खंडवा. खंडवा जिले के ग्राम आनंदपुर खैगांव में किसान ने कुछ ही दिनों में गौ खाद तैयार करके हजारों रुपए की बचत की हैं. कभी-कभी जैविक खाद को तैयार करने में भी कुछ महीनों का समय लगता है, लेकिन किसान ने अपने बाड़े में महज़ कुछ ही दिनों में गौ खाद तैयार करके फसलों को देना शुरू कर दिया. यह गौ खाद हर हफ़्ते तैयार हो जाती है और यह पके हुए खाद से 50 फीसदी ज्यादा असर करती है, क्योंकि इस खाद में गौ मूत्र भी मिला होता है. इस खाद को अलग से तैयार नहीं करना पड़ता है. किसान ललित शंकर ने बताया की गोशाला के बाड़े में 10 से 15 गाय बंधी रहती है. यह सभी गाय यही पर मल मूत्र करती रहती है जिससे एक ही स्थान पर गोबर की खाद इकट्ठा होती रहती है एक हफ़्ते बाद सभी इक्कठा हुए गोबर को सीधा खेत में डाल दिया जाता है. इस खाद से फसल पर तुरंत असर देखने को मिलता है.
फसलों पर किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं लगती है और साथ में खेत की मिट्टी भी उपजाऊ होती है जिसके कई सारे फायदे देखने को मिलते है. इस खाद को तैयार होने में सिर्फ़ एक हफ़्ते का समय लगता है इस गौ खाद की सबसे बड़ी खासियत यह होती है की इसमें प्रचुर मात्रा में गौ मूत्र भी मिला होता है, जिससे इस खाद की गुणवत्ता और भी बढ़ जाती है.
जानकारी के लिए आपको बता दे की गौ मूत्र को फ़सल के लिए राम बाण माना जाता है. इसमें कई सारे ऐसे तत्व होते है, जो फसल को किसी भी प्रकार के वायरस से बचाता है और उत्पादन बढ़ाने में भी काफी मदद करता है. जैविक पद्धति में भी गौ मूत्र का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही गाय के गोबर को भी भूमि के लिए संजीवनी की तरह माना जाता है. इसलिए इस गौ खाद का इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जाता है. इस गौ खाद की काफ़ी डिमांड होती है,क्योंकि इसे यह जैविक पद्धति में काफ़ी उपयोग किया जाता है.