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गौ तस्करों के खिलाफ बड़ा एक्शन

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नपुरी: जनपद में SOG  की टीम ने गौ तस्करों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। टीम ने फरार चल रहे इनामी गौ तस्कर को गिरफ्तार किया है। संवाददाता के अनुसार पकड़े गये इनामी गौ तस्कर की पहचान समसुद्दीन पुत्र नूर मोहम्मद के रूप में हुई है जो हरियाणा के नूह का रहने वाला है। 20 हजार का इनामी गौ तस्कर पिछले 11 महीने से पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था। जानकारी के अनुसार पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर किशनी रोड शिवसिंहपुरा प्रतीक्षालय के पास से आरोपी को गिरफ्तार किया। मैनपुरी के एसपी विनोद कुमार ने बताया कि आरोपी गोमांस को लगातार प्रदेश के अलग- अलग हिस्सों में सप्लाई कर रहे थे। आरोपी  पिछले 11 महीने से फरार चल रहा था। पुलिस ने उस पर 20 हजार का इनाम रखा हुआ था।

शाहरुख़ ख़ान और सलमान खान ने की ‘लवयापा’ के एक्टर जुनैद ख़ान और ख़ुशी कपूर की तारीफ

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फैंटम स्टूडियोज़ और एजीएस एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित, अद्वैत चंदन की फिल्म ‘लवयापा’ अपनी रिलीज़ के बाद से ही चर्चा में है। इस फिल्म में जुनैद ख़ान और ख़ुशी कपूर अपना डेब्यू कर रहे हैं। आधुनिक रोमांस की दुनिया में बनी यह कहानी दिल छू लेने वाले प्रदर्शन, शानदार संगीत, और खूबसूरत दृश्यों के साथ दर्शकों के दिलों को छू रही है। इस फिल्म के टाइटल ट्रैक ने रिलीज़ होते ही दर्शकों के बीच धूम मचा दी है। गाने को जुनैद और ख़ुशी की नई जोड़ी और इसके रोमांटिक अंदाज़ के लिए खूब सराहा जा रहा है। इसी बीच, सलमान ख़ान और शाहरुख़ ख़ान से मिले खास कॉम्प्लिमेंट्स ने फिल्म को और चर्चा में ला दिया है।

सलमान ख़ान ने अपने सोशल मीडिया पर जुनैद ख़ान और ख़ुशी कपूर को शुभकामनाएँ देते हुए लिखा:

“LOVEYAPA HO GAYA
Best Of Luck #JunaidKhan @khushikapoor”

सलमान खान की इंस्टाग्राम स्टोरी
https://www.instagram.com/stories/beingsalmankhan/3537322353153049887?igsh=OWY4YXBtaHF3MGpt

वहीं, शाहरुख़ ख़ान ने सोशल मीडिया पर गाने की तारीफ करते हुए अपनी शुभकामनाएँ दीं और लिखा:

“इतना प्यारा गाना है यह।
जुनैद जितना जेंटल।
ऑल द बेस्ट ख़ुशी।
मेरी ढेर सारा प्यार #Loveyapa कपल और टीम को।”

शाहरुख खान का ट्वीट
https://x.com/iamsrk/status/1875138268632846677?s=46&t=PusltWkTns46RNMqjWxAeA

प्यार के हर रंग को सेलिब्रेट करती ‘लवयापा’ हर उम्र के दर्शकों से जुड़ने का वादा करती है। 2025 की सबसे रोमांचक फिल्मों में से एक मानी जा रही यह फिल्म, 7 फरवरी, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।

भारत का पहला विश्व शांति केंद्र का उद्घाटन समारोह 2 मार्च को हरियाणा के मुख्यमंत्री करेंगे शिरकत।

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भारत का पहला विश्व शांति केंद्र का उद्घाटन समारोह 2 मार्च को हरियाणा के मुख्यमंत्री करेंगे शिरकत।

विश्व शांति केंद्र से दुनिया में फैलेगा शांति सद्भाव का संदेश- आचार्य लोकेश

श्री श्री रविशंकरजी, स्वामी रामदेवजी सहित विश्व की विशिष्ट हस्तियों का होगा स्वागत- मुख्यमंत्री सैनी

नई दिल्ली/गुरूग्राम 3 जनवरी2025, अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक प्रख्यात जैन आचार्य लोकेशजी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी से आज भेंट कर अहिंसा विश्व भारती संस्था द्वारा नव निर्मित भारत के पहले “विश्व शांति केंद्र” के उद्घाटन समारोह की विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री जी ने 2 मार्च को आयोजित हो रहे विश्व शांति केंद्र के उद्घाटन समारोह में भाग लेने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि गुरुग्राम गुरुओं की धरती है जहां से विश्व कल्याण के कार्यक्रम आचार्य लोकेशजी के मार्गदर्शन में संचालित होंगे यह खुशी का विषय है इस अवसर पर देश दुनियां से आने वाले सभी महापुरुषों का स्वागत करेंगे।

