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गौशाला में गोपाष्टमी महोत्सव, हिंगोनिया गौशाला में होगा 51 कुंडीय गौ यज्ञ

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जयपुर. कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में गायों की पूजा का विशेष महत्व माना गया है. ऐसे में गोपाष्टमी के अवसर पर राजधानी की पिंजरापोल गौशाला में राज्यपाल के सानिध्य में गौमाता का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन कर गाय पर आधारित मेले का आयोजन किया जाएगा. वहीं हिंगोनिया गौशाला में गोपाष्टमी पर 51 कुंडीय गौ यज्ञ का आयोजन होगा.

हिंदू धर्म में गाय को लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है और 33 करोड़ देवी देवताओं का वास भी कहा जाता है. मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन से भगवान श्री कृष्णा और उनके भाई बलराम ने गोचरण की लीला शुरू की थी. यही वजह है कि यह पर्व मथुरा वृंदावन और ब्रज क्षेत्र में ज्यादा प्रसिद्ध है. लेकिन छोटी काशी इससे से अछूती नहीं है. यहां गोपाष्टमी के अवसर पर जहां शहर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में ठाकुर जी को नटवर वेश धारण करते हुए विशेष झांकी सजाई जाएगी तो वहीं चांदी की गौ माता का वेद मंत्र चरण के साथ पंचामृत अभिषेक किया जाएगा.

उधर, पिंजरापोल गौशाला में गौमाता के आशीर्वाद लेने के लिए खुद प्रदेश के पहले नागरिक राज्यपाल हरीभाऊ बागड़े और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर सहित कई गणमान्य लोग पहुंचेंगे. इस दौरान गौमाता का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया जाएगा. इसके बाद गोवर्धन भगवान का पूजन कर परिक्रमा की जाएगी. वहीं आयोजन को मेले से स्वरूप देते हुए गोमय उत्पादों की स्टॉल्स भी लगाई जाएगी और वैदिक वन औषधीय पार्क का भ्रमण भी कराया जाएगा. वहीं जयपुर के हिंगोनिया गौ पुनर्वास केंद्र में गोपाष्टमी पर 51 कुंडीय गौ यज्ञ का आयोजन किया जाएगा. जिसमें गौ माता की सेवा का संकल्प लिया जाएगा. यहां समारोह में शहर के हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम की महापौर भी मौजूद रहेंगी.

इसके साथ ही हिंगोनिया गौशाला में गोवर्धन पर्वत की सुंदर झांकी बनाई गई है. जिसमें भक्त भगवान श्रीकृष्ण की लीला का जीवंत दर्शन कर सकेंगे. महोत्सव की शुरुआत प्रभात फेरी से होगी, जिसमें भक्त भजन-कीर्तन के माध्यम से गौ माता के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करेंगे. साथ ही गौमाता को हरा चारा और गुड़ खिलाकर सेवा करेंगे.

अबू आजमी की राज ठाकरे को चुनौती, लाउड स्पीकर हटाकर दिखाओ

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Image Source : PTI
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के बीच समाजवादी पार्टी के नेता अबू असीम आजमी ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे को चुनौती दी है। वोट जिहाद और मस्जिद के लाउड स्पीकर मूड्डे पर राज ठाकरे को चैलेंज करते हुए उन्होंने कहा कि अगर राज इतना ही चैलेंज दे रहे हैं, हिम्मत है तो पुलिस को हटाओ और हमारे मस्जिद में घुसकर लाउड स्पीकर हटाकर दिखाओ फिर देखो मरता क्या नहीं करता।

वोट जिहाद पॉलिटिक्स पर उन्होंने कहा कि 2014 से पहले किसी लड़की का बुर्का उतारने की कोशिश हो रही थी क्या? नहीं। बैल के नाम पर मुस्लिमों पर अत्याचार नहीं हो रहे थे, मॉब्लिंचिंग नहीं होती थी। गरीब मुसलमान को मारा पीटा नहीं जाता था। जय श्रीराम बोलने के लिए मुसलमानों को मजबूर नहीं किया जाता था। उलेमा नहीं बल्कि देश के जितने लोग जो डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को मानते हैं, ये सब के सब इनके (महायुती) खिलाफ काम करने वाले हैं। यह लोगों को अब मूर्ख नहीं बना सकते।

