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गऊ भारत भारती की 11 वीं वर्षगांठ और सर्वोत्तम सम्मान समारोह 6 अगस्त की शाम जुहू इस्कॉन में

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गऊ भारत भारती की 11 वीं वर्षगांठ और सर्वोत्तम सम्मान समारोह 6 अगस्त की शाम जुहू इस्कॉन में

आचार्य पवन त्रिपाठी होंगे समारोहअध्यक्ष 

श्रीनारायण तिवारी, डॉ महेंद्र कुमार गर्ग, राघवेंद्र नाथ द्विवेदी, डॉ रोशनी किरण, हेमा चंदानी, पंकज तिवारी, डॉ जितेंद्र पांडेय, राजेश त्रिपाठी, नितेश वशिष्ठ, सुरज्ञान गुप्ता, उमेश शाह, हेमलता त्रिपाठी और विमल भुता, हनुमंत पोपट गोसावी , श्री अभिषेक जाजू को मिलेगा सर्वोत्तम सम्मान

मुंबई – भारत का पहला गऊ वंश पर आधारित राष्ट्रीय समाचारपत्र गऊ भारत भारती की ११वीं वर्षगाँठ तथा ” सर्वोत्तम सम्मान समारोह ” का आयोजन ६ अगस्त २०२५ को जुहू इस्कॉन सभागार मुंबई में शाम ५ .30 बजे से आचार्य पवन त्रिपाठी ( कोषाध्यक्ष – श्री सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट तथा उपाध्यक्ष, भाजपा मुंबई , की अध्यक्षता और वरिष्ठ पत्रकार , साहित्यकार राजेश विक्रांत के संयोजन में होने जा रहा है।

भारत में गौवंश और गौ-आधारित अर्थव्यवस्था पर केंद्रित पहला राष्ट्रीय समाचारपत्र “गऊ माता राज्य माता स्वर्णिम भारत – संपन्न किसान – उन्नत महाराष्ट्र” अपने प्रकाशन के 11वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। यह समाचारपत्र गौवंश संरक्षण, गौ-आधारित कृषि, और इसके आर्थिक व सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
यह समाचारपत्र न केवल गौवंश के आर्थिक योगदान पर प्रकाश डालता है, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को भी रेखांकित करता है, जैसे कि गाय को “विश्व की माता” के रूप में मान्यता देना। यह देशव्यापी चर्चा का हिस्सा बनकर गौ-आधारित अर्थव्यवस्था और सतत विकास को प्रोत्साहित कर रहा है।
गऊ भारत भारती अपने प्रत्येक वार्षिक वर्षगाँठ के अवसर पर ” गऊ भारत भारती ” सर्वोत्तम सम्मान उन भारत की महान विभूतियों को प्रदान करता है जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यो से देश और समाज को नई दिशा दिखलाई हो। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी, गौ सेवा , पत्रकारिता, साहित्य समाजसेवा, शिक्षा, कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली विभूतियों को इस वर्ष भी सम्मानित किया जा रहा है।
पुरस्कार चयन समिति और अखबार के संरक्षक राम कुमार पाल के अनुसार इस वर्ष पत्रकारिता के क्षेत्र में श्रीनारायण तिवारी (संपादक दैनिक यशोभूमि), श्री राघवेंद्र नाथ द्विवेदी ( कार्यकारी संपादक, हमारा महानगर ), श्री राजेश त्रिपाठी ( टीवी पत्रकार एबीपी न्यूज़ ) को दिया जा रहा है। वही साहित्य के क्षेत्र में डॉ रोशनी किरण , सुश्री हेमा चंदानी, श्री पंकज तिवारी, डॉ जितेंद्र पांडेय, कवयित्री सुश्री हेमलता त्रिपाठी, लखनऊ ब्यूरो चीफ, गऊ भारत भारती को प्रदान किया जायेगा।
गऊ सेवा और गऊ आधारित स्टार्टअप के क्षेत्र में श्री नितेश वसिष्ठ ( पंचगव्य विशेषज्ञ ) , श्री सुनील रामविलास प्रजापति एवं श्री मनीष रामविलास प्रजापति ( गऊ आधारित स्टार्टअप), डॉ महेंद्र कुमार गर्ग ( गऊ वैज्ञानिक, कोटा राजस्थान), सुरज्ञान गुप्ता (स्पेक्ट्रा क्रायोजेनिक सिस्टम्स प्रा लि. गऊ आधारित स्टार्टअप), श्री उमेश शाह (गौशाला संचालक), प्रफुल्ल कटेलिया ( गौ सेवक ), सम्मान मूर्ति २०२५- समाजसेवा के क्षेत्र में श्री मुस्तफ़ा गोम ,  श्रीमती प्रीति धीरेन दोशी ( ट्रस्टी मरू घर ओल्ड ऐज होम), डॉ दिलीप कुमानदास अम्लानी ( ट्रस्टी मरूधर ओल्ड ऐज होम), संघमित्रा ताई गायकवाड (आरपीआई आठवले), तुषार एन कथारेचा, सचिव – श्री गुर्जर सुतार विश्वकर्मा बाग, विलेपार्ले, श्री अभिषेक जाजू स्वस्ति श्री त्रिवेणी फाउंडेशन, श्री बिमल भूता (सचिव भाजपा मुंबई) संस्थापक टीम पार्ले मुंबई ,श्री आर के मंधना ( ट्रस्टी सुशील आनंद मंधना चैरिटेबल ट्रस्ट ) सम्मान मूर्ति २०२५ – प्रशासनिक सेवा के लिए श्री हनुमंत पोपट गोसावी (सहायक उद्यान अधीक्षक, बीएमसी) को इस वर्ष यह सम्मान दिया जायेगा।  ज्ञात हो कि इस भव्य आयोजन में आयोजन समिति में श्री राम कुमार पाल , श्री विशाल भगत , श्री प्रशांत काशिद , श्री संजय बलोदी प्रखर , श्री राजेश मेहता आदि नाम प्रमुख है।

 

सुरेश वाडेकर के प्रतिभावान शिष्य रवि त्रिपाठी ने सजाया ‘संत तुकाराम’ फिल्म का संगीत

