संस, अमृतसर: गाय के गोबर और गोमूत्र से हम कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। इस समय खेती में रासायनिक खाद को प्रयोग करने से कैंसर अपने पैर पसार रहा है। इसकी जगह गोबर का प्रयोग करते हुए जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। गोबर और गोमूत्र से हम पंजाब में पांव फैला रहे कैंसर के मरीजों की बढ़ रही संख्या को रोका जा सकता है। साथ ही यह रोजगार का जरिया बनने से नशे में फंसे लोगों को बेरोजगारी की समस्या से निजात जिला सकता है। शहर आए विश्व हिदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मंत्री एवं गो रक्षा विभाग के राष्ट्रीय संगठन मंत्री खेमचंद ने ये बातें दैनिक जागरण से बातचीत में कहीं – ” उन्होंने कहा कि उनका संगठन भारतीय नस्ल की देसी गाय को बचाने के लिए पूरे देश में अभियान चला रहा है। इसके अलावा किसानों व लोगों को घर-घर गाय रखने का संदेश दे रहे हैं। गाय को घर में रखने से हम अपनी जीविका भी कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि रासायनिक खेती की जगह हमें जैविक खेती करनी चाहिए। हम बचपन से ही बच्चों को रासायनिक खाद से बनी वस्तुएं देकर उन्हें बीमारी की तरफ धकेल रहे हैं। केंद्र सरकार ने अब गोबर को खरीदना शुरू कर दिया है, जिससे बायोगैस तथा खाद का निर्माण किया जा रहा है। जैविक खेती करने से हम कैंसर की बीमारी से बच सकते हैं। इस कार्य के साथ किसान कर्जमुक्त और आत्मनिर्भर बनेगा। स्वच्छ भारत के तहत वह लोगों को कुदरती मसाले, गोमूत्र गोबर को बनाने के लिए भी जागृत करते है, ताकि एलोपैथिक के मक्कड़जाल से लोग बच सकें। एक वर्ष में डेढ़ लाख हिदुओं को धर्म परिवर्तन के जाल से निकाला
खेमचंद ने कहा कि उनका संगठन इस समय धर्म परिवर्तन, लव जेहाद और अन्य कुरीतियों के खिलाफ लोगों को जागृत कर रहा है। एक वर्ष में करीब डेढ़ लाख हिदुओं को धर्म परिवर्तन के जाल में फंसने से बाहर निकाला है। वहीं करीब पांच हजार परिवारों जो धर्म परिवर्तन कर चुके थे, उनको वापस जोड़ा है। उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर का निर्माण तेजी से और ऐसी नीति से किया जा रहा है ताकि मंदिर की मजबूती हजारों वर्षो तक रहे। मंदिर का निर्माण राम भक्तों के सहयोग से पूरा हो जाएगा। देसी गाय, पंजाब की साहीवाल नस्ल की गयान को बचाने का संदेश
विश्व हिदू परिषद व बजरंग दल के कार्यालय शिवाला बाग भाइयां के नजदीक भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद की एक बैठक हुई। इसमें विहिप के केंद्रीय मंत्री खेमचंद ने गो माता के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुरातन काल में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था, क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था गो पर आधारित कृषि पर निर्भर थी। इसलिए अब हमें अपने देश की देसी गाय पंजाब की साहीवाल तथा अन्य देसी गाय को बचाना चाहिए। इस अवसर पर प्रांत मंत्री विनय विशिष्ट, गौ रक्षा प्रमुख के जिला प्रमुख ऋषि खन्ना, जुगल चावला, हरदीप दुग्गल, अमित अबरोल, वरुण कुमार, अशोक ग्रोवर, अनिल शर्मा, सीमा शर्मा तथा अन्य सदस्य शामिल थे।