Home Blog Page 54

भव्य समापन समारोह के साथ सम्पन्न हुआ 55वां इफ्फी

0

8 देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित इफ्फी 2024 में रिकॉर्ड संख्या में शामिल हुए प्रतिनिधि

फिल्म बाज़ार में अब तक के सर्वाधिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की और इसमें 500 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कारोबार होने का अनुमान, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है

हाउसफुल मास्टरक्लास तथा अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा और भारतीय पैनोरमा की स्क्रीनिंग

जैसे सभी अच्छी चीजों का अंत अवश्य होता है, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी)  2024 का भी गोवा के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में 28 नवंबर, 2024 को समापन हो गया, लेकिन निश्चित रूप से सिनेमा के जादू और कहानी कहने की भावना का जश्न मनाने तथा भविष्य के फिल्म निर्माताओं के लिए कई रास्ते खोलने के अपने स्थायी प्रभाव के साथ। इफ्फी के 2024 संस्करण में 11,332 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो इफ्फी 2023 की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। 28 देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों के साथ-साथ देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए।

फिल्म बाज़ार के संबंध में, प्रतिनिधियों की संख्या बढ़कर 1,876 हो गई, जो पिछले साल के 775 से काफी ज़्यादा है। विदेशी प्रतिनिधियों ने 42 देशों का प्रतिनिधित्व किया। इस साल फिल्म बाज़ार में व्यापार अनुमान 500 करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 15 उद्योग भागीदारों वाला टेक पैवेलियन भी प्रतिभागी प्रतिनिधियों के लिए एक दिलचस्प घटक रहा। उद्योग भागीदारों से 15.36 करोड़ रुपये का प्रायोजन प्राप्त हुआ।

55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के प्रमुख कार्यक्रमों का सारांश निम्नलिखित है।

उद्घाटन और समापन समारोह

उद्घाटन और समापन समारोह में भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा दोनों का जश्न मनाते सितारों की भव्य मौजूदगी और प्रस्तुतियों की धूम रही। उद्घाटन समारोह में शताब्दी समारोह और भारतीय सिनेमा की समृद्ध विविधता के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया । समापन समारोह में संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियों के साथ ही साथ असाधारण उपलब्धि हासिल करने वालों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें फिलिप नॉयस को दिया गया सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और विक्रांत मैसी को दिया गया इंडियन फिल्म पर्सनालिटी ऑफ द ईयर अवार्ड शामिल है।

समापन समारोह: विक्रांत मैसी को वर्ष का इंडियन फिल्म पर्सनालिटी ऑफ द ईयर अवार्ड प्रदान किया गया

अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा

इफ्फी में अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा 189 फिल्मों का क्यूरेटेड चयन था, जिसे 1,800 से अधिक प्रस्तुतियों में से चुना गया। लाइनअप में 16 विश्व प्रीमियर, 3 अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर, 44 एशिया प्रीमियर और 109 भारतीय प्रीमियर शामिल रहे।

महोत्सव के दौरान 81 देशों की फिल्में प्रदर्शित की गईं, जिनमें विभिन्न संस्कृतियों, मतों और दृष्टिकोणों की छाप देखने को मिली। प्रतिस्पर्धी खंड भी बेहद रोमांचकारी रहे। इनमें 15 फिल्मों ने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता पुरस्कार के लिए, 10 ने आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पदक खंड और 7 ने निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फीचर फिल्म श्रेणी के लिए प्रतिस्पर्धा की।

ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख ( फोकस) देश होने के कारण इस महोत्सव में एक विशिष्ट भावना जुड़ गई, जिसमें स्क्रीन ऑस्ट्रेलिया के साथ करार की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई सिनेमा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखने को मिला। महोत्सव की शुरुआत माइकल ग्रेसी द्वारा निर्देशित ऑस्ट्रेलियाई फिल्म बेटर मैन की स्क्रीनिंग के साथ हुई।

लिथुआनियाई फिल्म ‘टॉक्सिक’ ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का स्वर्ण मयूर पुरस्कार जीता तथा रोमानियाई फिल्म ‘ए न्यू ईयर दैट नेवर केम’ ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का रजत मयूर पुरस्कार जीता।

उद्घाटन फिल्म बेटर मैन के कास्ट एंड क्रू रेड कार्पेट पर सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू और महोत्सव निदेशक शेखर कपूर के साथ

शानदार प्रीमियर और रेड कार्पेट

अंतरराष्ट्रीय खंड, भारतीय पैनोरमा, गोवा खंड और बियॉन्ड इंडियन पैनोरमा के 100 से ज़्यादा रेड कार्पेट इवेंट आईनॉक्स पंजिम में दिखाए गए।

उद्घाटन समारोह के दौरान रेड कार्पेट पर अंतरराष्ट्रीय सिनेमा जूरी

55वें इफ्फी के उद्घाटन समारोह में रेड कार्पेट

स्नो फ्लावर के कास्ट एंड क्रू रेड कार्पेट पर

भारतीय पैनोरमा

इस वर्ष, भारतीय पैनोरमा 2024 के अंतर्गत अपनी सिनेमाई उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित 25 फीचर फिल्मों और 20 गैर-फीचर फिल्मों का चयन किया गया। चयन प्रक्रिया भारत भर के सिनेमा जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों के एक पैनल द्वारा आयोजित की गई, जिसमें फीचर फिल्मों के लिए बारह जूरी सदस्य और गैर-फीचर फिल्मों के लिए छह जूरी सदस्य थे, जिनमें से प्रत्येक का नेतृत्व उनके संबंधित अध्यक्ष ने किया। देश भर की युवा फिल्म निर्माण प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए एक नया पुरस्कार शुरू किया गया, जो इफ्फी की थीम ‘युवा फिल्म निर्माताओं’ के अनुरूप है। निर्देशक को प्रमाण पत्र और 5 लाख रुपये के नकद पुरस्कार के लिए कुल 102 फिल्मों ने इसमें प्रतिस्पर्धा की। जिनमें से समापन समारोह में नवज्योत बांदीवाडेकर को ‘घराट गणपति’ के लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इफ्फी की थीम ‘यंग फिल्म मेकर्स : द फ्यूचर इज नाओ’ पर केंद्रित रही 

