गुजरात के वडोदरा (Vadodara, Gujarat) में टाटा समूह (TATA Group) और एयरबस (Airbus) मिलकर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लिए C-295 परिवहन विमान (Transport Aircraft) का निर्माण करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) रविवार (30 अक्टूबर 2022) को इस प्लांट का शिलान्यास करेंगे।

केंद्र सरकार ने गुरुवार (27 अक्टूबर 2022) को बताया था कि इस परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपए है। टाटा समूह ने यूरोपीय कंपनी एयरबस के साथ मिलकर यह डील की है। भारत में इससे पहले कभी भी इस तरह के एयरक्राफ्ट नहीं बनाए गए। एयरबस पहली विदेशी कंपनी है, जिसे भारत में सी-295 विमान बनाने की मंजूरी दी गई है।

क्या है C-295 एयरक्राफ्ट डील

इस डील के तहत टाटा और एयरबस वायुसेना के लिए वडोदरा के इस प्लांट में कुल 40 एयरक्राफ्ट बनाएँगे। इसके अलावा जो दूसरे जरूरी इक्विपमेंट हैं, उन्हें भी इसी प्लांट में तैयार करने की तैयारी है। सितंबर 2022 में भारत ने 21 हजार करोड़ से अधिक की एक डील की थी।

उस डील में एयरबस डिफेंस से भारत 56 C-295 एयरक्राफ्ट खरीदने वाला है। इसमें 16 एयरक्राफ्ट पूरी तरह तैयार होकर भारत को मिलने वाले हैं, वहीं जो बचे हुए 40 एयरक्राफ्ट हैं, उनका निर्माण भारत में किया जाएगा। ये वही बचे हुए 40 एयरक्राफ्ट हैं, जिन्हें गुजरात के वडोदरा में तैयार किया जाएगा।

एयरक्राफ्ट की खासियत

भारत में एयरक्राफ्ट के निर्माण से मोदी सरकार की ‘मेक इंन इंडिया’ योजना को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना भारत को डिफेंस के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाना है। यही कारण है कि वे अपने संबोधनों में भी इस पर जोर देते हैं। इस क्रम में पहली बार एक विदेशी कंपनी भारत में ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण करने वाली है।

इस एयरक्राफ्ट की खासियत यह है कि इसमें एक बार में 71 ट्रूप या 50 पैराट्रूपर्स को मुश्किल जगहों पर आसानी से ले जाया जा सकता है। प्राकृतिक आपदा के वक्त भी ये एयरक्राफ्ट काफी कारगर है। इसके अलावा रेस्क्यू ऑपरेशन में भी वायुसेना को इस एयरक्राफ्ट से काफी मदद मिलेगी।

C-295 विमान समकालीन तकनीक के साथ 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है, जो भारतीय वायुसेना (IAF) के पुराने एवरो-748 विमानों की जगह लेगा। इसमें सैनिकों और कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए एक रियर रैंप दरवाजा है।

रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ये विमान पूरी तरह से स्वदेशी होंगे। सितंबर 2023 से अगस्त 2025 के बीच 16 एयरक्राफ्ट रेडी कंडीशन में सौंप दिए जाएँगे। वहीं, देश में बनने वाले 40 विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 तक की जाएगी।

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