सीखें दिव्य चिकित्सा मंत्र अश्विनी गुरु जी के साथ मुंबई में

0

आपने गुरु शुक्राचार्य द्वारा प्रतिपादित संजीवनी विद्या के बारे में जरूर सुना होगा, जिसमें मृत को जीवित कर सकने की क्षमता थी। अथवा संजीवनी बूटी नामक एक निश्चित जड़ी-बूटी मौजूद थी, जिसके उपयोग से लक्ष्मणजी के प्राण बचाए गए थे। ऋषि दधीचि के पास मौजूद मधु विद्या या ब्रह्मविद्या के बारे में भी आपने जरूर सुना होगा जो किसी...

IIFA AWARD 2023 , डॉ.मुस्तफ़ा युसूफ अली गोम को मिला दादा साहेब फाल्के इंडियन टेलीविजन अवॉर्ड

0

मुंबई - होटल सहारा स्टार में आयोजित आईआईएफए अवॉर्ड समारोह में मुंबई के जाने माने उद्योगपति और समाजसेवी तथा केयर टेकर्स एक्सटीरियर एंड इंटीरियर प्राइवेट लिमिटेड '' के प्रबंध निदेशक डॉ.मुस्तफ़ा युसूफ अली गोम को दादा साहेब फाल्के इंडियन टेलीविजन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया उन्हें यह सम्मान फिल्म अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे और एसीपी संजय पाटिल , युवा राजनेता...

डॉ निकेश जैन माधानी को मिला पद्मिनी कोल्हापुरे और एसीपी संजय पाटिल के हाथों दादा साहेब फाल्के इंडियन टेलीविजन अवॉर्ड प्रस्तुत आईआईएफए अवॉर्ड

0

मुम्बई। बिजनेसमैन डॉ. निकेश ताराचंद जैन माधानी प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे, दिंडोशी मालाड के एसीपी संजय पाटिल और यूनियन लीडर अभिजीत राणे के हाथों दादा साहेब फाल्के इंडियन टेलीविजन अवॉर्ड प्रस्तुत आईआईएफए अवॉर्ड 2023 से सम्मानित हुए। यह अवार्ड उन्हें सक्सेसफुल बिजनेसमैन के रूप में मिला। यह पुरस्कार समारोह 17 दिसम्बर 2023 को ओएस्टर बैंक्वेट हॉल, होटल सहारा स्टार...

आदर अभिनन्दन “आभार मिशन सिलक्यारा’’ कार्यक्रम में श्रमिक संगठनों ने मुख्यमंत्री धामी का किया आभार व्यक्त

0

  17 दिसंबर 2023,रविवार ,देहरादून संजय बलोदी प्रखर मीडिया समन्वयक उत्तराखण्ड प्रदेश देहरादून ,17 दिसंबर ,मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित ‘आदर अभिनन्दन, आभार मिशन सिलक्यारा’’ कार्यक्रम में श्रमिक संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग से 41 श्रमिकों को सकुशल निकालने के लिए सिलक्यारा...

शहीदी दिवस : 17 दिसंबर महान परोपकारी व समाज कल्याणकारी श्री गुरू तेग बहादुर

0

माधवदास ममतानी - विभूति फीचर्स श्री गुरू नानक देवजी के नवें स्वरूप 'श्री गुरू तेग बहादरजीÓ का जन्म पंजाब के प्रसिद्ध शहर अमृतसर में वैशाख वदी 5 संवत 1678 अर्थात 12 अप्रैल 1621 को हुआ। इनके पिता का नाम श्री हरगोबिंद है, जो सिख धर्म के छठवें गुरू हैं। इनकी माता का नाम नानकी है। श्री गुरू तेग बहादुर को प्रारंभिक...

पंजाब के आई.ए.एस और आईपीएस अफसरों की पहली पसंद बना मोहाली

0

सुभाष आनंद - विभूति फीचर्स पंजाब के आई ए एस और आई.पी.एस अफसरों की पहली पसंद चंडीगढ़ हुआ करता था जबकि हरियाणा केडर के अफसरों की पहली पसंद पंचकूला हुआ करता था । नए आंकड़ों के अनुसार अब पंजाब के बड़े अफसरों की पहली पसंद मोहाली बनता जा रहा है। सूत्रों से पता चला है कि मोहाली पंजाब का हिस्सा होने...

जन्मतिथि के अंकों से जानिये अपना व्यक्तित्व

0

सुनील जैन राना’ - विभूति फीचर्स जिस प्रकार जन्मपत्री एवं हस्तरेखाओं द्वारा ज्योतिषी भूत-भविष्य का पता लगा लेते हैं, उसी प्रकार अंक विज्ञान द्वारा भी मानव के व्यक्तित्व के बारे में काफी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। प्राचीनकाल में भारतीय खगोलशास्त्री, मि व बैवीलोनिया के विद्वानों ने अंकों के रहस्य के बारे में बहुत सटीकता से बताया है। सुप्रसिद्ध पाश्चात्य अंकशास्त्री कीरो...

अरिष्टदायक ग्रहों को शुभदायक बनाने के लिए कुछ सरल उपाय

0

ब्रह्मïर्षि वैद्य पं. नारायण शर्मा कौशिक - विभूति फीचर्स प्रत्येक प्राणी पर ग्रहों का प्रभाव पड़ता है यथा पिण्डे तथा ब्राह्मणे’ के अनुसार अरिष्टदायक स्थिति को शुभ मंगलमय बनाने के लिए कुछ सरल उपाय करें तो निश्चित ही हमें शुभदायक परिणाम मिलेंगे तथा जीवन में नए कार्य के प्रति बनायी गयी योजनाओं में लाभ भी प्राप्त होगा। पुण्य कार्य सुफलम् दायकम् हम...

अगर आपकी जिंदगी से चले जाएं सुगंध और स्वाद?

0

सुभाष बुड़ावनवाला - विभूति फीचर्स ओलंपिक में दो बार स्वर्ण पदक जीत चुके जेम्स क्रैकनेल न सूंघ सकते हैं और नही किसी चीज का स्वाद ले सकते हैं। एक दिमागी चोट के कारण उनकी सूंघने और स्वाद लेने की शक्ति कमजोर हो गई है- जिंदगी कैसी हो, अगर हमारी ये महत्वपूर्ण इंद्रियां काम करना बंद कर दें? इसी तरह डंकन बोक 2005 में...

प्रज्ञान : बच्चों के लिए संवेदनात्मक रचनाएँ

0

प्रज्ञान, बाल साहित्यकार डॉ सत्यवान सौरभ जी की इक्यावन बाल कविताओं का सुन्दर संग्रह है। इन कविताओं में जीवन के विविध रंग देखने को मिलते हैं। इनमें प्रकृति का सौन्दर्य है तो समाज की कुरूपता भी है। जहाँ बचपन के आनंद का सजीव चित्रण है वहीं आर्थिक विवशताओं के कारण काम के बोझ तले दबे बच्चों का मर्मस्पर्शी वर्णन...