सीएम के दौरे के लिए लगे चेकिंग पॉइंट पर पकड़े गए गौ तस्कर, ट्रक से मिले 57 जीवित और 4 मृत गोवंश

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Khargone Cow Smuggler: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का दौरा होने वाला है, जिसके चलते जिले में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर दिया. सीएम के दौरे के पहले सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए लगी चेकिंग में गोवंश की अवैध तस्करी करते एक वाहन पुलिस के हत्थे चढ़ गया. शातिर...

मलाड मस्ती में शामिल हुए काजोल, रेमो डिसूज़ा, राघव जुयाल

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मुंबई (करण समर्थ : आयएनएन भारत मुंबई): मुंबई स्थित मलाड पश्चिम में इनऑर्बिट मॉल के पास मलाड मस्ती २०२२ इवेंट यह साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहाँ काजोल, विशाल जेठवा, रेमो डिसूज़ा ,राघव जुयाल, ध्वनि भानुशाली, अली असगर, चिंकी मिन्की, मधुर शर्मा, रिद्धिमा तिवारी, डॉ अनिल मुरारका और कई जाने-माने हस्तियां शामिल हुए। आजकल लोग अपने टिव्ही या मोबाइल...

कांग्रेस ने ७० वर्षों में ७० तो भाजपा ने ८ वर्षों में ७२ एअरपोर्ट बनवाएं 

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गोवा के सबसे लाडले के नाम पर एयरपोर्ट गोवा तथा देश के विकास में सहायक होगा - पीएम मोदी स्व मनोहर पर्रिकर जी का सपना पूरा हुआ  - प्रमोद सावंत मोपा-गोवा  (करण समर्थ : आयएनएन भारत मुंबई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तरी गोवा के पेडणे तालुका के मोपा गांधी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण का उद्घाटन किया।...

पीएम मोदी को दिए विवादित बयान पर राजा पटेरिया गिरफ्तार

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पीएम मोदी को दिए विवादित बयान को लेकर राजा पटेरिया गिरफ्तार कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को पन्ना पुलिस ने उनके कथित 'पीएम की हत्या'  वाले बयान को लेकर उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। नरोत्तम मिश्रा के निर्देश पर राजा पटेरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की बात कहने वाले कांग्रेस सरकार...

चीन से झड़प में हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई : राजनाथ सिंह

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चीन से झड़प के मुद्दे पर राजनाथ ने लोकसभा में दिया जवाब, बोले- हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद में सरकार की तरफ से बयान जारी किया। उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा कि नौ दिसंबर को PLA गुट (चीनी सेना)...

प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर किया राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

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मुंबई। विश्व मानवाधिकार दिवस को विश्व भर में मनाने के एक भाग के रूप में 10 दिसंबर, 2022 को प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (पीएफएचआर) ने एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सलाहकार और पूर्व सीबीआई निदेशक(प्रोसिक्यूशन) एस के शर्मा ने संबोधित किया। वहीं राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता-राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी, किसान...

जिस पत्नी की हत्या के लिए काटी जेल, वह राजस्थान में मिली जिंदा

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'मुझे पसंद नहीं था पति': जिस पत्नी की हत्या के लिए काटी जेल, वह राजस्थान में मिली जिंदा, कर चुकी दूसरी शादी जिस पत्नी की हत्या के आरोप में पति सोनू डेढ़ साल और उसका दोस्त गोपाल नौ माह जेल में रहा वह महिला आरती दौसा (राजस्थान) के विशाला गांव में मिली। मथुरा जिले की स्वाट टीम ने आरती को...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख को पहले दी जमानत, फिर लगा दी रोक

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख को पहले दी जमानत, फिर 10 मिनट बाद ही लगा दी रोक बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को पहले तो जमानत दे दी लेकिन 10 मिनट के भीतर ही इसपर रोक लगा दी। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जेल से बाहर...

