MP- झांसी महानगर के बहुचर्चित क्षेत्र लकारा निवासी स्वर्गीय श्री श्याम लाल दोहरे की 5 पुत्रियां थी जिसमें एक पुत्री की शादी कर आकस्मिक श्यामलाल का स्वर्गवास हो गया। बाकी पुत्रियों के सिर से पिता का साया उठ गया। लेकिन कहावत है “जिसका कोई नहीं, उसका खुदा होता है”यही वाक्या मोहिनी और पूनम के साथ हुआ पिताजी के स्वर्गवास होने पर उनका लालन-पालन मां और परिवार के सदस्यों ने किया। लेकिन जब बेटी की डोली उठती है तो उस समय मां-बाप का होना एक सुखद होता है। लेकिन जब सिर से बाप का साया उठ जाए तो उस संतान से पूछो उसके दिल पर क्या गुजरती है।लेकिन सनातन धर्म में कहावत है।”बेटियां अपना भाग्य खुद लिख कर आती हैं”जब यह जानकारी झांसी के वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी को लगी तो बिना भेदभाव ऊंच-नीच से परे समाज हित में अपना जीवन समर्पित कर चुके वरिष्ठ समाजसेवी डॉ.संदीप सरावगी बेटियों की शादी की पूर्व संध्या पर उनके निज निवास लकारा पहुंचे। यह देखकर परिवार के सदस्य व रिश्तेदार देखते रह गए की आखिर कोई तो है।
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इस जहां में जो नेक कार्य कर रहा है। वरिष्ठ समाजसेवी ने बेटियों के सिर पर हाथ रखकर अभिभावक के रूप में आशीर्वाद दिया और आर्थिक मदद की और कहा कि जब भी कोई जरूरत पड़े तो बेहिचक बताना पिता के रूप में मैं आपके साथ हमेशा खड़ा रहूंगा। इस मौके पर लकारा ग्राम के पूर्व प्रधान हरचरण दोहरे ने कहा की एक साक्षात भगवान का स्वरूप है जो इस कलयुग में उन असहाय परिवारों की मदद करते हैं। और हर सुख दुख में अपने क्षेत्र की जनता के साथ खड़े हैं।ऐसे युगपुरुष को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद देता हूं। वही मोहिनी और पूनम के चाचा सियाराम दोहरे ने कहा कि मेरा भाई तो इस दुनिया में नहीं रहा।लेकिन एक भाई रूप में बड़ा भाई हमें मिला। मैं जिंदगी भर ऐसे भाई का आभारी रहूंगा। इस मौके पर संघर्ष सेवा समिति की सदस्य धर्मेंद्र खटीक,राजू सेन,बसंत गुप्ता,सुशांत गुप्ता,विकास पिपरिया,विशाल पिपरिया,अतुल वर्मा, राकेश अहिरवार,मो. शहजाद,अजय आरंभ,संदीप नामदेव आदि उपस्थित रहे।
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