निगम अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा गौ तस्करों को बेचा गया और करोड़ों रुपए की धन संपदा अर्जित कर घोटाले करने की साजिश रची गई। उक्त मामला इंदौर उच्च न्यायालय में चल रहा है। जल्द ही तथ्यों के आधार पर फैसला आने की उम्मीद है इंदौर के 105 पशुपालक इस मामले को लेकर बहुत आक्रोशित हैं अपने पशु वापसी या मुआवजे की मांग कर रहे हैं मांगे पूरी ना होने की स्थिति में उच्च न्यायालय जाने और शहर में उग्र प्रदर्शन करने की भी बात कर रहे हैं।

 – एडवोकेट डॉ. मनोहर दलाल, याचिकाकर्ता के वकील

साल 2015 से फरवरी 2022 के बीच का मामला, हाईकोर्ट में याचिका दायर

इंदौर, अग्निपथ , के खबर के अनुसार । साल 2015 के पूर्व इंदौर शहर में आवारा पशुओं की समस्या को लेकर तत्कालिक इंदौर नगर निगम कमिश्नर मनीष सिंह एवं उस समय की महापौर मालिनी गौड़ के द्वारा जो सामूहिक रूप से भागीरथ प्रयास किए गए थे जिसके चलते आज इंदौर शहर आवारा पशुओं से मुक्त शहर कहलाता है। जिसका श्रेय निश्चित रूप से उस समय की महापौर मालिनी गौड़ एवं निगम कमिश्नर मनीष सिंह को जाता है। 2015 से लेकर फरवरी 2022 तक तकरीबन 13 हजार से अधिक गाय, बैल, सांड एवं बछड़ों को आवारा पशु मानकर पकड़ा गया था। उसके बाद निगम के पशु पकड़ो अभियान समिति के कर्ताधर्ता के द्वारा इन समस्त आवारा पशुओं को इंदौर जिले से बाहर अन्य स्थानों पर जहां गौशालाओं में या ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब किसानों को देना बताया गया। अब यहां यह सवाल उठता है कि इंदौर निगम निगम के कर्मचारियों द्वारा नगर निगम सीमा क्षेत्र में सदियों से गोपालन का काम कर रहे कुल गोपालक जो निगम के रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड हैं, उनमें से 105 गोपालको से लगभग 15 हजार से अधिक गाय, बैल, बछड़े, छुड़वा कर कहा और किसको दे दिए या बेच दिए गये इसका कोई रिकॉर्ड निगम के दस्तावेजों में उपलब्ध नहीं है।

हिंदू संगठनों की चुप्पी आश्चर्यजनक

आखिर इंदौर से बाहर किए गए आवारा पशु आखिर गायब कहां हो गए किसी को खबर नहीं ।. देश और प्रदेश मैं मौजूद गौ भक्त भाजपा सरकार में गायों की सुध लेने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है. अक्सर समाचार पत्रों एवं टेलीविजन माध्यमों से यह घटना देखने और सुनने को मिलती है की प्रदेश के किसी भी स्थान पर. कहीं पर भी गौ तस्करों के पास कुछ गाय उनकी गाडिय़ों वाहनों में नजर आती है तो आरएसएस बीजेपी बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठन गौ तस्करों के खिलाफ हंगामा कर देते हैं। उन्हें गायों का हत्यारा और तस्कर बताते हैं धरना प्रदर्शन करने लगते हैं यहां तक कि कई बार गायों का व्यापार करने वालों को इन कथित धार्मिक संगठनों के द्वारा मार-मार कर हत्या तक कर दी गई है।
ऐसे दर्जनों उदाहरण पढऩे को देखने को मिल जाएंगे किंतु इंदौर शहर में इतना बड़ा गायों का घोटाला हुआ है उन्हें गाय के व्यापार करने वालों को कटने का मरने के लिए बेच दी गई हे और कोई भी हिंदूवादी संगठन इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं इन संगठनों के द्वारा इंदौर शहर में कहीं पर भी कोई धरना कोई प्रदर्शन करता हुआ नजर नहीं आ रहा है कोई पूछने को तैयार नहीं कि इंदौर में हजारों की संख्या में पकड़ी गई गाय माताये गई कहां इस मुद्दे पर हिंदूवादी संगठनो का ऐसे दोहरे मापदंड क्यों दिखाई पड़ते पड़ते हैं।

