तीन के बीच जंग छिड़ गयी। भारत सरकार अब इस जंग में व्यस्त है ,चुनावों के लिए समय निकलना कठिन हो रहा है।
सत्तारूढ़ भाजपा के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मध्यप्रदेश और राजस्थान में ‘ सिंधिया फेक्टर ‘ गले की फांस बन या है। राजस्थान में भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया को विधानसभा चुनाव से अलग रखना चाहती है ,लेकिन वे हैं कि अलग हो ही नहीं रही । भाजपा ने रानी का विकल्प रानी को चुना लेकिन मुकाबला सध नहीं रहा। जयपुर राजघराने की रानी धौलपुर की महारानी के समाने टिक नहीं पा रहीं। प्रदेश भाजपा का एक बड़ा धड़ा वसुंधरा राजे के साथ खड़ा है। वसुंधरा राजे से भाजपा की विरक्ति की वजह क्या है ये कोई नहीं जानता ,जबकि भाजपा की जड़ों में सिंधिया खानदान का बहुत खून-पसीना लगा हुआ है।
मध्य्प्रदेश में वसुंधरा राजे सिंधिया की बहन यशोधरा राजे ने भाजपा हाईकमान के तेवर देखकर मैदान छोड़ दिया है। वे विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहीं है। वैसे भी उन्हें टिकिट न मिलना तय था। भनक समय पर पड़ गयी सो यशोधरा ने खुद ही मना कर दिया। वसुंधरा और यशोधरा के भाई माधवराव सिंधिया के इकलौते पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया हालाँकि मध्यप्रदेश में भाजपा के लिए एक बड़ी जरूरत हैं लेकिन वे भी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राजी नहीं है। वे चुनाव लड़वाने वाले नेता हैं हालाँकि भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें अभिमन्यु की तरह घेरकर चुनाव हरा चुकी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने आपको चुनाव प्रचार के लिए तैयार कर रखा है जबकि उनके विरोधी चाहते हैं कि जब भाजपा के 7 सांसद चुनाव लड़ रहे हैं तो सिंधिया को भी विधानसभा का चुनाव लड़ाया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास कोई सिंधिया है नहीं ,इसलिए वहां सिंधियाशाही को लेकर कोई संकट नहीं है। छग में भाजपा अपने वजूद के लिए चुनाव लड़ रही है,सत्ता हासिल करने के लिए नहीं। यहां भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ उनके ही भतीजे को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा के पास कोई और पुरोधा है ही नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पहले ही निराश कर चुके है। 2018 के विधानसभा चुनाव में डॉ रमन सिंह की कथित लोकप्रियता की कलई खुल चुकी है।पिछले पांच साल में छग में भाजपा का चर्चित ‘ आपरेशन लोटस’ भी कामयाब नहीं हुआ । भाजपा को छग कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसा कोई विभीषण नहीं मिला। राजस्थान ने भी इस मामले में भाजपा को निराश किया।
इन बेमजा विधानसभा चुनाव में जितनी बेफिक्री इस बार कांग्रेस में दिखाई दे रही है उतनी पहले कभी नहीं देखी गयी । कांग्रेस की महासचिव श्रीमती प्रियंका बाड्रा अपनी चुनाव रैलियों में अपने समर्थकों के बीच आंखमिचौली करते दिखाई दे रहीं हैं। उनके चेहरे पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चेहरों पर चस्पा तनाव रत्ती भर नहीं है। राहुल गाँधी की चुनावी रैलियां भी बिना तनाव के हो रहीं हैं। आम आदमी पार्टी की चुनावी रैलियों पर जरूर सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी का असर पड़ा है। आम आदमी पार्टी को भाजपा से दिल्ली में भी लड़ना पड़ रहा है और दिल्ली के बाहर भी। आप के तीन नेता जेल में हैं और इनमें से दो तो स्टार प्रचारक है। मनीष सिसौदिया और संजय सिंह की कमी आम आदमी को खल रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान उतने प्रभावी साबित नहीं हो रहे। इसलिए इन तीनों राज्यों में आप न गुजरात दोहरा पाएगी और न पंजाब।
