Home National दिल्ली, उत्तर भारत में फिर से भूकंप के झटके

दिल्ली, उत्तर भारत में फिर से भूकंप के झटके

दिल्ली में बुधवार को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 2.7 मापी गई। इसका केंद्र नई दिल्ली में जमीन से पांच किलोमीटर गहराई में था। आसपास के कुछ इलाकों में भी झटके महसूस किए गए।इससे पहले कल यानी मंगलवार रात रात 10 बजकर 19 मिनट पर दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे(

182
0

दिल्ली में एक बार फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके

रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 2.7 मापी गई। इसका केंद्र नई दिल्ली में जमीन से पांच किलोमीटर गहराई में था। आसपास के कुछ इलाकों में भी झटके महसूस किए गए।

दिल्ली में बुधवार को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 2.7 मापी गई। इसका केंद्र नई दिल्ली में जमीन से पांच किलोमीटर गहराई में था। आसपास के कुछ इलाकों में भी झटके महसूस किए गए।इससे पहले कल यानी मंगलवार रात रात 10 बजकर 19 मिनट पर दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र जमीन से 156 किलोमीटर गहराई में अफगानिस्तान का फायजाबाद था। मंगलवार को आए भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग घबराकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके दिल्ली के अलावा उत्तराखंड, पंजाब में भी महसूस किए गए थे। हर जगह अफरा-तफरी का माहौल रहा था। लोगों ने दो से तीन बार झटके महसूस हुए थे।

कैसे आता है भूकंप?

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता 

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है। लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

Previous article24 मार्च को मास्क ओटीटी पर रिलीज होगी फिल्म ‘लीच’
Next articleमां शैलपुत्री व्रत में लगाएं गाय के घी का भोग

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here