इंदौर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

इस पूरे गौ तस्करी घोटाले को लेकर इंदौर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका एक समाजसेवी दिग्विजय ने शहर के जाने-माने अधिवक्ता एवं कानून के बड़े जानकार डॉक्टर मनोहर दलाल के माध्यम से लगाई गई है। साथ ही इस संपूर्ण मामले की शिकायत मध्यप्रदेश राज्य आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो में भी की गई है जिसकी जांच इस विभाग के द्वारा की जा जारी है। इंदौर में हुए इस महा घोटाले कांड को लेकर अग्निपथ संवाददाता संजय सिंह सेंगर ने याचिकाकर्ता के वकील डॉक्टर मनोहर दलाल से चर्चा की तो उनका कहना था कि प्रथम दृष्टि यह मामला गौ तस्करी का लगता है. निगम के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत से गौ तस्करों को इंदौर क्षेत्र से पकड़े गए आवारा पशु जिसमें बैल बछड़े गायों को हजारों की संख्या में गौ तस्करों को बेचकर करोड़ों रुपए की धनसंपदा अर्जित कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है इसी गौ तस्करी और घोटाले को लेकर उच्च न्यायालय इंदौर में निगम के तीन जिम्मेदार अधिकारियों को आरोपी बनाते हुए जनहित याचिका दायर की गई है इंदौर उच्च न्यायालय में लगी जनहित याचिका में इंदौर नगर निगम की वर्तमान कमिश्नर प्रतिभा पाल और उस समय इंदौर नगर निगम के उपायुक्त रहे संदीप सोनी जो अब उज्जैन में पदस्थ हैं . और साथी ही खजुरिया रेशम केंद्र हातोद स्थित गौशाला के प्रभारी डॉ अखिलेश उपाध्याय वं एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। उक्त याचिका आरटीआई कानून के तहत निकाली गई जानकारी व एक समाचार पत्र में छपी खबर के आधार पर लगाई गई है।

650 की क्षमता वाली गौशाला में साढ़े तीन हजार मवेश रखने का दावा!

आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार इंदौर नगर निगम के द्वारा शहरी क्षेत्र में घूमने वाले आवारा पशुओं को पकडक़र इंदौर शहर से 20 किलोमीटर दूर हातोद स्थित रेशम केंद्र खजूरिया गौशाला में रखा जाता है। आरटीआई में निकाली गई जानकारी में यह भी बताया गया है कि. जनवरी 2020 से लेकर फरवरी 2022 तक इंदौर शहरी क्षेत्र से पकड़े गए आवारा पशुओं की संख्या 4222 जिसमे गाय बैल बछड़े एवं सांड को पकडक़र उक्त गौशाला में छोड़ा गया था।
उक्त मामले की पड़ताल करने लिए याचिकाकर्ता खुद गौशाला का भ्रमण कर निरीक्षण किया तो तो आंकड़े चौंकाने वाले निकले गौशाला प्रभारी डॉ अखिलेश उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को बताया था कि उक्त गौशाला में मात्र 650 पशुओं को रखने की ही व्यवस्था है। बाकी के आपके द्वारा बताए गए 3572 आवारा पशुओं के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। इसी तरह का सवाल अन्य जिम्मेदारों के सामने भी रखा गया है कि 4222 गाय बैल आवारा पशुओं पकड़े गए थे और इस गौशाला में छोडऩे के लिए लाए गए आवारा पशु में से मात्र 650 ही गौशाला में मौजूद है या रखी गई है तो बाकी बची 3572 गाये कहां गई उनका क्या हुआ जिम्मेदारों के पास का कोई जवाब नहीं.
इसलिए याचिकाकर्ता के द्वारा उक्त याचिका में यह मांग की गई है कि जो गाय बैल बछड़े. हातोद की गौशाला में गिनती में कम पाए गए जिनका कहीं अता पता नहीं है और ना ही निगम के रिकॉर्ड में कहीं दिखाई पड़ते हैं। . जिससे प्रथम दृष्टया यह प्रकट करता है कि उक्त गाय बैल बछड़ों को निगम के इन तीनों आरोपी अधिकारियों के द्वारा विक्रय कर अवैध रूप से धनसंपदा बनाने का अपराधिक षड्यंत्र किया गया है.इस गौ तस्करी में जनवरी 2020 से लेकर अब तक करीब 2 करोड़ से अधिक का धन अर्जित बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया. और उनसे हिसाब लेने वाला कोई नहीं है सुस्त पड़े इन हिंदूवादी गौ भक्त संगठनों के लिए सवाल तो बनता है कि इंदौर शहर में इतनी बड़ी घटना घट गई और हिंदूवादी संगठन गो पालक और सुधी नागरिक सब अब तक शांत हैं क्यों।
गोमाता के प्रति किसी को कोई लगाव नहीं कहां खो गई. गौ भक्ति गौ सेवाक एवं हिंदूवादी संगठन कहां कुंभकरण की नींद सो रहे हैं. आखिर क्या वजह है छोटी मोटी बातों में धरना प्रदर्शन करने वाले संगठन कहां है. वह संगठन क्यों चुप और खामोश हैं।

ईओडब्ल्यू में भी शिकायत

याचिकाकर्ता के वकील डॉक्टर मनोहर दलाल आगे बताते हैं कि उक्त मामले को लेकर मध्य प्रदेश आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो में भी शिकायत की गई है जहां आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा ने उक्त मामलों को लेकर दस्तावेजों की निगम से मांग की गई चुकी इस मामले में आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी होने के कारण उक्त दस्तावेज ईओडब्ल्यू को जांच हेतु उपलब्ध नहीं कराए गए. जिस पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की कि उक्त मामले की जांच कर रहे आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को जांच कर प्रतिवेदन इंदौर उच्च न्यायालय में प्रस्तुत करने का आग्रह किया गया था. जिस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता के आग्रह को मानते हुए मध्य प्रदेश आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को उक्त जांच तत्काल कर प्रतिवेदन उच्च न्यायालय में प्रस्तुत करने के आदेश दिए .
एक और जहां इंदौर मे गायो के घोटाले का मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है. वही मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कुछ माह पूर्व में घोषणा की थी की किसान यदि गाय पालता है तो सरकार उसे अनुदान देगी उसकी रक्षा सुरक्षा और भरण पोषण की गारंटी देगी एक गाय के पालन के लिए प्रत्येक किसान को हर महीने 900 रुपए भरण पोषण भत्ते के रूप में दिया जाएगा
कानून से भी बड़े हो गये अधिकारी
वहीं दूसरी ओर इंदौर नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी मिलकर गायों की तस्करी कर रहे हैं . आम लोगों को जानकारी के अभाव में निगम केअधिकारी अपने अधिकारों का मनमाना दुरुपयोग कर रहे हैं। शहर में घूमने वाले आवारा पशुओं के संबंध में भारतीय दंड संहिता में कहीं तरह केनियम कानून कायदे का उल्लेख किया गया है।
अधिवक्ता डॉ मनोहर दलाल ने कानून के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट की धारा 427 – 16 इ – के अधीन आवारा घूमने वाले पशुओं से संबंधित उपविधि के अधीन इंदौर नगर निगम सीमा में आवारा घूमने वाले पशुओं को गौशालाओ में रखने. एवं उक्त पशुओं के मालिक की पहचान कर मालिक के द्वारा अपने पशु वापस मांगने पर 200 रुपए का आर्थिक दंड देने पर उन्हें मुक्त किया जाने का प्रावधान है।
यदि पशुपालक आवारा पशुओं को नहीं लेकर जाते हैं ऐसी स्थिति में नगर निगम के अधिकारियों को उक्त आवारा पशुओं को बेचकर उसे प्राप्त होने वाले धन को नगर निगम के खजाने में जमा कराने का प्रावधान है किंतु निगम के लालची कर्मचारी अधिकारियों ने मिलकर उक्त पशुधन को गौ तस्करों को बेचकर पद के पद अनुसार आपस में बट कर बंदरबांट मचाई गई है।
आरोपी गणों के द्वारा अपराधिक षड्यंत्र रचते हुए उक्त घूमने वाले आवारा पशुओं को हातोद स्थित ग्राम खजुरिया रेशम केंद्र गौशाला में रखने के लिए फर्जी परिवहन दस्तावेज बनाए गए. जिसमें 3572 आवारा पशु जो मौके पर रिकार्डो में नहीं मिली। गौ तस्करों को बेचने का अपराध इनके द्वारा किया गया है ऐसा प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है. आरोपियों के विरुद्ध इंदौर नगर निगम जनधन अपवंचन के अपराधी मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 409 420 467 468 471 120 बी के संगीन अपराध का दोषी माना जाना चाहिए।