इफ्फी  की थीम सूचना एवं प्रसारण मंत्री के दृष्टिकोण से रचनात्मकता के भविष्य को आकार देने में युवाओं की क्षमता को मान्यता देते हुए “युवा फिल्म निर्माताओं” पर केंद्रित रही। क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो मंच की पहल को पिछले संस्करणों में 75 से बढ़ाकर 100 युवा प्रतिभाओं को समर्थन देने के लिए बढ़ाया गया। मंत्रालय द्वारा देशभर के विभिन्न फिल्म स्कूलों से लगभग 350 युवा फिल्म छात्रों को इफ्फी  में भाग लेने के लिए सुविधा प्रदान की गई। देश भर में युवा फिल्म निर्माण प्रतिभाओं को सम्मानित करने  के लिए एक नया खंड और सर्वश्रेष्ठ नवोदित भारतीय निर्देशक का पुरस्कार स्थापित किया गया। मास्टरक्लास, पैनल चर्चा, फिल्म बाजार और फिल्म पैकेज सभी युवा रचनाकारों के लिए तैयार किए गए। युवाओं की भागीदारी और जुड़ाव बढ़ाने के लिए इफ़िएस्टा– एक एंटरटेनमेंट जोन शुरू किया गया।

इफिएस्टा

जोमैटो के साथ मिलकर इफिएस्टा ने “डिस्ट्रिक्ट” नामक एक जीवंत एंटरटेनमेंट जोन बनाया, जिसमें फूड स्टॉल और विशेष रूप से क्यूरेटेड प्रदर्शनों का एक अनूठा मिश्रण पेश किया गया। इनमें व्हेन चाय मेट टोस्ट और असीस कौर के अभिनय शामिल थे। इस जोन का मुख्य आकर्षण सफरनामा नामक एक क्यूरेटेड प्रदर्शनी थी, जिसमें भारतीय फिल्म निर्माण के समृद्ध इतिहास को दिखाया गया। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा एक विशेष अनुभव जोन  ने उपस्थित लोगों को शानदार अनुभव प्रदान किया, जिन्होंने इसे कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बना दिया। 6000 छात्रों सहित कुल 18,795 आगंतुकों ने इफिएस्टा का आनंद लिया।

इफिएस्टा में सांस्कृतिक प्रस्तुति

सिनेमाई हस्तियों का यशगान : इफ्फी 2024 में शताब्दी श्रद्धांजलि 

नवंबर 2024 में आयोजित 55वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) एक ऐतिहासिक उत्सव रहा, जिसमें भारतीय सिनेमा की चार महान हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई: अक्किनेनी नागेश्वर राव (एएनआर), राज कपूर, मोहम्मद रफ़ी और तपन सिन्हा। उनकी शानदार विरासत की शताब्दी को चिह्नित करते हुए महोत्सव ने अद्वितीय योगदान को सावधानीपूर्वक क्यूरेट किए गए कार्यक्रमों, डाक टिकट, स्क्रीनिंग और प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रस्तुत किया।

शताब्दी समारोह के उद्घाटन समारोह में डाक टिकट जारी किया गया

क्लासिक्स  को सहेजा गया

इफ्फी 2024 में एनएफडीसी – नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया द्वारा सूचना और प्रसारण मंत्रालय की पहल पर  राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के तहत रिस्टोर्ड क्लासिक्स खंड में प्रस्तुत एनएफडीसी-एनएफएआई द्वारा फिल्मों की डिजिटल बहाली को दिखाया गया। यह खंड भारतीय सिनेमा के संरक्षण में एनएफडीसी-एनएफएआई के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डालता है, जो इसके डिजिटलीकरण और बहाली कार्य पर ध्यान केंद्रित करता है। प्रदर्शित की गई उल्लेखनीय फिल्मों में शामिल हैं:

1. कालिया मर्दन (1919),-दादा साहब फाल्के की यह मूक फिल्म विशेष लाइव साउंड के साथ फिल्मायी गई जो दर्शकों को बहुत पसंद आई।

2. शताब्दी के लिए:

  1. राज कपूर की आवारा (1951)
  2. एएनआर की देवदासु (1953)
  3. हम दोनो (1961) रफी के गीतों सहित
  4. तपन सिन्हा की हारमोनियम’ (1975)

3. सत्यजीत रे की सीमाबद्धा (1971)

क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो

इफ्फी  के 2024 संस्करण में प्रतिभागियों का प्रभावशाली चयन हुआ। इस बार फिल्म निर्माण की 13 श्रेणियों में भारत के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) से 1,070 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से कुल 100 प्रतिभागियों को चुना गयाजिनमें 71 पुरुष और 29 महिलाएं शामिल थीं (2023 में 16 महिला प्रतिभागियों की तुलना में  उल्लेखनीय वृद्धि)। इन प्रतिभागियों ने 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कियाजो कार्यक्रम में विविध प्रकार के मत और अनुभव लेकर आए।

