Kanjhawala Death Case: दिल्ली के सुल्तानपुरी के कंझावला इलाके में 1 जनवरी तड़के 20 वर्षीय अंजलि एक स्कूटी पर जा रही थी, तभी एक बलेनो कार ने टक्कर मार दी. उसके बाद अंजलि का पैर कार के एक्सेल में फंस गया, कार ने अंजलि को करीब 12 किलोमीटर तक घसीटा और अंजलि की दर्दनाक मौत हो गई. इस पूरे मामले में अब सामने आया है कि कार को ट्रैक करने के लिए पीसीआर वैन और रात्रि गश्त इकाइयों सहित कम से कम 10 गाड़ियों को लगाया गया था, लेकिन 12 घंटे तक कार का पता नहीं लगाया जा सका था.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घना कोहरा होने के कारण कार को ट्रैक करना काफी मुश्किल था. जांच में सामने आया कि कार ने अंजलि को सुल्तानपुरी से कंझावला तक 12 किलोमीटर तक घसीटा और पुलिस को चकमा देने के लिए मुख्य सड़क की बजाय संकरी गलियों में चली गई. चलिए केस से जुड़ी कुछ अहम बातें और जरूरी सवालों के बारे में आपको बताते हैं.

परिवार का दावा- ‘अंजलि ने कभी शराब नहीं पी’

इस मामले की मुख्य गवाह निधि (हादसे के दौरान जो अंजलि के साथ थी) ने दावा किया कि अंजलि रात में नशे की हालत में थी और वो स्कूटी चलाने की जिद कर रही थी. वहीं दूसरी ओर, अंजलि के परिवार ने दावे का खंडन किया और कहा कि उन्होंने अंजलि से किसी निधि के बारे में कभी नहीं सुना. अंजलि की मां रेहा देवी ने पत्रकारों को बताया कि अंजलि ने कभी शराब नहीं पी और कभी भी शराब पीकर घर नहीं आई.

‘निधि और अंजलि 15 दिन से एक-दूसरे को जानती थीं’

निधि ने अब पुलिस को बताया है कि यह पहला मौका था जब वे 31 तारीख की रात को एक साथ निकली थीं. निधि ने कहा कि वह अंजलि को केवल 15 दिनों से जानती थी. अभी तक पता चला है कि अंजलि और निधि एक होटल में पार्टी अटेंड करने गई थीं. अंजलि और निधि के नाम पर एक कमरा बुक किया गया था और होटल बुक करने के लिए उनके आधार कार्ड होटल अधिकारियों को दिए गए थे. उन्हें होटल पार्टी में 7 लोगों से बात करते देखा गया, जिनसे पुलिस ने पूछताछ की है.

‘निधि अंतिम संस्कार के बाद सामने क्यों आई?’

निधि को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. निधि ने अपने बयान में बताया है कि वो भी हादसे में घायल हुई थी और अंजलि को छोड़कर घर भाग गई थी. उसने बताया कि वो हादसे के बाद डर गई थी और इसीलिए उसने अंजलि के परिजनों या पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी. वहीं अंजलि के परिवार ने अब सवाल उठाया है कि निधि उनकी बेटी के अंतिम संस्कार के बाद ही सामने क्यों आई? अंजलि के मामा ने कहा, “अगर वह तब डरी हुई थी तो अब क्यों नहीं डर रही? यह निधि की साजिश थी.”

अंजलि को लगी थीं 40 चोटें

अंजलि को सुल्तानपुरी से कंझावला तक लगभग 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था. उसके शरीर पर 40 चोटें लगी थीं और कई चोटें, खरोंच और घाव थे. उसका ब्रेन मैटर गायब था. फोरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक, अंजलि आगे के बाएं पहिये पर फंसी हुई थी और उसका सिर कार के बूट की ओर था.

‘पुलिस टीमों को किया गया था अलर्ट, लेकिन…’

कंझावला, होशंबी बॉर्डर और अमन विहार से तीन पीसीआर वैन उन 10 वाहनों में शामिल थीं, जो पुलिस कंट्रोल रूम में कई कॉल आने के बाद कार का पता लगाने के लिए रात में निकलीं थीं. जांच में पता चला है कि एक पुलिस वैन ने स्कूटी को हादसे के बाद देखा था, चूंकि वहां कोई मौजूद नहीं था तो पुलिसकर्मियों ने मान लिया कि वो अस्पताल गए होंगे. बलेनो कार 12 घंटे से अधिक समय के बाद रविवार दोपहर मिली थी.

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