दिल्ली महुवा, नर्मदा बा श्री रामकथा के विश्व प्रसिद्ध व्याख्याता पूज्य मोरारी बापू जी की धर्मपत्नी आदरणीया श्रीमती नर्मदा “बा” के निधन के पश्चात गुजरात के महुवा तलगाजरडा में उपस्थित होकर अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य लोकेशजी, जगद्गुरु सतुआा बाबा, युवाचार्य अभयदासजी महाराज, गोपाल बाबा सहित देश विदेश से बड़ी संख्या मे श्रद्धालुओं ने पूज्य बापू के सानिध्य में संवेदना सत्संग संवाद में अपनी सहभागिता दर्ज कराई।

इस अवसर पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए आचार्य लोकेशजी ने कहा कि पूज्य बापू जी के मन वाणी और भावनाओं को परिचित होकर लगा की वो रामकथा सुनाते ही नहीं उसे अंतस्तल की गहराइयों से जीते हैं।सामान्य व्यक्ति प्रिय व्यक्ति के वियोग पर भाव विह्वल होकर आर्त्तध्यान में डूब जाता है जबकि पूज्य बापू की स्थितिप्रज्ञता उनकी आध्यात्मिक साधना से रूबरू कराती है सचमुच आदरणीया नर्मदा बा” के गीता आधारित अनासक्त जीवन व बापू की अध्यात्मिक चेतना से प्रेरित भेद विज्ञान दृष्टि मृत्यु को महोत्सव बना गई।

इस अवसर पर मुम्बई से समागत प्रख्यात समाजसेवी श्री मोदी, दिल्ली से समागत श्री जितेंद्र गर्ग, श्री प्रदीप जिंदल, दुष्यंत कटारिया आदि का सक्रिय सहयोग उल्लेखनीय रहा।

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