नई दिल्ली, आईएएनएस। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अपने 13 सदस्यों सहित अंतर-राज्य परिषद की स्थायी समिति का पुनर्गठन किया है। शुक्रवार को जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, गृह मंत्रालय ने 9 अगस्त, 2019 की अंतर-राज्य परिषद सचिवालय की अधिसूचना और प्रधान मंत्री की मंजूरी के साथ कदम उठाया।अंतरराज्यीय परिषद की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा चार अतिरिक्त सदस्य- वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत परिषद में केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों में शामिल हैं।

इनके अलावा, परिषद के विचारार्थ विषयों पर आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नई समिति के सदस्य होंगे। यह केंद्र-राज्य संबंधों से संबंधित सभी मामलों को अंतर-राज्य परिषद में विचार के लिए ले जाने से पहले जांच करता है, राजपत्र की अधिसूचना पढ़ता है। इसके लिए अध्यक्ष या परिषद द्वारा समिति परिषद की सिफारिशों पर लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की निगरानी भी करती है। इससे जुड़ेे किसी अन्य मामले पर विचार करती है।

अंतर-राज्य परिषद की स्थापना 28 मई, 1990 को सरकारिया आयोग की सिफारिश पर एक राष्ट्रपति के आदेश द्वारा एक स्थायी निकाय के रूप में की गई थी, जिसने यह भी सिफारिश की थी कि एक स्थायी अंतर-राज्य परिषद जिसे अंतर-सरकारी परिषद कहा जाता है, (आईजीसी) की स्थापना अनुच्छेद 263 के तहत की जानी चाहिए। आईएससी की स्थापना आयोग की सिफारिश के अनुसार की गई है। आईएससी का उद्देश्य राज्यों के बीच नीतियों, सामान्य हित के विषयों और विवादों पर चर्चा या जांच करना है।

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