राधाकृष्ण के सेट पर गाय माता के साथ होती है अलौकिक आनंद की अनुभूति : राकेश कुकरेती
राधाकृष्ण के सेट पर शूटिंग करते हुए बिल्कुल ऐसा लगता है कि जैसे हम सचमुच भगवान कृष्ण के नंदगांव और राधा के गांव बरसाना गांव में ही हों और हमें गाय माता व बछड़ों के बीच एक अलौकिक आनंद की अनुभूित होती है। शूटिंग से फुरसत मिलते ही हम गायों और बछड़ों को पुचकारने भी चले जाते हैं और उनके बीच ऐसा लगता है कि हम लोग वास्तव में नगरों, महानगरों में रहकर गांंव के पवित्र एवं आनंदमयी जीवन से कोसों दूर हो जाते हैं। यह कहना है स्टार भारत में चल रहे राधाकृष्ण सीरियल में राधा के पिताश्री बृषभानु की भूमिका निभा रहे राकेश कुकरेती का। राकेश कुकरेती टेलीवुड-बालीवुड के फेमस एक्टर होने के साथ ही विज्ञापन जगत के टॉप ब्रांड मॉडल भी हैं। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने में राकेश कुकरेती को काफी संघर्ष करना पड़ा। मायानगरी में उनका कोई गॉड फादर नहीं होने पर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वे लगातार मेहनत करते रहे और आखिरकार अपनी प्रतिभा के दम पर वे फिल्मों, टीवी और विज्ञापन की दुनियां में छा गये। राकेश कुकरेती ने टीवी धारावािहकों में राधाकृष्ण के अलावा लॉकडाउन की लव स्टोरी, एक बूंद इश्क, शुभारंभ, दिया और बाती हम, पुर्नविवाह, होंगे ना हम जुदा, एक्टिंग-एक्टिंग, सिलसिला प्यार का, सावधान इंडिया, सीआईडी, फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस, सिंघम रिटर्न्स, विज्ञापन आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, टाक टू वाक, हरे दर्शन अगरबत्ती, कोलगेट, डयूरिक्स, हार्लक्स जैसे अनगिनत विज्ञापन भी किये हैं।
राकेश कुकरेती का जन्म पांच मार्च को पौड़ी गढ़वाल जिले के पहाड़ों की गोद में बसे बनवाड़ गांव में हुआ था। उनका बचपन गांव में ही बीता लेकिन पिता तपेश्वर प्रसाद कुकरेती जी सेना में होने की वजह से उन्हें गांव छोड़कर पिता के साथ पूना, मुंबई, इटारसी, सिलीगुडी, भोपाल जैसे कई शहरों में रहना पड़ा। लेकिन वे कभी भी अपने गांव काे नहीं भूल पाये। गांव का मनोरम वातावरण, खेत, गाय माता और हल लगाते बैल उन्हेें हमेशा आकर्षित करते रहे। यही वजह है कि उमरगांव में सीरियल राधाकृष्ण के सेट पर वे जब भी गाय बैल को देखते हैं तो अपने गांंव की याद में डूब जाते हैं। राकेश कुकरेती अपनी पत्नी इनाली कुकरेती, पुत्री रिद्दिमा और पुत्र रौनक कुकरेती के साथ मुंबई में रहते हैं। बाकी उनकी माता सरला कुकरेती, पिता तपेश्वर प्रसाद कुकरेती और दो भाई मुकेश और शैलेश देहरादून में सपरिवार आवासरत हैं।
(लेखक – सुनील बडोला )