सुभाष आनंद –

हुसैनीवाला के पार से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार पाकिस्तान में गधों की हत्या पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है लेकिन गौ हत्या पर किसी प्रकार की पाबंदी नहीं है। भारत में प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये का मोटा मांस यूरोपीय देशों के साथ अरब देशों में निर्यात किया जा रहा है। वहीं पाकिस्तान में गधों के मांस और उसकी खालों के निर्यात पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी है क्योंकि पाकिस्तान के पहाड़ी क्षेत्रों में इसका प्रयोग काफी होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में रसद की सप्लाई के लिए यह एक मात्र साधन है। पाकिस्तान में गधे बहुत मूल्यवान माने जाते हैं। दुनिया भर में पाकिस्तान में गधों की संख्या 50 लाख से ऊपर है। यह पाकिस्तान का कौमी सरमाया एवं विदेशी मुद्रा की कमाई का सबसे बड़ा साधन माना जाता है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष गधों के मांस और खाल के निर्यात से पाकिस्तान को 150 अरब डालर की विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई थी। पाकिस्तानी गधे चीन में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। गधों का अचार भी चीन में सप्लाई किया जा रहा है। गधों का मांस अधिकतर हांगकांग और वियतनाम को निर्यात किया जा रहा है। गधों का मांस बड़ा शक्तिवर्धक होता है जबकि गधे की खाल सौंदर्य सामग्री बनाने के लिए प्रयोग की जाती है। पाकिस्तान में दो वर्ष के भीतर गधों की कीमतों में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है जो गधा पहले 2000-3000 में आसानी से मिल जाता था अब 5000-6000 में मिलने लगा है। पाकिस्तान में गधों की कीमतें बढऩे से गधों की चोरी की वारदातें भी बढऩे लगी है, पाकिस्तान के कबीलों में अब गधों को दहेज में देने की प्रथा बढ़ती जा रही है। पंजाब पुलिस को बड़े पैमाने पर गधा चोरी की शिकायतें प्राप्त हो रही है। अब लोगों ने गधों की चोरी के भय से चौकीदार रखने शुरु कर दिए हैं।

प्राप्त सूचनाओं के अनुसार गधे के व्यापार में बहुत तेजी देखने को मिल रही है। पाकिस्तान में बीमारी से मरे गधों का मीट लोग खाते रहे हैं। पाकिस्तान में मांसाहार की बहुलता के कारण वहां भेड़ बकरियां और मुर्गे के अलावा मोटे मीट के रूप में गाय, बैल, भैस और ऊंट का मीट भी आम खाने को मिल रहा है। पाकिस्तान में इसी प्रवृत्ति की आड़ में वहां के दो नगरों मुल्तान और कसूर में 10 कसाई ऐसे मिले हैं जो बीमारी से मरे गधों का मांस बेचते पकड़े गए हैं। पाकिस्तान के प्रसिद्ध समाचार पत्र डॉन ने प्रकाशित समाचार के अनुसार एक किसान अतीक अहमद का गधा गंभीर बीमारी से भर गया था। उसने गधे का शव निकटवर्ती डम्प में फैंक दिया अगले दिन उसने देखा कि उसके मृतक गधे की खाल दो व्यक्ति उतार रहे हैं और शव के छोटे-छोटे टुकड़े करके बोरी में डालकर अपनी दुकान पर ले गए। सूत्रों से मिली जानकारी गधे का मीट 800 रुपये से 1000 रुपये प्रति किलोग्राम में बेच रहे हैं।  इसी प्रकार कसूर में दो भाईयों की दुकान पर पंजाब पुलिस द्वारा रेड करने के पश्चात पाया गया है कि वह मृतक गधों की खरीद करते हैं और उसके मांस को बाजार में बेच देते हैं। वहां डॉक्टर अनीक रहमान का कहना है कि बीमार गधों का मांस खाने के कारण कसूर की कई कॉलोनियों के लोग गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। कई कसाईयों ने माना है कि हम पिछले दो महीनों से बीमारियों से मर रहे गधों के मीट का व्यापार कर रहे हैं। अब पंजाब पुलिस ने उनके विरुद्ध कार्रवाई शुरु कर दी है। पाकिस्तान में गधों को लेकर पंजाब की मरियम सरकार बहुत चिंतित है और पंजाब पुलिस को नए-नए आदेश जारी किए जा रहे हैं। (विनायक फीचर्स)

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