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कॉर्पोरेट और रियल एस्टेट के माध्यम से सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की कोशिश में ICAI और WIRC

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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी बने, इस सपने को पूरा करने के प्रयास में सीए की सबसे बड़ी संस्था ICAI व WIRC अग्रणी हैं। इस तरह की बात ICAI के प्रेसीडेंट सीए अनिकेत सुनील तलाठी ने मुंबई गोरेगांव के नेस्को सभागृह में 37 वीं रिजनल कान्फ्रेंस में कही। प्रेसीडेंट अनिकेत ने कहा कि चैतन्य और वरेण्यं जैसी प्रेरणादायक थीम से कॉर्पोरेट जगत के साथ साथ हमारा देश नई ऊंचाईयां की ओर अग्रसर होगा। इस अवसर पर रेरा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर दूसरे संस्करण के रूप में “महारेरा-प्रेक्टिस मैन्युअल 2023-24” नामक किताब का विमोचन किया गया। किताब के लेखक सीए रमेश प्रभु और रेरा स्टडी ग्रुप के एक्सपर्ट्स की टीम ने मिलकर लिखा है।
किताब का विमोचन करते वक्त WIRC के चेयरमैन सीए अर्पित जगदीश काबरा ने कहा कि रियल इस्टेट में महारेरा की वजह से रियल इस्टेट इंडस्ट्री में पारदर्शिता के साथ साथ अनुशासन भी आ रहा है जो हमारे देश की इकोनॉमी के लिए शुभ संकेत है। आने वाले समय में हमारी संस्था देश की इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत हैं।
इस कार्यक्रम में देश भर के सैकड़ों सीए की उपस्थिति रही।

‘फाइटर’ में अक्षय ओबेरॉय वेपन सिस्टम ऑपरेटर बशीर खान के रूप में नज़र आएंगे.

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‘फाइटर’ में अक्षय ओबेरॉय वेपन सिस्टम ऑपरेटर बशीर खान के रूप में नज़र आएंगे….!
                       वायाकॉम18 स्टूडियोज और मार्फ्लिक्स पिक्चर्स के संयुक्त तत्वावधान में निर्मित देशभक्ति फिल्म ‘फाइटर’ में अभिनेता अक्षय ओबेरॉय वेपन सिस्टम ऑपरेटर बशीर खान के रूप में नज़र आएंगे। सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में बनी यह फिल्म एक सिनेमाई अनुभव है जो एक्शन स्टोरीटेलिंग में क्रांति लाने के लिए तैयार है। यह फिल्म दिल दहला देने वाले एक्शन सीन्स को देशभक्ति के उत्साह के साथ सहजता से पेश करती है, जो एक ऐसे गहन अनुभव का वादा करती है जो दुनिया भर के सिने दर्शकों को पसंद आएगा। यह फिल्म 25 जनवरी 2024 को रिलीज होगी।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

निराश्रित गौ-आश्रय स्थलों में साइलेज अनिवार्य करने वाला पहला जिला बना देवरिया

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देवरिया: उत्तर प्रदेश में देवरिया जिला के गौ-आश्रय स्थलों में भूसे के स्थान पर पोषण तत्वों से भरपूर साइलेज बतौर चारा देने वाला प्रदेश का पहला जिला बना है।        जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने यहां बताया कि नवाचार के तहत समस्त शासकीय सहायता प्राप्त निराश्रित गौ-आश्रय स्थलों में संरक्षित गौवंश को भोजन में भूसे की जगह साइलेज देना शुरू किया गया है। भूसे में किसी भी तरह की न्यूट्रिशियस वैल्यू नहीं होती है,जबकि साइलेज पोषक तत्वों से युक्त अत्यंत पौष्टिक आहार है।