एमवीए मुस्लिम लीग नहीं

एमवीए को वोट देने के फतवे पर उन्होंने कहा कि एमवीए कोई  मुस्लिम लीग नहीं है, ये कोई मुसलमानों की पार्टी नहीं है। एमवीए में कांग्रेस, शरद पवार साहब हैं, उद्धव जी हैं। देश के लोग हैं जो भारतवंश के ही रहने वाले हैं, उनको सपोर्ट दिया जा रहा है तो क्या गलत है? ये कोई मुसलमानों की पार्टी नहीं है, जिन लोगों ने हम पर जुल्म ज्यादती की वह हमसे वोट की अपेक्षा कैसे कर सकते हैं? जिहाद नाम का कितना गलत इस्तेमाल करोगे आप? प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जैसे ऊंचे पद पर बैठे लोग अगर इस तरह की ऐसी ओछी राजनीति करेंगे तो ये गलत है। हर आदमी का अपना अपना वोट बैंक होता है उसे मत मांगने का अधिकार है इसलिए महायुति वालों को परेशान नहीं होना चाहिए।

राज ठाकरे को दिया चैलेंज

राज ठाकरे के फतवे और लाउडस्पीकर वाले बयान पर अबू आजमी ने कहा कि जिंदगी में राज ठाकरे की सरकार महाराष्ट्र में नहीं आएगी। ऐसे लुच्ची बात करने वालों की सरकार इस देश में आ नहीं सकती, यह देश सेकुलर है। कोई माई का लाल इस तरह से कानून का उल्लंघन नहीं कर सकता। मस्जिद में घुस लाउडस्पीकर नहीं हटा सकता। चैलेंज है तो पुलिस को हटा दो मानखुर्द शिवाजीनगर आ जाओ कोई माई का लाल मस्जिद में घुसकर लाउडस्पीकर उतार दे तो उसको हम दिखा देंगे। हमने कभी ने कहा कि हम मंदिर में घुसकर लाउडस्पीकर उतारेंगे ये फालतू बातें ना करें। याद रखना मरता क्या नहीं करता।

योगी-मोदी पर साधा निशाना 

योगी के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान पर कहा कि जुड़ेंगे तो मजबूत होंगे। जुड़ेंगे तो नेक होंगे। जुड़ेंगे तो भारतवर्ष को मजबूत करेंगे। यह अलगाववादी लोगों को जल्दी से कुर्सी से हटाना है। मोदी, अमित शाह की रैली को लेकर उन्होंने कहा कि ये लोग मुसलमानों के पीछे पड़ गए हैं। इनके पास डेवलपमेंट का कोई मुद्दा नहीं है। छत्रपति शिवाजी महाराज के पदचिह्नों पर चलने वाली तो एमवीए सरकारे हैं। ये लोग तो शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाते हैं, भ्रष्टाचार करते हैं और मूर्ति टूट जाती है।

वक्फ की जमीन पर सरकार ने कब्जा किया

अबू आजमी ने कहा कि अमित शाह कहते हैं कि एमवीए सरकार आई तो कर्नाटक की तरह किसानों की जमीन वक्फ को दे देंगे। आज तक कोई सरकार भारत वर्ष में आजादी के बाद पैदा नहीं हुई, जो किसानों की जमीनें वक्फ को दे। यह सब फालतू बाते हैं। इतने बड़े ओहदे पर बैठे इंसान दिशा भूल कर रहे हैं। वक्फ बोर्ड की जमीन यही है जो हमारे बुजुर्गों ने यतीम खानों के लिए, मस्जिदों के लिए दी थी। उन जमीनों पर सरकार ने कब्जा किया है उस पर सरकारी दफ्तर खोले हैं। ये सब मनगढ़ंत बातें हैं। ये सिर्फ पोलराइजेशन की राजनीति है। केंद्र की सरकार ये सिर्फ दो बैसाखी पर टिकी है, अगर बैसाखी हट गयी तो सरकार धड़ाम से गिर जाएगी।

 

फ्रस्ट्रेशन में हैं फडणवीसः भूपेश बघेल

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नागपुरः छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के लाल रंग वाले बयान पर पलटवार किया है। कांग्रेस नेता बघेल ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस कह रहे हैं कि लाल रंग नक्सलियों के रंग है। पहली बात तो यह है कि लाल रंग से फडणवीस को तकलीफ क्यों हो रही है। लाल रंग तो माता की चुनरी का भी है। हनुमान जी का भी रंग लाल है। लाल देह लाली लसे अरु धरि लाल लंगूर..लाली मेरे लाल की यह गीत काफी मशहूर है। छठ पूजा में डूबते सूरज उगते सूरज को अर्घ्य दिया गया। वह भी लाल है।

