सम्मेलन में सतत मत्स्यपालन के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी, नवाचार, स्टार्ट-अप संवर्धन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा

इस सम्मेलन में गुजरात के लिए अंतर्देशीय जलाशय पट्टा नीति की शुरुआत की जाएगी

सम्मेलन के लिए 10 से ज्यादा देशों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है; 50 से ज्यादा अन्य विदेशी राजनयिकों के इस बैठक में वर्चुअल रूप से शामिल होने

Delhi , केंद्रीय मत्स्यपालन मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला मंगलवार को अहमदाबाद में ग्लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस इंडिया 2023 का उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन और डॉ संजीव के बलियान, राज्य के मत्स्यपालन मंत्री, केंद्रीय मत्स्य सचिव सहित अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।
अहमदाबाद ग्लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस इंडिया 2023 की मेजबानी कर रहा है, यह दो दिवसीय मेगा कार्यक्रम है, जिसमें राज्य मत्स्यपालन मंत्रियों, विभिन्न देशों के राजदूतों, वैश्विक मत्स्य वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, मत्स्य समुदायों और निवेश बैंकरों सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों और हितधारकों की एक विविध श्रेणियों को विश्व मत्स्य दिवस के अवसर पर 21 और 22 नवंबर को एक मंच पर लाया जाएगा। सम्मेलन का आयोजन मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों के साथ साझेदारी करने और भारत के मत्स्यपालन क्षेत्र का सतत विकास करने के लिए एक रोडमैप तैयार करने वाले एक मंच के रूप में काम करेगा। ‘मत्स्य पालन और जलीय कृषि संपत्ति का जश्न’ विषय के अंतर्गत, इस सम्मेलन का उद्देश्य उपयोगी चर्चा, बाजार अंतर्दृष्टि और नेटवर्किंग के लिए प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाना है।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

केंद्र सरकार का उद्देश्य इस वैश्विक आयोजन से निर्यात को बढ़ावा देने, मछुआरों और मत्स्य किसानों की सामाजिक-आर्थिक लाभ को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला में स्टार्ट-अप और उद्यमशीलता की पहल को बढ़ावा देना है, जिसमें सरकार अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का उपयोग करने के लिए इसे एक रणनीतिक मंच के रूप में उपयोग करने का इरादा रखती है।

केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय गोलमेज सम्मेलन

सम्मेलन की मुख्य विशेषताओं में केंद्रीय मत्स्यपालन मंत्री श्री रूपाला के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय गोलमेज बैठक का आयोजन शामिल है। इस उच्च स्तरीय वार्ता में विभिन्न देशों के राजदूत और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो जलवायु संकट सहित कई महत्वपूर्ण चुनौतियों के बीच इस क्षेत्र की निरंतरता को कायम रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

10 से ज्यादा देशों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है और वे इस सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे। फ्रांस का प्रतिनिधित्व कृषि मामलों की सलाहकार सुश्री मोनिक ट्रान, नॉर्वे का प्रतिनिधित्व क्रिस्टियन रोड्रिगो वाल्डेस कार्टर और सुश्री आरती भाटिया कुमार करेंगी; ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के प्रथम सचिव (कृषि) डॉ. रिचर्ड नियाल; रूस से सर्गेई मुराटोव, एडियातुलिनइलियास और शशीना अन्ना; वैगनर एंट्यून्स, ब्राज़ील दूतावास के व्यापार संवर्धन विभाग के प्रमुख; दिमित्रियोस इओन्नौ, मंत्री और राजदूत, ग्रीस; बोर्जा वेलास्को टुडुरी, काउंसलर, स्पेन; मेलानी फिलिप्स, काउंसलर (कृषि), न्यूजीलैंड; और पीटर होबवानी, उप राजदूत, जिम्बाब्वे ने अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। इसके अलावा, 50 से ज्यादा अन्य विदेशी राजनयिकों के इस सम्मेलन में  वर्चुअल रूप से शामिल होने की संभावना है।