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मुंबई। प्रसिद्ध गायक रवि त्रिपाठी, जिन्होंने बॉलीवुड फिल्म ‘चाँदनी चौक टू चाइना’ में अपने सशक्त गायन से पहचान बनाई, अब उन्होंने बतौर संगीत निर्देशक एक नई पारी की शुरुआत किया है। हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘संत तुकाराम’ में वे न सिर्फ गायिकी किये, बल्कि इस फिल्म के संगीत निर्देशन की जिम्मेदारी भी खुद निभाई है। इस फिल्म में उनका भक्ति गीत ‘माउली माउली’ रिलीज से पहले ही चर्चा में रहा है।

रवि त्रिपाठी ने बताया कि संत तुकाराम पर पहले भी अनगिनत गीत बन चुके हैं। ऐसे में एक नया और प्रभावशाली गीत रचना बहुत बड़ी चुनौती होती है। उन्होंने आगे कहा, “मेरे मन में भगवान विट्ठल के प्रति गहरा विश्वास है। शायद उसी विश्वास की वजह से ‘माउली माउली’ गीत एक ही टेक में रिकॉर्ड हो गया और सभी को पसंद आया।”

रवि त्रिपाठी बताते हैं कि एक फिल्मी गीत केवल गायन नहीं होता, वह निर्देशक, गायक, गीतकार और संगीतकार की सामूहिक सोच का परिणाम होता है। “हर बार संगीत और गीत के बोलों में बदलाव करना पड़ता है, लेकिन इस बार जैसे सब कुछ सहज रूप से हो गया।

रवि त्रिपाठी का संगीत सफर कोई नया नहीं है। उन्होंने ‘गीत नागेन्द्र हराय त्रिलोचनाय’, ‘शिरडी के साईं बाबा – ओम जय साई राम’, ‘बागपत’ और ‘चाँदनी चौक टू चाइना’ जैसी फिल्मों में गाने गाए हैं। इसके अलावा वे देश-विदेश में सैकड़ों लाइव शो कर चुके हैं। विशेष बात यह है कि उन्होंने चीन में सबसे ज्यादा लाइव शो करने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है।

रवि त्रिपाठी हिंदी, चाइनीज़, तेलुगू, तमिल, कन्नड़, मराठी और भोजपुरी जैसी कई भाषाओं में गा चुके हैं। उनका संगीत सफर विविधता और समर्पण का प्रतीक है। सुरेश वाडेकर और रविंद्र जैन जैसे दिग्गज उनके गुरु रहे हैं। साथ ही वह लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, मुकेश, किशोर कुमार और सुरेश वाडेकर जैसे महान गायकों को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं।

उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से आने वाले रवि त्रिपाठी के परिवार का फिल्मों और संगीत से कोई लेना-देना नहीं रहा। संगीत के प्रति उनके प्रेम को पहले उनके पिता समझ नहीं पाए। लेकिन एक दिन उन्होंने कहा कि हम एक अच्छे संस्कारी परिवार से हैं, इसलिए परिवार की छवि को कभी धूमिल मत करना। और यही वाक्य रवि के जीवन का संकल्प बन गया।

रवि ने मुंबई आकर सुरेश वाडेकर के सान्निध्य में न केवल गायन सीखा, बल्कि जीवन के संस्कार भी पाए। वे लंबे समय तक वाडेकर के मुंबई के जुहू स्थित आजीवासन निवास में रहे, जिसे वे अपना दूसरा घर मानते हैं। वहीं रहते हुए उन्हें कई दिग्गज गायकों, संगीतकारों और कलाकारों से मिलने और सीखने का अवसर मिला।

रवि त्रिपाठी की संगीत यात्रा बताती है कि समर्पण, श्रद्धा और अनुशासन के साथ चलने पर मंज़िल चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, रास्ते खुद बनते जाते हैं।
वैसे ‘संत तुकाराम’ फिल्म के माध्यम से में उनका नया अवतार दर्शकों और संगीत प्रेमियों के दिलों पर जादू कर गया है।

“भिक्षुदया” के रुप में मनाई गई आचार्य सम्राट आनंद ऋषी मसा की जन्म जयंति

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“भिक्षुदया – हम भी करते हैं एक दिन का साधु वेश धारण” कार्यक्रम का आयोजन