उन्होंने बताया कि विगत एक माह से सभी गौवंश को लगभग तीन किलो साइलेज दिया जा रहा है, जिसका आउटपुट बहुत अच्छा है। गौवंश की सेहत सुधर रही है और वे पहले से अधिक स्वस्थ दिख रहे हैं। सिंह ने बताया कि जिले में सरकारी सहायता प्राप्त समस्त गौशालाओं में भूसे की खरीद पर रोक लगा दी गई है। भूसे के पुराने स्टॉक को खपाने का निर्देश दिया गया है। यदि किसी नगर निकाय अथवा जिला पंचायत ने भूसे का क्रय किया तो उसका भुगतान नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार साइलेज के प्रयोग को प्रोत्साहन दे रही है।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद कुमार वैश्य ने बताया कि जिले के 24 निराश्रित गौ-आश्रय स्थलों में 1708 गौवंश संरक्षित हैं। साइलेज की आपूर्ति सीतापुर स्थित एक निजी फर्म द्वारा की जा रही है। साइलेज के प्रयोग का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। इसके सेवन से विभिन्न रोगों के प्रति गौवंश की प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ी है, जिससे उनके बीमार होने की दर घटी है। गौरतलब है कि साइलेज एक नए जमाने का पशु आहार है जिसे दुधारू पशुओं के लिए वरदान सरीखा माना गया है। यह हरे चारे और दाने के बीच की कड़ी है। इसमें दोनों के गुण पाए जाते हैं। इसमें 20 प्रतिशत तक मक्के के दाने का प्रयोग होता है।

इसमें प्रोटीन, क्रूड फाइबर, स्टार्च, जिंक, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, पोटेशियम सहित विभिन्न तरह के पोषक तत्व होते हैं। इसे बनाने में आमतौर पर मक्का, बाजरा, ज्वार इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। इसके प्रयोग से दूध उत्पादन क्षमता में वृद्धि के साथ इसकी गुणवत्ता अच्छी होती है और फैट की मात्रा बढ़ती है। रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।  जानकारों का कहना है कि साइलेज बनाने के लिए पहले मक्का की फसल को दुधिया दाने की अवस्था में भुट्टे सहित काट कर कुट्टी कर लेते हैं। फिर इस कुट्टी किये हुए चारे को इनकुलेन्ट से शोधित करके, मशीनों की मदद से अच्छे से दबा कर एयर टाइट पैक कर दिया जाता है 7 एयर टाइट बैग में पैक रहने पर चारे में फर्मेंटेशन होता है और लगभग 21 से 30 दिन में साइलेज बनकर तैयार हो जाता है 7 साइलेज को बेलर मशीन से बनाया जाता है।

रक्षा मंत्रालय ने – भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ एक ऐतिहासिक अनुबंध-पत्र पर हस्ताक्षर किया

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New Delhi – रक्षा मंत्रालय ने आज (15 दिसंबर 2023) 10 साल की अवधि के लिए भारतीय सेना के लिए इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ की खरीद के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), पुणे के साथ एक ऐतिहासिक अनुबंध-पत्र पर हस्ताक्षर किया। इस अनुबंध की कुल लागत 5,336.25 करोड़ रुपये है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ विज़न के हिस्से के रूप में, ‘भारतीय उद्योग द्वारा भारतीय सेना के लिए गोला-बारूद के निर्माण’ के तहत गोला-बारूद खरीद के लिए इस अनुबंध-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो 10 वर्षों की दीर्घकालिक आवश्यकता के लिए एक सरकारी पहल है। इस परियोजना का उद्देश्य आयात को कम करने के लिए गोला-बारूद के भंडार का निर्माण करना, गोला-बारूद निर्माण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को हासिल करना तथा युद्ध सामग्री की आपूर्ति श्रृंखला में आने वाली बाधा के असर को दूर करके गोला-बारूद के भंडार को सुरक्षित करना है।
इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ मध्यम से भारी तोपखाने की तोपों का एक अभिन्न अंग हैं, जो सैन्य अभियानों के लिए निरंतर तोपखाने की मारक क्षमता प्रदान करते हैं। फ़्यूज़ को तोपखाने की तोपों में उपयोग के लिए खरीदा जाएगा, जो उत्तरी सीमाओं के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित विभिन्न प्रकार के इलाकों में घातक हमले करने में सक्षम हैं।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ का निर्माण अपने पुणे और अपने नए नागपुर संयंत्र में करेगा। यह परियोजना डेढ़ लाख मानव दिवसों के लिए रोजगार पैदा करेगी और गोला-बारूद निर्माण में एमएसएमई सहित भारतीय उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी और देश में गोला-बारूद विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को व्यापक बनाएगी।

अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली में आसियान-भारत मोटा अनाज महोत्सव प्रदर्शनी का दौरा किया

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New Delhi  15 DEC 2023 ,  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली के डीएलएफ प्रोमेनेड मॉल में आसियान-भारत बाजरा महोत्सव की प्रदर्शनी का दौरा किया। इस अवसर पर अपर सचिव सुश्री मनिंदर कौर और संयुक्त सचिव सुश्री शुभा ठाकुर भी उपस्थित थीं। आसियान में भारतीय मिशन (दक्षिणपूर्व एशियाई देशों का संघ) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से दो दिवसीय आसियान-भारत बाजरा महोत्सव 2023 का आयोजन कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के अनुरूप इस महोत्सव का उद्देश्य लोगों में मोटे अनाज से होने वाले स्वास्थय लाभ के प्रति जागरूकता और मोटे अनाजों पर आधारित उत्पादों के लिए एक बड़ा बाजार स्थापित करना है।

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श्री अर्जुन मुंडा ने उत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित इस प्रदर्शनी का दौरा किया। प्रदर्शनी में मोटे अनाजों की खेती करने वाले किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और कृषि उद्यमियों ने भी भाग लिया है।

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बातचीत के दौरान, श्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना का लाभ उठाएं।

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प्रदर्शनी का उद्देश्य आसियान देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक और पाक विविधता का उत्सव मनाना और स्वस्थ भविष्य के लिए मोटे अनाज को बढ़ावा देना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में शीत लहर के प्रकोप से बचाव हेतु जारी की गई 1.35 करोड़ की सहायता धनराशि

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15 दिसम्बर 2023,शुक्रवार ,देहरादून
संजय बलोदी प्रखर
मीडिया समन्वयक उत्तराखंड प्रदेश
देहरादून,15 दिसम्बर ,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गत मंगलवार को देर सायं देहरादून शहर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर आईएसबीटी के समीप स्थित मलिन बस्ती में रह रहे लोगों का हालचाल जाना तथा वहां की व्यवस्थाओं को परखा व जरूरतमंद लोगों को कंबल आदि भी वितरित किये। मुख्यमंत्री ने आईएसबीटी की व्यवस्थाओं का भी़ जायजा लिया तथा वहां भी बेसहारा लोगों को कंबल वितरित किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों एवं नगर आयुक्तों को प्रदेश में बेसहारा एवं बेघर लोगों को सर्दी से बचाव की कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये थे। मुख्यमंत्री ने तहसील एवं विकासखण्ड स्तर पर यह व्यवस्था बनाये जाने को भी कहा था। इसके लिए उपजिलाधिकारियों को जिम्मेदारी दिये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दिये। उन्होंने जिलाधिकारियों को इस कार्य को मानवता की सेवा के भाव से सुनिश्चित किये जाने को कहा। साथ ही जन सेवा के इस कार्य में आम जन का भी सहयोग लेने की बात कही ..!

