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मुंबई में कैरेटलेन के 300वें स्टोर का उद्घाटन फैशन डिजाइनर नैन्सी त्यागी के हाथों हुआ

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मुंबई। भारत के अग्रणी ओमनी-चैनल आभूषण ब्रांड कैरेटलेन ने धनतेरस के अवसर पर मुंबई के मलाड पश्चिम में अपने 300वें स्टोर के शुभारंभ के साथ एक शानदार उपलब्धि हासिल की है। इस स्टोर का उद्घाटन फैशन डिजाइनर, कंटेंट क्रिएटर और कैरेटलेन के #WearYourWins कैम्पेन की ब्रांड एम्बेसडर नैन्सी त्यागी ने फिता काटने की रस्म के साथ किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में निष्ठावान ग्राहकों ने अपनी मौजूदगी से समारोह की गरिमा को बढ़ाया। इसके बाद ग्राहकों द्वारा स्टोर के अंदर कोल-ब्रेकिंग की परंपरा का पालन किया गया। इस परंपरा को आगे के समृद्ध समय की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। पूरे भारत में खूबसूरत और आकर्षक आभूषणों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाने के अपने मिशन के मुताबिक, ब्रांड ने अब तक टियर 3 शहरों में 55 से अधिक स्टोर लॉन्च किए हैं, जिनमें दीमापुर, पठानकोट और अट्टापुर जैसे शहर भी शामिल हैं।

वर्तमान में, देशभर के 130 शहरों में 3,70,000 वर्ग फुट से अधिक रिटेल स्पेस के साथ ब्रांड कैरेटलेन की मजबूत उपस्थिति कायम है। मलाड में नया माइलस्टोन स्टोर 900 वर्ग फीट में फैला है, जिसमें 1500 से ज्यादा लुभावने डिज़ाइन हैं और यह ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करता है – यह ब्रांड की बेहतरीन सेवा की पहचान को आगे बढ़ाता है, जो एक अच्छी तरह से एकीकृत ओमनी चैनल अनुभव के ज़रिए संभव हुआ है। स्टोर में तुरंत नक्काशी, कान छिदवाना, बड़े साइज़ की अंगूठियों का तैयार स्टॉक और व्यक्तिगत उपहार देने जैसी सेवाएँ भी उपलब्ध हैं, जो ग्राहकों के खरीदारी संबंधी अनुभव को और भी बेहतर बनाती हैं।

सौमेन भौमिक, एमडी-सीईओ, कैरेटलेन ने कहा,‘‘करवा चौथ के शुभ दिन पर 300वें स्टोर की लॉन्चिंग कैरेटलेन की कामयाबी की अब तक की यात्रा में एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। हमने इस नवरात्रि के दौरान देशभर में 12 नए स्टोर खोले, ताकि ज्यादा से ज्यादा भारतीय महिलाओं तक खूबसूरत और किफ़ायती आभूषण पहुँचाने का हमारा प्रयास जारी रहे। हम अमेरिका में अपना पहला स्टोर न्यू जर्सी में भी लॉन्च कर रहे हैं, जो हमारे ग्लोबल फुटप्रिंट की शुरुआत को दर्शाता है।‘’

कैरेटलेन के कलैक्शन में खूबसूरत जड़ित और बिना जड़ित आभूषणों का मिश्रण मिलता है, जिसमें बटरफ्लाई, आरण्य और ऑम्ब्रे जैसे इसके बेहतरीन आइकॉनिक संग्रह शामिल हैं। दिलचस्प आईपी सहयोगों के माध्यम से, ब्रांड अपने डिज्नी, हैरी पॉटर और मिनियन संग्रह के साथ उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करता है। ये ऐसे आभूषण हैं जो पुरानी यादों को ताजा करते हैं। हाल ही में, कैरेटलेन ने त्यौहारी सीज़न के दौरान 22कैरेट में रोजमर्रा में पहनने वाले सोने के ब्यूटीफुल और कंटेम्परेरी आभूषण भी लॉन्च किए – यह एक ऐसा कदम था जो ब्रांड ने पहले कभी नहीं उठाया था।

ब्रांड सभी उम्र के लोगों की पसंद को ध्यान में रखता है, और 7,000 से अधिक डिज़ाइन पेश करता है जो इसे हर आभूषण की ज़रूरत के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं। वर्तमान में, त्यौहारी ऑफ़र पर 4000 से अधिक डिज़ाइन उपलब्ध हैं।

गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने के मुद्दे पर भाजपा कांग्रेस समेत सभी पार्टियों का रवैया एक जैसा, आरएसएस ने भी निराश किया : शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द जी महाराज

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नेता साथ नहीं, पर जनता हमारे साथ है, इसलिए अब वोट की चोट की जाएगी 

शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द जी महाराज चण्डीगढ़ में गौ ध्वज को स्थापित कर गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने पधारे

श्री अयोध्या धाम से शुरू हुई गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा पहुंची चण्डीगढ़   

चण्डीगढ़ : गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के मुद्दे पर भाजपा कांग्रेस समेत देश भर की सभी पार्टियों का रवैया कमोबेश एक जैसा ही है। इससे भी बढ़ कर उन्हें आरएसएस से भी निराशा मिली। ये कहना था पूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्‌गुरु शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज 1008 का। वे आज गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा का नेतृत्व करते हुए चण्डीगढ़ के कैम्बवाला गांव स्थित श्री गोपाल गौलोक धाम, गौशाला में पधारे थे, जहां उन्होंने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। शंकराचार्य जी महाराज इस ऐतिहासिक यात्रा के माध्यम से भारत भूमि की ऊपर से सम्पूर्णतया गौहत्या का कलंक मिटाकर गोमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए प्रयासरत्त हैं। इस ऐतिहासिक यात्रा को विगत दिनों तब एक बडी सफलता मिली जब पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के निर्देश पर महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री एकनाथ सम्भाजी शिन्दे जी ने देसी (रामा) गाय को राज्यमाता घोषित करके केबिनेट की प्रस्ताव की कापी शंकराचार्य जी के चरणों में सौंपी।

उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक मोदी जी ने उन्हें मुलाकात का समय नहीं दिया। उनके मुताबिक मोदी जी ने कहला रखा है कि यदि कोई गौ माता के मुद्दे पर मिलने आए, तो समय नहीं देना है। शंकराचार्य ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री खुद गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर हैं, परंतु वे भी इस मसले पर उदासीन हैं।

 

यहां तक कि हिंदूवादी संगठन के नाम से पहचान रखने वाले आर एस एस का रवैया तो और भी चौंकाने वाला था। उनके बड़े नेता मोहन वैद्य ने तो साफ कह दिया कि इस संगठन के लगभग 30 हज़ार स्वयंसेवक गौ मांस का सेवन करते हैं।
उन्होंने कहा कि इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये रही कि उन्हें छत्तीसगढ़ से एक वीडियो प्राप्त हुआ, जिससे हजारों मुसलमानों ने गौ के मुद्दे पर एक बैठक करके उनका साथ देने की घोषणा की। उनके मुताबिक देश के अधिसंख्य लोगों से उन्हें समर्थन मिल रहा है, जोकि काफी उत्साहजनक बात है। शंकराचार्य ने आगे कहा कि ये बड़ी ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि देश में अधिकांश बूचड़खाने हिंदुओं द्वारा संचालित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को हिंदू धर्म से बहिष्कृत कर देना चाहिए।

गौ-ध्वज की स्थापना की

पूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्‌गुरु शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द के निर्देशन एवं नेतृत्व में सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा बीती 22 सितम्बर से श्री अयोध्या धाम से आरम्भ हुई जोकि आज चण्डीगढ़ में पहुंची। यहां गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन के संयोजक पूज्य गोपाल मणि जी महाराज, जो पूरे समर्पण और शक्ति के साथ यात्रा की सफलता हेतु प्राण-प्रण से शङ्कराचार्य जी के साथ इस यात्रा पर हैं, ने चण्डीगढ़ में उनके पधारने पर श्री गोपाल गौलोक धाम गौशाला, कैंबवाला में उनका स्वागत किया।  पूज्य जगद्‌गुरू शङ्‌कराचार्य जी ने यहाँ सर्वप्रथम गौ ध्वज की स्थापना की व तत्पश्चात गौ महासभा को भी सम्बोधित किया ।

26 अक्तूबर तक चलने वाली ये यात्रा भारत के समस्त 36 प्रदेशों की राजधानियों तक जा रही है तथा वहाँ एक गौ ध्वज की स्थापना की जा रही है। यात्रा का समापन 26 अक्टूबर को दिल्ली में होगा।

उल्लेखनीय है कि संविधान एवं कानून में गाय को राज्य सूची से हटाकर केंद्रीय सूची में प्रतिष्ठित कर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौहत्यामुक्त भारत बनाने के लिए सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आंदोलन चलाया जा रहा है। इस गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा का लक्ष्य सम्पूर्ण भारत में गो प्रतिष्ठा आन्दोलन हेतु समस्त राष्ट्र के गौभक्त हिन्दुओं को जागृत कर एक सूत्र में पिरोने का है तथा गोमाता की दुर्गति, गौ हत्या के कलङ्क को मिटाकर, पशु सूची के अपमान से हटाकर राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाना है।  इस गो ध्वज स्थापना पद यात्रा का सूत्रवाक्य है- गौ माता, राष्ट्र माता राष्ट्र माता, भारत माता।

गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा के उपरान्त देश की राजधानी दिल्ली में गोपाष्टमी के अवसर पर 7, 8 और 9 नवम्बर को तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी गो प्रतिष्ठा महासम्मेलन होगा जो भारत की सरकार को गौहत्या के कलङ्क को मिटाकर गौमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाने हेतु निर्णायक होगा।

गोदावरी बायोरिफाइनरीज लिमिटेड की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश 23 अक्टूबर को खुलेगी

