वाशिंगटन, प्रेट्र: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत न तो ‘पृथकतावाद’ है और न ही ‘संरक्षणवाद’, बल्कि यह इस तथ्य की स्वीकार्यता है कि भारत को जीडीपी में अपनी विनिर्माण हिस्सेदारी बढ़ानी चाहिए। सीतारमण ने यहां प्रतिष्ठित ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में व्यापक तौर पर औद्योगिकीकरण नहीं हुआ क्योंकि इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी की कमी थी।
अलगाववाद या संरक्षणवाद के रूप में गलत समझा
सीतारमण ने मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत परियोजना के संदर्भ में कहा कि हम पिछले आठ साल से इसी कमी को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को अलगाववाद या संरक्षणवाद के रूप में गलत समझा जाता है। यह इस तथ्य की मान्यता है कि भारत को सकल घरेलू उत्पाद का अपना विनिर्माण हिस्सा बढ़ाना चाहिए क्योंकि यह कुशल और अर्धकुशल दोनों के लिए रोजगार पैदा करता है।
USA | Pre-pandemic efforts included making Indian Economy robust with infrastructure of not just roads but also digital infrastructure ready, financial inclusion-so everybody has access to bank account. All this came in handy during pandemic: Finance Minister Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/3rxpJ5O6xn
— ANI (@ANI) October 11, 2022