मेरठ। उप्र गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा कि अच्छी नस्ल की गाय के साथ अन्य प्रोडेक्ट दूध, छाछ, घी आदि पर भी काम करने की जरूरत है। अब किसान गाय पालन के लिए आगे आ रहा है। कई स्थानों पर किसान पशुपालक गोपालन करके अच्छे रोजगार स्थापित कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में वैज्ञानिकों की और जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
मेरठ केन्द्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों से सरकार और जनता को बड़ी उम्मीदें हैं। यह प्रयास करेंगे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस गोवंश संस्थान में आकर सभी वैज्ञानिकों के साथ वार्ता करें। उन्होंने बताया कि गोवंश को गांवों में घर-घर तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान के साथ अनुबंध करेगी।
शुक्रवार को छावनी क्षेत्र स्थित मेरठ केन्द्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिकों के साथ बैठक करते उन्होंने कहा कि किसानों के घर में बायो गैस प्लांट लगें। गाय पालन को प्राथमिकता हो। इससे किसान की आय दोगुनी होगी। उन्होंने अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों को आश्वासन दिया कि वह गोवंश हित में जो भी परियोजना तैयार करेंगे। उसके लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। वैज्ञानिकों ने कहा कि पहले गोवंश की कई परियोजनाओं के लिए बजट मिलता था जो अब बंद हो गया। गाय के मूत्र और गोबर से विभिन्न प्रोडेक्ट बनाए जा सकते हैं।
गोवंश अनुसंधान संस्थान में 100 गोवंश हैं। इनके गोबर से 40 दिन में वर्मी कंपोस्ट तैयार हो रहा है, जबकि नई विधि से यह वर्मी कंपोस्ट चार से पांच दिन में भी तैयार हो सकता है। इस अवसर पर संस्थान के डायरेक्टर डॉ. अशोक कुमार मोहंती,डॉ. अभिषेक विश्वास, डॉ. नरेश, डॉ. सुशील, डॉ. सुरेश डबास, आदि मुख्य रहे।
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