हम सब हिंदुस्तान में रहते है यहाँ हर तरह की जलवायु हमें मिलती है और हम सभी जानते हैं कि इंसान 20-25 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर आराम से रह सकता है, लेकिन यहां भारत में विशेष रूप से उत्तर भारत में हमारे पास 7 – 8 महीने से अधिक गर्मी और बाकि के महीनों में सर्दी रहती है। लेकिन हमारे सभी वर्तमान निर्माण सामग्री जैसे स्टील, सीमेंट, पत्थर की धूल और पक्की ईंटें गर्मी में और गरम हो जाते है जिसकी वजह से हमारे घरो को ठंढा करने के लिए पंखे कूलर और ए सी जैसे उपकरणों की सहायता लेनी पड़ती है क्या हो जब हम अपनी दीवारों पे ऐसा प्लास्टर करवा ले जिससे हमें घर को ठंडा रखने के लिए मदद मिले और साथ ही साथ दीवारे सुन्दर भी दिखे और ये महंगा भी ना हो।
वैदिक प्लास्टर के फायदे,
इसमें किसी भी तरह की तराई की जरुरत नहीं होती है, इसलिए वैदिक प्लास्टर के इस्तेमाल से हजारों लीटर पानी बचाता है।
गोबर में जीवाणुरोधी (antibacterial) गुण भी होते है तो आपके घर को बीमारियों को पैदा होने से कुछ हद तक रोक लग जाती है।
यह एक थर्मल इंसुलेटर है इसलिए आपके घर को गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म रखता है। इसलिए घर को ठंडा करने या गर्म करने का बिजली का बिल स्थायी रूप से कम हो जाएगा।
वैदिक प्लास्टर बनाते समय वैदिक प्लास्टर में जिप्सम मिलाया जाता है जिप्सम एक साउंड प्रूफ, हीट प्रूफ और फायर प्रूफ है।
जिप्सम और गोबर का ये अद्भुत मिश्रण जिसे वैदिक प्लास्टर के नाम से जाना जाता है इसमें मिलने वाले दोनों तत्व ही रेडिएशन से बचाते हैं।
घर के अंदर एक भीनी भीनी खुशबू बनी रहती है जैसे गीली मिटटी से आती है
गाय को कसाईखाना में जाने से रोका जा सकता है और इससे अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है ये पूरी तरह से मेड इन इंडिया है।
वैदिक प्लास्टर कैसे लगाया जाता है ?
यह तैयार मिक्स प्लास्टर बोरी में आता है जैसे की POP आती है बस आपको पानी में घोलना है और ईंटो दीवारों पे लगा देना है ना तो आपको सीमेंट प्लास्टर का प्लास्टर करवाना है ना ही कोई दीवार की टिक भरने की कोई जरूरत है। कोई भी जो प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) लगाना जानता है, वह इस प्लास्टर को बड़े ही आराम से लगा सकता है।