महोत्सव के दौरान10 प्रतिभागियों की टीमों द्वारा 48 घंटों के भीतर पांच लघु फ़िल्में बनाई गईं। इन फिल्मों में हिंदी में गुल्लू (निर्देशक: अर्शाली जोस)कोंकणी और अंग्रेजी में द विंडो (निर्देशक: पीयूष शर्मा)अंग्रेजी में वी कैन हियर द सेम म्यूजिक (निर्देशक: बोनिता राजपुरोहित)अंग्रेजी में लवफिक्स सब्सक्रिप्शन (निर्देशक: मल्लिका जुनेजा) और हिंदी/अंग्रेजी में हे माया (निर्देशक: सूर्यांश देव श्रीवास्तव) शामिल हैं। इन फिल्मों का चयन एक ग्रैंड जूरी द्वारा किया गयाजिसमें निम्नलिखित विजेता रहे : सर्वश्रेष्ठ फिल्म – गुल्लू (अर्शाली जोस)प्रथम रनर-अप – वी कैन हियर द सेम म्यूजिक (बोनिता राजपुरोहित)सर्वश्रेष्ठ निर्देशक – अर्शाली जोस (गुल्लू)सर्वश्रेष्ठ पटकथा – अधिराज बोस (लवफिक्स सब्सक्रिप्शन)सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री – विशाखा नाइक (लवफिक्स सब्सक्रिप्शन)और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता – पुष्पेंद्र कुमार (गुल्लू)।

सीएमओटी जूरी सदस्यों की उपस्थिति में सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजूसीबीएफसी अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा सीएमओटी का उद्घाटन

 

क्रिएटिव माइंड्स के प्रतिभागियों ने एक प्रतिभा शिविर में भी हिस्सा लिया, जिसके परिणामस्वरूप उभरते फिल्म निर्माताओं को 62 प्रस्ताव दिए गए। इस नई प्रक्रिया ने महत्वपूर्ण दिशा और अवसर प्रदान किए, जिससे भारतीय सिनेमा में नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए रंगमंच की दृढ़ता को बल मिला।

 

48 घंटे की फिल्म निर्माण चुनौती के दौरान सक्रिय छात्र

मास्टर क्लास

इफ्फी ने 7 दिन के दौरान, 30 मास्टरक्लास, इन-कन्वर्सेशन और पैनल चर्चाओं की मेजबानी की, जिसमें सिनेमा की दुनिया की जानी-मानी हस्तियां शामिल हुई। जानी-मानी हस्तियों में फिलिप नॉयस, जॉन सील, रणबीर कपूर, ए.आर. रहमान, क्रिस किर्शबाम, इम्तियाज अली, मणि रत्नम, सुहासिनी मणि रत्नम, नागार्जुन, फारुख धोंडी, शिवकार्तिकेयन, अमीश त्रिपाठी और कई अन्य शामिल थे।

22 नवम्बर को आयोजित मणिरत्नम के सत्र में 89 प्रतिशत उपस्थिति के साथ सबसे अधिक उपस्थिति दर्ज की गई, जबकि रणबीर कपूर के सत्र में 83 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई।

मणिरत्नम के मास्टरक्लास के दौरान खचाखच भरा ऑडिटोरियम

 

छात्र फिल्म निर्माता कार्यक्रम

युवा फिल्म निर्माता कार्यक्रम में कुल 345 छात्रों ने भाग लिया, जिसमें 13 प्रसिद्ध फिल्म स्कूलों जैसे एफटीआईआई, एसआरएफटीआई, एसआरएफटीआई अरुणाचल प्रदेश, आईआईएमसी और अन्य राज्य सरकार और निजी संस्थानों के 279 छात्र शामिल थे। इसके अलावा, पूर्वोत्तर राज्यों के 66 छात्रों और युवा फिल्म निर्माताओं को कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए चुना गया।

 

48 घंटे की फिल्म निर्माण चुनौती के दौरान छात्रों का एक समूह

 

पीआईबी को देशभर से मीडिया मान्यता के लिए करीब 1,000 आवेदन प्राप्त हुए और इफ्फी की कवरेज के लिए 700 से अधिक पत्रकारों को मान्यता दी गई। जिन पत्रकारों ने रुचि दिखाई, उन्हें एफटीआईआई के सहयोग से फिल्म को समझने और उसका विश्लेषण करने संबंधी एक दिवसीय पाठ्यक्रम की पेशकश की गई।

आईएफएफआई 2024 को कई प्लेटफ़ॉर्म पर व्यापक मीडिया कवरेज मिला, जिससे इस आयोजन को व्यापक रूप से लोगों तक पहुंचाया जा सका। अकेले प्रिंट मीडिया में, टाइम्स ऑफ़ इंडियाहिंदुस्तान टाइम्समिडडेइंडियन एक्सप्रेसद हिंदू और अन्य सहित प्रमुख राष्ट्रीय प्रकाशनों में 500 से अधिक लेख प्रकाशित हुए, जिससे इस उत्सव के महत्व पर और अधिक प्रकाश डाला गया।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर, बॉलीवुड हंगामा, पिंकविला जैसी प्रमुख मनोरंजन वेबसाइटों और लाइवमिंट और इकोनॉमिक टाइम्स जैसे व्यवसाय-केन्द्रित प्लेटफॉर्म पर 600 से अधिक ऑनलाइन लेख देखने को मिले। इसके अतिरिक्त, इफ्फी की पहुंच बढ़ाने के लिए MyGov के माध्यम से 45 सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर को शामिल किया गया, जिससे विभिन्न डिजिटल स्पेस पर उत्सव के बारे में जीवंत चर्चा हुई।

पीआईबी ने बाहर के 26 देशों के आधिकारिक हैंडल से अंग्रेजी और छह विदेशी भाषाओं में सामग्री वितरण की सुविधा भी प्रदान की है। ऐसा विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया गया।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, आईएफएफआई ने वैरायटी और स्क्रीन इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की, तथा अपने वैश्विक ग्राहकों को तीन ई-दैनिक समाचार पत्र भेजे, जिससे महोत्सव की वैश्विक उपस्थिति और मजबूत हुई।

फिल्म बाज़ार के क्यूरेटेड दौरे पर मीडियाकर्मी

वरिष्ठ अभिनेत्री राखी गुलज़ार और फिल्म अमर बॉस की निर्देशक जोड़ी द्वारा संबोधित प्रेस कॉन्फ्रेंस

महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर बड़ा अपडेट

0

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की नई सरकार 5 दिसंबर को बनेगी। देवेंद्र फडणवीस अगले मुख्यमंत्री बनने के उम्मीदवारों की दौड़ में सबसे आगे हैं।

बीजेपी ने जीतीं 132 सीट

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के गठबंधन महायुति ने 288 में से 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी। बीजेपी 132 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जबकि शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीट जीतीं।

कौन होगा महाराष्ट्र का सीएम?

