Home Religion क्रिसमस के पहले पंजाब में अवैध धर्मांतरण! भाजपा ने उठाए सवाल

क्रिसमस के पहले पंजाब में अवैध धर्मांतरण! भाजपा ने उठाए सवाल

भाजपा ने आरोप लगाया है कि पंजाब की भगवंत मान सरकार अवैध धर्मांतरण के मामले पर चुप्पी साधे हुए है और इसे रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है।

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क्रिसमस के पहले पंजाब में अवैध धर्मांतरण! भाजपा ने भगवंत मान सरकार पर उठाए सवाल

भाजपा ने आरोप लगाया है कि पंजाब की भगवंत मान सरकार अवैध धर्मांतरण के मामले पर चुप्पी साधे हुए है और इसे रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। इसका बड़ा कारण यह है कि आम आदमी पार्टी सरकार इन्हें एक वोट बैंक के रूप में देखती है।
पंजाब के चमकौर साहिब में अवैध धर्मांतरण की घटना सामने आई है। आरोप है कि गत 16 दिसंबर को एक ईसाई मिशनरी के द्वारा एक सभा में स्वयं के अंदर ईसा मसीह की आत्मा आने का स्वांग रचा गया और गरीब-अशिक्षित लोगों को बहला-फुसलाकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। इससे पंजाब में अवैध धर्मांतरण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि पंजाब की भगवंत मान सरकार इस मामले का पूरा सच जानने के बाद भी चुप है, क्योंकि उसे अपना वोट खोने का डर है।
क्या है विवाद
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब में ईसाइयों की जनसंख्या केवल 1.26 प्रतिशत है। यहां सबसे ज्यादा सिख (57.69 प्रतिशत) और हिंदू (38.49 प्रतिशत) हैं। लेकिन आरोप है कि हाल ही के कुछ वर्षों में पंजाब में ईसाइयों के द्वारा गरीब सिखों-हिंदुओं को तरह-तरह का लालच देकर या धर्म के झूठे स्वांग रचकर उन्हें ईसाई धर्म में शामिल किया जा रहा है।
आरोप है कि हाल के दिनों में पंजाब में ईसाइयों के धार्मिक स्थल (चर्च) की संख्या बढ़ी है। विशेषकर पाकिस्तान से सटे इलाकों में जगह-जगह पर ईसाइयों के गिरजाघर (चर्च) बनाए जा रहे हैं। जिन जगहों पर ईसाई समुदाय के लोगों का कोई पूजा घर नहीं होता, वहां अचानक ही गिरजाघर बनाए जा रहे हैं। यहां आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। दीवारों पर ईसाई धर्म को बढ़ावा देने वाले संदेश भी लिखे गए हैं।

धर्मांतरण कार्यक्रमों में निहंग सिखों ने किया था प्रदर्शन
पिछले दिनों अवैध धर्मांतरण के कार्यक्रमों में पहुंचकर निहंग सिखों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिससे स्थिति तनावपूर्ण बन गई थी। एसजीपीसी के कुछ नेताओं ने भी धर्मांतरण के खिलाफ आजाव उठाई थी, लेकिन इसके बाद भी इन कोशिशों में कोई कमी नहीं आई है। हालांकि स्थानीय ईसाई इस तरह की किसी साजिश से इनकार करते हैं।

विरोध का बड़ा कारण
इस कथित धर्मांतरण का सबसे ज्यादा विरोध इसके तरीकों को लेकर किया जा रहा है। आरोप है कि ईसाई मिशनरी मंच पर खड़े होकर अपने अंदर ईसा मसीह की आत्मा आने की बात कहते हैं। वे तरह-तरह के स्वांग रचकर गरीब-अशिक्षित लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहते हैं। वे चमत्कारिक तरीके से लंबे समय से बीमार चल रहे लोगों को ठीक करने का दावा करते हैं। वे उन बीमार लोगों का भी पल भर में इलाज करने का दावा करते हैं जिन बीमारियों का इलाज संभव नहीं है।

आरोप है कि मंच से कुछ लोग इस बात का भी दावा करते हैं कि उनकी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी लंबे समय से ठीक नहीं हो रही थी। लेकिन जैसे ही उन्होंने ईसाई धर्म स्वीकार किया, उनकी बीमारी ठीक हो गई। इससे गरीब-अशिक्षित लोग प्रभावित होकर ईसाई धर्म की ओर मुड़ जाते हैं। इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाकर भी लोगों को ईसाई धर्म की ओर आकर्षित किया जाता है।

यह भी आरोप है कि वे गरीबों को यह बताते हैं कि ईसाई धर्म अपनाने से वे अमेरिकी-यूरोपीय देशों के ईसाइयों की तरह धनवान बन जाएंगे। लेकिन यह संभव नहीं है और इसका कोई आधार नहीं है। यही कारण है कि सिख समुदाय की ओर से इन दावों को गैरकानूनी बताकर इनका विरोध किया जा रहा है।

क्या कहता है संविधान
भारतीय संविधान के (अनुच्छेद 25-28) अनुसार कोई व्यक्ति अपनी पसंद से कोई भी धर्म चुन सकता है, और उसका प्रचार-प्रसार कर सकता है। लेकिन किसी व्यक्ति का धर्म जबरन या लालच देकर नहीं कराया जा सकता। भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए और 298 के अनुसार यह एक दंडनीय अपराध है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कानून बने हैं।

भाजपा ने क्या कहा
भाजपा प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने अमर उजाला से कहा कि पंजाब में गरीब हिंदुओं-सिखों को बड़े पैमाने पर ईसाई धर्म में परिवर्तित कराया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए ईसाई मिशनरी तरह-तरह के ढोंग रचते हैं। वे मंच पर खड़े होकर स्वयं में ईसा मसीह की आत्मा आने का स्वांग रचते हैं और तरह-तरह के करतब दिखाकर गरीब और अशिक्षित लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

सिरसा ने कहा कि दो दिन पहले 16 दिसंबर को भी इसी तरह की एक घटना पंजाब के चमकौर साहिब में घटी है। यह वही जगह है जहां सिखों के आराध्य गुरु गोविंद सिंह ने अपने दो साहिबजादों को धर्म की रक्षा करने के लिए शहीद करवा दिया। आज उसी धरती पर सिखों को ईसाई बनाने का खेल चल रहा है और लोग कुछ लालच में अपना धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब की भगवंत मान सरकार इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है और इस अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। इसका बड़ा कारण यह है कि आम आदमी पार्टी सरकार इन्हें एक वोट बैंक के रूप में देखती है। अमर उजाला ने इस विषय पर पंजाब सरकार या आम आदमी पार्टी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

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