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मुंबई (अनिल बेदाग) : गोदावरी बायोरिफाइनरीज लिमिटेड (“जीबीएल” या “कंपनी”), बुधवार, 23 अक्टूबर, 2024 (“बोली / प्रस्ताव खोलने की तारीख”) को इक्विटी शेयरों (“प्रस्ताव”) की अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश खोलने का प्रस्ताव करती है। इस ऑफर में 325 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों का ताजा निर्गम (“ताजा निर्गम”) और 6,526,983 इक्विटी शेयरों की बिक्री के लिए ऑफर (“बिक्री के लिए ऑफर”, ताजा इश्यू के साथ, “कुल ऑफर का आकार”) शामिल है।
ऑफर का प्राइस बैंड 334 से 352 रुपये प्रति इक्विटी शेयर (“प्राइस बैंड) तय किया गया है। न्यूनतम 42 इक्विटी शेयरों और उसके बाद 42 इक्विटी शेयरों के गुणों में बोलियाँ लगाई जा सकती हैं (“बोली का आकार”)।
कंपनी का इरादा शुद्ध आय का उपयोग कंपनी द्वारा लिए गए कुछ बकाया उधारों के पूर्ण या आंशिक रूप से पुनर्भुगतान/पूर्व भुगतान के लिए करना है, जिसकी अनुमानित राशि 240 करोड़ रुपये है और शुद्ध आय की शेष राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उ‌द्देश्यों (सामूहिक रूप से, “प्रस्ताव के उ‌द्देश्य”) के लिए करना है।
बिक्री के लिए प्रस्ताव में सोमैया एजेंसीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 500,000 इक्विटी शेयर, समीर शांतिलाल सोमैया द्वारा 500,000 इक्विटी शेयर, लक्ष्मीवाड़ी माइन्स एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 200,000 इक्विटी शेयर, फिल्मीडिया कम्युनिकेशन सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 300,000 इक्विटी शेयर, सोमैया प्रॉपर्टीज इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड दद्वारा 100,000 इक्विटी शेयर और मंडला कैपिटल एजी लिमिटेड द्वारा 4,926,983 इक्विटी शेयर शामिल हैं।
यह प्रस्ताव प्रतिभूति संविदा (विनियमन) नियम, 1957 के नियम 19 (2) (बी), संशोधित (“एससीआरआर”), सेबी आईसीडीआर विनियमनों के विनियमन 31 के अनुसार है। यह ऑफर सेबी आईसीडीआर विनियमन के विनियमन 6 (1) के अनुसार बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें ऑफर का 50% से अधिक हिस्सा आनुपातिक आधार पर योग्य संस्थागत खरीदारों (“क्यूआईबी”) (“क्यूआईबी हिस्सा”) को आवंटित करने के लिए उपलब्ध नहीं होगा। बशर्ते कि हमारी कंपनी बीआरएलएम के परामर्श से, सेबी आईसीडीआर विनियमन (“एंकर निवेशक हिस्सा”) के अनुसार विवेकाधीन आधार पर क्यूआईबी हिस्से का 60% तक एंकर निवेशकों को आवंटित कर सकती है, जिसमें से एक तिहाई घरेलू म्यूचुअल फंड के लिए आरक्षित होगा। बशर्ते कि एंकर निवेशकों को आवंटित मूल्य (“एंकर निवेशक आवंटन मूल्य”) पर या उससे अधिक पर घरेलू म्यूचुअल फंड से वैध बोलियां प्राप्त हों। एंकर निवेशक हिस्से में कम-सब्सक्रिप्शन या गैर-आवंटन की स्थिति में, शेष इक्विटी शेयरों को क्यूआईबी हिस्से (एंकर निवेशक हिस्से के अलावा) (“नेट क्यूआईबी हिस्सा”) में जोड़ा जाएगा।
इसके अलावा, नेट क्यूआईबी हिस्से का 5% आनुपातिक आधार पर केवल म्यूचुअल फंड को आवंटित करने के लिए उपलब्ध होगा, बशर्ते कि ऑफर मूल्य पर या इससे ऊपर वैध बोलियां प्राप्त हों, और नेट क्यूआईबी हिस्से का शेष हिस्सा आनुपातिक आधार पर म्यूचुअल फंड सहित सभी क्यूआईबी को आवंटित करने के लिए उपलब्ध होगा, बशर्ते कि ऑफर मूल्य पर या इससे ऊपर वैध बोलियां प्राप्त हों।
हालांकि, यदि म्यूचुअल फंडों से कुल मांग नेट क्यूआईबी हिस्से के 5% से कम है, तो म्यूचुअल फंड हिस्से में आवंटन के लिए उपलब्ध शेष इक्विटी शेयरों को सभी क्यूआईबी को आनुपातिक आवंटन के लिए शेष नेट क्यूआईबी हिस्से में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, प्रस्ताव का कम से कम 15%

गुजरात समाचार – मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल के सम्मान समारोह में 3,000 से अधिक जीवदया प्रेमियों ने लिया भाग

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गुजरात की गौशालाओं और पांजरापोल के ट्रस्टियों,समस्त महाजन,और श्री वीरमगाम खोडा ढोर पांजरापोल की संयुक्त पहल द्वारा: मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल के सम्मान समारोह में 3,000 से अधिक जीवदया प्रेमियों की उपस्थित हुए

वीरमगाम (गुजरात): 20 अक्टूबर 2024 : वीरमगाम खोडा ढोर पांजरापोल और समस्त महाजन के संयुक्त प्रयासों से गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल के सम्मान में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया। इस अनोखे कार्यक्रम में पूरे गुजरात से 3,000 से अधिक जीवदया प्रेमी एकत्र हुए। यह कार्यक्रम प्रसिद्ध जीवदया तीर्थ, मोती कुमाड, वीरपुर विड, वीरमगाम में आयोजित किया गया, जहाँ राज्यभर से पांजरापोल और गौशालाओं के ट्रस्टी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

विशिष्ट अतिथियों का स्वागत और सम्मान

समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. गिरीशभाई शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल, पशुपालन मंत्री श्री राघवजीभाई पटेल, सांसद श्री चंदुभाई शीहोरा,विधायक श्री हार्दिकभाई पटेल, गुजरात बीजेपी की उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक श्रीमती वर्षाबेन दोषी,बीजेपी अहमदाबाद जिला अध्यक्ष श्री हर्षदगिरि गोस्वामी, पूर्व विधायक श्री वजुभाई डोडिया, वीरमगाम बीजेपी प्रमुख श्री नरेशभाई शाह,जिला उपाध्यक्ष श्री दीपकभाई पटेल, सद्भावना ट्रस्ट के श्री विजयभाई डोबरिया,और गिर गंगा के अध्यक्ष श्री दिलीपभाई साखिया का हार्दिक स्वागत और सम्मान किया।

सरकार का सराहनीय योगदान और आगे के प्रयासों की आवश्यकता

गुजरात सरकार अपनी पशु कल्याण योजना के तहत प्रति पशु प्रति दिन ₹30 का भत्ता प्रदान करती है, जो एक सराहनीय कदम है। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, एक पशु के रखरखाव का औसत दैनिक खर्च ₹100 है। सरकार से इस सहयोग को और बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक कदम उठाने का अनुरोध किया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल को गाय पोषण योजनाओं और अन्य जीवों के कल्याण के संबंध में उनके सराहनीय निर्णयों के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने संगठन के प्रेरणादायक कार्य की प्रशंसा की जो पशु कल्याण के साथ-साथ विकास को बढ़ावा देता है और जल संरक्षण के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया, और सभी से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘कैच द रेन’ अभियान में भाग लेने का अनुरोध किया।

वृक्षारोपण और विकास पहल

श्री वीरमगाम खोडा ढोर पंजरापोल के विकास प्रयासों के तहत वृक्षारोपण अभियान चलाया गया और पशु हेल्पलाइन एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की गई,वृक्षारोपण अभियान #एक_पेड़_माँ_के_नाम के तहत हुआ, जिसका उद्देश्य पशु कल्याण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करना है। पशुपालन मंत्री ने कहा, “गाय राज्य की माता है और उसकी सच्ची सेवा करना हमारा कर्तव्य है।”

मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल की प्रतिज्ञा

अपने संबोधन में, श्री भूपेन्द्रभाई पटेल ने पशु कल्याण गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा, “यह सरकार की जिम्मेदारी है कि गुजरात में कोई भी पशु अनावश्यक रूप से न मरे। प्रत्येक पशु की सुरक्षा और संरक्षण हमारी प्राथमिकता है।” उन्होंने पशु कल्याण प्रेमियों को आश्वासन दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी कि कोई भी पशु असहाय न रहे।

कार्यक्रम की सफलता में प्रमुख योगदान

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की सफलता का श्रेय वीरमगाम खोडा ढोर पंजरापोल के अध्यक्ष श्री पंकजभाई गांधी के समर्पित प्रयासों को दिया जाता है। उनके कुशल नेतृत्व में कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

समस्त महाजन की समर्पित टीम का योगदान

समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. गिरीशभाई शाह, ट्रस्टी श्री देवेंद्र जैन, श्री पारेखभाई शाह, श्री मितलभाई खेतानी और श्री प्रतीकभाई सांघानी के नेतृत्व में, इस कार्यक्रम को भव्य सफलता दिलाने के लिए उत्कृष्ट प्रयास किए गए। सभी सदस्यों की अटूट निष्ठा और प्रयासों ने इस विशेष कार्यक्रम को गरिमामय सफलता दी।

Kakadia Gaushala – मुंबई के पास काकड़िआ गौशाला किसी गौ पर्यटन से कम नहीं

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हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है। पुराणों में धर्म को भी गौ रूप में दर्शाया गया है।भगवान श्रीकृष्ण गाय की सेवा अपने हाथों से करते थे और इनका निवास भी गोलोक बताया गया है। इतना ही नहीं गाय को कामधेनु के रूप में सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला भी बताया गया है। हिंदू धर्म में गाय के इस महत्व के पीछे कई कारण हैं जिनका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है।
आज महानगर मुंबई जैसे शहर में यदि कोई गौसेवा करे और वो भी अपनी गौशाला खोल कर तो बाड़ी बात होती है। आज के समय में गौशाला चलाना अपने आप में बड़ी चुनौती है।
गुजरात भावनगर के रहने वाले उद्योगपति प्रवीण भाई काकड़िया अपने बचपन के दिनों में गौ माता को चराने जाते थे। जब ८० के दसक में उनका परिवार कारोबार के लिए मुंबई आया तो उन्हें मजबूरन अपने घर की सभी गौवंश को दूसरे को देना पड़ा था। बचपन से ही जीवदया का भाव रखने वाले प्रवीण भाई काकड़िया ने तभो सोच लिया था कि यदि भगवान् ने उन्हें सामर्थ दिया तो एक दिन मुंबई के आस -पास अपनी गौशाला जरूर बनाएंगे।
ईश्वर और गौमाता की कृपा उनके परिवार पर हुई और आज से १२ वर्ष पहले प्रवीण भाई काकड़िया ने काकड़िया गौशाला की नींव मुंबई के पास ब्रजेश्वरी रोड विरार के पास अंबोडे गांव में ३ एकड़ की भूमि खरीद कर शुरू की आज यहाँ पर ५० से भी अधिक देशी गिर गौवंश है। जिनकी सेवा हो रही है।

Kakadia Gaushala

३ एकड़ की भूमि में फैली इस गौशाला में गौवंश के लिए सभी सुबिधाएँ मौजूद है , प्रवीण भाई बताते है कि वे चारा भावनगर से मंगवाते है बाकी हरे चारे की व्यवस्था गौशाला में होती है।
प्रवीण भाई अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहते है – विश्व कल्याण तभी होगा जब गौ माता की सेवा का बीड़ा उठाएंगे, गौ माता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है प्रकृति ने हमें पैड़-पौघे, पहाड, नदियाँ, समुद्र, पशु-पक्षी सभी कुछ दिया है। मानव के विकास के रास्ते विविध तरीकों से खोले हैं। मानव को सोचने-समझने और अपने जीवन के साथ-साथ प्रकृति की बनाई हुई प्रत्येक वस्तु के संरक्षण का ज्ञान प्रदान किया है। गौ सेवा सब से बड़ी सेवा है। मैं वही कर रहा हूँ।
प्रवीण भाई आगे बताते है कि – ‘उन्हें बचपन से ही गाय का दूध पीने का बहुत रूचि थी , यह भी एक कारण है जो मुझे गौमाता के करीब रखता है। और एक बड़ी बात यह भी थी कि मेरे परिवार के लोग बिटमिंस की कमी के कारण परेशान और बीमार रहते थे,जिस का एक मात्र ईलाज था देशी गाय का दूध।

प्रवीण भाई १९८४ मात्र १८ वर्ष की उम्र में मुंबई आ गए थे। परिवार का साथ रहा , कारोबार में सफल होने के बाद आज वह अपने बचपन की रूचि और पारिवारिक संस्कारो के अनुरूप जीवदया , गौसेवा को अपना मूल मन्त्र मान कर काम करते है।
आज वह अपनी गौशाला के माध्यम से रोजगार के दृष्टिकोण से वह अपना गौशाला का देशी घी का ब्रांड भी ले कर आ रहे है जिस पर वह काम किया जा रहा है। देशी गौवंश के नश्ल सुधार पर भी वह काम कर रहे है।
प्रवीण भाई जीवदया के काम को मुंबई की जानी मानी संस्था समस्त महाजन के साथ मिल कर काफी काम करते है। गौसेवा और जीवदया पर उनके विचार बहुत ही अच्छे और प्रेरणा देने वाले है वे कहते है कि -” भगवान श्रीकृष्ण ने ‘गौ’ संस्कृति आधारित जीवन शैली को भी आगे बढ़ाया व भारतवर्ष में गौ पालन सनातन धर्म का आधार माना गया। वर्णन आता है कि श्रीकृष्णजी संदीपन ऋषि के यहां पढ़ने के लिए गये, तो वहां भी उन्हें सर्वप्रथम गौ सेवा व गौशाला का कार्य दिया गया। गौ सेवा श्रीकृष्ण ने बखूबी निभाया, गायों को समय पर चारा, पानी देने, गाय के गोबर को उठाने, गो सेवा करने में इस स्तर तक लीन हो गये, जिससे श्रीकृष्ण को सूक्ष्म अनुभूतियां हुई। उनके अंतःकरण में जन जन की पीड़ा निवारण की प्रेरणा भरने लगी और वे संतों, सज्जन व्यक्तियों के जीवन को सुखी करने और दुष्टों का संहार करके समाज में करुणा-संवेदना स्थापित करने का संकल्प लिया!
मानव मन-मस्तिष्क की सात्विकता व संवेदनशीलता जगाकर आध्यात्मिक प्रगति दिलाने में गाय सहायक है। गाय की निकटता शरीर से रोगों को दूर रखने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक है। एक तरफ कृषि प्रक्रिया से गाय व गौवंश के बाहर होने पर धरती बंजर होने लगी, वहीं जीवन शैली में लगातार बढ़ता असंतोष, अस्थिरता के पीछे गौ माता से दूर होना बड़ा कारण माना जा रहा है। परम गौभक्त जीवदया के लिए दान करना प्रवीण भाई काकड़िआ के जीवन का आज एक अभिन्न अंग बन चूका है।आज उनकी यह गौशाला किसी पर्यटन स्थल से कम नहीं है .