हालांकि, 23 नवंबर को चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद भी इस बात पर कोई फैसला नहीं हुआ है कि मुख्यमंत्री कौन होगा? शिंदे, फडणवीस और पवार ने महाराष्ट्र में अगली सरकार बनाने को लेकर समझौते पर बातचीत करने के लिए गुरुवार देर रात भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।

अपने पैतृक गांव पहुंचे एकनाथ शिंदे

कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना होने के बाद शुक्रवार को होने वाली महायुति की महत्वपूर्ण बैठक स्थगित कर दी गई, जो अब यह संभवतः रविवार को होगी।

फडणीस मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे

बीजेपी नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि नई सरकार का शपथ ग्रहण पांच दिसंबर को होगा। नेता ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता फडणवीस मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।

अजित पवार ने भी किया फणवीस का समर्थन

हालांकि, अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि बीजेपी विधायक दल अपना नया नेता चुनने के लिए बैठक कब करेगा? शिंदे ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अगले मुख्यमंत्री के संबंध में बीजेपी नेतृत्व के निर्णय का पूरा समर्थन करेंगे। इस प्रक्रिया में बाधा नहीं बनेंगे। वहीं, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने मुख्यमंत्री पद के लिए फडणवीस का समर्थन किया है।

भाषा के इनपुट के साथ

यहां 250 गाय पर नहीं निकाला जाता किसी का दूध

0

ग्वालियर: सनातन धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. गाय पालन और गौ सेवा को परमार्थ का कार्य समझा जाता है. यूं तो देश में बहुत से साधु-संन्यासी गौ सेवा करते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर के साधु बाबा की बात अनोखी है. 80 साल की उम्र में वह 250 गायों की सेवा करते हैं. सुबह 3 बजे से उनकी दिनचर्या शुरू हो जाती है. कमाल की बात तो ये कि बाबा किसी भी गाय का दूध निकालते.

ग्वालियर में जनक ताल के पास बद्रीनाथ धाम आश्रम है. यहां शहर का सबसे पुराना बद्रीनाथ मंदिर भी है, जिसकी स्थापना लगभग 200 से 300 साल पहले की मानी जाती है. यह स्थान अपने आप में दिव्य है. यहां पर कई साधु-संन्यासी रहा करते हैं. इसके अलावा इस स्थान पर दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं. यहां पर पास में एक गुफा भी है, जहां पर प्राचीन काल की मूर्तियां रखी हुई हैं.

नहीं निकलते है गाय का दूध 
आश्रम में संन्यासी कमल दास ने बताया कि उनके पास रहने वाली 250 गायों में से किसी का भी दूध नहीं निकलते हैं. यहां पर यह सभी गाय अपना दूध सिर्फ अपने बच्चों को पिलाती हैं. इसके अलावा सुबह 3:00 बजे से उठकर दिन भर उनकी सेवा की जाती है. यहां पर कई अन्य संन्यासी भी हैं, जो निशुल्क रूप से दिन भर गौ सेवा करते रहते हैं. लोकल 18 से बात करते हुए बाबा कमल दास ने बताया कि ‘सेवा परमो धर्म:’ सेवा ही संसार में सबसे बड़ा धर्म है. गौ सेवा करने से उच्च कोटि की सेवा प्राप्त होती है. बाबा कमल दास 50 साल से गौशाला में गौ सेवा कर रहे हैं. बिना किसी सरकारी सहयोग से वह लाचार और बीमार गायों की सेवा करते हैं.

गौ सेवा लंबी उम्र का राज 
बाबा कमल दास की उम्र लगभग 80 वर्ष है. उन्होंने बताया कि वह 50 वर्षों से यहां पर गौ सेवा कर रहे हैं. देखा जाता है कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है, तो लोग उसको छोड़ देते हैं. ऐसी ही निर्बल गायों का वह पालन करते हैं. सामाजिक सहयोग से गौशाला का निर्माण किया, यहां पर सभी प्रकार की बीमार गायों को रखा जाता है. उनकी सेवा की जाती है. इसके अलावा इन गायों के दूध की बिक्री यहां पर नहीं की जाती है. किसी भी गाय का दूध नहीं निकाला जाता है. बाबा कमल दास के गुरु भी गौ सेवा को ही ईश्वर सेवा मानते थे. तब से लेकर आज तक इस मंदिर में लगातार गौ सेवा चल रही है.