फ्रस्ट्रेशन में हैं फडणवीसः बघेल

भूपेश बघेल ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री बन गए हैं इसलिए फ्रस्ट्रेशन में है। इसलिए फडणवीस उलूल जुलूल की बातें कर रहे हैं। लाल रंग से देवेंद्र फडणवीस को परहेज क्यों है। बघेल ने यह बातें नागपुर में  पत्रकारों के साथ बातचीत में कही।

लाल रंग पर दिया बीजेपी को जवाब

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत के संविधान को नक्सली नहीं मानते। भारतीय जनता पार्टी दूसरी तरफ संविधान को बदल देना चाहती है। नक्सलियों से समानता बीजेपी वालों की है। इसी महाराष्ट्र में बीजेपी ने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया। दो पार्टियों को तोड़ दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह जो सरकार बनी है वह अवैध है, गलत है। ये लोग संविधान नहीं मानते नही। ये लोग संविधान को तार-तार कर रहे हैं।

योगी के बयान का उनके सहयोगी ही कर रहे विरोध

पर्व सीएम बघेल ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की बातों का महाराष्ट्र के दोनों उप मुख्यमंत्री विरोध कर रहे हैं। उन्हीं के सहयोगी साथी इसका विरोध कर रहे हैं। अजीत पवार का बयान आया है कि बटेंगे तो कटेंगे यह बात महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। ये लोग पहले लोग पहले अपनी पार्टी के नेताओं को संभाले। काटने-बांटने से काम नहीं चलेगा। जोड़ने से काम चलेगा। जुड़ेंगे तो जीतेंगे।

थंडेल’ 7 फरवरी 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी

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                 गीता आर्ट्स के बैनर तले साउथ के चर्चित प्रोड्यूसर बनी वास द्वारा निर्मित और चंदू मोंडेती द्वारा निर्देशित बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘थंडेल’ 7 फरवरी 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। ‘थंडेल’ आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के डी माचिलेसम गांव में घटित एक सत्य घटना से प्रेरित है, और यह प्यार, एक्शन, ड्रामा और रोमांचकारी क्षणों का एक सम्मोहक मिश्रण पेश करती है। फिल्म में एक प्रभावशाली क्रू भी है, जिसमें संगीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार देवी श्री प्रसाद, छायांकन संभालने वाले शमदत और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संपादक नवीन नूली शामिल हैं। कला विभाग का नेतृत्व श्रीनागेंद्र तंगला कर रहे हैं। अल्लू अरविंद की नवीनतम प्रस्तुति के रूप में सिनेदर्शकों तक पहुंचने वाली इस फिल्म का पोस्टर निर्माताद्व्य चंदू मोंडेती व बनी वास ने जारी कर दिया है। पोस्टर में मुख्य जोड़ी साउथ स्टार नागा चैतन्य और अदाकारा साई पल्लवी के बीच शानदार केमिस्ट्री को दिखाया गया है, जो एक सुरम्य समुद्री पृष्ठभूमि पर सेट है।
पोस्टर में युगल को एक स्नेही आलिंगन में दर्शाया गया है, जो उनके पात्रों के बीच प्यार के गहरे सागर का संकेत देता है। फिल्म ने निर्माण के दौर में ही काफी चर्चा बटोरी है, मेकर्स द्वारा जारी टीजर और पोस्टर को सिनेप्रेमियों द्वारा असाधारण प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। प्रशंसक खास तौर पर नागा चैतन्य और साई पल्लवी की बहुचर्चित जोड़ी को उनकी ब्लॉकबस्टर हिट लव स्टोरी के बाद फिर से स्क्रीन पर देखने के लिए काफी उत्साहित हैं।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

हम सभी यहां यात्रियों की तरह हैं,अपना काम करते हैं और फिर चले जाते हैं – मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़

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भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ रविवार को पद से मुक्त हो जाएंगे। लेकिन 9 और 10 तारीख को शनिवार व रविवार को कोर्ट की छुट्टी रहेगी। इसलिए, उनके सम्मान में विदाई समारोह आज ही आयोजित किया गया। सुप्रीम कोर्ट में आज उनका अंतिम कार्य दिवस है। 10 नवंबर को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की सेवानिवृत्ति के बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना उनका स्थान लेंगे। वह देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। 13 मई 2016 को उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय से पदोन्नत किया गया था।  