नालासोपारा। श्री स्थानकवासी जैन श्रावक संघ मेवाड़, उपसंघ नालासोपारा के तत्वावधान और श्रमण संघीय सलाहकार सिद्धांताचार्य राष्ट्रसंत पू. गुरुदेव डॉ. राम मुनि मसा निर्भय व युवा मनीषी श्री विकास मुनि मसा शास्त्री के पावन सान्निध्य में “भिक्षुदया – हम भी करते हैं एक दिन का साधु वेश धारण” कार्यक्रम का आयोजन 25 जुलाई को गुरु अंबेश दरबार, कच्छी स्थानक, नालासोपारा पूर्व (पालघर, महाराष्ट्र) में किया गया। इस आयोजन में 5 सामयिक का लक्ष्य रखा गया था।
इस दौरान बड़ों के साथ साथ छोटे छोटे बच्चों ने भी साधु वेश धारण किया था जो कि बड़ा ही मनमोहक दृश्य लग रहा था।
भिक्षु दया का महत्व समझाते हुए राम मुनि मसा ने कहा कि आचार्य भगवंत आनंद ऋषी मसा की जन्म जयंति के उपलक्ष्य में जो भिक्षुदया का कार्यक्रम रखा और साधु वेश धारण कर अपना जीवन धन्य बनायें।
वहीं विकास मुनि मसा ने कहा कि आज जो नजारा देखने को मिल रहा है उससे ऐसा प्रतित हो रहा है मानो समवसरण चल रहा हो। सभी वरिष्ठ श्रावकों, युवाओं और खास तौर पर बच्चों ने जो भाग लिया है जिससे आपके जीवन परिवर्तन आए। एक दिन की भिक्षुदया आपके लिए सदा के लिए बन जाए।
भिक्षुदया आयोजन में एक दिन साधु वेष धारण करने वाले कुल 129 लोगों ने भाग लिया।
जिसमें कमलेश बोहरा, राजेश इंटोदिया, आशीष लोढ़ा, गौरव बडोला, लक्ष्मीलाल एम इंटोदिया, अशोकजी लोढ़ा, मुकेश सांखला, महावीर सिंघवी, जयेश छाजेड, भारत बोहरा, कपिल बोहरा, विकास आंचलिया, राजमल कोटिफोड़ा, सोहनलाल मादरेचा, नरेश सांखला, रमेश मादरेचा, रमेश बोहरा, कमलेश इंटोदिया, भगवती इंटोदिया, मितेश राजावत, महेश सोलंकी, अभिनव सांखला, महावीर सिसोदिया, ललित कोटिफोड़ा, गणेश चपलोत, नरेश इंटोदिया, राजू इंटोदिया, गगन सियाल, लक्ष्मीलाल के इंटोदिया, मुकेश डांगी, धर्मचंद बोहरा, रमेश के. इंटोदिया, प्रीतेश बोहरा, हर्षिल सांखला, हिम्मत इंटोदिया, मदन इंटोदिया, भगवती के इंटोदिया, विनोद रमेश इंटोदिया, प्रवीण इंटोदिया, नंदलाल लोढ़ा, मुकेश बडोला, सुशील दुग्गड, संजय दुग्गड, महेन्द्र लोढ़ा, प्रवीण लोढ़ा, नरेश लोढ़ा, दीपक बोहरा, सुरेन्द्र लोढ़ा, हेमंत कच्चरा, नेमीचंद इंटोदिया, हितेश पामेचा, मुकेश आर. इंटोदिया, मुकेश ए. मादरेचा, संदीप चोरड़िया, कवीश आर. इंटोदिया, कवित आर इंटोदिया, संजय वडालमिया, साहिल सांखला, आदर्श बोहरा, हितेश इंटोदिया, सिद्धार्थ इंटोदिया, मोहित सांखला, भगवतीलाल कोटीफोड़ा, विनोद चौहान, डालचंद सांखला, मनीष सांखला, आरुष विनोद चौहान, मदनलाल दुग्गड, राकेश पामेचा, अशोक चोरड़िया, कियान बोहरा, हंसराज बोहरा, मांगीलाल लोढ़ा, रमेश एम इंटोदिया, शांतिलाल सोलंकी, गणेश इंटोदिया, पुखराज लोढ़ा, महेंद्र गोटी, अशोक छाजेड़, हीरा पोखरना, मांगीलाल बाशा, मोतीलाल कच्छारा, विकास आंचलिया, अनील कोठारी, राऊल वडालमीया, संतोष पामेचा, मुकेश सियाल, गणेश चपलोत, मुकेश बडोला, रोशनलाल धाकड़, लक्ष राकेश वदामा, विहान मुकेश बडोला, नेमिन मुकेश बडोला, गोविंद बाफना, तोलाराम पामेचा, भरत राजावत, सक्षम पी. इंटोदिया, श्रेयांश पी. इंटोदिया, गोपीलाल सिंघवी, पार्थ एम. राजावत, रुद्रा इंटोदिया, लालचंद डांगी, रौनक इंटोदिया, कुंदन इंटोदिया, भावेश इंटोदिया, संजय जैन, मुकेश चपलोत, अदित्य नितेश लोढा, कनिश लोढा, धर्मेश इंटोदिया, प्रीत इंटोदिया, सिद्धम आशीष लोढ़ा, पारस नवलखा, अनुज नवलखा, भवर नवलखा, बाबूलाल बड़ौला, बाबुलालजी चोरड़िया, लालजी कोठारी, निखिल बडोला, भेरूलाल वडालमिया, निर्मल मांडोत, जीतू इंटोदिया, शांतिलालजी पिपाड़ा, विक्की इंटोदिया, रूपरजत रान्का, बसंतीलाल चौहान, जैनम मेहता, सम्यक सांखला है।
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में अशोक लोढा, रमेश एम इंटोदिया, रमेश बोहरा, भरत बोहरा, लक्ष्मीलाल के. इंटोदिया, कपिल बोहरा ने अपने विचार व्यक्त किए। महिला मंडल ने गोचरी का शानदार आयोजन किया। कन्या मंडल की सक्रियता अच्छी रही। अम्बेश पाठशाला के बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का संचालन प्रवीण इंटोदिया ने किया और यह जानकारी लक्ष्मीलाल इंटोदिया ने दी।

फिल्म ही नहीं असल जिंदगी की भी नायिका है शिखा मल्होत्रा

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“हौसलों की मिसाल: अभिनेत्री शिखा मल्होत्रा की कहानी : रूपहले पर्दे की नायिका, ज़िंदगी की योद्धा”

मुंबई की चकाचौंध में जब एक चेहरा अपनी चमक खुद गढ़ता है, तब वह सिर्फ कलाकार नहीं, प्रेरणा बन जाता है। ऐसी ही हैं अभिनेत्री शिखा मल्होत्रा, जिनकी जीवनयात्रा एक फिल्मी कहानी से कहीं ज़्यादा दिल छू लेने वाली हकीकत है।

शिखा ने यशराज फिल्म्स की ‘फैन’ में शाहरुख खान के साथ रिपोर्टर की छोटी-सी भूमिका से शुरुआत की, लेकिन इस छोटे दृश्य में उनकी प्रतिभा इतनी बड़ी थी कि खुद किंग खान ने उन्हें गले लगाकर सराहा।इस सीन को शाहरुख खान मॉनिटर कर रहे थे और वे शिखा के पास जाकर शिखा को प्रोत्साहित किये। उस एक आलिंगन में शायद हजारों सपनों की मेहनत और पहचान छुपी थी। यह बेहद गर्व भरा पल रहा।

इसके बाद उन्होंने दर्शकों को झकझोर कर रख देने वाली फिल्म ‘कांचली’ में मुख्य भूमिका निभाई। यह कोई आम फिल्म नहीं थी, यह एक साहसिक स्त्री की अंतर्वेदना और विद्रोह की दास्तान थी। उस रूढ़ियों से भरी दुनिया में जहां एक स्त्री को सिर्फ सहने की आदत सिखाई जाती है, वहीं शिखा की ‘कांचली’ उस आदत को तोड़ती है।

शिखा केवल एक अभिनेत्री नहीं हैं,वह एक क्लासिकल सिंगर, कथक डांसर, बॉलीवुड परफॉर्मर और एक प्रशिक्षित नर्स भी हैं। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसमें कला और सेवा दोनों सांस लेते हैं। जब पूरी दुनिया महामारी के साए में सहमी थी, शिखा ने अपनी चकाचौंध भरी दुनिया को छोड़ अस्पताल की सफेद वर्दी पहन ली, वो भी बिना किसी शुल्क के, सिर्फ मानवता के लिए। यह सेवा नहीं, संकल्प था, एक जीवंत अभिनेत्री का सच्चा किरदार।

लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकती। वक्त ने उनकी हिम्मत को फिर से परखा, चेहरे पर पैरालिसिस ने एक पल को उनके सपनों को जकड़ लिया, मानो जैसे कोई चित्रकार की तूलिका से रंग छीन ले। मगर शिखा ने न हार मानी, न चेहरे की परिभाषा को अपनी पहचान बनने दिया। उन्होंने उस अंधेरे से फिर उजाला रचा और एक नई वापसी, एक नई शुरुआत की।

अब एक बार फिर, ‘कांचली’ थिएटरों में वापसी कर रही है। यूट्यूब पर लाखों दिलों तक पहुँचने के बाद अब यह फिल्म बड़े पर्दे पर अपने असली जादू के साथ लौट रही है। शिखा का कहना है, “जब ये फिल्म बनी थी, तब ये समय से आगे थी। अब समय इस फिल्म को देखने लायक हो चुका है।”

जल्द ही वह अभिनेता हितेन तेजवानी के साथ फिल्म ‘मानो या ना मानो’ में भी नज़र आएंगी। इसके अलावा तापसी पन्नू की ‘रनिंग शादी’, तमिल फिल्म ‘सेंथेनल’, तेलुगु फिल्म ‘जयंती’, और पंजाबी फिल्म ‘लकी कबूतर’ में भी उन्होंने अपनी बहुपक्षीय प्रतिभा से अभिनय को नई ऊंचाइयाँ दी हैं।

शिखा मल्होत्रा की कहानी सिर्फ एक कलाकार की नहीं, एक योद्धा, सेविका और असल जिंदगी की नायिका की है — जो हर बाधा को पार कर अपने सपनों की रोशनी को फिर से जलाना जानती है।

कांचली की तरह ही शिखा भी एक प्रतीक हैं — उस स्त्री की जो सहती नहीं, सवाल करती है। जो गिरती नहीं, बदलती है। और जो अभिनय नहीं, आत्मा से जीती है।

हर्षवर्धन चौहान ने पेश की ब्रांडिंग की एक नई परिभाषा ‘दिल से’

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दिल से… एक ब्रांड नहीं, एक एहसास: भारत को मिला पहला ‘एक्सपीरिएंसेज़-टू-कंज़्यूमर’ विज़न

मुंबई। जब ब्रांड्स अपने उत्पादों से नहीं, बल्कि अपने जज़्बातों से दिल जीतने निकलें, तो उन्हें नाम दिया जाता है – ‘दिल से’।
मुंबई में अंधेरी पश्चिम स्थित रहेजा क्लासिक क्लब में ‘दिलसे – द हैपिनेस कलेक्टिव प्राइवेट लिमिटेड’ ने भारत के पहले ‘एक्सपीरिएंसेज़-टू-कंज़्यूमर (E2C)’ ब्रांड के रूप में दस्तक दी। लेकिन यह कोई आम लॉन्च नहीं था, यह एक थिएटर के पर्दे पर उभरी आत्मा की आवाज़ थी, एक ऐसी प्रस्तुति जिसने दर्शकों को सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक आंतरिक स्पंदन का अनुभव कराया।
इस शो के सूत्रधार, लेखक और रचनात्मक शक्ति हर्षवर्धन चौहान न केवल मंच पर थे, बल्कि हर शब्द, हर रचना में उनकी आत्मा बोल रही थी। उन्होंने कहा कि यह लॉन्च नहीं था, यह एक ‘सोल कॉन्ट्रैक्ट’ था। हमने अभिनय नहीं किया बल्कि हमने खुद को जिया। हमारा ब्रांड आँकड़ों में नहीं, एहसास में सांस लेता है।
‘दिलसे’ भारतीय मार्केट में एक नई कैटेगरी लेकर आया है – E2C यानी ‘एक्सपीरिएंसेज़-टू-कंज़्यूमर’, जहां ग्राहक सिर्फ एक उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक भावनात्मक सहभागी बन जाता है।
यह ब्रांड थिएटर, आवाज़, संगीत, डिज़ाइन और डिजिटल आर्ट के ज़रिए एक ऐसा अनुभव गढ़ता है, जो यादों की तरह दिल में बस जाए। यहां प्रोडक्ट्स धारण करने के लिए नहीं बल्कि महसूस करने के लिए होंगे।
लॉन्च शो की गूंज के बाद ‘दिल से’ अब एक और साहसिक कदम उठाने जा रहा है।
23 जुलाई 2025 को दिलसे ऐप की सॉफ्ट लॉन्चिंग होगी। भारत का पहला सोल-लेड डिजिटल स्पेस, जहां ब्रांड और भावनाएं एक-दूसरे से संवाद करेंगी।
अगस्त से ब्रांड अपने ‘प्रोडक्ट रिचुअल्स’ और खास वियरेबल्स लॉन्च करेगा, जो न केवल स्टाइल बल्कि एक इनर-कनेक्शन का प्रतीक होंगे।
हर्षवर्धन चौहान केवल एक सीईओ नहीं हैं – वो एक अनुभवी-निर्माता, शब्दों के योगी और एक भावना-शिल्पी हैं। उन्होंने नाट्य के रूप में “दिल से” ब्रांड को अनोखे रूप में प्रस्तुत किया है, वह बिज़नेस नहीं, एक आंदोलन है और सीधे तौर पर दिल से जुड़ने की पहल।
हर्षवर्धन चौहान के अनुसार ‘दिलसे’ ब्रांडिंग शोर नहीं, संवेदना है और अगर कारोबार को फिर से दिल से गढ़ना है – तो यही शुरुआत है। क्योंकि कुछ ब्रांड दिखते हैं, पर ‘दिलसे’ महसूस होता है।

मुंबई में ड्रग्स के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, अमृता फडणवीस ने Say No To Drugs का दिलाया संकल्प 

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मुंबई। देश नहीं पूरी दुनिया में युवा पीढ़ी की जिंदगी नशे से बर्बाद हो रही है, और महानगर में नशे का कारोबार भी लगातार बढ़ते जा रहा है। ड्रग्स पर रोकथाम करना आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरी हो गया है। हालांकि की ड्रग्स तस्करी और सेवन पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा समय – समय पर कदम उठाया जाता है। साथ ही जागरूकता मुहिम भी चलाई जाती है। इस कड़ी में ड्रग्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मुंबई के अंधेरी पश्चिम के मॉडल टाउन से यारी रोड, वर्सोवा तक करीब दो किलोमीटर तक भव्य ड्रग्स अवेयरनेस रैली निकाली गई। ड्रग्स के खिलाफ इस जागरूकता रैली का आयोजन सामाजिक संस्था एकता मंच द्वारा किया गया जिसमें मुंबई उपनगरीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण समिति, महाराष्ट्र राज्य औषधि बोर्ड, राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) ड्रग्स विरोधी सामाजिक संगठन समेत समाज के हर तबके के लोग शामिल हुए। एकता मंच द्वारा आयोजित इस भव्य ड्रग्स अवेयरनेस रैली में राजनेता अभिनेता सामाजिक कार्यकर्ता बच्चे, बूढ़े, युवा हर कोई बड़े ही जोश के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं इस रैली में मुख्य अतिथि के रुप में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस, मंत्री योगेश कदम, बॉलीवुड अभिनेता चंकी पांडे आईआरएस ऑफिसर समीर वानखेड़े, अभिनेता अरबाज खान, सांसद रविंद्र वायकर, बीजेपी विधायक अमित साटम और स्थानीय विधायक हारुन खान ने शिरकत की।

