मुंबई- जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर में उम्र से संबंधित बदलाव आते हैं, लेकिन दक्षिण मुंबई में एक ४४ वर्षीय ऑफिस जाने वाली महिला के शरीर में ८ साल की अवधि में एक अलग बदलाव आया। इन परिवर्तनों ने महिला के लिए काम पर जाना भी असंभव बना दिया। इन शारीरिक परिवर्तनों में मुख्य रूप से नाक का बढ़ना, अंगों पर पुरुषों जैसे बालों का बढ़ना, मासिक धर्म में अनियमितता, वजन बढ़ना और आवाज में अजीब बदलाव शामिल हैं।
इसके चलते महिला को घर से बाहर निकलने में शर्म महसूस होने लगी और वह डिप्रेशन में चली गई। स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाने पर उन्होंने पेट की सोनोग्राफी कराई और पीसीओडी बताकर दवाएं शुरू कर दीं, लेकिन शारीरिक बदलाव में कोई फर्क नहीं पड़ा। एक बार यह महिला कान के इलाज के लिए एक ईएनटी डॉक्टर के पास गई, जिन्होंने सुझाव दिया कि यह बीमारी मस्तिष्क से संबंधित बीमारी हो सकती है और ठाणे के सोलारिस अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट और सर्जन डॉ. अमित ऐवळे से परामर्श करने के लिए कहा।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए न्यूरोलॉजिस्ट और सर्जन डॉ. अमित ऐवळे ने कहा, “जिसके तुरंत बाद हमने इस रोगी का प्रमुख चिकित्सीय परीक्षण किया, वह एंक्रोमेगाली से पीड़ित थी, जो वयस्कों में वृद्धि हार्मोन के अत्यधिक स्राव के कारण होने वाला एक हार्मोनल विकार है। हमने एमआरआई और विस्तृत हार्मोनल मूल्यांकन किया।
एंक्रोमेगाली एक हार्मोन विकार है जिसमें आपका शरीर बहुत अधिक हार्मोन का उत्पादन करता है, मुख्य रूप से पिट्यूटरी ग्रंथि में, जो शरीर के शारीरिक विकास को नियंत्रित करता है। यदि ये हार्मोन अधिक मात्रा में बढ़ जाएं तो शरीर की हड्डियां, उपास्थि, अंग और अन्य ऊतक आकार में बढ़ जाते हैं। एमआईआर स्कैन से मस्तिष्क की पिट्यूटरी ग्रंथि में १.५ x २सेमी के ट्यूमर का पता चला। इस ट्यूमर के कारण महिला के शरीर में पिछले आठ साल से अजीब बदलाव हो रहे थे।
हमने तुरंत नाक के माध्यम से ट्रांसनासल पिट्यूटरी मैक्रोडेनोमा एक्सिशन सर्जरी यानी एंडोस्कोपिक तकनीक का उपयोग करके ट्यूमर को हटा दिया। इस सर्जरी के लिए आवश्यक उन्नत तकनीक और सोलारिस अस्पताल में उपलब्ध अनुभवी मेडिकल टीम के कारण सर्जरी सफल रही और हमने अगले चार दिनों में महिला को घर भेज दिया।
अगले 2 महीनों में इस महिला के शरीर में हार्मोनल बीमारी पूरी तरह से ठीक हो गई और जिन अंगों में अजीब सी वृद्धि हुई थी वह कम हो गई और उसका मासिक धर्म नियमित हो गया। आज हमारे देश में विश्व स्तरीय चिकित्सा उपचार उपलब्ध होने के बावजूद कई मरीजों को अज्ञात बीमारियों के कारण परेशानी उठानी पड़ती है।सोलारिस अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट और सर्जन डॉ. अमित ऐवळे ने कहा कि इस मामले में भी समय पर निदान न होने के कारण मरीज को कई वर्षों तक परेशानी उठानी पड़ी।
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