इसी प्रकार से, लगभग 10 प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी वैश्विक बैठक में हिस्सा लेंगे। श्री चंगनाम जंग, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के प्राकृतिक संसाधन और कृषि विशेषज्ञ; ताकायुकी हागिवारा, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के भारत प्रमुख; जीआईजेड से प्रताप सिन्हा, संदीप नायक, राजद्युति महापात्रा और धर्मेंद्र भोई; बंगाल की खाड़ी अंतर-सरकारी कार्यक्रम (बीओबीपी-आईजीओ) के निदेशक डॉ पी कृष्णन और मरीन स्टीवर्डशिप काउंसिल (एमएससी) के भारत सलाहकार रंजीत सुसीलन इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

सम्मेलन में चंगनाम जंग, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के प्राकृतिक संसाधन और कृषि विशेषज्ञ; ताकायुकी हागिवारा, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के भारत प्रमुख; जीआईजेड से प्रताप सिन्हा, संदीप नायक, राजाद्युति महापात्रा और धर्मेंद्र भोई; बंगाल की खाड़ी अंतर-सरकारी कार्यक्रम (बीओबीपी-आईजीओ) के निदेशक डॉ. पी कृष्णन और मरीन स्टीवर्डशिप काउंसिल (एमएससी) के भारत सलाहकार रंजीत सुसीलन सम्मेलन में भाग लेंगे।

हितधारकों के लिए अनूठा अवसर

इस सम्मेलन में स्टार्ट-अप, निर्यातकों, मत्स्य संघों और प्रसंस्करण उद्योगों सहित 210 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शक शामिल होंगे। यह उनके उत्पादों, सफलता की कहानियों और अभिनव समाधानों का प्रदर्शन करेगा। यह उद्यमों, स्टार्टअप, संघों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और छोटे-मध्यम मत्स्यपालन उद्यमों को एक मंच पर लाने के साथ-साथ मत्स्यपालन के क्षेत्र में उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं की श्रृंखला का प्रदर्शन करने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करेगा।

इस आयोजन में मत्स्य मंथन सहित कई आकर्षक सत्र शामिल होंगे, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ तकनीकी चर्चा भी शामिल होगी; उद्योग हितधारकों और नीति निर्माताओं के बीच बातचीत के लिए उद्योग संपर्क; सरकार से सरकार (जी2जी), बिजनेस टू गवर्नमेंट (बी2जी) और बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) द्विपक्षीय बैठकें; अत्याधुनिक मत्स्यपालन और जलीय कृषि प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी आदि। मत्स्यपालन क्षेत्र में 10 परिवर्तनकारी पहलों को विशेष रूप से प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष मंडप स्थापित किया जाएगा।

उद्योग संबंध और व्यापार पिच

ग्लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस इंडिया 2023 के दौरान, स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र, मत्स्यपालन क्षेत्र में सहयोग और समर्थन, प्रौद्योगिकी एवं ज्ञान हस्तांतरण, आर एंड डी, क्षमता निर्माण, विस्तार, सर्वोत्तम प्रथा, मत्स्यपालन मूल्य श्रृंखला में महिलाओं की भागीदारी, सुरक्षा मानकों जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए नीति निर्माताओं सहित अन्य लोगों के साथ उद्योग हितधारकों को जोड़ने के लिए उद्योग संपर्क का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बाजार संपर्क और व्यापार के अवसर आदि भी शामिल हैं। इस सत्र में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और अन्य प्रमुख मत्स्य उद्योग संघों जैसे संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल होंगे।

दो दिवसीय मेगा कार्यक्रम में मछुआरों, मत्स्य किसानों, मछली विक्रेताओं, मत्स्य सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों, स्थानीय समुदायों, विदेशी प्रतिनिधियों और निवेशकों और मत्स्य स्टार्ट-अप सहित कुल 5,000 आगंतुकों के शामिल होने का अनुमान है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय दिग्गज, प्रौद्योगिकी निवेशक, अनुसंधान एवं विकास संस्थान, उपकरण निर्माता, निर्यात परिषद, मत्स्य संघ, वित्तीय संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय मत्स्यपालन उद्योग संगठन और जलीय कृषि फार्मास्यूटिकल्स और न्यूट्रास्यूटिकल्स भी हिस्सा लेंगे।

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