ड्रग्स अवेयरनेस रैली में शामिल हुई मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने इस रैली को आयोजित करने के लिए सामाजिक संस्था एकता मंच के अध्यक्ष अजय कौल की जमकर सराहना की और लोगों से ड्रग्स के खिलाफ जागरुक होने की अपील की उन्होंने लोगो से कहा कि अगर आपको कहीं भी कोई ड्रग्स का सेवन करते या ड्रग्स की तस्करी करते दिखे तो उसके खिलाफ तुरंत पुलिस में शिकायत करें ताकि हम अपने आसपास और अपने राज्य को ड्रग्स फ्री बना सके। वहीं इस कार्यक्रम में शिरकत किए गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने एकता मंच के अध्यक्ष अजय कौल द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना करते हुए आश्वासन दिया है कि ड्रग्स के खिलाफ सरकार कड़े से कड़े कानून बना रही है और कार्रवाई भी की जा रही है उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि सरकार ने ड्रग्स तस्करों के खिलाफ अब मकोका के तहत भी अब कार्रवाई की जाएगी।

इस रैली में लोगों ने अपने अपने तरीके से जागरुकता फैलाने की कोशिश की। इस रैली का स्लोगन था से No To ड्रग्स, जिसका हर किसी ने पालन करने का संकल्प लिया।

रंगमंच में अभिव्यक्ति द्वारा भारत का पहला ‘एक्सपीरिएंसेज़-टू-कंज़्यूमर’ ब्रांड ‘दिलसे’ हुआ लॉन्च

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मुंबई। भारत में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की दुनिया में एक नई शुरुआत करते हुए ‘दिलसे’ – द हैपिनेस कलेक्टिव प्राइवेट लिमिटेड का अनूठा ब्रांड मुंबई के प्रतिष्ठित एनसीपीए (एक्सपेरिमेंटल थिएटर) में लॉन्च किया गया। ‘दिलसे’ देश का पहला एक्सपीरिएंसेज़-टू-कंज़्यूमर (E2C) ब्रांड है, जिसकी शुरुआत एक अत्यंत भावनात्मक और प्रभावशाली लाइव थिएटर परफॉर्मेंस से हुई।

दिलसे – द लव थिएटरिकल” नाम वाले इस दो घंटे के परफॉर्मेंस को पारंपरिक ब्रांड लॉन्च से अलग रखते हुए एक दिल छू लेने वाली कलात्मक यात्रा के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसमें मौलिक कविताएं, लाइव संगीत, थिएटर शैली की कहानी कहने की कला और सिनेमा जैसे दृश्य एक साथ बुने गए थे – जो दर्शकों को भावनाओं की गहराई में डुबो देने वाला अनुभव रहा।

इस शो की परिकल्पना और लेखन हर्षवर्धन चौहान ने किया, जो मंच पर सूत्रधार की भूमिका में भी नज़र आए। उनकी आवाज़, उनकी कविताएं और उनके संवादों ने थिएटर, संगीत और दृश्य कला को एक साथ पिरोते हुए दर्शकों को एक भावनात्मक यात्रा पर ले गया, जिसमें हर पंक्ति और हर धुन खास तौर पर इसी क्षण के लिए रची गई थी।

इस शो का निर्देशन सुमित शर्मा ने किया और संगीत रचना दिलीप रावत और राहुल भल्ला की थी। वहीं, तरुण खेम की मार्मिक नैरेशन, देविका सिंह, तोशी रावल, रिया भल्ला और रविंदर पाठक की भावपूर्ण गायकी, और अमन उप्पल, दिया राजपूत, गौतम, और ‘द दिलसे गर्ल’ की टीम के शानदार अभिनय ने पूरे शो को जीवंत बना दिया।

दिलसे के संस्थापक और रचनाकार हर्षवर्धन चौहान ने कहा, “यह कोई सामान्य लॉन्च नहीं था, यह एक ‘सोल कॉन्ट्रैक्ट’ था — दिल से किया गया एक वादा। इस परफॉर्मेंस की हर पंक्ति उन भावनाओं से निकली जो हम अक्सर अपने भीतर दबा लेते हैं। मैं मंच नहीं, बल्कि एक आईना चाहता था – जिसमें हम खुद को देख सकें। हमने कोई अभिनय नहीं किया, हमने अपनी ही भावनाओं को फिर से जिया। हम आँकड़ों के पीछे नहीं भागते, हम अर्थ की तलाश करते हैं। आपने अब तक ऐसे ब्रांड देखे होंगे जो शोर से बनते हैं, लेकिन दिलसे वह ब्रांड है जो एहसास से बना है। हमारे प्रोडक्ट पहनने के लिए नहीं होंगे, महसूस करने के लिए होंगे। यह कोई नाटक नहीं, बल्कि एक जीवंत स्मृति थी जो मंच पर उतरी।”

दिलसे – द लव थिएट्रिकल’ सिर्फ एक थिएटर प्रस्तुति नहीं थी, बल्कि भारतीय बाज़ार में एक नई सोच – ‘एक्सपीरिएंसेज़-टू-कंज़्यूमर (E2C)’ कैटेगरी की शुरुआत का प्रतीक बनी। जब अधिकांश ब्रांड सिर्फ उत्पाद बेचने पर ज़ोर देते हैं, वहीं दिलसे उन अनुभवों के ज़रिए लोगों के दिलों से जुड़ने की पहल करता है, जो भावनाओं को स्पर्श करते हैं।