भाजपा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के ‘ फीनिक्स ‘ अवतार ने भी भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दीं हैं। भाजपा हाईकमान शिवराज सिंह चौहान से मुक्ति पाना चाहता हैं लेकिन शिवराज सिंह हैं कि फीनिक्स की तरह बार-बार जन्म ले लेते हैं। 2018 में जनता ने उन्हें ख़ारिज कर दिया लेकिन 2020 में उनका पुनर्जन्म हो गया और वे एक बार फिर जन्म लेने का ऐलान कर चुके हैं। इतना आत्मविश्वास तो महारानी वसुंधरा राजे सिंधिया भी प्रकट नहीं कर सकीं अपने आप पर। मजे की बात ये हैं कि चौहान हों या वसुंधरा राजे सिंधिया या ज्योतिरादित्य सिंधिया तीनों संसदीय ज्ञान में अपनी पार्टी के वर्तमान भाग्यविधाताओं से ज्यादा अनुभवी हैं। शिवराज सिंह चौहान 1991 में संसद की सीढियाँ चढ़ चुके थे। वसुंधरा ने संसद की सीढियाँ 1989 में चढ़ीं थी जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 2002 में सांसद पहुँच चुके थ। संसद पहुँचने वाले नरेंद्र मोदी इन सबमें जूनियर है। वे 2014 में संसद की सीढियाँ चढ़े। मोदी विधानसभा में भी वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह के बाद पहुंचे।
बहरहाल युद्ध की छाया में हो रहे बेरंग विधानसभा चुनावों में रंग भरने की पुरजोर कोशिशें की जा रहीं हैं। मतदाताओं को रिझाने की इन कोशिशों को कितनी कामयाबी मिलती हैं ये कह पाना अभी कठिन हैं। यद्यपि प्रधामंत्री जी कैलाश में डमरू बजा रहे हैं। उनका तांडव कब शुरू होगा ये नहीं बताया जा सकता। वे ही हैं जो इन चुनावों को बेरंग होने से बचा सकते हैं ।(विभूति फीचर्स)
मुख्यमंत्री ने किया रामनगर सम्भागीय परिवहन कार्यालय का औचक निरीक्षण
14 अक्टूबर 2023 रामनगर , उत्तराखंड प्रदेश , अपनी विशेष कार्यशैली व त्वरित कार्यवाही की प्रवृत्ति के लिए प्रसिद्ध मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सहायक सम्भागीय परिवहन कार्यालय रामनगर का औचक निरीक्षण किया।
हालांकि निरीक्षण के दौरान उन्हें कोई विशेष विभागीय अनियमिताएं दृष्टिगत नहीं हुई..! किंतु उन्होंने कार्यालय के अभिलेखों का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ओवर लोडिंग,हाईस्पीड, नशे और गलत तरीके से वाहन चलाने वालों के खिलाफ चालान सहित अन्य सख्त कार्यवाही की जाए ताकि दुर्घटनाओं पर लगाम लगा कर नागरिकों के जीवन को अधिक से अधिक सुरक्षित रखा जा सके. !
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सुविधाओं का संज्ञान लेते हुए सरकार द्वारा ऑनलाइन सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सामान्य जन-मानस को घर बैठे ही अधिकांश सुविधाएं उपलब्ध हो, इस दिशा में सभी विभागों द्वारा तीव्रता से कार्य किए जा रहे हैं।
जिसके लिए सभी विभागों को जन सुविधा के दृष्टिगत नई कार्य पद्धति से कार्य करने के निर्देश दिए गये हैं !उन्होंने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के उद्देश्य के साथ कार्य किए जा रहे हैं यही हमारा कार्य मंत्र भी है.. !