 

 

 

साइबर खतरों से बचाने के लिए AU कॉर्पोरेट एडवाइजरी एंड लीगल सर्विसेज (AUCL) ने WHT NOW के साथ साझेदारी की

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मुंबई (अनिल बेदाग): देश में कॉर्पोरेट एवं कानूनी सलाह के क्षेत्र की अग्रणी संस्था के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले, AU कॉर्पोरेट एडवाइजरी एंड लीगल सर्विसेज (AUCL) ने भारत में साइबर-बुलीइंग के ख़तरे का सामना कर रहे हर व्यक्ति की अनमोल ज़िंदगी बचाने और उसकी हिफाज़त करने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। AUCL ने नई राह दिखाने वाली इस पहल के लिए, आज साइबर उत्पीड़न और साइबर-बुलीइंग के खिलाफ युवाओं की आवाज- WHT NOW के साथ साझेदारी की घोषणा की है।
आज के डिजिटल जमाने में टेक्नोलॉजी में हो रही प्रगति के साथ लोगों के बीच आपसी संपर्क, बातचीत करने और जानकारी साझा करने के तरीके में बड़े पैमाने पर बदलाव आया है। हालाँकि, टेक्नोलॉजी में इस जबरदस्त प्रगति ने साइबर-बुलीइंग, साइबर अपराध और साइबर उत्पीड़न जैसी नई चुनौतियों के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं, जो भारत के साथ-साथ दुनिया भर में एक बड़ी सामाजिक चुनौती के तौर पर उभरकर सामने आ रहे हैं। भारत जैसे देश में ये समस्याएँ विशेष रूप से गंभीर हैं, जहाँ इंटरनेट के उपयोग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। परंतु सामने आने वाले ऑनलाइन ख़तरों की तुलना में इसे नियमों के दायरे में लाने वाली व्यवस्था और जागरूकता काफी पीछे है।
इस मौके पर AU कॉर्पोरेट एडवाइजरी एंड लीगल सर्विसेज (AUCL) के संस्थापक, अक्षत खेतान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “भारत धीरे-धीरे डिजिटल रूप से सशक्त समाज बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, इसलिए साइबर-बुलीइंग, साइबर अपराध और साइबर उत्पीड़न की वजह से सामने आने वाले ख़तरों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। नीति निर्माताओं, शिक्षकों, कानून लागू करने वाली संस्थाओं और आम लोगों को इन समस्याओं पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। भारत इस मुद्दे के सभी पहलुओं को शामिल करने वाला कानूनी ढांचा तैयार करके, लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाकर और कानून लागू करने वाली संस्थाओं को मजबूत करके इन ऑनलाइन खतरों के हानिकारक प्रभावों को कम करने की शुरुआत कर सकता है, साथ ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि इंटरनेट अपने सभी उपयोगकर्ताओं के लिए पूरी तरह सुरक्षित बना रहे।”
आज के युवाओं के सामने आने वाली साइबर-बुलीइंग/उत्पीड़न की समस्याओं को उजागर करते हुए, WHT NOW की संस्थापक एवं समाजसेवी, नीति गोयल ने कहा, “युवाओं की ऑनलाइन कम्युनिटी को सुरक्षित और सहयोगी बनना ही हमारा मिशन है, जहाँ वे साइबर-बुलीइंग और साइबर उत्पीड़न के डर के बिना एक-दूसरे के साथ संपर्क कर सकें। हम साइबर उत्पीड़न के खिलाफ जन-जागरूकता कार्यक्रमों के ज़रिये युवाओं को मंच उपलब्ध कराकर इस लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं। हमने साइबर जोखिम से जुड़ी समस्याओं के लिए कारगर नीतियों और प्रक्रियाओं को विकसित करने के लिए AU कॉर्पोरेट एडवाइजरी एंड लीगल सर्विसेज (AUCL) के साथ साझेदारी की है, ताकि पीड़ितों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करके उन्हें सहारा दिया जा सके।”
नीति गोयल एक जानी-मानी रेस्टोरेंट व्यवसायी और समाजसेवी हैं, जो समाज की भलाई से जुड़े मुद्दों के समर्थन में सबसे आगे रही हैं। उन्होंने देश के युवाओं को साइबर उत्पीड़न का सामना करने में सक्षम बनाने के लिए ‘WHT NOW’ जैसी पहल की शुरुआत की है। शिक्षा जगत की मशहूर हस्ती और WHT NOW की सह-संस्थापक, डॉ. निवेदिता श्रेयांस ने इस आंदोलन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दोनों ने साथ मिलकर साइबर-बुलीइंग के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी से निपटने के लिए एक सहायता प्रणाली बनाई है, जो पीड़ितों को कानूनी सहायता, मानसिक सेहत के लिए जरूरी संसाधन के साथ-साथ युवाओं को किसी डर या आलोचना के बिना मदद प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करती है। एकजुट होकर की गई उनकी कोशिशों की वजह से ही भारत में ऑनलाइन दुर्व्यवहार के खिलाफ युवाओं की सबसे बड़ी मुहिम को आगे बढ़ाना संभव हो पाया है।
पीड़ितों को कानूनी सहायता और मदद उपलब्ध कराने के अलावा, AUCL और WHT NOW पीड़ितों को मुश्किल हालात से उबरने के लिए यूथ मेन्टॉर की सेवाएँ मुहैया कराएंगे, साइबर अपराध पुलिस टीम के साथ मिलकर उनकी मदद करेंगे, कानूनी सलाह एवं सहायता प्रदान करेंगे, साथ ही देश भर के कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में बड़े पैमाने पर जन जागरूकता कार्यक्रमों तथा सामाजिक अभियानों का संचालन करेंगे। इसके अलावा, समाज को इस समस्या के बारे में जागरूक बनाने के लिए सेमिनार, सम्मेलन, पैनल चर्चा, केस स्टडी विश्लेषण, रोड शो, वॉकथॉन, कैंडल मार्च, नाटक, कला प्रदर्शनी, वाद-विवाद जैसी गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा।
AUCL और WHT NOW ने साथ मिलकर युवा जनसंपर्क कार्यक्रमों के ज़रिये साइबर-बुलीइंग की बुराई को समाप्त करने, सरकारी नीतियों में सुधार लाने, इसे शैक्षिक पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाने तथा अभिभावक-शिक्षक संपर्क जैसी पहलों के माध्यम से अभिभावकों को इस समस्या के बारे में जागरूक बनाने का लक्ष्य रखा है।
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मोदी युग में सशक्त होती भाजपा*

