1 अक्टूबर, 2023 से बर्थ सार्टिफिकेट यानी कि जन्म प्रमाण पत्र का रोल बढ़ने जा रहा है। मोदी सरकार द्वारा जारी नए नियम के अनुसार यदि आपके पास सिर्फ बर्थ सर्टिफिकेट है तब भी स्कूल में एडमिशन से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी नौकरी, वोटर आईडी, पासपोर्ट, आधार कार्ड, विवाह पंजीयन करा सकते हैं। वेरिफिकेशन के लिए इसका उपयोग सिंगल डॉक्यूमेंट के तौर किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केन्द्र सरकार ने 13 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बर्थ सर्टिफिकेट को सिंगल डॉक्यूमेंट के तौर पर लागू किया जा रहा है ताकि केंद्र और राज्य स्तर पर जन्म व मृत्यु डेटाबेस तैयार किया जा सके। इस नियम के लागू होने के बाद राज्य और केंद्र सरकार जन्म व मृत्यु के डेटा को आपस में आसानी से शेयर कर पाएँगी। साथ ही, सरकारी सेवाऍं और डिजिटल रजिस्ट्रेशन सही तरीके से हो सकेगा।

इसके लिए राज्य सरकार चीफ रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार की नियुक्ति करेगी। इसमें चीफ रजिस्ट्रार राज्य स्तर पर जन्म और मृत्यु का डेटा तैयार करेगा। वहीं रजिस्ट्रार ब्लॉक स्तर पर जानकारी एकत्रित करेगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदन में जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) बिल, 2023 पेश किया था। बिल पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति से मंजूरी भी मिल चुकी है। ऐसे में अब सरकार ने इसके तहत बनाए गए नियमों को 1 अक्टूबर, 2023 से लागू करने का भी ऐलान किया है।

उल्लेखनीय है कि नया कानून लागू होने के बाद बर्थ और डेथ सार्टिफिकेट डिजिटल रूप में भी मिल सकेगा। अब तक इसे हार्ड कॉपी यानि कि कागज के रूप में ही दिया जाता था। लेकिन अब यह डिजिटल फॉर्मेट में भी मिल सकेगा। नए कानून को सीधे शब्दों में समझें तो अब तक जिस तरह आधार कार्ड काम करता था। यानि कि स्कूल में एडमिशन से लेकर अन्य सभी कामों में जहाँ आधार कार्ड का उपयोग किया जाता था। वहाँ अब बर्थ सार्टिफिकेट का उपयोग किया जा सकता है। चूँकि, अब तक दफ्तरों में आधार कार्ड समेत अन्य डॉक्यूमेंट की भी माँग की जाती थी। लेकिन अब बर्थ सार्टिफिकेट ही सिंगल डॉक्यूमेंट होगा।

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