– महाकुम्भ का विशाल आयोजन के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी साधुवाद के पात्र
– आज होगा विशाल रथयात्रा, लाखों भक्तगण होंगे शामिल

प्रयागराज 27 जनवरी : प्रयाग में युगों पूर्व अमृत कुम्भ से अमृत की बूंदें गिरी, इसलिए लोग यहाँ कुम्भ मनाने आते है। अगर अमृत की बून्द नहीं गिरता तो यहाँ लोग नहीं आते। इसलिए वह अमृत क्या है इसकी खोज होनी चाहिए। यह बातें आज सुविख्यात अध्यात्म तत्त्ववेत्ता एवं लब्ध प्रतिष्ठित समाजसेवी परम पूज्य श्री सतपाल जी महाराज ने कही। मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में विराट सद्भावना सम्मेलन, सेक्टर 8, नागवासुकी जोन, बजरंगदास मार्ग, बेनीमाधव मार्ग एवं पद्मामाधव मार्ग के बीच में स्थित कुम्भ मेला क्षेत्र के त्रिदिवासीय मानव धर्म शिविर में उपस्थित अपार जन समूह को प्रथम दिन सम्बोधित करते हुए श्री महाराज जी ने कहाँ कि जो संगम में स्नान करने वाले है, कुम्भ में आने वाले वह जिज्ञासु या भक्त है उन्हें अमृत कि तलाश करनी चाहिए। उस अमृत से ही कुम्भ पर्व का महत्व काफी बड़ गया है। ‘मृत्योर्मा अमृतँ गमय’ की वैदिक सूक्ती मृत्यु से अमरता की और अग्रसर होने की प्रेरणा देती है। उसी अमृत का स्मरण कराकर उसके पान कराने के उद्देश्य से भारत की पवित्र भूमि में कुम्भ महापर्वो का आयोजन होता है। श्री महाराज जी ने आगे कहाँ कि प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक ये चार पुण्य स्थल है जहाँ युगों पूर्व अमृत कुम्भ से अमृत की बुँदे गिरी थी तथा इन तिर्थो से प्राचीन ऋषि मुनियों ने पूरे विश्व को शान्ति, सौहार्द, प्रेम ओर सद्भावना का संदेश दिया। श्री गुरू महाराज जी ने कहाँ कि प्रयागराज विश्व में सबसे बड़ा मेला महाकुम्भ का विशाल आयोजन किया इसके लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी साधुवाद के पात्र है। श्री योगी जी उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना चाहते है। उनका अथक प्रयास से यह सब शुभ कार्य संपन्न हो रहा है।
श्री सतपाल जी महाराज ने सद्भावना सम्मेलन के मंच से कहाँ कि मंगलवार को सद्भावना सम्मेलन प्रांगण से ताकरीबन 7 किलोमीटर का विशाल रथयात्रा सुबह 10 बजे से प्रारम्भ होगा। इस शुभयात्रा में लाखों कि संख्या में भक्तगण शामिल होंगे।
सनातन धर्म, संस्कृति और अध्यात्म ज्ञान का प्रचार प्रसार कर सद्भावना, पारस्परिक प्रेम एवं सौहार्द कि भावना को देश के कोने कोने में जागृत करना तथा भारत विश्व गुरू बनाना ही परम पूज्य श्री सतपाल जी महाराज का मूल उद्देश्य है।

इस विराट सद्भावना सम्मेलन में भाग लेने के लिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखण्ड, दिल्ली, हरियाणा, मुम्बई, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल तथा देश विदेश के लाखों श्रद्धालु भक्तगण पधार चुके है। सम्मेलन में भाग लेने आये भक्तो के लिए भोजन आवास एवं शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था कि गयी है।

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