केंद्रीय मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला आज सागर परिक्रमा के दसवें चरण की शुरुआत करेंगे
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला आज सागर परिक्रमा के दसवें चरण की शुरुआत करेंगे
New Delhi , केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला आज सागर परिक्रमा के दसवें चरण की शुरुआत करेंगे, जिसमें वे तटरक्षक जहाज से चेन्नई से आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिए यात्रा करेंगे और मछुआरों तथा मत्स्य पालन क्षेत्र के हितधारकों के साथ बातचीत करेंगे।
श्री रूपाला मछुआरों के मुद्दों और सुझावों का पता लगाने के लिए उनके साथ बातचीत करेंगे और उन्हें सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे, ताकि अधिक से अधिक मछुआरे एवं मछली किसान इन योजनाओं से लाभ उठा सकें। वे मछुआरों और प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ), किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जैसी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र/स्वीकृति पत्र भी वितरित करेंगे।
केंद्रीय मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति 14 अक्टूबर, 2023 को आंध्र प्रदेश के कृष्णापट्टनम तथा नेल्लोर जिले का दौरा करेंगे और अपनी उपस्थिति से इन कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाएंगे। सागर परिक्रमा के दसवें चरण में आंध्र प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी, भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, भारतीय तटरक्षक, भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण, राष्ट्रीय मत्स्य पालन पोस्ट हार्वेस्ट प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण संस्थान, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज नॉटिकल एंड इंजीनियरिंग ट्रेनिंग के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे। मछुआरों और मछली किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी करने के लिए नेल्लोर जिले में अधिकारियों द्वारा शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के कृष्णापट्टनम में सागर परिक्रमा यात्रा के दौरान मछुआरे, मछुआरों के प्रतिनिधि, मछली-किसान, उद्यमी, मछुआरा सहकारी समिति के नेता, पेशेवर, वैज्ञानिक और अन्य हितधारक भी बातचीत में भाग लेंगे।
पृष्ठभूमि
आंध्र प्रदेश की 972 किमी लंबी तटरेखा है, जो समुद्री, खारे पानी और अंतर्देशीय मत्स्य संसाधनों से समृद्ध है और यह मत्स्य पालन एवं संवर्धन के लिए बहुत उपयुक्त है। 2021-22 के दौरान राज्य का समुद्री मछली उत्पादन 41.27 लाख टन रहा। मत्स्य पालन उद्योग 1,689 मशीनीकृत और 22,257 पारंपरिक मछली पकड़ने वाले साधनों के माध्यम से उन 10.48 लाख समुद्री मछुआरों की आजीविका में सहायता प्रदान करता है जो सक्रिय रूप से मछली पकड़ने के काम में लगे हुए हैं। 14,96,688 समुद्री मछुआरे आंध्र प्रदेश मछुआरा कल्याण बोर्ड में नामांकित हैं।
भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता है, जो लाखों मछुआरों को आजीविका प्रदान करता है और निर्यात आय जुटाता है। वर्ष 2020-21 में 14.16 मिलियन टन का कुल मछली उत्पादन होने से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि उत्पादक देश बन गया है। भारत सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र की प्रगति और विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं और पहल शुरू की हैं, जिनमें प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजनाएं भी शामिल हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य मछली उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना, बुनियादी ढांचे और पोस्ट हार्वेस्ट के बाद की सुविधाओं का निर्माण करना, मूल्य संवर्धन और निर्यात को बढ़ावा देना, मछुआरों तथा मछली किसानों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण को सुनिश्चित करना एवं टिकाऊ और मछली पकड़ने की प्रथाओं का समर्थन करना है। भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र में राष्ट्रीय आय, खाद्य सुरक्षा, रोजगार सृजन और विदेशी मुद्रा आय में अपना योगदान बढ़ाने की अपार क्षमता मौजूद है। यह क्षेत्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने और आत्मनिर्भर भारत के विजन को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
