मुंबई: बांगुर नगर पुलिस ने साइबर क्राइम से जुड़े एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जिसका लिंक चीन से है। इस गिरोह के पांच आरोपियों को पुलिस ने कोलकाता, मुंबई और विशाखापत्तनम से गिरफ्तार किया है। ये आरोपी मुंबई पुलिस के 50 से अधिक पुलिस अधिकारियों के नाम और उनके फोटो का इस्तेमाल कर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया करते थे। पुलिस के अनुसार, गिरोह का मास्टरमाइंड हैदराबाद का श्रीनिवास राव (49) है। वह 3-4 साल से रोजाना करोड़ों रुपयों की साइबर ठगी करता था, लेकिन पुलिस के रेडार पर नहीं आया है। पुलिस के मुताबिक वह हर दिन तीन से पांच करोड़ रूपये कमाता था। 12वीं तक पढ़े राव के 40 खातों में जमा 1.50 करोड़ रुपये पुलिस ने फ्रीज कर दिए हैं। आरोप है कि भारत में जुटाई गई साइबर फ्रॉड की रकम को राव चीन भेजता था। वहां वह चीनी बैंकों में यह पैसों जमा करता था और चीनी साइबर क्रिमिनल के संपर्क में भी था।
फर्जी केसों में फंसाने की धमकी
डीसीपी अजय कुमार बंसल के अनुसार, काफी दिनों से साइबर क्राइम से संबंधित शिकायतें मिल रही थीं कि पुलिस अधिकारी लोगों को कॉल कर उनके पार्सल में मादक पदार्थ होने की बात कहता है। इसलिए पार्सल को वेरिफाई करने लिए उन्हें किसी थाने में बुलाया जाता है। चूंकि, लोग पुलिस का नाम और उनका फोटो देखकर डर जाते थे। इसलिए वे सामने वाले को असली पुलिस समझकर उनकी बात पर भरोसा कर उन्हें केस से बचने के लिए पैसे दे देते थे। आरोपी लोगों को फंसाने के लिए स्काइप और वॉट्सऐप कॉल का इस्तेमाल करते थे।
पुलिस की छवि हो रही थी खराब
डीसीपी बंसल के अनुसार, इस मॉडस ऑपरेंडी के जरिए ठगी करने वाले इस गिरोह के खिलाफ पुणे, दिल्ली, बेंगलुरु, एनसीआर, मुंबई साइबर व पिंपरी-चिंचवड आदि जगहों पर केस दर्ज हैं। चूंकि, इन सभी केसों में मुंबई पुलिस की छवि खराब हो रही थी, इसलिए इस सिंडिकेट को क्रैक करना जरूरी था ताकि लोग पुलिस पर भरोसा कर सकें।