गोवंश के वध में सहयोग करना संगीन अपराध

डॉ मनोहर दलाल ने आगे बताया कि आरोपी गण के द्वारा गौ तस्करको गोधन का बेचने एवं नगर निगम के वाहनों से नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा गोवंश का परिवहन करके गौ तस्करों के हवाले कर दिया गया. इन तस्करों को नियम विरुद्ध सहयोग देकर करोड़ों रुपए का अवैध धन कमाया गया है. गोधन के मूल्य पेटे प्राप्त अनुपयोगी गोवंश का वध करने में सहयोग देने की भी संगीन अपराध श्रेणी में आता है. जो मध्य प्रदेश गोवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 की धारा 4, 6. 9 के तहत अपराधी माना जाए।

8000 पशु अलीराजपुर की तरफ छोड़े!

याचिकाकर्ता ने गौशाला प्रभारी डॉ अखिलेश उपाध्याय से जब गायों के संख्याओं के बारे में जानना चाहा तो उनका कहना है कि मेरे पास इस समय अवधि में तो 650 आवारा पशु ही आई है और उतना का ही हिसाब मेरे पास है। डॉ उपाध्याय ने एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि इसके पूर्व भी कुछ साल पहले आवारा पशुओं की संख्या अधिक होने के कारण 8000 गाय बैल बछड़े को अलीराजपुर की तरफ छोड़ा गया था, जिनका आज कोई रिकार्ड इंदौर नगर निगम के जिम्मेदारों के पास नहीं है।
उससे यह यह साबित होता है कि 2015 से लेकर 2022 तक 13 हजार से अधिक आवारा पशु पकड़े गए। जिसमे से 11572 गाय बैल सांड एवं बछड़े गायब हैं . जिन का बाजार मूल्य 40 से 50 करोड़ के करीब बताया जा रहा है. आवारा पशुओं का क्या हुआ कोई रिकॉर्ड निगम के कर्ताधर्ताओं के पास नहीं होने के कारण प्रथम दृष्टया यह लगता है कि समस्त गाय बैल बेचकर अवैध धन कमाने ओर गौ तस्करी का लगता है।
Previous articleसीएम के दौरे के लिए लगे चेकिंग पॉइंट पर पकड़े गए गौ तस्कर, ट्रक से मिले 57 जीवित और 4 मृत गोवंश
Next articleIndia-China Clash: भारत और चीनी सेना के बीच अरुणाचल प्रदेश में हुई झड़प

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here