मुख्य अतिथि पवन तिवारी ने हिंदी भाषा पर रखे विचार साथ अलका पांडेय ने साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया
नवी मुंबई। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी मुम्बई और अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच के संयुक्त तत्वावधान में नवी मुंबई के सानपाडा स्थित होटल हाईवे व्यू शिकारा रेस्टोरेंट में भारतवर्ष के आज़ादी के 75वां अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत हिंदी व्याख्यान तथा काव्य पाठ का आयोजन सम्पन्न हुआ। उसी अवसर पर मुम्बई सहित अन्य राज्यों के साहित्यकारों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति ने कार्यक्रम की रौनक बढ़ाई।
मंच की अध्यक्ष अलका पाण्डेय ने बताया कि एक दिवसीय कार्यक्रम तीन सत्र में पूरा हुआ। पहला सत्र ‘हिंदी की लघु कथाएं और कहानी का वाचन’ की अध्यक्षता सेवासदन प्रसाद ने की तथा विशेष अतिथि के रूप में अरविंद राही और पूनम पटवा मंच पर विराजमान रहीं। कहानी और लघु कथा का वाचन चंद्रिका व्यास, वंदना श्रीवास्तव, ओम प्रकाश पांडे और नीरजा ठाकुर ने किया और मंच संचालन पवन तिवारी एवं कुमार जैन ने किया।
दूसरा सत्र ‘हिंदी व अन्य भाषाओं का महत्व और भ्रांतियां’ कार्यक्रम की अध्यक्षता पवन तिवारी ने की तथा विशिष्ट अतिथि हेमलता मिश्र मानवी, राम कुमार त्रिपाठी, अलका पांडेय, विधु भूषण त्रिवेदी मंच पर आसीन रहे। मंच संचालन अश्विन पांडे और संतोष पांडे ने किया वहीं डॉ. शिवदत्त शुक्ल स्मृति सम्मान साहित्य भूषण सम्मान से अलंकृत हुए। साहित्यकार, कवियत्री चित्रा देसाई को साहित्य भूषण से सम्मानित किया गया। विधु भूषण त्रिवेदी हृदयांगन को साहित्य सेवी गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया तथा राम कुमार त्रिपाठी को हिंदी सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया।
तीसरा सत्र काव्य पाठ का रहा जिसका संचालन पवन तिवारी ने किया और रेखा रोशनी ने अपनी शानदार रचनाओं से शमा बांधा।
मुख्य अतिथि पवन तिवारी ने कहा कि जिस देश में राष्ट्रभाषा नहीं वो राष्ट्र गूंगा होता है। हिंदी के महत्व को पहचानना होगा तथा शैक्षणिक व प्रसाशनिक कार्यों में हिंदी का प्रचलन अधिक से अधिक होना चाहिए तभी हम हिंदी को राजभाषा से राष्ट्रभाषा बनाने में सफल हो सकते हैं।
कार्यक्रम में कवि कल्पेश यादव, त्रिलोचन सिंह अरोड़ा, रामस्वरुप साहू, नंदलाल क्षितिज, संतोष पांडेय, तनुजा चौहान, शशि सिंह, मीनाक्षी शर्मा, अरुण प्रकाश मिश्र अनुरागी, दिलीप ठक्कर ने काव्य पाठ किया।
सभी कवियों को सम्मान पत्र देकर सम्मान किया गया व कुछ वरिष्ठ साहित्यकार भी सम्मानित हुए। विजय भटनागर, गोपी नाथ बुबना, शशि सिंह, विशंभर दयाल तिवारी, अशोक पांडे, परमिंदर सिंह आदि को अग्निशिखा गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में कोटक महिंद्रा बैंक के रिप्रेजेंटेटिव भी उपस्थित हुए और उन्होंने बुजुर्गों और गृहिणियों के लिए इनकम प्लान भी बताया जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
अंत में मंच की अध्यक्ष अलका पाण्डेय ने सबका आभार व्यक्त किया और राष्ट्र गीत के बात स्वादिष्ठ भोजन का आनंद साहित्य से जुड़े सभी अतिथियों ने लिया।
सभी अतिथियों को तुलसी का पौधा भेंटकर विदा किया गया।
– संतोष साहू