‘जब मैं छोटा था, सुप्रीम कोर्ट आकर देखी थी कार्रवाई’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने विदाई समारोह के मौके पर भावुक होते हुए कहा, ‘रात को मैं सोच रहा था कि दोपहर दो बजे कोर्ट खाली होगा और मैं स्क्रीन पर खुद को देख रहा होउंगा। आप सभी की मौजूदगी से मैं अभिभूत हूं।’ सीजेआई ने कहा, ‘जब मैं छोटा था, तो सुप्रीम कोर्ट में आकर यहां की कार्यवाही और कोर्ट में लगी दो तस्वीरों को देखता था। उन्होंने कहा, बॉम्बे हाईकोर्ट में भी न्यायमूर्ति चागला का बहुत प्रभाव था।’

हम सब यात्रियों की तरह, कुछ समय के लिए आते हैं…’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम सभी यहां यात्रियों की तरह हैं, जो कुछ समय के लिए आते हैं, अपना काम करते हैं और फिर चले जाते हैं। कोर्ट के रूप में यह संस्थान हमेशा चलता रहेगा और इसमें विभिन्न विचारों वाले लोग आते रहेंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि मेरे बाद न्यायमूर्ति खन्ना इस संस्थान को मजबूती और गरिमा के साथ आगे बढ़ाएंगे।’

‘जीवन को नया दृष्टिकोण देते हैं नए लोग’
सीजेआई ने यह भी बताया कि वह न्यायमूर्ति जे.बी.पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा के साथ बैठकर काम करने के अनुभव को बहुत याद करेंगे। उन्होंने कहा, ‘यही कोर्ट है, जो मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। हम ऐसे लोगों से मिलते हैं, जिन्हें हम नहीं जानते थे और ये अनुभव जीवन को एक नया दृष्टिकोण देते हैं।’

‘किसी को कोई तकलीफ पहुंची हो तो माफी चाहता हूं….’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आज बहुत कुछ सीखा हूं। कोई भी मामला पहले के मामले जैसा नहीं होता। अगर कोर्ट में किसी कोई तकलीफ पहुंची हो तो मैं विनम्रतापूर्व माफी चाहता हूं। अंत में धन्यवाद देते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, आप सभी का दिल से धन्यवाद, आप इतनी बड़ी संख्या में यहां आए। इसके लिए मैं सदा कृतज्ञ रहूंगा।’

कपिल सिब्बल बोले- जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए तत्पर थे न्यायमूर्ति चंद्रचूड़
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के विदाई समारोह में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने कहा, हम किसी भी जज की आलोचना कर सकते हैं, क्योंकि जीवन में संपूर्णता नाम की कोई चीज नहीं होती। सच भी हमेशा एक जैसा नहीं होता। संपूर्णता और सच दोनों एक जैसे हैं (समय और स्थिति के हिसाब से बदलते हैं)। हमें किसी व्यक्ति या जज का मूल्यांकन उस समय और हालात के आधार पर करना चाहिए, जिसमें हम जी रहे हैं। जब हम न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के बारे में लिखेंगे, तो हम उनके फैसलों, उनके व्यवहार, उनकी सादगी, उनके धैर्य पर चर्चा करेंगे। ये सभी गुण एक महान जज के होते हैं।

सिब्बल ने आगे कहा, सीजेआई चंद्रचूड़ उन जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए तैयार थे, जिन्हें पहले के मुख्य न्यायाधीश वर्षों तक न सुलझा पाए थे, जैसे कि अनुच्छेद 370 और चुनावी बांड। आपने इन मुद्दों को सुलझाने की पहल की और इन्हें बड़ी स्पष्टता से सुलझाया। इसलि हमें आपका धन्यवाद करना चाहिए और आपको सलाम करना चाहिए। हम आपसे हर बात पर सहमत नहीं हो सकते। लेकिन यह मानना होगा कि आप जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए तैयार थे और आपने यह काम बखूबी किया।

