नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति से रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है. सरकार द्वारा इस सप्ताह के अंत में दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति किए जाने की उम्मीद है.
कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने यह याचिका दायर करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल की शर्तें) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को चुनौती दी है. उन्होंने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान ‘निर्वाचन आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने 9 मार्च 2024 को इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.’ उन्होंने कहा कि उनकी याचिका पर 12 जनवरी को एक नोटिस जारी किया गया था.
कांग्रेस नेता ने क्या दी दलील?
याचिका में कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता ने सम्मानपूर्वक कहा है कि तथ्यों के मद्देनजर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तारीखों की घोषणा जल्द ही की जा सकती है इसलिए नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की तत्काल आवश्यकता है, जिसके लिए इस अदालत ने नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में ‘अनूप बरनवाल बनाम केंद्र सरकार’ (दो मार्च 2023 के फैसले) मामले में स्पष्ट निर्णय दिया है.’ इसमें कहा गया है, ‘इसलिए इस अदालत से अनूप बरनवाल बनाम केंद्र सरकार के मामले में पारित फैसले के अनुसार प्रतिवादियों को भारत के निर्वाचन आयोग के सदस्यों की तत्काल नियुक्ति करने का निर्देश देने का अनुरोध किया जाता है.’
नए कानून के अनुसार, ‘राष्ट्रपति एक चयन समिति की सिफारिश पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्त करेंगे. इस समिति में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा में विपक्ष के नेता (सदस्य) और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री (सदस्य) होंगे.’ विपक्ष ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर चयन समिति से भारत के प्रधान न्यायाधीश को हटाकर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगाया है.