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये थे कि सर्दी के मौसम में विभिन्न स्थलों पर अलाव की व्यवस्था के साथ बेसहारा लोगों को आवश्यकतानुसार गर्म कंबल व कपड़ों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को रैन बसेरों की स्थिति में और सुधार किये जाने के साथ ही शहर में जगह-जगह अलाव जलाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को 1.35 करोड़ की धनराशि जारी की गई है। डॉ. सिन्हा द्वारा इस सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश में जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि राज्य में शीतलहर के प्रकोप से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने तथा निःशुल्क कम्बल वितरण, रैनबसेरों में व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने हेतु इस धनराशि का उपयोग किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में जिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा शीतलहर के प्रकोप से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने तथा निशुल्क कम्बल वितरण, रेनबसेरों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने हेतु रू. 15.00 लाख की धनराशि आवंटित किये जाने का अनुरोध किया गया था।
इसी क्रम में राज्य में शीतलहर के प्रकोप से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने तथा निःशुल्क कम्बल वितरण, रैनबसेरों में व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में राज्य आपदा मोचन निधि मद के रिस्पॉन्स और रिलीफ मद से रू. 01 करोड़ 35 लाख की धनराशि सभी जिलाधिकारियों को स्वीकृत की गई है। जिसमें जनपद पौड़ी को 15 लाख तथा जनपदों को 10-10 लाख की धनराशि शामिल है।
उन्होंने स्पष्ट किया है कि शीतलहर के दौरान निराश्रित एवं असहाय / गृहविहीन व्यक्तियों को ठण्ड के प्रकोप से बचाने हेतु निःशुल्क वितरण सार्वजनिक स्थानों जैसे- धर्मशाला, रैनबसेरा, मुसाफिर खाना, पड़ाव, सराय, चौराहा, रेल एवं बस स्टेशनों आदि पर अलाव जलाने की व्यवस्था के सम्बन्ध में भारत सरकार, गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के पूर्व में निर्गत दिशा निर्देशों का भी अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

अखिलेश्वर महाराज बोले-गौ संरक्षण के लिए आगे आएं CM मोहन यादव

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MP में गौ तस्करी में पुलिस की मिलीभगत! अखिलेश्वर महाराज बोले-गौ संरक्षण के लिए आगे आएं CM मोहन यादव
Akhileshwar Maharaj Demand Cow Protection: गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष ने अखिलेश्वर आनंद गिरी महाराज ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से अपील की है कि वह गौ तस्करी के मामलों को रोकने के आगे आएं. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की मिलीभगत से प्रदेश में गो तस्करी की जा रही है.
धर्मधारा : गौ एम्बूलेंस व उपकरणों का सरजू महाराज के कर कमलों से हुआ लोकार्पण
श्री गौसेवार्थ चैरिटेबल ट्रस्ट सुंदरकांड मंडली कालू द्वारा गौ एम्बूलेंस व उपकरणों का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। समारोह में राझरोखा कैलाशधाम के पीठाधीश्वर राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज का सान्निध्य रहा। महामंडलेश्वर श्रीसरजूदासजी महाराज ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि गौसेवा एवं गौरक्षा में जो भी व्यक्ति आगे बढ़कर कार्य करता है तो समझ लीजिए उस व्यक्ति पर ईश्वर की कृपा है और वह सद्मार्ग पर चल रहा है। विशेष रूप से यदि कोई निराश्रित गौवंश की सेवा कर रहा है तो उसे जीवन में कभी असफलता का मुख नहीं देखना पड़ता। लोकार्पण से पहले रामनाम संकीर्तन एवं भजनों का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्राम सरपंच, समिति के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी व ग्रामीणों ने महामंडलेश्वरजी के दर्शन किए तथा आशीर्वाद प्राप्त किया।

 

विजय दिवस पर उत्तराखण्ड वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं- पुष्कर सिंह धामी

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15 दिसम्बर 2023,शुक्रवार, देहरादून
संजय बलोदी प्रखऱ
मीडिया समन्वयक उत्तराखण्ड प्रदेश

