भोपाल, 03 अगस्त (हि.स.)। गौ-संवर्धन बोर्ड की कार्यपरिषद के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि की उपस्थिति में बुधवार को भोपाल में शारदा विहार स्थित कामधेनु गौ-शाला एवं गौ-विज्ञान अनुसंधान केन्द्र में गायों को गलघोंटू, एक टंगिया आदि बीमारियों का टीकाकरण करने के साथ ही बछड़े-बछड़ों को कृमि-नाशक दवाइयाँ दी गईं। स्वामी जी, वेटनरी काउंसिल ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष डॉ. उमेश शर्मा, संचालक पशुपालन एवं डेयरी डॉ. आर.के. मेहिया ने उपचार के लिये गौ-शाला को औषधियाँ भी भेंट की।

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने गौ-शाला में 200 से अधिक गिर नस्ल की गायों के रख-रखाव, स्वास्थ्य और स्वच्छता की प्रशंसा की। गौ-शाला दो भागों में विभक्त है। एक खण्ड में दुधारु गाय हैं। अधिकांश गाय 10 से 24 लीटर तक दूध दे रही हैं। दूसरे खण्ड में बेसहारा और बीमार गायों को प्रश्रय दिया जाता है। इन गायों का गौ-मूत्र और गोबर भी गौ-काष्ठ, फिनायल आदि बनाने में उपयोग होता है। गौ-शाला के अनुसंधान केन्द्र में 42 प्रकार की औषधि का भी निर्माण किया जाता है। तुलसी और आँवले के उत्पाद बनाये जा रहे हैं। आईआईटी दिल्ली एवं मेपकास्ट के सौजन्य से गौ-शाला में बायो-सीएनजी प्लांट भी लगाया गया है। गौ-शाला संचालक विष्णु पाटीदार, अजय शिवहरे और प्रकाश मण्डलोई ने गौ-शाला की गतिविधियों से स्वामी जी को अवगत कराया।

संयुक्त संचालक डॉ. बी.एस. शर्मा के नेतृत्व में डॉ. नीना त्रिपाठी, डॉ. नीता रावत, डॉ. शोभना कौशल, डॉ. पूजा गौर, सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी बी.एस. कुशवाह, सी.पी.एस. ठाकुर, एम.एस. मेहता, सुनीता खरते, रमेश सोनीने और डॉ. स्नेहलता की टीम द्वारा लगातार शिविर लगाकर पशुओं का उपचार, टीकाकरण करने के साथ पशु-पालकों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग की पशु चिकित्सा सेवा माता महामारी इकाई द्वारा प्रदेश की गौ-शालाओं में गौवंश को निरोग रखने के लिये माता महामारी जन-जागरण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिवर्ष होने वाला यह शिविरों का सिलसिला अप्रैल माह से जारी है।

Previous articleगौ तस्करी के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर ली एक युवक की जान, 2 की हालत गंभीर
Next articleसाँची के नये उत्पाद- गाय का घी, बृज पेड़ा और बेसन के लड्डू लांच

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here