बोरवेल में मरते मासूम

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मध्य प्रदेश के बैतूल में बोरवेल के गड्ढे में गिरे 8 साल के तन्मय को 80 घंटे चले रेस्क्यू आपरेशन के बावजूद बचाया नहीं जा सका। बीती 6 दिसबंर की शाम को तन्मय 400 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बावजूद भी देशभर बच्चे लगातार बोरवेल में गिर रहे हैं। प्रशासन और लोगों की लापरवाही की वजह से बच्चे मौत में मुंह में समा रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि देश में ट्यूबवेल और बोरवेल के गड्ढे आखिर कब तक खुले छोड़े जाते रहेंगे और कब तब इसमें मासूम फंसते रहेंगे। हादसे आखिर कब तक होते रहेंगे? इसका जवाब कोई देना नहीं चाहता है। बैतूल के इस हादसे ने 2006 की उस घटना को ताजा कर दिया है जब हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले के एक गांव में चार साल का प्रिंस एक 60 फीट गहरी बोरवेल में जा गिरा था। उस समय भारतीय सेना ने आगे आकर रेस्क्यू का जिम्मा संभाला था और 50 घंटे बाद प्रिंस का सफल रेस्क्यू किया गया। प्रिंस की तो ऐसी किस्मत रही कि वो पचास घंटे फंसे रहने के बाद भी जिंदा बाहर निकाल लिया गया। लेकिन बैतूल के तन्मय के साथ ऐसा नहीं हो पाया। प्रिंस के रेस्क्यू ऑपरेशन के दृश्य टीवी चैनलों पर लाइव दिखाये जाने के बाद देश—दुनिया का ध्यान ऐसी घटनाओं की ओर गया था। और उम्मीद जताई गई थी कि भविष्य में फिर कभी ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी। बोरवेल में गिरने पर बहुत ही कम बार ऐसा हुआ है कि किसी को जिंदा बचाया गया हो क्योंकि बोरवेल में ऑक्सीजन की कमी के चलते अंदर फंसे बच्चे का दम घुट जाता है वही बचाने की प्रक्रिया बेहद मुश्किल और लंबी चलने वाली होती है। ऐसा कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, जिससे ऐसे हादसों में होने वाली मौतों की संख्या का सही-सही पता चल सके लेकिन जैसी हमारी व्यवस्थाएं हैं और जिस तरह का हमारा तंत्र है, उसके मद्देनजर यह अवश्य कहा जा सकता है कि बार-बार होते ऐसे हादसों पर आंसू बहाना ही हमारी नियति है। जानकारी के अनुसार देश में तेजी से गिरते भू-जल स्तर के चलते टयूबेल को चालू रखने के लिए कई बार उन्हें एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ता है। और जिस जगह से टयूबेल को हटाया जाता है, वहां लापरवाही के चलते बोरवेल खुला छोड़ दिया जाता है। तमाम हादसों के बावजूद न तो आम आदमी में जागरूकता आई है और न ही प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की फुर्सत है। बोरवेलों में बच्चों के गिरने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2010 में ऐसी हादसों पर संज्ञान लिया था और कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। 2013 में सर्वोच्च अदालत ने बोरवेल से जुड़े कई दिशा-निर्देशों में सुधार करते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे। लेकिन नियमों की अवहेलना करना हमारी आदतों में शुमार हो गया है। ऐसे हादसे बड़े ही दुखदाई होते हैं लेकिन उससे भी ज्यादा दुखदाई बात यह है कि हम जरा सी कोशिश उसे इन हादसों को टाल सकते हैं लेकिन फिर भी लापरवाही और मूर्खता के चलते थोड़ी भी सावधानी नहीं बरतते। जानकारों के अनुसार, बोरवेल की खुदाई से पहले खुदाई वाली जगह पर चेतावनी बोर्ड लगाया जाना और उसके खतरे के बारे में लोगों को सचेत किया जाना जरूरी है।। इसके अलावा ऐसी जगह को कंटीले तारों से घेरने और उसके आसपास कंक्रीट की दीवार खड़ी करने के अलावा गड्ढ़ों के मुंह को लोहे के ढ़क्कन से ढ़कना भी अनिवार्य है। लेकिन सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्थाओं या व्यक्तियों द्वारा बिना सुरक्षा मानकों का पालन किए गड्ढ़े खोदना और खुदाई के बाद उन्हें खुला छोड़ देने का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है। हर घटना से सीखने की बात होती है पर घटना दर घटना होती रहती है और मासूम मौत के कुएं में गिरते रहते हैं। मौत के ऐसे गड्ढे कब भरे जायेंगे जिम्मेदार इसका जवाब नहीं दे पा रहा हैं। आखिर कब तक मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ होता रहेगा? (युवराज)

प्रधानमंत्री ने नागपुर और बिलासपुर के बीच छठी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई

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प्रधानमंत्री ने 11.12.2022 को नागपुर और बिलासपुर के बीच छठी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई प्रधानमंत्री ने नागपुर और अजनी रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास किया  नागपुर-इटारसी तीसरी लाइन परियोजना के कोहली-नरखेड़ खंड (49.74 किमी) एवं 12000 एचपी डब्ल्यूएजी-12 क्लास माल इंजनों के लिए सरकारी रखरखाव डिपो, अजनी को राष्ट्र को समर्पित किया*  अत्यंत आकर्षक रंगीन ढंग से सजाए...