“सागर परिक्रमा” तटीय क्षेत्र में परिकल्पित एक विकासवादी यात्रा है जो सभी मछुआरों, मछली किसानों और अन्य हितधारकों के बीच एकजुटता को दर्शाती है और साथ ही मछुआरों की जमीनी चुनौतियों एवं समस्याओं को भी अच्छी तरह से समझती है। सागर परिक्रमा का पहला भाग 5 मार्च 2022 को मांडवी, गुजरात (सागर परिक्रमा-चरण I) से शुरू हुआ था, जो राज्य के प्रमुख क्षेत्रों से होते हुए 9 अक्टूबर 2023 को चेन्नई, तमिलनाडु (सागर परिक्रमा-चरण 9) में पूरा हुआ।
सागर परिक्रमा के नौ चरण पूरे हो चुके हैं और इसने गुजरात, दीव और दमन, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सहित 9 तटीय राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 4,115 किमी की दूरी तय की है। इसका उद्देश्य मछली पकड़ने वाले समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना और सरकार द्वारा कार्यान्वित विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं एवं कार्यक्रमों, जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान में सहायता भी प्रदान करना है। इसके अलावा इसका उद्देश्य मत्स्य पालन से संबंधित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी का प्रसार करना है और सतत संतुलन तथा समुद्री इकोसिस्टम के संरक्षण पर ध्यान देते हुए मत्स्य पालन को बढ़ावा देना है।
किसान होना गर्व की बात , जब किसान हंसता है तो पूरा देश हंसता है, सभी वर्गों में खुशहाली आती है- उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली – उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज हरियाणा से आए प्रगतिशील किसानों को अपने किये वादे के अनुसार संसद भवन में बुलाकर सम्मानित किया एवं उनके साथ दोपहर का भोजन किया। ज्ञात रहे कि उपराष्ट्रपति 8 अक्टूबर, 2023 को हरियाणा के हिसार में एकदिवसीय यात्रा पर गये थे जहां उन्होंने चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में कृषि विकास मेले के उद्घाटन किया था। इस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने किसानों को नया संसद भवन देखने के लिए आमंत्रित किया था।
उपराष्ट्रपति के किये वादे के अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा पुरस्कृत पचास से अधिक किसानों ने आज संसद भवन का भ्रमण किया। इसके पश्चात उपराष्ट्रपति जी ने सभी किसानों से बातचीत की और उनको प्रमाण पत्र एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया। किसानों के साथ हरियाणा के कृषि मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल व कृषि विभाग के अधिकारीगण भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि इन किसानों को हरियाणा सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों जैसे – कृषि, बागवानी, डेयरी और मत्स्य पालन में नवीन तकनीक के प्रयोग द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया था।
किसानों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने किसानों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बताया और कहा कि किसान होना गर्व की बात है। अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि “जब किसान हंसता है, तो पूरा देश हंसता है, सभी वर्गों में खुशहाली आती है!”
“जब किसान हंसता है,
तो पूरा देश हंसता है,
सभी वर्गों में खुशहाली आती है!”आज संसद भवन में हरियाणा सरकार द्वारा पुरस्कृत किसानों के साथ माननीय उपराष्ट्रपति जी! pic.twitter.com/1SeUkYolQ5
— Vice President of India (@VPIndia) October 13, 2023
किसानों के संसद आने पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि “आज दुनिया भर की संसदों के सभापति और जी20 वाले अपने देश में हैं। आप पार्लियामेंट में उस दिन आए हो जो एक एतिहासिक दिवस है। यह दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत है। इस पंचायत में आज सही हकदार आया है। इस पंचायत में आपकी चर्चा होनी चाहिए।”
उपराष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की कि “प्रधानमंत्री जी ने राज्य सभा में मेरा परिचय कृषक पुत्र के रूप में कराया। उपराष्ट्रपति के नाते पूरे देश में, मैं उन संस्थानों में जरूर गया हूं जो किसान से जुड़ी हुई हैं।