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                                                                           ( सुरेश पचौरी-विनायक फ़ीचर्स )
   भारतीय जनता पार्टी आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। इस उपलब्धि के पीछे पार्टी के करोड़ों देवतुल्य कार्यकर्ताओं की मेहनत है। कोई भी संगठन, संस्था अथवा राजनैतिक दल प्रगति के सर्वोच्च शिखर को तभी छू सकते हैं, जब उनके सामने लक्ष्य और दिशा सुस्पष्ट हो। उसका कर्मपथ तदनुरूप निर्दिष्ट हो। उस दिशा में अग्रसर होने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं का विशाल समूह साथ में हो। ऐसे कार्यकर्ता, जो राष्ट्र और समाज की बेहतरी के लिए कटिबद्ध हों तथा निःस्वार्थ सेवा व समर्थ राष्ट्र-निर्माण जिनका संकल्प हो।
    विश्व की सबसे विशाल सदस्य संख्या वाली भारतीय जनता पार्टी का उदाहरण हमारे सामने है। भाजपा पंचनिष्ठाओं पर आधारित पार्टी है। ये पंचनिष्ठाएं हैं- राष्ट्रवाद एवं राष्ट्रीय अखंडता, लोकतंत्र, सर्वधर्म समभाव, गांधीवादी समाजवाद तथा मूल्य आधारित राजनीति। भाजपा के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है और वह सदैव राष्ट्रहित में काम करती है।भाजपा प्रत्येक देशवासी को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। भाजपा का विरोध सिर्फ अलगाववादियों एवं आतंकवादियों से है। उन देशद्रोहियों और षडयंत्रकारियों से है, जो राष्ट्रहित पर आघात करने के मंसूबे पालते है।
   विश्व के अग्रणी नेता के रूप में प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पांच दशक के सार्वजनिक और राजनैतिक जीवन में हमने लोकप्रियता की इस ऊॅंचांई पर किसी नेता का आरोहण होते हुए नहीं देखा है।
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के प्रत्यक्ष अवलोकन से स्पष्ट है कि सदस्य संख्या के मान से भाजपा दुनिया के सबसे बड़े राजनैतिक दल की प्रतिष्ठा पहले ही अर्जित कर चुकी है।
    किसी संगठन और नेतृत्व का संकल्प जब जनता से जुड़ने, जन-जन से खुद को जोड़ने और अपने आचरण व कार्य व्यवहार से जनता के दिलों को जीत लेने का होता है तो कालांतर में उसका असर स्वयमेव दिखाई देता है। भाजपा ने अपनी नीतियों से संगठन के प्रति लोगों का भरोसा जगाया है। जनमानस में यह धारणा बनने लगी है कि भाजपा ही हमारी हितैषी पार्टी हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तो अपना मंतव्य भी स्पष्ट कर रखा है- ‘सबका साथ , सबका विकास , सबका विश्वास।‘ समाज का कोई भी वर्ग इससे अछूता नहीं। किसी के साथ पक्षपात नहीं। किसी के साथ भेदभाव नहीं।
   श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार द्वारा समाज के शोषित, वंचित, पीडित व सर्वहारा वर्ग के हितों में अनेक ऐतिहासिक एवं कल्याणकारी निर्णय लिए गए हैं। महिला सशक्तिकरण के साथ ही नौजवानों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सभी के लिए उत्तम स्वास्थ, शिक्षा एवं सामाजिक कल्याण के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। ‘विकसित भारत’ का सपना संजोये भारतीयों ने  मोदी जी से प्रेरित होकर भाजपा के सदस्यता अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। संगठन पर्व 2024 के द्वितीय चरण में पार्टी एवं नेतृत्व के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए देश में अब तक नौ करोड़ से अधिक जिसमें मध्यप्रदेश में लगभग डेढ़ करोड़ लोग भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में पंजीकृत हुए। यह उल्लेखनीय उपलब्धि भाजपा के देवतुल्य सजग कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की वजह से मिल पाई है। भाजपा के केन्द्रीय नेताओं के मार्गदर्शन व मध्यप्रदेश के कर्मठ नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी  अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कटिबद्ध है।
राष्ट्रनायकत्व का अभूतपूर्व प्रतिमान नरेन्द्र मोदी
   इस मान्यता में कतई अतिशयोक्ति नहीं है कि श्री नरेन्द्र मोदी विश्व की पहली पंक्ति के  नेताओें में शुमार हो चुके हैं। विश्वमंच पर उनकी बात ध्यान से सुनी जाती है। संकट-समाधान के लिए उनकी ओर आशा भरी नजरों से देखा जाता है। मोदी जी मूलतः संगठन के व्यक्ति हैं। वे बड़े गर्व से स्वयं को भारतीय जनता पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता कहते हैं। यही बड़प्पन उन्हें बड़ा नेता बनाता है। पिछले 23 वर्षों से वे सत्ता के सूत्र संचालन कर रहे हैं। वे 13 वर्ष गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और 10 वर्ष से भारत के सफल प्रधानमंत्री हैं।
   लोकतंत्र की एक आवश्यक शर्त महाकवि कालिदास की अमर कृति ‘अभिज्ञान शाकुंतलम्’ में मिलती है। कालिदास जी कहते हैं- ‘अविश्रामोऽयं लोकतंत्राधिकारः।’ अर्थात् लोकतंत्र के अधिकार में विश्राम नहीं। श्री नरेन्द्र मोदी  ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो केवल  घोषणा करने और निर्णय लेने तक सीमित नहीं रहते बल्कि कार्यान्वयन के प्रत्येक चरण की मानीटरिंग और समीक्षा करते हैं। कमियों को दुरुस्त करवाते हैं। अच्छे काम करने वालों की हौसला अफजाई करते हैं। देश के किस राज्य के किस कोने में क्या नवाचार किया जा रहा है, उसकी समाज के लिए क्या उपादेयता है, इन सबको परखते हुए अपने अनूठे और अभूतपूर्व लोक संवाद ‘मन की बात’ में उसको रेखांकित करते हैं। मोदीजी ने 10 साल से चल रहे ‘मन की बात’ कार्यक्रम में हजारों देशवासियों को बेहतर करने की प्रेरणा दी है। भारतीय जनता पार्टी के असंख्य कार्यकर्ता अपने यशस्वी जननेता से प्रेरणा लेकर दोगुने उत्साह के साथ काम करते हैं।
   श्री नरेन्द्र मोदी जीवन के संघर्षों का सामना करते हुए आगे बढ़े हैं। उन्होंने जब राष्ट्र की बागडोर संभाली, तब गरीब, किसान, नौजवान तथा महिलाएं उनकी प्राथमिकता के केन्द्र बिन्दु बने। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए निःशुल्क खाद्यान्न, किसानों के लिए सम्मान निधि, गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान चिकित्सा योजना इसके ज्वलंत प्रमाण हैं।
प्रधानमंत्री जी हमेशा नये भारत की बात करते हैं। नया भारत कुछ वर्षों के बाद ‘विकसित भारत’ बनकर दुनिया का सिरमौर बने, इसके लिए आधारभूत संरचना को सुदृढ़ बनाना उनकी प्राथमिकता रही है। शिक्षा के क्षेत्र में तो अभूतपूर्व क्रांति हुई है। नई शिक्षा नीति  ज्ञान को भारतीयता से जोड़ने की सार्थक पहल है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के सर्वांगीण विकास के लिए जो सपना संजो रखा है, उसे पूरा करने के लिए उनके नेतृत्व में केन्द्र सरकार प्रतिबद्ध है। निःसंदेह, मोदी जी का हर पल, हर क्षण राष्ट्र के लिए समर्पित है और वे इसी संकल्प के साथ विश्व में देश का मान बढ़ाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। *( विनायक फ़ीचर्स )(लेखक भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं)*\