देहरादून, 15 दिसम्बर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के पूर्व संध्या के अवसर पर भारतीय सेना, भूतपूर्व सैनिकों, एवं समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है।
अपने बधाई संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के सैन्य इतिहास में 16 दिसम्बर भारतीय सशस्त्र सेनाओं के साहस, समर्पण और बलिदान को याद करने का ऐतिहासिक दिन है। इस दिन भारतीय सैनिकों के साहस व पराक्रम के आगे पराजित होकर पाकिस्तानी सेना के हजारों सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि देश की रक्षा व स्वाभिमान हेतु हमारे वीर सैनिक हमेशा तत्परता के साथ अपना अतुलनीय योगदान देते है जिस पर हम समस्त भारतीयों को गर्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड, देवभूमि के साथ ही वीरों की भूमि भी है। यहां सदैव देशभक्ति व राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना रही है। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा के लिए हमारे वीर सैनिक हमेशा तत्परता के साथ अपना योगदान देते हैं। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने सैनिकों की वीरता पर गर्व है और पूरा देश उनकी वीरता को नमन करता है।

राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

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15 दिसम्बर 2023,शुक्रवार ,जयपुर /देहरादून
संजय बलोदी प्रखर
मीडिया समन्वयक उत्तराखंड प्रदेश

 

जयपुर /देहरादून ,15 दिसम्बर ,भारतीय जनता पार्टी को तीन राज्यों में मिली प्रचंड विजय के पश्चात छत्तीसगढ़ ,मध्यप्रदेश के पश्चात आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को रामनिवास बाग जयपुर, राजस्थान में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुये। मुख्यमंत्री ने भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राजस्थान सर्वांगीण विकास के पथ पर अग्रसर होगा। यही नहीं राजस्थान का नया नेतृत्व राजस्थान को डबल इंजन की तेज गति से सर्वांगीण विकास के नये आयाम स्थापित करने में भी सफल होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. प्रेम चंद बैरवा एवं श्रीमती दिया कुमारी को भी राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

भारत – अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों में अग्रणी वैश्विक एग्रोकेमिकल्स विनिर्माण पावरहाउस

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श्री हरीश मेहतावरिष्ठ सलाहकारक्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के आंकड़ों के अनुसार, भारत 2022 में वैश्विक स्तर पर कृषि रसायनों के दूसरे सबसे बड़े निर्यातक के रूप में उभरा है।  डब्ल्यूटीओ एक अंतरसरकारी संगठन है जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को विनियमित और सुविधाजनक बनाता है।  भारत 1995 से डब्ल्यूटीओ का सदस्य रहा है। देश का निर्यात, जिसका मूल्य 5.5 बिलियन डॉलर है, ने संयुक्त राज्य अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है, जो 5.4 बिलियन डॉलर है।  भारत के कृषि रसायन उद्योग में वृद्धि के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2022-23 में 28,908 करोड़ रुपये का सार्थक व्यापार अधिशेष हुआ है।

मेक इन इंडिया मिशन या आत्मानिर्भर अभियान पहल के तहत निर्मित कई उत्पादों पर अनुसंधान एवं विकास को प्राथमिकता देने, नीतिगत सुधारों, मांग और नवाचार में भारत सरकार द्वारा समर्थित विकास लीवरों के कारण भारत का दृष्टिकोण वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने के लिए मजबूत बना हुआ है।

भारतीय कृषि रसायन उद्योग ने घरेलू और वैश्विक मांगों को पूरा करने के लिए उन्नत विश्व स्तरीय विनिर्माण सुविधाएं स्थापित की हैं, जिससे लंबी अवधि में कृषि रसायनों के आयात में और कमी सुनिश्चित हुई है।  यह उद्योग अपनी उत्पादन क्षमता, उत्पाद प्रभावकारिता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया है।

2022-23 के लिए उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर, भारत से कृषि रसायन उत्पादों को व्यापक रूप से विकसित देशों में निर्यात किया जाता है, जिसमें 5.3 बिलियन डॉलर की कृषि रसायन टोकरी में 50% से अधिक हिस्सेदारी संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील के पास है।  भारत के कृषि रसायनों का उपयोग अब दुनिया भर के 140 से अधिक देशों में किया जाता है।