पद्मश्री सुरेश वाडकर और कुमार का सुरीला रेडियो प्रोग्राम “ऎ ज़िंदगी गले लगा ले”

0
मुंबई (अनिल बेदाग) : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और जिम्मेदारी से थोड़ा समय निकालकर 1 दिसम्बर 2024 से हर रविवार रात 8 से 9 बजे तक पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित सिंगर सुरेश वाडकर और कुमार का सुरीला रेडियो प्रोग्राम “ए ज़िंदगी गले लगा ले” आप माईएफएम रेडियो स्टेशन पर सुन सकते हैं, जो आपको अपनी जिंदगी के सुनहरे पलों में ले जाएगा। स्टूडियो रीफ्यूल के कुमार ने आज सुरेश वाडकर की उपस्थिति में मुम्बई के अजीवासन हॉल में इस अनोखे रेडियो शो के प्रसारण की ऑफिशियल घोषणा की।
अपनी मधुर आवाज और दिल को छू लेने वाले गीतों के लिए मशहूर सुरेश वाडकर ने इस अवसर पर फिल्म “सदमा” के सदाबहार गीत “ऐ ज़िंदगी गले लगा ले” की रिकॉर्डिंग, गीतकार गुलज़ार और संगीतकार इलैयाराजा एवं इस गीत की बेपनाह लोकप्रियता के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि जिस रेडियो शो के प्रसारण की तारीख का सबको इन्तेजार था, आज हम खुश और उत्साहित हैं कि वह शो 1 दिसम्बर से प्रसारित होने के लिए तैयार है।
मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि यह शो सफल हो। कुमार जी का आभार प्रकट करना चाहता हूं कि उन्होंने यह शो बड़ी मेहनत, बहुत रिसर्च और जुनून के साथ बनाया है।
शो के होस्ट कुमार ने कहा कि आप सुरेश वाडकर जी का कोई गाना सुन लें तो आप यदि लो भी फील कर रहे हैं, तो बेहतर महसूस करेंगे। प्रोग्राम की थीम भी यही है कि आप सुकून महसूस करें। हर सन्डे को आप परिवार के साथ समय निकाले और उनकी आवाज़ से रिलैक्स फील करें। माई एफएम के सिद्धार्थ और  उनकी टीम का शुक्रिया, उन से हमारा टाइअप भी इसी उद्देश्य के साथ हुआ कि सुरेश वाडकर जी की आवाज़ से करोड़ो श्रोताओं के जीवन मे सुकून और शांति के कुछ लम्हे लाने हैं। उनकी आवाज़ एक ऐसा शहद है जो आपको सुकून महसूस कराएगा। उनकी आवाज़ में बहुत ईमानदारी होती है। उनका शो सुनकर आपको लगेगा कि उनसे हमारी बातचीत बस चलती रहे।”
कुमार ने आगे कहा कि यह शो 1 घण्टे का प्रोग्राम है जिसमें 8 गाने होंगे, सुरेश जी अपने हर गीत के बारे में दिलचस्प जानकारी बताएंगे। इस शो में हमारी दिल से बात होती है सुरेश जी के साथ। हम सोचकर नहीं पूछते और वह सोचकर नहीं बताते। यह पूरी तरह बिना स्क्रिप्टेड शो है। एक घण्टे का यह हीलिंग अनुभव होगा। सुरेश जी का कहना है कि हर इंसान के अंदर इतनी पावर होती है कि वह खुद चीजों को ठीक कर सकता है। संगीत के माध्यम से यह काम और आसान हो जाता है। हर आदमी आज किसी न किसी मुश्किल में है। उनका एक एक शब्द हीलिंग है।
माई एफएम के क्रिएटिव लोगों का कहना है कि सुरेश जी की बातों को एडिट कैसे करूँ। तुमसे मिलके ऐसा लगा पहले एपिसोड में इस गाने पर बात होगी।”
सुरेश वाडकर ने कहा कि मेरे कैरियर में या मेरी जिंदगी में जो खट्टे मीठे अनुभव हुए हैं, उन्हें मैं शो पे बताऊंगा। यह प्रोग्राम आप सुनिये कई गीतों के बहुत अच्छे किस्से सुनने को मिलेंगे। रेडियो शो इसलिए क्योंकि रेडियो सबसे ज्यादा सुना जाता है। टीवी आप हर समय नहीं देख सकते। मैं शो बिज में हूँ लेकिन शोबाज़ नहीं हूं।”
हालांकि कुमार ने कहा कि मेरा नेक्स्ट शो टीवी पर सुरेश जी के साथ होगा। इस शो की खासियत है कि आप अपने अंदर वह ऊर्जा ले सकेंगे जो सुरेश जी की आवाज़ में है। यह पूरी तरह हीलिंग प्रोसेस है। इस शो को सुनने के बाद आप मे शालीनता आ जाएगी। संगीत से बड़ी कोई मेडिसिन नहीं है। सुरेश जी का परिवार कितनी बड़ी सेवा कर रहा है। हजारों लाखों लोगों को संगीत और गायकी सिखा रहे हैं।”

तनाव उभरती हुई एक गंभीर समस्या

0
सोमा महेश्वरी  (ज्योतिषाचार्य तथा टैरो कार्ड रीडर)

ज्योतिष में अनेक तरह के प्रश्न प्रश्न कर्ताओं के द्वारा पूछे जाते हैं -:जैसे विवाह संबंधित ,कैरियर संबंधित, व्यवसाय संबंधित ,नौकरी संबंधी, संतान संबंधित, लेकिन आजकल जो एक प्रश्न बहुत ज्यादा चर्चा का विषय है वह है तनाव जिसे इंग्लिश में डिप्रेशन कहा जाता हैI

