बेहतर भविष्य की खेती: सटीक कृषि और प्रौद्योगिकी नवोन्मेष के ज़रिये किसानों को सशक्त बनाना

यूपीएल सस्टेनेबल एग्री सॉल्यूशंस के मुख्य कार्यकारीआशीष डोभाल से मिली जानकारी के आधार पर

खेती बेहद सहनशीलता का व्यवसाय हैजिसमें सबसे अनुकूल परिस्थितियों में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह ऐसी दृढ़ता की मांग करता है जिसकी ज़रूरत कुछ ही दूसरे व्यवसायों में होती है। किसानों को भयहताशाअनिश्चितता और चिंता की भावनाएं हमेशा जकड़े रहती हैं क्योंकि वे हर मौसम में लगातार सामने आने वाली चुनौतियों से जूझते हैं। हालांकिसमकालीन संदर्भ मेंलगातार बढ़ती वैश्विक आबादी को खिलाने का बोझ बहुत बढ़ गया हैजिससे ज़मीन पर मेहनत करने वालों की परेशानी और बढ़ गई है।

जलवायु परिवर्तन हमारी दुनिया के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करने वाला एक आसन्न संकट है और इसने विशेष रूप से किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को बढ़ा दिया है। मौसम की तीव्रता जैसे अत्यधिक गर्मीसूखाबाढ़ और बेमौसम बारिश और तापमान में उतार-चढ़ाव सहित मौसम का अनियमित पैटर्नआदि का असर खेती पर बढ़ता ही जा रहा है। इसी तरहपानी जैसे आवश्यक संसाधन पर बहुत दबाव है जबकि निरंतर बढ़ रही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अधिक भोजन के उत्पादन के लिए पानी बेहद महत्वपूर्ण है।

संक्षेप मेंआज खाद्यान्न उत्पादन का काम पहले से कहीं अधिक कठिन हो गया है। विडंबना यह है कि आज किसानों से आज पहले से कहीं अधिक उत्पादन की उम्मीद की जाती है। इन प्रतिकूलताओं के बावजूदकिसान असली नायक के रूप में उभरते हैं और प्रतिबद्धतासमर्पण तथा दृढ़ता के साथ अपने पेशे की जटिलताओं को पार कर रहे हैं। हालांकि इसके प्रति कृतज्ञता जताने से परे जाकर किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाना अनिवार्य है। इसका लक्ष्य उन्हें अधिक खाद्यान्न उगानेवहनीयता को बढ़ावा देने और वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने के साधन प्रदान करना है।

सौभाग्य सेआज के दौर में प्रौद्योगिकी के तीव्र विकास के माध्यम से इन चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। मौजूदा प्रौद्योगिकी-आधारित समाधानों के उपयोग से खेतों की उत्पादकता और वहनीयता काफी बढ़ सकती हैजिससे आखिरकार किसानों के जीवन में सुधार हो सकता है।

इंटरनेट ऑफ थिंग्सआर्टिफिशियल इंटेलिजेंसड्रोन और सैटेलाइट इमेजिंग जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ-साथ किसानों के फोन पर भेजे जाने वाले स्वचालित अलर्ट जैसी सामान्य प्रौद्योगिकी भी परिवर्तनकारी संभावनाएं प्रदान करती हैं। साथ जोड़ने पर, इन प्रौद्योगिकियों की शक्ति सटीक कृषि के लिए मार्ग प्रशस्त करती है – एक ऐसा तरीका जिसके तहत मौसम की स्थितिमिट्टी के स्वास्थ्यकीट प्रसार और समग्र फसल की स्थिति जैसे डेटा के आधार पर इनपुट को सही समय पर और सही मात्रा में लागू किया जाता है।

सटीक कृषि (प्रेसिज़न एग्रीकल्चर) से न केवल उपज बढ़ती हैबल्कि यह मिट्टी के दीर्घकालिक स्वास्थ्य में भी योगदान देती हैजिससे कृषि भूमि की उर्वरता बढ़ती है। इस तरीके में इनपुट का अधिक सटीकता से उपयोग होता है और इसके परिणामस्वरूप किसानों के लिए लागत कम होती है। साथ हीबढ़ी हुई उत्पादकता और बेहतर फसल गुणवत्ता किसानों को उच्च आय प्राप्त करने में मदद करती है।

 

प्रौद्योगिकी के विस्तार के लिहाज़ से इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटीकनेक्टेड कृषि परितंत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आईओटी उपकरणजैसे कि खेतों में तैनात सेंसरमिट्टी की नमीतापमान और अन्य महत्वपूर्ण कारकों के संबंध में रीयल टाइम डाटा इकट्ठा करते हैं। किसानों को कार्रवाई योग्य जानकारी प्रदान करने के लिए इस डेटा को कृत्रिम बुद्धिमत्ता एल्गोरिदम का उपयोग करके संसाधित किया जाता है। उदाहरण के लिएकिसान अपने स्मार्टफोन पर मौजूदा मौसम की स्थिति के आधार पर रोपाई के उपयुक्त समय या सिंचाई की आवश्यकता के बारे में अलर्ट प्राप्त कर सकते हैं।

ड्रोन और सैटेलाइट इमेजिंग कृषि पद्धतियों की सटीकता को और बढ़ाते हैं। ये प्रौद्योगिकियां किसानों को अपनी फसलों के स्वास्थ्य का आकलन करनेकीट संक्रमण की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान करने और अपने खेतों की समग्र स्थिति की निगरानी करने में मदद करती हैं। इस तरह की विस्तृत जानकारी किसानों को सूचित निर्णय लेनेलक्षित हस्तक्षेप लागू करने और संसाधनों और प्रयास दोनों के संदर्भ में बर्बादी को कम करने में सशक्त बनाती है।

प्रौद्योगिकी का एकीकरण वित्तीय और लॉजिस्टिक्स से जुड़े पहलुओं को शामिल करने के लिए क्षेत्रों से परे फैला हुआ है। मोबाइल एप्लिकेशनजो बाज़ार की जानकारी प्रदान करते हैंऑनलाइन बिक्री की सुविधा प्रदान करते हैं और किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ते हैंअधिक कुशल और पारदर्शी कृषि आपूर्ति श्रृंखला में योगदान करते हैं। इससे न केवल बिचौलियों पर निर्भरता कम होती है बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले।

आइए हम अपने किसानों को सशक्त बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और वहनीयता तथा सटीक कृषि जैसी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हों। ऐसा करहम सामूहिक रूप से एक ऐसे भविष्य के निर्माण की दिशा में प्रयास कर सकते हैं जहां किसानों को कम चुनौतियों का सामना करना पड़ेगाउनका कल्याण होगा और वे वैश्विक खाद्य सुरक्षा की रीढ़ बने रहेंगे। प्रौद्योगिकी के एकीकरण से न केवल उत्पादकता बढ़ती है बल्कि वहनीयता को भी बढ़ावा मिलता हैजिससे यह सुनिश्चित होता है कि खेती जैसा महान पेशा उभरती चुनौतियों के सामने दृढ़ बना रहे।

Previous articleगोदरेज इंटेरियो ने अपने गुड एंड ग्रीन उत्पाद पोर्टफोलियो से वित्तीय वर्ष 24 में 42% राजस्व का रखा लक्ष्य
Next articleपूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने किया ‘भारतीय छात्र संसद’ का उद्घाटन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here