दिलसे एक ऐसा ब्रांड है जो थिएटर, आवाज़, संगीत, डिज़ाइन और डिजिटल कहानी कहने के ज़रिए ऐसा माहौल रचता है, जिसमें न सिर्फ खरीदारी होती है, बल्कि लोगों को एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव भी महसूस होता है। यह एक ‘दिल से निकली पहल’ है, जो कारोबार को रिश्तों की नींव पर फिर से गढ़ने की दिशा में एक साहसिक कदम है।

अपने भावनात्मक लॉन्च शोकेस की सफलता के बाद अब दिलसे एक और खास शुरुआत करने जा रहा है। 23 जुलाई 2025 को ब्रांड भारत का पहला ‘सोल-लेड डिजिटल स्पेस’ कहे जाने वाले दिलसे ऐप की सॉफ्ट लॉन्चिंग करेगा। वहीं अगस्त 2025 से ब्रांड अपने विशेष ‘प्रोडक्ट रिचुअल्स’ और पहनने योग्य प्रोडक्ट्स (वियरेबल्स) पेश करेगा, जो इस अनुभव को और अधिक व्यक्तिगत और गहरा बनाएंगे।

इरेडा ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और सशक्त विकास योजनाओं के साथ भारत के स्वच्छ उर्जा मिशन के लिए दिखाई अपनी प्रतिबद्धता

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मुंबई। नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय के तहत भारत की अग्रणी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी इंडियन रीन्युएबल एनर्जी डेवलपमेन्ट एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और सशक्त विकास योजनाओं के साथ भारत के स्वच्छ उर्जा मिशन के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।

संचालन दक्षता एवं विवेकपूर्ण जोखिम प्रबन्धन के माध्यम से भारत के स्वच्छ उर्जा मिशन में उल्लेखनीय योगदान देते हुए इरेडा ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में ऑपरेटिंग लाभ में 49 फीसदी सालाना बढ़ोतरी तथा संचालन से होने वाली कुल आय में 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। यह मजबूत प्रदर्शन कंपनी के कोर बिज़ेनस की क्षमता को दर्शाता है। इरेडा की उत्कृष्ट लोन बुक पिछले साल की तुलना में 26 फीसदी बढ़कर रु 79,941 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गई, जिसमें सौर, पवन एवं उभरती तकनीकों जैसे हरित हाइड्रोजन, स्मार्ट मीटर्स और ईवी का मुख्य योगदान रहा। कंपनी ने अपनी उत्कृष्ट एएए (स्टेबल) डोमेस्टिक क्रेडिट रेटिंग बरक़रार रखी है और तिमाही के दौरान सफलतापूर्वक रु 5903 करोड़ की राशि जुटाई है, जिसमें एसबीआई टोक्यो से जेपीवाय 26 बिलियन ईसीबी शामिल हैं, जो लागत प्रभावी पूंजी को सुनिश्चित करता है। इसके अलावा नेट वर्थ 36 फीसदी बढ़कर रु 12,402 करोड़ पर पहुंच गई है, जो नवीकरणीय उर्जा फाइनेंसिंग स्पेस में कंपनी की लीडरशिप और निवेशकों के सतत भरोसे को दर्शाता है।

कंपनी के सतत विकास पर बात करते हुए प्रदीप कुमार दास (चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर) ने कहा कि संचालन दक्षता एवं ज़िम्मेदाराना फाइनेंसिंग हमारी कारोबार योजनाओं का अभिन्न हिस्सा है। हम मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन, आर्थिक अनुशासन एवं भारत के नवीकरणीय उर्जा लक्ष्यों को समर्थन प्रदान करते हुए हितधारकों को उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करने के लिए तत्पर हैं।

नीतिगत प्रोत्साहन करते हुए वित्त मंत्रालय के तहत सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ (सीबीडीटी) ने 9 जुलाई 2025 को इरेडा बॉन्ड्स को आयकर की धारा 1961 के खंड 54 ईसी के तहत ‘दीर्घकालिक निर्दिष्ट संपत्ति’ अधिसूचित किया। इससे निवेशकों को पूंजीगत कर लाभ में छूट का दावा करने में मदद मिलेगी। इस कदम से इरेडा की पूंजी की लागत में कमी आएगी और निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी।

पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान इरेडा ने ऋण मूल्यांकन प्रणाली एवं रिकवरी प्रणाली को मजबूत बनाकर समय के साथ एनपीए में कटौती की है तथा अपनी आगामी योजनाओं के तहत कंपनी राष्ट्रीय एवं विश्वस्तर पर स्थायित्व के लक्ष्यों के अनुरूप अपने ऋण पोटफोलियो को विविध बना रही है।

इरेडा को प्रशासन एवं वित्तीय उत्कृष्टता के लिए भी मान्यता दी गई है, जिसमें सीएमडी को ‘सीएमए आइकन 2025’ अवॉर्ड, तथा नवम्बर 2023-24 के बीच एक अग्रणी बिज़नेस डेली द्वारा सम्पत्ति सृजन के लिए टॉप-5 नेशन रैंकिंग से सम्मानित किया गया है।

भारत ने हाल ही में 2030 के लक्ष्य से पांच वर्ष पहले 50 फीसदी गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित विद्युत क्षमता हासिल कर ली है, जो नवीकरणीय उर्जा सेक्टर में बढ़ते अवसरों को इंगित करती है।
इरेडा ने इस प्रगति में मुख्य योगदान दिया है और 500 गीगावॉट लक्ष्य की ओर भारत के स्वच्छ उर्जा रूपान्तरण को बढ़ावा देने में अपने नेतृत्व की पुष्टि की है।

जसलोक अस्पताल और एंजाइनाX एआई ने महाराष्ट्र का पहला एआई-आधारित हृदय रोग रोकथाम मॉडल किया लॉन्च

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लक्षण प्रकट होने से पहले ही सिर्फ 5 मिनट में हृदय रोग की पहचान करने की दिशा में अग्रणी कदम

मुंबई। भारत में मृत्यु का प्रमुख कारण बन चुके हृदय रोग से निपटने के लिए एक ऐतिहासिक पहल के तहत, जसलोक अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर ने भारत के पहले एआई-आधारित डॉक्टर असिस्टेंट एंजाइनाX एआई के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत, महाराष्ट्र का पहला एआई-सक्षम हृदय रोग रोकथाम मॉडल लॉन्च किया गया है।