एनयूजेआई की महाराष्ट्र इकाई की नई कार्यकारिणी का गठन

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हंसराज कनौजिया को अध्यक्ष और मयूर पारिख को महासचिव बनाया गया

मुंबई। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, इंडिया से संबंद्ध महाराष्ट्र इकाई की एनयूजेआई उपाध्यक्ष व पर्यवेक्षक शिवेंद्र कुमार की देखरेख में हिन्दू जिमखाना, मरिन लाइंस, मुंबई में 8 अक्तूबर, 2024 को आयोजित एक बैठक में नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई। इसके अलावा आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की गई। नई कार्यकारिणी में मुंबई इकाई के अध्यक्ष हंसराज कनौजिया ( तरुणमित्र), महासचिव मयूर पारिख (न्यूज कंटी-न्यूज) और कोषाध्यक्ष वसुधा धुमक (खबरें-आज तक) चुनी गईं। तीन उपाध्यक्षों में बाबा लोंढे, संजना भारती गांधी (पुणे), अजीत सिंह मट्टा के नाम प्रमुख हैं। जिन 4 सचिवों को नई कार्यकारिणी में शामिल किया गया उनमें पी सी कपाड़िया, शरवरी ए. जोशी (फ्रीलांस पत्रकार), राज पांडे, (सीईएन न्यूज), मनीष शेठ (जनसत्ता-लोकसत्ता) के नाम प्रमुख हैं। दो कार्यालय सचिवों में सर्वश्री दिनेश सावलिया (गुजराती मिडडे) और सुनील निकम (जनसंदेश टीवी) (नासिक) के नाम प्रमुख हैं। मीडिया सेलः में चुने गए दो मीडियाकर्मियों के नाम इम्तियाज अजीम (सहारा समय टीवी) जिग्ना दत्ता (ज़ी-5) हैं। इसके अलावा 8 कार्यकारी सदस्य भी चुने गए जिनके नाम क्रमशः शांथ कुमार (टाइम्स ऑफ इंडिया), शादाब खान (मिडडे इंग्लिश), सतीश सोनी (जीएसटीवी न्यूज चैनल), मनीष गुप्ता (दैनिक भास्कर), विजय गोहिल (फ्री-प्रेस जर्नल्स), अर्जुन कांबले (सामना- हिंदी), विजय बाटे (साकाल), सुषमा पाटिल (सकाल, पुणे), इम्तियाज शेख (उर्दू टाइम्स), रमाकांत मुंडे (बॉलीवुड न्यूज), परेश बी मेहता (संपादक-फिल्मी टाउन), विरल व्यास (जन्मभूमि-गुजराती डेली), अल्पेश विजय म्हात्रे (दैनिक प्रहार) के नाम प्रमुख हैं।