ए रियल एनकाउंटर”: सस्पेंस और एक्शन की कहानी, 15 नवंबर को रिलीज़

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मुंबई (अनिल बेदाग) : बहुप्रतीक्षित थ्रिलर फिल्म “ए रियल एनकाउंटर” 15 नवंबर को देशभर में रिलीज़ होने जा रही है, जो एक सच्ची घटना पर आधारित पुलिस एनकाउंटर की कहानी को पेश करेगी। सबीर शेख द्वारा निर्देशित और प्रदीप चुड़ीवाल के मैकनील इंजीनियरिंग लिमिटेड बैनर के तहत निर्मित इस फिल्म में शाहबाज़ खान ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की भूमिका निभाई है। बाला कृष्ण श्रीवास्तव द्वारा ए वन सिने क्रिएशन के जरिए यह फिल्म पूरे भारत में वितरित की जाएगी।
फिल्म की प्रमुख कास्ट में शाहबाज़ खान, एहसान खान, मुश्ताक खान, रज़ा मुराद, अली खान, हिमायत आलम अली, अखिलेश वर्मा, ब्रतूति गांगुली, अनिल नागरथ, राकेश पुजारा, संगीता सिंह, ऋषिकेश तिवारी, अमृत दुजारी और कलीम अख्तर जैसे कलाकार शामिल हैं। फिल्म का कथानक प्रदीप चुड़ीवाल ने लिखा है, और इसका ट्रेलर पहले से ही दर्शकों को प्रभावित कर चुका है, जिसमें कुछ दमदार संवाद हैं, जैसे “अगला एनकाउंटर किसका होगा, ये कोई नहीं जानता” और रज़ा मुराद का प्रभावशाली संवाद “ये एनकाउंटर नकली है।”
हिंदी के अलावा, यह फिल्म गुजराती में भी रिलीज होगी, जिससे इसके क्षेत्रीय संदर्भों का सम्मान किया गया है। इस फिल्म में एक कोर्टरूम ड्रामा भी शामिल है जो पुलिस कर्मियों के सामने आने वाली नैतिक उलझनों और दबाव को उजागर करता है।
निर्देशक सबीर शेख ने इस फिल्म के माध्यम से माता-पिता को यह संदेश दिया है कि बच्चों की गतिविधियों पर नज़र रखें ताकि वे सही रास्ते पर रहें। वहीं, मुश्ताक खान ने इस फिल्म में मस्कान के पिता का भावुक किरदार निभाया है, जबकि अनिल नागरथ एक राजनीतिज्ञ की भूमिका में नजर आएंगे, जो राजनीति के गहरे पहलुओं को उजागर करता है।
15 नवंबर को “ए रियल एनकाउंटर” सिनेमाघरों में देखें और एक्शन, सस्पेंस और सामाजिक मुद्दों से भरपूर इस फिल्म का लुत्फ उठाएं।

सुपरस्टार प्रभास ने लॉन्च की ‘द स्क्रिप्ट क्राफ्ट’ वेबसाइट

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लेखकों और कहानियों को मिलेगा नया मंच

मुंबई (अनिल बेदाग) : इंडिया के सबसे बड़े सुपरस्टार प्रभास ने राइटर्स को सपोर्ट और प्रोत्साहन देने के लिए द स्क्रिप्ट क्राफ्ट नाम का वेबसाइट लॉन्च किया है। कहानी कहने के प्रति अपने जुनून के लिए जाने जाने वाले प्रभास की इस पहल को समर्थन मिल रहा है, जिससे राइटर्स अपनी कहानी के आइडियाज साझा कर सकें, अपनी क्रिएटिविटी का प्रदर्शन कर सकें, और एक बड़े दर्शक वर्ग तक अपनी पहुंच बना सकें।

द स्क्रिप्ट क्राफ्ट पर राइटर अपनी कहानी के आईडिया को 250 शब्दों के सारांश में भेज सकते हैं। दर्शक फिर आइडियाज को पढ़ सकते है और रेट कर सकते हैं, और जो सबसे ज्यादा पॉपुलर कहानियां होगी, वो टॉप पर आ जाएगी। इसमें फीडबैक सिस्टम में कमेंट्स के बजाय रेटिंग्स का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे एक सकारात्मक माहौल बनता है, जो राइटर्स को अपने आइडियाज के लिए आत्मविश्वास और समर्थन देता है।

