Home Gau Samachar ‘गोमाता’ एक अत्यंत संवेदनशील प्राणी- भैयाजी जोशी

‘गोमाता’ एक अत्यंत संवेदनशील प्राणी- भैयाजी जोशी

गाय की रक्षा सभी धर्मों और देशों के लोगों के हित में...', आरएसएस नेता ने गौ रक्षा के महत्व को बताते हुए कहा भैयाजी जोशी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की कार्यकारी समिति के सदस्य और इसके पूर्व महासचिव रह चुके हैं।नागपुर में गोरक्षण सभा की एक नई परियोजना के भूमि पूजन पर एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गायों की रक्षा करना सभी लोगों के हित में है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताते हुए कहा कि आज भी भारत के लोगों को गौ रक्षा का महत्व समझाना पड़ता है

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नागपुर, एजेंसी। आरएसएस के वरिष्ठ नेता सुरेश उर्फ भैयाजी जोशी ने बुधवार को भारत के लोगों को गौ रक्षा का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि गायों की रक्षा करना सभी लोगों के हित में है, चाहे वे हिंदू हों, मुस्लिम हों या ईसाई हों या वे किसी भी देश से हों। आगे उन्होंने इस बात पर अफसोस जताते हुए कहा कि आज भी भारत के लोगों को गौ रक्षा का महत्व समझाना पड़ता है।

भैयाजी जोशी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की कार्यकारी समिति के सदस्य और इसके पूर्व महासचिव रहे हैं। नागपुर में वह गोरक्षण सभा की एक नई परियोजना के ‘भूमि पूजन’ पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गाय की रक्षा करना सभी के हित में है।

उन्होंने कहा, “अतीत में, हिंदू समुदाय कई अन्य मुद्दों के साथ-साथ गायों के प्रति उदासीन हो गया था। लेकिन कुछ लोगों ने 1888 में गोरक्षण सभा के माध्यम से “गोरक्षा” (गाय संरक्षण) के लिए काम करना शुरू कर दिया।”

उन्होंने कहा, “लेकिन यह बुरा है कि हमें भारत में गाय संरक्षण का कार्य करना पड़ रहा है। यह दर्दनाक है कि हमें लोगों को भारत में गाय संरक्षण के महत्व को समझाना पड़ रहा है।”

‘गोमाता’ (गाय) एक अत्यंत संवेदनशील प्राणी है। उन्होंने कहा कि गाय की रक्षा करना सभी लोगों के हित में है। जोशी ने कहा, ऐसी कोई फैक्ट्री नहीं है जो अनाज, सब्जियां और फल पैदा कर सके।

जोशी ने आगे कहा कि हजारों वर्षों का विज्ञान और ज्ञान हमें सिखाता है कि रासायनिक उर्वरक मिट्टी को पोषण नहीं दे सकते। भारत में एक समय खाद्यान्न की आवश्यकता के कारण एक अलग कृषि नीति अपनाई गई थी क्योंकि उस समय खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए इसकी आवश्यकता थी। हालांकि, यह आज खतरनाक साबित हो रहा है, और केवल एक ही प्राणी हमें इससे बचा सकता है, और वह है गाय।

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