भारतीय कंपनियां यूरोपीय संघ को भी निर्यात कर रही हैं, यह देखते हुए कि यूक्रेन में युद्ध के कारण यूरोपीय संघ में खाद्य आपूर्ति बाधित हो गई है और देश अपनी तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत और अन्य स्थानों से भोजन आयात कर रहे हैं।

विशेष रूप से, भारत में कृषि रसायन अनुमोदन के लिए नियामक आवश्यकताएं उच्च नियामक मानकों वाले देशों की तुलना में कहीं अधिक कठोर हैं।  किसी उत्पाद को भारत में उपयोग के लिए अनुमोदित करने से पहले, उद्योग को जैव प्रभावकारिता और सुरक्षा के लिए विष विज्ञान, पर्यावरण, अवशेष, पैकेजिंग और इसके निपटान से संबंधित विशाल डेटा और वैज्ञानिक अध्ययन प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है।

कीटनाशक अधिनियम, 1968 को मानव जीवन, पर्यावरण और जानवरों को नुकसान से बचाने के लिए कीटनाशकों के आयात, निर्माण, बिक्री, परिवहन और वितरण को विनियमित करने के लिए पेश किया गया था।  कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 जिसे अभी संसद द्वारा पारित किया जाना है, गुणवत्ता मानकों पर कड़ी जांच सुनिश्चित करेगा।  हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करती है कि गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित कृषि रसायन हमेशा उपलब्ध रहें।  जैसे, अक्टूबर 2023 में सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर 3 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की।

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक औसत 2.6 किलोग्राम/हेक्टेयर की तुलना में भारत केवल 400 ग्राम/हेक्टेयर कृषि रसायनों का उपयोग करता है।  भारत सरकार द्वारा ड्रोन नीतियों और विनियमों को आसान बनाने और मशीनीकरण और प्रौद्योगिकी में प्रगति ने घरेलू बाजार में कृषि रसायनों के कुशल उपयोग को सक्षम किया है, जिससे आयात में कमी आई है और निर्यात को बढ़ावा मिला है।  इसके परिणामस्वरूप कृषि रसायनों के अंतिम उपयोग से जुड़े त्वचीय जोखिम में भी कमी आई है।

छिड़काव करते समय अपनाए जाने वाले सुरक्षात्मक उपायों के बारे में किसानों को शिक्षित करने के अलावा, किसी विशेष फसल के लिए उपयोग किए जाने वाले फसल सुरक्षा समाधान की मात्रा और विविधता पर किसानों को शिक्षित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।  भारत सहित दुनिया भर में ड्रोन द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव बढ़ रहा है, और यह फसल की छतरी और मिट्टी पर रसायनों के भार को कम करने के लिए सटीक छिड़काव के लिए एक सुरक्षित और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करता है।

यहां तक ​​कि भारत में पर्यावरण मंजूरी मानदंड वैश्विक स्तर पर सबसे कड़े मानदंडों में से एक है।  भारत में, कृषि रसायन उद्योग को पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) में श्रेणी ए के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसके भाग के रूप में कृषि रसायन कंपनियों को विस्तृत ईआईए करने की आवश्यकता है और यह साबित करना होगा कि पर्यावरण पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है, तभी सरकार प्रदान करती है।  विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की मंजूरी।  भारत में अधिकांश कृषि रसायन कंपनियाँ अपशिष्ट-जल निर्वहन मानदंड को पूरा करती हैं।  उनमें से कई जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) मानक को भी पूरा कर रहे हैं। हर साल, भारतीय कृषि रसायन उद्योग पर्यावरण पदचिह्न को कम कर रहा है और नवीकरणीय ऊर्जा खपत की हिस्सेदारी बढ़ा रहा है।  बढ़ते ईएसजी प्रकटीकरण के आलोक में, भारत की अधिकांश कृषि रसायन कंपनियां अपनी स्थिरता रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में प्रकाशित करती हैं।

आगे की संभावनाओं और अवसरों को देखते हुए, भारत कृषि रसायन विनिर्माण और निर्यात के लिए वैश्विक नेता बनने के लिए अच्छी स्थिति में है।