कसाई ने काटी गाय, माहौल तनावपूर्ण

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बरनाला जिले में बृहस्पतिवार को उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब एक घर में गाय को काटे जाने की बात सामने आई। इस दौरान भारी संख्या में लोग मौके पर एकत्र हो गए। लोगों ने गांव की हड्डारोड़ी में पशुओं का मांस तथा हड्डियां फेंकने का भी आरोप लगाया। इस दौरान गांव में माहौल तनावपूर्ण हो गया। वहीं हंगामा बढ़ता देख आरोपी मौके से फरार हो गया जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए थाना शैहला के एसएचओ अमृतपाल सिंह ने बताया कि कसाई आशु खान पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और बेजुबान जानवर को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। मामला जिले के गांव भगतपुरा मौड़ का बताया जा रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि उत्तर प्रदेश का आशु खान लंबे समय से यहां रह रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वह अकसर उत्तर प्रदेश से गायें लेकर आता है लेकिन बाद में ये गायें किधर गायब हो जाती हैं, इसका किसी को कुछ पता नहीं चलता।उन्होंने बताया कि गांव के बाहर हड्डारोड़ी है जहां गांव के मरे जानवरों को फेंका जाता है। ग्रामीणों ने कहा कि आरोपी की पक्खो कैंचियां में मीट की दुकान भी है। उसे कई बार हड्डारोड़ी के पास देखा गया है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने लॉन्च किया वेल्थ एडवाइजरी बिजनेस ‘एचडीएफसी ट्रू’

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मुंबई (अनिल बेदाग) : एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने अपनी नई वेल्थ एडवाइजरी पेशकश ‘एचडीएफसी ट्रू’ के शुभारंभ की घोषणा की है। इक्विटी रिसर्च, ब्रोकिंग और वित्तीय वितरण में एक विश्वसनीय नाम के रूप में कंपनी की यात्रा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। स्टॉकब्रोकर के रूप में 20 से अधिक वर्षों के अनुभव और डिजिटल रूप से 5.7 मिलियन से अधिक ग्राहकों तक व्यापक पहुंच और देश भर में फैली 250 से अधिक शाखाओं के साथ, एचडीएफसी सिक्योरिटीज अब हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई), अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (यूएचएनआई), फैमिली ऑफिस और कॉरपोरेट ट्रेजरी के लिए व्यापक वेल्थ एडवाइजरी समाधान प्रदान करने के लिए अपने सर्विस पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है। इस नई पेशकश के साथ, एचडीएफसी सिक्योरिटीज का लक्ष्य भारत में वेल्थ एडवाइजरी सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करते हुए व्यक्तिगत, बेहतर वित्तीय समाधान प्रदान करना है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ धीरज रेली ने कहा, ‘‘हम अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत वित्तीय समाधानों के साथ और सशक्त बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर मजबूती से कायम हैं और इसी दिशा में कदम उठाते हुए हम अपना वेल्थ एडवाइजरी बिजनेस ‘एचडीएफसी ट्रू’ शुरू कर रहे हैं। हम विश्वास दिलाना चाहते हैं कि ईमानदारी और विशेषज्ञता के हमारे सिद्धांतों के दम पर हम ग्राहकों को उनके वित्तीय उद्देश्यों को हासिल करने में यथासंभव मदद कर सकेंगे।’’
‘एचडीएफसी ट्रू’ की शुरुआत के साथ, हम एचएनआई, यूएचएनआई, फैमिली ऑफिस और कॉरपोरेट ट्रेजरी के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए वेल्थ एडवाइजरी सॉल्यूशंस को शामिल करने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार करने जा रहे हैं। एचडीएफसी ट्रू का नेतृत्व वेल्थ मैनेजमेंट और सलाहकार भूमिकाओं में अनुभवी प्रणव उनियाल करेंगे, जो पिछले आधे दशक से एचडीएफसी समूह का अभिन्न अंग रहे हैं। उन्हें मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई में स्थित उद्योग के वरिष्ठ और दिग्गज लोगों का समर्थन प्राप्त होगा।’’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वेल्थ एडवाइजरी प्रमुख प्रणव उनियाल ने कहा, “भारत में वेल्थ एडवाइजरी सेवाओं का दायरा बहुत बड़ा है और लगातार विकसित हो रहा है। जैसे-जैसे देश में संपन्न लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है और कॉर्पाेरेट आय में विस्तार हो रहा है, बेहतर और कस्टमाइज्ड वित्तीय सॉल्यूशंस की मांग बढ़ रही है। भारत की घरेलू वित्तीय संपत्तियां तीन गुना बढ़ने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024 में लगभग 350 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अगले दशक में 1,000 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी।’’
“हमारा अनुमान है कि एमएफ एयूएम लगभग 15 फीसदी की सीएजीआर से बढ़ेगा, जो 2034 तक 200 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 25 प्रतिशत होगा। वर्तमान में, डायरेक्ट एमएफ एयूएम का केवल 13 प्रतिशत, जो कि कुल 31 लाख करोड़ रुपये में से 4 लाख करोड़ रुपये है, पंजीकृत निवेश सलाहकारों (आरआईए) द्वारा प्रबंधित किया जाता है। शेष 85 प्रतिशत को डू इट योअरसेल्फ एप्रोच के माध्यम से प्रबंधित किया जाता है। इससे यह संकेत मिलते हैं कि वेल्थ एडवाइजरी सेक्टर में विकास के महत्वपूर्ण अवसर मौजूद हैं।’’
एचडीएफसी समूह की शाखा के रूप में एचडीएफसी सिक्योरिटीज वित्तीय बाजारों में विशेषज्ञता और उत्कृष्टता की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ा रहा है। संगठन मुख्य मूल्यों के एक सेट द्वारा निर्देशित है जिसमें सत्य, ज्ञान, पारदर्शिता, ईमानदारी और ग्राहकों को सर्वोपरि रखने का विजन शामिल है। इसका मिशन अपने ग्राहकों को उनकी अनूठी जरूरतों और लक्ष्यों को पूरा करने वाले अनुरूप समाधान प्रदान करके एक बेहतर अनुभव प्रदान करना है।