इसके लॉन्च का जश्न मनाने के लिए, द स्क्रिप्ट क्राफ्ट ने एक स्पेशल कांटेस्ट शुरू किया है, जिसका नाम है “अपने पसंदीदा हीरो की कल्पना सुपरपावर के साथ करें!” राइटर्स को 3,500 शब्दों तक की कहानी भेजने के लिए इनवाइट किया गया है, जिसमें उन्हें एक सुपरहीरो के रूप में सोचना है। आख़िर में, एक राइटर को दर्शकों की रुचि के आधार पर चुना जाएगा, जिसका एक असली प्रोजेक्ट पर असिस्टेंट राइटर या असिस्टेंट बनने का खास मौका मिलेगा-ये एक कीमती अनुभव है, जो नए राइटर्स को हाइलाइट करेगा।

इसके अलावा, स्क्रिप्ट क्राफ्ट एक ऑडियोबुक फीचर पेश करने की योजना बना रहा है, जो एरोटर्ड को अपनी कहानियों को इमर्सिव ऑडियो अनुभवों में बदलने की अनुमति देगा। यह पहल राइटर्स को उन लिसनर तक पहुंचने में मदद करेगी जो ऑडियो स्टोरीटेलिंग को पसंद करते हैं।

प्रभास ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है,”अपनी कहानी शेयर करें, इस प्लेटफार्म पर दुनिया को प्रेरित करें, जहाँ राइटर्स अपने शब्दों को जीवंत करते हैं और दर्शक वास्तविकता को आकार देने के लिए वोट करते हैं। मूवमेंट में शामिल हो जाएं।

प्रभास का द स्क्रिप्ट क्राफ्ट के साथ जुड़ना यह दर्शाता है कि वे राइटर्स के लिए एक सकारात्मक और सहयोगी माहौल बनाने के लिए कितने समर्पित हैं, ताकि वे अनोखी कहानियों का विकास कर सकें। द स्क्रिप्ट क्राफ्ट उनकी इस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो कहानी सुनाने की कला को महत्व देता है और राइटर्स का समर्थन करता है।

फैंस प्रभास को कई आने वाली फिल्मों में देखने के लिए उत्सुक हैं, जिनमें द राजा साब, सलार: पार्ट 2 – शौर्यंगा पर्वम, कल्कि 2 और हनु राघवपुडी के साथ एक अन टाइटल प्रोजेक्ट शामिल है

सेबी अध्यक्ष ने किया ‘इंडिया@2024: एक्सपैंडिंग हॉरिज़ोन्स फॉर प्रोफेशनल्स’ पर 52वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

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मुंबई। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (ICSI) के 52वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सेबी अध्यक्ष श्रीमती माधबी पुरी बुच ने किया। यह आयोजन 8 से 10 नवंबर, 2024 को मुंबई के होटल सहारा स्टार में आयोजित किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण आयोजन के पूर्व, ICSI के अध्यक्ष सीएस बी नारायणन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने सम्मेलन की थीम “‘इंडिया@2024: एक्सपैंडिंग हॉरिज़ोन्स फॉर प्रोफेशनल्स’ के बारे में जानकारी साझा की।

सीएस बी नरसिम्हन ने कहा कि हमारे इस अधिवेशन का उद्देश्य उन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना है जो भारत के भविष्य को आकार देने में मदद करेंगे। इस साल का विषय है ‘इंडिया@2047: एक्सपैंडिंग हॉरिज़ोन्स फॉर प्रोफेशनल्स,’हम कॉरपोरेट गवर्नेंस, स्थिरता, और कंपनी सेक्रेटरीज की आर्थिक विकास में भूमिका पर गहन चर्चा करेंगे।

ICSI ने हाल के वर्षों में कॉरपोरेट गवर्नेंस, स्थिर विकास और पेशेवर उत्कृष्टता के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की है।

ICSI गाइडिंग प्रिंसिपल्स ऑन स्टीवर्डशिप (IGPS), संस्थागत निवेशकों को स्थायी और नैतिक निवेश के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करता है, जो वैश्विक ESG मानकों के अनुरूप है। ICSI ने कार्यस्थल पर समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध, और निवारण पर एक मानक भी विकसित किया है, जो शिकायत प्रबंधन, जांच प्रक्रियाओं, और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण को सुनिश्चित करता है।

अदालती बोझ को कम करने के लिए, ICSI इंटरनेशनल ADR सेंटर एक मंच प्रदान करता है जो विवादों को जल्दी सुलझाने में मदद करेगा। सामाजिक जिम्मेदारी के क्षेत्र में, ICSI इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल ऑडिटर्स (ISA) ने सामाजिक प्रभाव आकलन को सुदृढ़ किया है और नए सोशल ऑडिट स्टैंडर्ड्स पेश किए हैं।