कुछ लोग इसे गंभीर समस्या नहीं मानते हैं, लेकिन यदि हमें कहीं भी ऐसा एहसास हो रहा है कि हम मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं ,तनाव में है ,नींद नहीं आ रही है ,सर दर्द रहता है ,इस तरह की अनेक बीमारियों का हमें हमें डिप्रेशन के दौरान सामना करना पड़ता है . इस बीमारी को हल्के में ना लें . यदि हमें ऐसा लग रहा है कि हम डिप्रेशन की शिकार हो रहे हैं तो इसका उपचार जरूर करना चाहिए I क्योंकि आजकल छोटी-छोटी बातों में लोगों को डिप्रेशन हो रहा है-: पढ़ाई में अच्छे नंबर लाने का डिप्रेशन ,अधिक से अधिक कमाने का डिप्रेशन, स्वास्थ्य के सही नहीं चलने का डिप्रेशन ,अत्यधिक सोचना I छोटे-छोटे बच्चे भी डिप्रेशन से गुजर रहे हैं और युवा पीढ़ी में यह खास तौर पर पाया जा रहा हैI सामान्य किसी भी बीमारी का इलाज हम डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाइयां से करते हैं I वह दवाइयां एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, किसी भी प्रकार की हो सकती है I इसके अलावा इस बीमारी में योग भी किया जाता है, जिसे भी काफी लोगों को राहत मिलती हैI  मेरा यह मानना है कि कहीं ना कहीं यदि ऐसी कोई बीमारी से हम गुजर रहे हैं, तो हमें ज्योतिष की भी सलाह लेनी चाहिए I हमें हमारी कुंडली विश्लेषण जरूर करवाना चाहिए I

कहीं ना कहीं ग्रहों के द्वारा या ग्रहों की कांबिनेशन के द्वारा भी यह समस्या हमें हो सकती हैI कुंडली में से कहीं योग होते हैं, जिससे भी हमें यह समस्या का सामना करना पड़ता है I ज्योतिष के द्वारा जो भी हमें इलाज बताए जाते हैं, चाहे वह उपायों के द्वारा हो, चाहे रत्न धारण करने से हो या फिर पूजा पाठ से हो या या फिर मंत्र उच्चारण से हो या फिर अन्य तरीके से हो ,हमें जो भी तरीका समझ में आता है ,हमें इसका ट्रीटमेंट जरूर करना चाहिए I ज्योतिष भी कहीं ना कहीं डिप्रेशन से निजात पाने में मदद कर सकता हैI

सर्दी ने दस्तक दे दी है और इस समय हमें अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना चाहिए -:थोड़े से बादाम ,थोड़ी मिश्री ,थोड़ा सी मात्रा में सौंफ तथा थोड़ी सी काली मिर्च को पीस करके एक पाउडर बनाकर उसको सुबह शाम गुनगुने दूध   के साथ लीजिए यह एक बहुत अच्छा हेल्थ टॉनिक रहता हैI

लेख की लेखिका – सोमा महेश्वरी  जी एक ज्योतिषाचार्य तथा टैरो कार्ड रीडर है 

*चिन्मय दास की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में  मंदिरों पर बढ़ते हमले चिंता* 

0
(मनोज कुमार अग्रवाल -विनायक फीचर्स)
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली बांग्लादेश सरकार में हिन्दुओं पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। इस्कॉन भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद भी चरमपंथी रुकने को तैयार नहीं हैं। इसी क्रम में एक बार फिर से एक और मंदिर पर हमला किया गया है।
ताजा मामले में बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के बीच चटगांव के तीन हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया। जिसके बाद बांग्लादेश में जारी झड़प ने हिंसक रूप ले लिया। अभी जिन तीन मंदिरों को निशाना बनाया गया है उनमें चटगांव के फिरंगी बाजार में लोकनाथ मंदिर, मनसा माता मंदिर और हजारी लेन में काली माता मंदिर शामिल हैं।  यह घटना बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा का भाग है, जो कि पांच अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से अत्यंत खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है। हिंदू समेत अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ ये उग्र विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए जब हिंदुओं ने इस्लामिक कट्टरपंथियों की ओर से किए गए संगठित हमलों के जवाब में बड़ी संख्या में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन शुरू किए । यह विरोध प्रदर्शन धार्मिक और सामाजिक संगठन इस्कॉन की ओर से आयोजित किए गए थे, जिसके अनुयायी दुनिया भर में फैले हुए हैं। इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए  ढाका हवाई अड्डे पर प्रमुख हिंदू नेता और इस्कॉन भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास को हिरासत में ले लिया गया।
भारत सरकार ने हिंदू धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत नहीं दिए जाने के मामले पर गहरा रोष जताया। साथ ही पड़ोसी देश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के नहीं थमने का मुद्दा भी पुरजोर तरीके से उठाया है। भारत ने बांग्लादेश सरकार से आह्वान किया है कि वह हिंदुओं समेत हर तरह के धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। भारत सरकार पिछले दो महीनों के दौरान कई बार ऐसे आग्रह कर चुकी है, लेकिन जब से शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किया गया है तब से हिंदुओं के उत्पीड़न का मामला बढ़ता जा रहा है। अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद युनूस इस बारे में उल्टा भारत पर ही आरोप लगाते रहे हैं कि हिंदुओं पर हमले के मुद्दे को भारतीय मीडिया बढ़ा-चढ़ा कर बता रहा है। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जोत के नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और उनको जमानत नहीं दिए जाने के घटनाक्रम को लेकर हमें गहरी चिंता है। यह घटना हिंदुओं व दूसरे अल्पसंख्यकों पर हुए कई हमलों के बाद सामने आई है। अल्पसंख्यकों के घरों और उनके कारोबार को तबाह करने, लूटने, मंदिरों में मूर्तियों को खंडित करने आदि घटनाओं के ठोस साक्ष्य हैं।
बांग्लादेश में हिंदू समूह सम्मिलिता सनातनी जोत के नेता एवं इस्कान ट्रस्ट के सचिव रहे चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के विरोध में राजधानी ढाका और चटगांव समेत कई जगहों पर लोग सडकों पर उतरे और उनकी रिहाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं और आंसू गैस के गोले दागे गए। एक वकील की मौत भी हो गई। एक अदालत ने चिन्मय को जमानत देने से इन्कार कर दिया। उनको देशद्रोह के आरोप में  गिरफ्तार किया गया था। बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद ने बताया कि हिंदुओं के साथ- साथ ईसाइयों और बौद्धों के खिलाफ हत्या, छेड़छाड़ और अपहरण समेत हमलों की 2010 घटनाएं हुई हैं। बांग्लादेश में हिंदू समूह सम्मिलिता सनातनी जोत के नेता एवं इस्कान ट्रस्ट के सचिव रहे चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के खिलाफ प. बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने मंगलवार को राज्य विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी भाजपा विधायकों ने चिन्मय दास की तस्वीर वाली तख्तियां लेकर विधानसभा परिसर से विरोध मार्च निकाला और उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हुए मुख्य गेट के बाहर एकत्रित होकर नारेबाजी की। इस दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी की निंदा की और उन्हें बिना शर्त शीघ्र रिहा करने की मांग करते हुए बांग्लादेश सरकार को पेट्रापोल सीमा के जरिए सभी तरह के व्यापार और आवाजाही को ठप करने की कड़ी चेतावनी दी।
बांग्लादेश में आये राजनीतिक बदलाव के कारण वहां के हिन्दुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हमले बढ़ते चले जा रहे हैं। गौरतलब है कि बांग्लादेश में राजनीतिक परिवर्तन से वहां कट्टरपंथियों का बोलबाला हो गया है और वर्तमान सरकार की विदेशी नीति में आये परिवर्तन के कारण सामरिक, आर्थिक व राजनीतिक दृष्टि से बांग्लादेश के पाकिस्तान के साथ काफी अच्छे संबंध हो गए हैं। बांग्लादेश में हिन्दुओं और भारत के विरुद्ध जो हो रहा है या कहा जा रहा है उसके पीछे पाकिस्तान ही है और पाकिस्तान के पीछे चीन है। उपरोक्त तथ्यों को देखते हुए भारत को अपनी विदेश नीति के साथ-साथ अपनी आर्थिक व राजनीतिक नीतियों पर भी समयानुसार परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।
       चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश तीनों देश भारतीय सीमाओं पर और भारत के भीतर भी समस्याएं बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। भारत को अति सतर्क होकर चलने की आवश्यकता है। तत्काल रूप से तो बांग्लादेशी हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना ही भारत की प्राथमिकता होनी चाहिए। बांग्लादेश की सरकार के साथ संपर्क कर अपना रोष प्रकट करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचारों को उठाना चाहिए।
वर्तमान परिस्थितियों को सम्मुख रखते हुए भारत को पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा चीन के साथ संबंधों को लेकर भी पुनः विचार करने की आवश्यकता है।(विनायक फीचर्स)