यह सहयोग भारत की कार्डियोलॉजी प्रणाली को “देरी से इलाज” की जगह “समय पर रोकथाम” की दिशा में ले जाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। अब जसलोक के आउट पेशेंट विभागों (ओपीडी) में एंजाइनाX AI तकनीक सक्रिय है, जो डॉक्टरों को कुछ ही सेकंडों में हृदय रोग का जोखिम आंकने की क्षमता देती है, वह भी लक्षणों के प्रकट होने से पहले। यह सिस्टम वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट देता है और प्रत्येक रोगी के लिए व्यक्तिगत जीवनशैली और उपचार योजनाएं सुझाता है।

हृदय रोग लाखों भारतीयों को प्रभावित करता है और अक्सर देर से पहचाना जाता है, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है। जसलोक अस्पताल और एंजाइनाX AI का यह मॉडल रोकथाम को तेज़, स्पष्ट और सुलभ बनाता है, ठीक उसी बिंदु से जहां रोगी सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करता है: यानी ओपीडी से।

पद्म भूषण से सम्मानित और जसलोक अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक, डॉ. अश्विन बी. मेहता ने कहा कि दशकों से, कार्डियोलॉजी ने क्षति नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित किया है। लेकिन अब एडवांस्ड एआई की मदद से हम क्षति शुरू होने से पहले ही खतरे का आकलन कर सकते हैं। यह मॉडल केवल नवाचार नहीं है पर इलाज की समयरेखा को पुनर्परिभाषित कर रहा है।

एंजाइनाX सिस्टम 20 से भी अधिक महत्वपूर्ण क्लीनिकल और जीवनशैली से जुड़े संकेतकों का मूल्यांकन करती है, जिसमें विस्तारित लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर, सूजन संबंधी बायोमार्कर, मेटाबोलिक जटिलताएं, पारिवारिक इतिहास और जीवनशैली पैटर्न शामिल हैं। यह प्रणाली प्रमाणित भारतीय डेटा पर आधारित एक संरचित रिपोर्ट तैयार करती है जिसमें व्यक्तिगत जोखिम का मूल्यांकन, रोगी-विशिष्ट जांच सिफारिशें और स्पष्ट, क्रियाशील उपचार एवं फॉलोअप मार्गदर्शन शामिल होता है।

डॉ. अजीत देसाई (वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट, जसलोक अस्पताल) ने कहा, “एंजाइनाX AI सिस्टम हमें एक मिनट से भी कम समय में क्लीनिकल स्पष्टता देता है और यह विशेषकर अधिक भीड़ वाले ओपीडी में बेहद मूल्यवान है। अब हम अधिक मरीजों से मिल पा रहे हैं, चुपचाप पनपते जोखिमों को जल्द पहचान पा रहे हैं, और पहले लक्षण आने से पहले ही उन्हें कार्यवाही करने का मार्ग दिखा पा रहे हैं।”

जसलोक और एंजाइनाX ने यह सुनिश्चित किया है कि यह कार्यक्रम तेज़, सुलभ और किफायती हो, जिससे रोकथाम एक सामान्य प्रक्रिया बने, कोई दुर्लभ सेवा नहीं।

जसलोक अस्पताल महाराष्ट्र में एआई-आधारित रोकथाम आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।

जसलोक अस्पताल के सीईओ जितेन्द्र हरयाण ने कहा कि यह केवल डिजिटल परिवर्तन नहीं है, यह चिकित्सा की समयबद्धता है। हमारा अस्पताल भारत की हेल्थकेयर प्रणाली में इस बदलाव का नेतृत्व कर गर्व महसूस करता है। जब टेक्नोलॉजी और चिकित्सा एक साथ आते हैं, तब जानें समय रहते बचाई जा सकती हैं।

जसलोक अस्पताल डॉ. अश्विन बी. मेहता के नेतृत्व में इस एआई-सक्षम कार्यक्रम “Dil Fit, Life Hit” को लॉन्च कर रहा है, जो कार्डियक रोकथाम को रोज़मर्रा के क्लीनिकल केयर में शामिल करता है। यह कार्यक्रम डॉक्टरों को सशक्त बनाता है, ओपीडी प्रथाओं को बदलता है और रोकथाम को हर मरीज के लिए सुलभ बनाता है, सिर्फ उनके लिए नहीं जिनमें पहले से लक्षण मौजूद हों।

एंजाइनाX AI के संस्थापक नमन गोसालिया ने कहा कि हमने एक ऐसा अत्याधुनिक एआई मेडिकल सिस्टम बनाया है जो किसी भी अस्पताल या क्लिनिक में सहजता से फिट हो सकता है। यह डॉक्टरों को सटीक जोखिम मूल्यांकन और व्यक्तिगत उपचार सिफारिशों के ज़रिये हृदय रोग की प्रगति को रोकने में मदद करता है। हमारा मिशन है कि प्राथमिक रोकथाम को हर क्लिनिक, हर अस्पताल और भारत के हर कोने तक पहुंचाया जाए, वह भी बिना डॉक्टरों की दिनचर्या बाधित किए। उन्होंने कहा, “इस मॉडल का KPI बहुत आसान था: क्या यह मेरी अपनी माँ पर काम कर सकता है? हमने स्पष्ट निर्णय लिया कि हम इसे तभी जारी करेंगे जब यह उन पर काम करेगा। पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले हमने इसे अपनी माँ पर आज़माया। यह परीक्षण सफल रहा और इसने हमें आगे बढ़ने का दृढ़ विश्वास दिलाया।
उन्होनें आगे कहा कि जसलोक में इसकी शुरुआत और उनके नेतृत्व में महाराष्ट्र में इसे सबसे पहले कार्यान्वित होना इस साझा विश्वास को दर्शाता है कि लोग बेहतर नतीजों के हकदार हैं, और रोकथाम के साथ डर या आर्थिक बोझ नहीं आना चाहिए। यह साझेदारी हमें मरीज़ों को प्राथमिकता देने और इस मिशन को पूरे भारत में आगे बढ़ाने में मदद करती है।

जसलोक अस्पताल में एआई आधारित स्क्रीनिंग शुरू हो चुकी है। डॉक्टर अब तेज़ी से निर्णय ले पा रहे हैं, विशेष रूप से उन मरीजों के लिए जो बिना लक्षणों के गंभीर स्थिति तक पहुंच सकते थे।