ICSI स्टार्टअप और MSME कैटलिस्ट पहल के तहत, छोटे व्यवसायों को वित्त, अनुपालन और पंजीकरण में व्यापक सहायता प्रदान की जाती है। ICSI ने राष्ट्रीय कॉरपोरेट गवर्नेंस उत्कृष्टता पुरस्कार भी स्थापित किया है, और यूनीक डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (UDIN) और कंपनी सेक्रेटरी पहचान संख्या (eCSin) जैसी प्रणालियों के माध्यम से प्रमाणन और रोजगार में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।

52वां राष्ट्रीय अधिवेशन ICSI के कॉरपोरेट गवर्नेंस में सकारात्मक बदलाव और भारतीय व्यवसायों के भविष्य को आकार देने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया जा रहा है।

Big News – गऊ माता के शव को दफनाने के लिए खोद रहे थे गड्ढा, निकले चांदी के सिक्के

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गाय के शव को दफनाने के लिए वह गांव के लोग खाली प्लाट में गड्ढा खोदवा रहे थे।खोदाई के दौरान मिट्टी में दबे कुछ चांदी के सिक्के दिखाई दिए। तभी वहां पर मौजूद गांव के कुछ बच्चे उन सिक्कों को लेकर भागने लगे।

गांव दरियापुर में 7 नवंबर को गाय के शव को दफनाने के लिए गड्ढा खोदते समय चांदी के सिक्के निकल आए। बताते हैं कि करीब 40 से 50 चांदी के सिक्के निकले हैं। इन सिक्कों को लेकर वहां मौजूद बच्चे इधर-उधर भाग निकले।

गांव के अभिषेक पचौरी ने बताया कि 6 नवंबर की रात गांव में एक निराश्रित गाय की मौत हो गई थी। उसी गाय के शव को दफनाने के लिए वह गांव के ही देवेंद्र बघेल, राहुल शर्मा, मुकेश शर्मा, रघुवीर शर्मा के साथ देवेंद्र बघेल के खाली प्लाट में गड्ढा खोदवा रहे थे। खोदाई के दौरान मिट्टी में दबे कुछ चांदी के सिक्के दिखाई दिए। तभी वहां पर मौजूद गांव के कुछ बच्चे उन सिक्कों को लेकर भागने लगे। इनमें से कुछ सिक्के देवेंद्र बघेल के पास मौजूद हैं।

MVA की चुनावी रैली में गाया गया सावरकर का लिखा गीत

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Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी की बुधवार को आयोजित एक रैली में हिंदुत्व विचारक वी. डी. सावरकर की ओर से स्वतंत्रता और मातृभूमि की प्रशंसा में लिखा गया गीत ‘जयस्तुते’ गाया गया. एमवीए ने इस रैली में 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए पांच गारंटी पेश की.

बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में आयोजित एमवीए की रैली में सावरकर के कटु आलोचक माने जाने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे, लेकिन यह गीत गांधी के सभा को संबोधित करने से पहले गाया गया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सभा को संबोधित किया. ये सभी एमवीए के घटक दल हैं. राहुल गांधी सहित एमवीए नेताओं के भाषण शुरू करने से बहुत पहले सावरकर द्वारा लिखा गया गीत ‘जयस्तुते’ गाया गया. गांधी अक्सर सावरकर पर निशाना साधते रहे हैं.

राहुल गांधी करते रहे हैं सावरकर की आलोचना
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर वी. डी. सावरकर की आलोचना करते रहे हैं. वे सावरकर को अंग्रेजों से पेंशन मिलने का जिक्र करते रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस नेता की तरफ से ये भी कहा गया था कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी. राहुल गांधी के इस बयान पर अक्सर बीजेपी उन्हें घेरते भी है. इसके लिए देश के कई पुलिस स्टेशनों में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायतें भी दर्ज है.

वे कई बार कोर्ट के चक्कर भी लगा चुके हैं. ऐसे में महाविकास अघाड़ी की रैली में वी. डी. सावरकर के लिखे गाने की प्रस्तुति हैरान कर देने वाली है. राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. हालांकि, यह गाना राहुल गांधी के सभा में संबोधन से पहले गाया गया था.