आज सम्मानित किये गये किसानों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि वे प्रेरणा के स्रोत हैं और लोगों को उनका अनुकरण करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि उत्पादों और खाने पीने की चीजों का बहुत बड़ा व्यापार है, और आज IIT, IIM से पढ़े हुए युवा भी इस व्यापार में आ रहे हैं। उन्होंने अपील की कि किसान और किसान के बच्चों और बच्चियों को भी इसमें आगे आना चाहिए। दूध का उदाहरण देते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि “दूध के कितने प्रोडक्ट बनते हैं, पर किसान नहीं बना रहा है. सोचिए क्यों? किसान एक समूह बनाकर क्यों ऐसा नहीं करे कि दूध, छाछ, दही, पनीर बनाये। उत्पाद जुड़ते जाएंगे, गांव के नाम से ब्रांडिंग हो सकती है।”
अपने संबोधन में कृषि उत्पादों के व्यापार एवं निर्यात में किसानों की भागीदारी बढ़ाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा की किसानों को कृषि उत्पादों में वैल्यू एडिशन और उनकी मार्केटिंग में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी चहिये। आधुनिक तकनीक और किसान उत्पादक संगठन (एफ. पी. ओ) के गठन के महत्व को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसानों को इन्हे अपनाने में संकोच नहीं करना चाहिए।
सरकार द्वारा शुरू की गयी अनेक किसान हितैषी योजनाओं जैसे – PM किसान योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, FPO आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि “यह बहुत गंभीरता से कह रहा हूं भारत के प्रधानमंत्री के दिल और दिमाग पर किस हावी है किसान के लिए जो नीतियां निर्धारित की गई है उनका मैं अध्ययन किया है। आप इनका लाभ उठाइए।” उन्होंने आगे कहा कि “जो सोच चौधरी चरण सिंह जी की थी, उस सोच को जमीनी हकीकत भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे रहे हैं।”
परंपरागत कृषि से आगे बढ़ने की अपील करते हुए, श्री धनखड़ ने किसानों को सुझाव दिया कि “आप एक लकीर के फ़क़ीर मत रहिये, नया सोचिए, डायवर्सीफाई करिये.”
आज के दिन शिक्षित और प्रबुद्ध वर्ग दूध और सब्जी का व्यापार करता है !
यह बहुत बड़ा व्यापार है !
किसान और किसान के बच्चे-बच्चियों को इसमें आगे आना चाहिए। pic.twitter.com/9UcwKLI01T
— Vice President of India (@VPIndia) October 13, 2023
मैं आपको यही कह सकता हूं, यहां आप इनविटेशन पर नहीं आए हैं, यह आपका हक है, मैं तो सिर्फ माध्यम बना हूं। यह एक बदलाव का केंद्र है, यह बदलाव का सूचक है, पर इन बातों का यदि आप क्रियान्वित नहीं करेंगे तो आगे नहीं बढ़ेंगे।
इस अवसर पर हरियाणा से आए प्रगतिशील किसानों के साथ हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल, राज्य सभा के सांसद, श्री बिप्लव देव, हरियाणा के कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री विजेंद्र कुमार, विभाग के महानिदेशक डॉ. नरहरि सिंह बांगड़, व अन्य कई गणमान्य जन भी मौजूद रहे।
एनिमल’ का सॉन्ग ‘हुआ मैं’ जारी
संदीप रेड्डी वांगा द्वारा निर्देशित ‘एनिमल’ 1 दिसंबर को रिलीज होने को तैयार है, जिसके पोस्टर से लेकर टीजर ने धमाल मचाया हुआ है। वहीं अब इस फिल्म का पहला रोमांटिक गाना सामने आ गया है।रणबीर कपूर और रश्मिका मंदाना अभिनीत फिल्म ‘एनिमल’ का सॉन्ग ‘हुआ मैं’ संगीतप्रेमियों को काफी पसंद आ रहा है। राघव चैतन्य अपनी आवाज ने इस गाने में प्योर इमोशन क्रिएट किया है। उनके स्वर भावनाओं को स्पष्ट रूप से चित्रित करते हैं । राघव चैतन्य के जुनून से प्रेरित, प्रीतम की रचना, सद्भाव और तीव्रता को पूरी तरह से संतुलित करती है। प्रशंसक और उत्साही लोग प्रीतम के इनोवेशन की सराहना करते नहीं थक रहे हैं, उनकी धुनें आत्माओं को छूती है और लंबे समय तक दिलों के करीब होती है और वो इस गाने को गुनगुनाते रहते हैं। ‘हुआ मैं ‘ से एक बार फिर प्रीतम ने अपना लोहा मनवाया है। इस लव सॉन्ग में न केवल बेहद खूबसूरत धुन है, बल्कि रणबीर कपूर और रश्मिका मंदाना के बीच शानदार केमिस्ट्री भी है। फिल्म में रणबीर कपूर, अनिल कपूर, बॉबी देओल, रश्मिका मंदाना और तृप्ति डिमरी लीड किरदार में हैं।