गोवंशों की दुर्दशा पर बढ़ा आक्रोश

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मेरठ। कान्हा उपवन गोशाला में गोवंशों की दुर्दशा पर बृहस्पतिवार को लोगों का गुस्सा फूट गया। भाजपा पार्षदों ने सोशल मीडिया पर निगम अफसरों के खिलाफ मुहिम चला दी है। जिम्मेदार अफसरों पर मुकदमा कराने की मांग उठाकर नगर आयुक्त से नाराजगी जताई गई। कैंट बोर्ड की बैठक में भी गोशाला में भूख से गोवंश की मौत होने के आरोप लगाकर मामला उठाया गया। राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक छोड़कर सीधे गोशाला पहुंच गए। डॉ. वाजपेयी गोवंशों की देखरेख करने वाले अफसरों पर जमकर भड़के और दोषी कर्मचारी-अधिकारियों को जेल भिजवाने तक की बात कही। महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने भी गोशाला का निरीक्षण किया। अनियमितताएं मिलने पर नाराजगी जताई।

गोशाला में भूख से गोवंशों की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। इस मामले को अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों की नींद टूटी। तीन दिन से गोशाला में गोवंशों के लिए चारा, खल-चूरी, चोकर और उनकी देखरेख पर निगम अफसरों का फोकस हुआ है। गोशाला में गोवंशों की दुर्दशा की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं। गोवंशों की हालत देखकर लोगों में आक्रोश है। इसको लेकर बृहस्पतिवार सुबह भाजपा पार्षद संदीप रेवड़ी, कुलदीप वाल्मीकि और दिग्विजय सिंह समेत अन्य लोगों ने नगर आयुक्त से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जताई। नगर आयुक्त ने एडीएम सिटी और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की जांच रिपोर्ट भी तीनों पार्षदों को दिखाई है। इसके बाद भाजपा नेताओं और पार्षदों ने व्हाट्सएप, फेसबुक व इंस्ट्राग्राम पर गोवंशों के तड़पते दम तोड़ने की वीडियो एक-दूसरे को शेयर करनी शुरू कर दी। पार्षदों ने मांग उठाई कि जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराओ। नगर आयुक्त ने पार्षदों का आश्वासन दिया कि कांवड़ यात्रा संपन्न होने यानी 25 जुलाई के बाद गोशाला में लापरवाही करने वालों अफसरों पर बड़ी कार्रवाई करूंगा।

गोवंशों की मौत का जिम्मेदार नगर निगम
राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी बृहस्पतिवार को कैंट बोर्ड की बैठक में गए थे। वहां एक व्यापारी ने निगम की गोशाला में गोवंशों की मौत का मुद्दा उठाया। डॉ. वाजपेयी ने गोशाला में जाकर निरीक्षण करने का आश्वासन व्यापारी को दिया। शाम 4.15 बजे डॉ. वाजपेयी कार्यकर्ताओं संग परतापुर स्थित गोशाला में पहुंचे। वहां पर नगरायुक्त द्वारा गठित कमेटी जांच कर रही थी। डॉ. वाजपेयी ने गोशाला में गोवंशों के इलाज करने वाले भुगतान, रजिस्टर, कर्मचारियों की ड्यूटी की जानकारी ली हैं। वहां पर मौजूद प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी समेत अफसरों को फटकार लगाई। गोवंशों के प्रति लापरवाही मिली। डॉ. वाजपेयी ने कहा कि यहां की फोटो-वीडियो मुख्यमंत्री को भेजूंगा। गोवंशों की मौत का जिम्मेदार नगर निगम है।

गोशाला में तड़प रहे गोवंश
निगम अफसरों का दावा कि गोशाला में 2547 गोवंश हैं। राज्यसभा सदस्य ने पांच कार्यकर्ताओं को गोवंश की गिनती कराने में लगा दिया। टीनशेड में चार अलग-अलग जगह गोवंश थे, जहां पर उनके बैठने की जगह तक नहीं थी। उनकी गिनती तक नहीं हो सकी। डॉ. वाजपेयी ने फीता मंगाया और नापतोल शुरू कर दी। 9687 फीट जगह में कुल 150 पशु ही बांधे जा सकते हैं, लेकिन उसमें 340 गोवंश बंधे थे। उन तक कैसे चारा और पानी पहुंचता है, इसका जवाब निगम अफसर नहीं दे सके। गोशाला के बजट से लेकर अनुदान तक की जानकारी ली। इसी दौरान एक गोवंश ने बछड़े को जन्म दिया। गोवंशों की संख्या ज्यादा होने के चलते गाय और बछड़े की देखरेख न होने पर डॉ. वाजपेयी ने नाराजगी जताई।

अव्यवस्था मिलने पर महापौर भी नाराज
महापौर हरिकांत अहलूवालिया भी कान्हा गोशाला का निरीक्षण किया है। गोशाला में अव्यवस्था मिलने पर महापौर ने निगम अफसरों पर नाराजगी जताई हैं। बताया है कि कि वर्तमान में गोवंश हेतु अनुकूल स्थिति नहीं है। सफाई का भाव है। कहा कि व्यवस्था सुधार लें, दोबारा गोशाला में आकर निरीक्षण करूंगा। लापरवाही करने वाले कर्मचारी और अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए कमेटी से जांच रिपोर्ट मांगी है। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त सौरभ गंगवार, सहायक नगर आयुक्त शरदपाल, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी हरपाल सिंह आदि मौजूद रहे।


गोशाला में गोवंशों को भूखा मारने वाले अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। कमिश्नर के बाद लखनऊ में अधिकारियों से भी शिकायत करूंगा। कर्मचारी नहीं, गोशाला प्रभारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
अजय गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ

शर्मसार करने वाली वीडियो है। समाज में आक्रोश है। गोवंशों के हत्यारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। गोशाला में गोवंशों को भूखा व प्यासा रखने वालों के खिलाफ मुकदमा कराने के लिए वरिष्ठ नेताओं से भी बात करेंगे।
मुनेश उपाध्याय, प्रदेश मंत्री ओबीसी मोर्चा भाजपा

गोशाला में गोवंशों की दुर्दशा हो रही है। उनको चारा तक नहीं दिया जाता है, मैंने दो बार निगम के अधिकारियों से शिकायत की। गोवंशों के नाम पर करोड़ों का भुगतान होता, जोकि बंदरबांट कराया जाता है।
हर्षपाल सिंह, भाजपा पार्षद

प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी की लापरवाही के चलते गोवंशों की दुर्दशा हो रही है। बृहस्पतिवार को अपने साथी पार्षदों के साथ नगर आयुक्त से शिकायत की है। कार्रवाई न होने पर भाजपा के पार्षद ही आंदोलन करेंगे।
कुलदीप वाल्मीकि, भाजपा पार्षद।