चेन्नई(तमिलनाडु): डॉ. आर. बी. चौधरी

केंद्रीय पशुपालन मंत्री परसोत्तम रुपाला ने बुधवार 4 अक्टूबर 2023 को दिल्ली स्थित डॉ आंबेडकर नेशनल सेंटर नई दिल्ली में विश्व पशु दिवस 2023 के आयोजन अवसर पर देश के 8 विशिष्ट पशु प्रेमियों को पुरस्कृत करते हुए कहा , “हमें जानवरों के साथ परंपरा को जोड़ने और पारंपरिक प्रथाओं को सामने लाने के लिए काम करना होगा जिससे पता चलता है कि हमारी परंपरा और संस्कृति जानवरों के प्रति किस प्रकार सम्मान दिखाती है।”

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री, मत्स्यपालन, पशुपालन व डेयरी मंत्री, डॉ़ संजीव बालियान भी कार्यक्रम में उपस्थित थे । साथ ही, कार्यक्रम में भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के समय एवं पालन मंत्रालय संयुक्त सचिव, डॉ ओ पी चौधरी सहित मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग में आयुक्त्त, डॉ अभिजीत मित्रा शामिल थे। इस अवसर पर भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड द्वारा दिए जाने वाला राष्ट्रीय पुरस्कार “प्राणी मित्र पुरस्कार” वितरित करने का भी कार्यक्रम रखा गया था जिसके तहत देश के उन उल्लेखनीय कार्य करने वाले 8 विभिन्न क्षेत्र के ऐसे पशु प्रेमियों को पुरस्कृत किया गया जो लावारिस पशुओं के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी संस्कृति में पशुओं से जुड़ी कई परंपरायें हैं जिन्हें सूचीबद्व और लिपिबद्व कर भारतीय जन्तु कल्याण बोर्ड को प्रकाशित करना चाहिए ताकि दुनिया को इन परंपराओं का पता चले। उन्होंने कहा कि अब सारे लोग वही मानेंगे जो हम कहेंगे। हम जो कहेंगे उसी पर सोचने के लिए अब सारे लोग मजबूर होंगे। अब वन हेल्थ का सिद्धांत समिति दुनिया को समझ में आ रहा है कि पशुओं के स्वास्थ्य के बारे में सोचेंगे तो मनुष्य का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। इसलिए अबसिर्फ अपने स्वास्थ्य के बारे में नहीं सोचना है सभी प्राणियों के स्वास्थ्य के बारे में सोचना पड़ेगा और इसी से ही सारे पर्यावरण का ख्याल रखेंगे मानव और मानवता बच सकेगी। पशु समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और वह हमारे पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखते हैं।

रूपाला ने परंपराओं को पशु पक्षियों के महत्व पर बल देते हुए कहा कि हमारे देश में पशुओं से जुड़ी कई परंपरायें हैं। ये हमारे राष्ट्र व संस्कृति की देन हैं। हमें विश्व को यह बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जानवरों के साथ परंपरा को जोड़ने और पारंपरिक प्रथाओं को सामने लाने के लिए काम करना होगा जिससे पता चले कि हमारी परंपरा और संस्कृति जानवरों के प्रति किस प्रकार सम्मान दिखाती है। मेरी राय है कि विश्व पशु दिवस के इस कार्यक्रम के साथ हम अपने देश की ऐसी अच्छी परंपराओं को भी जोड़ें और यह सोचें कि उनको कैसे उजागर किया जा सकता है। और , इनके साथ हम क्या कर सकते हैं , इसको आगे बढ़ाने के लिए हम क्या कर सकते हैं। इन सारी बातों पर हमें काम करना चाहिए। रूपाला ने कहा कि कि जिनको आज अवार्ड मिला है, मुझे लगता है कि उनके काम को और बेहत्तर तरीके से बताने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में दया से बढ़कर कोई धर्म नहीं है।

अवसर पर केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री , डॉ़ संजीव बालियान ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ संस्थायें पशुओं के लिए बहुत अच्छा काम कर रही हैं, लेकिन साढ़े नौ साल से मैं देख रहा हूं कि धरातल पर कुछ ज़्यादा काम नहीं हो रहा है। शायद गांव तक हम इन कामों को नहीं ले जा पा रहे हैं। अवारा पशुओं की समस्या पर उन्होंने कहा कि ऐसे संतुलन की आवश्कता है, जिससे यह सुधार हो। उन्होंने कहा कि पूरे समाज की यह जिम्म्दारी है और जनता के सहयरोग के बिना सरकार कुछ नहीं कर सकती है। डॉ़ संजीव बालियान ने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र मुजफ्फरनगर में एक महीने में गौ सेंचुरी बनकर तैयार हो जायेगी। जनता के सहयोग से ही मैं इसे चलाऊंगा। उन्होंने कहा कि भारत में गौशाला में दान देने की परंपरा रही है ,जब तक शहरी भारत को पशुओं से नहीं जोड़ेंगे तब तक शायद इसे पूरा नहीं कर पायेंगे।

लावारिस पशु-पक्षियों के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले निम्नलिखित पशु प्रेमियों को भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के द्वारा दिए जाने वाले “प्राणी मित्र पुरस्कारों” से सम्मानित किया गया है : 1) प्राणि मित्र पुरस्कार – व्यक्तिगत: श्री जी. रामकृष्णन, तिरुचि, तमिलनाडु; 2) प्राणि मित्र पुरस्कार – इनोवेटिव आइडिया (व्यक्तिगत): डॉ. स्मिता एन. सोलंकी, महाराष्ट्र; 3) प्राणि मित्र पुरस्कार – शौर्य/बहादुरी (व्यक्तिगत): श्री प्रदीप कुमार पात्रा, लखनऊ, उत्तर प्रदेश; 4) प्राणि मित्र पुरस्कार – लाइफ टाइम एनिमल सर्विस (व्यक्तिगत); डॉ. बथुला संजीव रायडू, कुरनूल, आंध्र प्रदेश; 5) प्राणि मित्र पुरस्कार – पशु कल्याण संगठन: श्री नासिक पंचवटी पंजरापोल, नासिक, महाराष्ट्र; 6) जीव दया पुरस्कार – व्यक्तिगत; श्री पीराराम दयाल, जालौर, राजस्थान; 7) जीव दया पुरस्कार – पशु कल्याण संगठन; श्री दादू पर्यावरण संस्थान, टोंक, राजस्थान और 8) जीव दया पुरस्कार – बच्चे (व्यक्तिगत – 18 वर्ष से कम आयु): श्री हितेश चंद्रजीत यादव, मुंबई, महाराष्ट्र।

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