हिमाचल में पहली बार होगी पहाड़ी गायों की गणना

0

कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर दिखते आवारा कुत्तों और पहाड़ी गाय के अच्छे दिनों की उम्मीद लगाई जा रही है क्योंकि अब उनकी गणना की जाएगी, जोकि पहले नहीं की जाती थी. पशुपालन विभाग ने पहली बार राज्य की हिमाचली पहाड़ी गाय ‘गौरी’ को भी पशुगणना में शामिल किया है. इससे पहले विभाग द्वारा इनका आंकड़ा नहीं जुटाया जाता था. केंद्र सरकार की पहल पर 2024 की पशुगणना में हिमाचली पहाड़ी गाय के साथ बेसहारा पशुओं और आवारा कुत्तों का भी डाटा एकत्रित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य पशुओं की संख्या का सही आंकलन कर योजनाओं का लाभ पहुंचाना है.

गणना से सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं और आवारा कुत्तों की संख्या स्पष्ट होगी. इन आंकड़ों के आधार पर केंद्र सरकार से टीकाकरण स्टॉक और योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा. हालांकि इससे पहले न विभाग को जानकारी होती थी कि सड़कों पर कितने पशु बेसहारा और आवारा कुत्ते घूम रहे हैं और न ही पता होता था कि कौन सड़कों पर पशुओं को बेसहारा छोड़ रहा है.

डाटा मिलने से आसान होगा आंकलन
अब विभाग की ओर से की जा रही गणना में सड़कों पर घूम रहे पशुओं का आंकड़ा एकत्रित हो जाएगा, जिससे कि प्रदेश में केंद्र की ओर से विभिन्न योजनाओं के तहत टीकाकरण का प्रबंध भी किया जाएगा. इससे पहले केंद्र की ओर से 2019 की पशुगणना के अनुसार ही विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदेश में टीकाकरण का स्टॉक और टारगेट भेजे जाते थे.

क्या बोले पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी
नोडल अधिकारी पशुपालन विभाग संदीप मिश्रा ने कहा कि केंद्र की ओर से पहली बार प्रदेश की देसी गाय का आंकड़ा एकत्रित किया जाएगा. साथ ही पहली बार बेसहारा पशुओं और आवारा कुत्तों का भी आंकड़ा इकट्ठा किया जा रहा है. इससे केंद्र सरकार के पास प्रदेश के पशुओं की संख्या का सही आंकड़ा पहुंचेगा.

संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी

0

New Delhi
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा ने अन्य अधिकारियों और पीएमओ के कर्मचारियों के साथ आज संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।

एक्स पर लिखी एक पोस्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा:

“आज संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा ने अन्य अधिकारियों और पीएमओ के कर्मचारियों के साथ मिलकर प्रस्तावना पढ़ी।”

महाराष्ट्र में कौन होगा सीएम? बीजेपी नेता ने बताया नाम

0

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। महायुति से कौन मुख्यमंत्री होगा? इसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में सीएम के नाम पर चर्चा को लेकर बीजेपी के सीनियर नेता सुधीर मुनगंटीवार ने इंडिया टीवी से खास बात की है।

सरकार बनाने में हो रही देरी

बीजेपी नेता मुनगंटीवार ने कहा, ‘सरकार बनाने में विलंब हो रहा है। ऐसा सोचने की जरूरत नहीं है। चर्चा जारी है। थोड़ा विलंब हो सकता है। निश्चित रूप से देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होने चाहिए, लेकिन अंतिम निर्णय हमारे पार्टी के सीनियर नेता ही लेंगे।’

पीएम मोदी भी आएंगे शपथ ग्रहण समारोह में

इसके साथ ही बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, ‘वानखेड़े स्टेडियम और शिवाजी पार्क पर नए सरकार का शपथग्रहण समारोह होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण समारोह में आएंगे। उनकी सुरक्षा के इंतजाम के मद्देनजर भी विचार विमर्श जारी है। जल्द ही शपथ ग्रहण समारोह होगा।’

अभी कोई फार्मूला तय नहीं

उन्होंने कहा, ‘ सीएम के नाम को लेकर अभी कोई फॉर्मूला तय नहीं है। इसका फैसला सीनियर नेता लेंगे। किसे क्या जिम्मेदारी देनी है? उसका फैसला भी भाजपा के सीनियर नेता ही लेंगे।’

शिंदे ने राज्यपाल को सौंपा सीएम पद का इस्तीफा

वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त होने के कारण शिंदे ने राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से राजभवन में भेंट की और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया है। राज्यपाल ने उन्हें नये मुख्यमंत्री के शपथ लेने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर पद पर बने रहने को कहा है।

 

RSS ने कैसे की महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा की जीत की प्लानिंग? यहां समझें

0

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी को जो जीत हासिल हुई है उसके पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कड़ी मेहनत है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या उसके सहयोगी संगठनों ने हरियाणा चुनाव के बाद ही महाराष्ट्र के चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर लिया था। यहां तक की मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान के तमाम जगहों से स्वयंसेवकों के साथ-साथ उन जगहों के संगठन मंत्री भी पूरे महाराष्ट्र में पहुंच चुके थे। पूरी माइक्रो प्लानिंग RSS के स्वयंसेवकों एवं RSS के सहयोगी 36 संगठन ने किया था। पूरे महाराष्ट्र में स्वयंसेवक भारतीय जनता पार्टी की जीत की नींव मजबूत करने में लगे हुए थे।

1 व्यक्ति 2 घर का फॉर्मूला

RSS के जो स्थानीय स्वयंसेवक थे उन्हें ‘एक स्वयंसेवक दो घर’ की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके तहत इन लोगों ने अपने कार्य को क्रियान्वित करना शुरू किया। लोगों को दो व्यक्तियों के घर पर जाकर 100% मतदान की बात करनी है, सनातन की बात करनी है, हिंदू धर्म की बात करनी है, राष्ट्रीय हित की बात करनी है। उसे उन व्यक्तियों के घर पर कुछ खाना-पीना नहीं है, सिर्फ अपनी बात उनके सामने रखनी है और जब तक वह मोटिवेट नहीं हो जाते तब तक उनके संपर्क में रहना है। जब लगे कि वो व्यक्ति अपनी बातों से प्रभावित हो चुका है, मोटिवेट हो चुका है, फिर अगले दो घर लक्ष्य रखा जाता था। कोई दिखावा नहीं किया जाएगा। कोई फोटो नहीं खींची जाएगी, सोशल मीडिया पर नहीं डाला जाएगा। इस तरीके से संघ ने एक-एक व्यक्ति से संपर्क करना शुरू किया। संघ एवं उसके सहयोगी संगठनों ने हर जिले में 25 से 30 हजार छोटी-छोटी बैठकें की।

प्रांत स्तर की लगभग 10 से 12 बड़ी बैठक

महाराष्ट्र चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पिछले दो महीने में महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों की प्रांत स्तर की लगभग 10 से 12 बड़ी बैठक ली। मुंबई, मराठवाडा, विदर्भ, कोकण इन तमाम क्षेत्रों में आरएसएस ने कई बैठके ली हैं। अक्टूबर और नवम्बर महीने में हर जिले की संघ और बीजेपी के बीच सामान्य बैठक हुई। महाराष्ट्र चुनाव में संघ एवं उसके 36 सहयोगी संगठन पूरे तरीके से चुनाव में सक्रिय हो गए थे।

अतुल लिमये ने निभाया अहम किरदार

आरएसएस के सह सरकार्यवाह अतुल लिमये ने भारतीय जनता पार्टी की जीत का खाका तैयार किया था। उन्होंने सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी की जीत की जमीन मजबूत करने के लिए आरएसएस के सभी सहयोगी संगठनों को सक्रिय किया। आरएसएस के 36 सहयोगी संगठनों ने जमीनी स्तर पर चुनावी समीकरण में भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाने के लिए जी तोड़ मेहनत की। आरएसएस के सहयोगी संगठन विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, मजदूर संघ, किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राष्ट्रीय सेविका समिति, दुर्गा शक्ति, मातृशक्ति,  वनवासी आश्रम जैसे सभी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जागरण मंच के बैनर के तहत घर-घर जाकर प्रचार किया। लोग जागरण मंच ने प्रत्येक जिलों में 200 के आसपास छोटी-छोटी टोलियां बनाई थीं जो लोगों के घरों में जाकर 100% मतदान के साथ-साथ हिंदुत्व की बात करते थे।

भाजपा को 148 में से 132 सीटों पर जीत

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति में शामिल भाजपा को 132, एनसीपी को 41 और शिवसेना को 57 सीटों (कुल 230) पर जीत हासिल हुई है। वहीं, महाविकास अघाड़ी की शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) को 10 (कुल 46) सीटों पर जीत मिली है। बाकी की 12 सीटें अन्य दलों या फिर निर्दलीय ने जीती हैं।