विश्व शांतिदूत आचार्य लोकेशजी ने बताया कि सम्यक् ज्ञान, दर्शन, चारित्र व तप रूपी चार स्तम्भों पर खड़ा सप्त मंजिली भवन का निर्माण अहिंसा विश्व भारती संस्था ने दो वर्ष में पूर्ण किया है इसके आर्किटेक्ट का दायित्व प्रसन्नराज के नेतृत्व में चैनई की डी’आर्क डिज़ाइनर कम्पनी एवं निर्माण का दायित्व ओमवीर सिंह के नेतृत्व में एन बी कन्स्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी ने निभाया है।

अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य लोकेश जी ने बताया कि इस केन्द्र से विश्व भर में वसुधैव कुटुम्बकम्, भारतीय संस्कृति व भगवान महावीर, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, योगीराज कृष्ण, भगवान बुद्ध, गुरु नानकदेव सहित सभी महापुरुषों के संदेश प्रसारित होंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में परिवर्तन उपदेश से नहीं प्रयोग व प्रशिक्षण से आता है अतः इस केंद्र से अध्यात्म व विज्ञान के समन्वय से तैयार किए गए अहिंसा प्रशिक्षण, शांति शिक्षा के पाठ्यक्रम, युवाओं के व्यक्तित्व विकास, बच्चों के संस्कार निर्माण, महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ ध्यान व योग के प्रायोगिक कार्यक्रम नियमित रूप से चलेंगे।

जैनाचार्य लोकेशजी ने बताया कि इस अवसर आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी, पातंजलि योगपीठ के संस्थापक स्वामी रामदेवजी सहित अनेक महापुरुषों ने भाग लेने की स्वीकृति प्रदान कर रखी है इस मौके पर विराट संत सम्मेलन का भी आयोजन होगा।

उन्होंने बताया कि गुरुग्राम के म्यूनिसिपल कमिश्नर श्री अशोकजी ने पिछले दिनों केन्द्र का अवलोकन किया एवं आचार्य लोकेशजी व अहिंसा विश्व भारती के कार्यकर्ताओं से कार्यक्रम से संबंधित जानकारी ली तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।

महाराष्ट्र में बर्दाश्त नहीं गुंडा राज – CM देवेंद्र फडणवीस

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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को चेतावनी दी कि बीड में गुंडा राज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। फडणवीस ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने देशमुख के भाई से टेलीफोन पर बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि मामले में न्याय होगा। पुलिस ने बताया कि बीड के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का नौ दिसंबर को अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। सरपंच की हत्या कथित तौर पर इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने कुछ लोगों द्वारा बीड जिले में एक पवन ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली किए जाने की कोशिश का विरोध किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने दिवंगत संतोष देशमुख के भाई से बात की और उनसे कहा कि उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए। जब तक दोषियों को फांसी नहीं हो जाती, पुलिस अपना काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि बीड मामले में शामिल सभी लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा। हम गुंडा राज बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो लोग कानून को अपने हाथ में लेने या निवासियों से जबरन वसूली करने की कोशिश करेंगे, उन्हें सख्त परिणाम भुगतने होंगे। पुलिस फिलहाल उन संदिग्धों की तलाश कर रही है जो फरार हैं। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। हम उन्हें ढूंढ निकालेंगे।

इससे पहले महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी एवं बीड जिले में सरपंच की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में वांछित वाल्मीक कराड ने पुणे में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। हत्या के मामले में पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि कराड को जबरन वसूली के मामले में वांछित आरोपी के रूप में नामजद किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, सभी दोषियों को पकड़ लिया जाएगा। कराड के खिलाफ क्या आरोप लगाए गए हैं? इस बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि पुलिस संदिग्धों के खिलाफ आरोपों और सबूतों पर जानकारी देगी। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) बिना किसी बाहरी दबाव के मामले को संभाल रहा है।

किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा’कराड की ओर से उनके खिलाफ राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाई के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि अगर कोई सबूत है तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि मैं राजनीति नहीं कर रहा… संतोष देशमुख के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए… यह मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।

 

120 CCTV फुटेज खंगाले, जानें मुंबई के हीरा चोर तक कैसे पहुंची पुलिस

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मुंबई : गोरेगांव पुलिस ने 1 करोड़ 47 लाख कीमत का हीरा चुराकर भागने वाले एक कारीगर को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। चोरी का आरोपी गुजरात का रहने वाला है और गोरेगांव के जवाहर नगर स्थित एक हीरा कारखाने में हीरा तराशने का काम करता था। पुलिस ने आरोपी के पास से 1 करोड़ 41 लाख रुपये का चोरी हुआ हीरा बरामद कर लिया है। 40 वर्षीय आरोपी का नाम सचिन मकवाना बताया जा रहा है।

एफआईआर के अनुसार, 63 वर्षीय शिकायतकर्ता किरण रोकानी हीरा व्यापारी हैं और कांदिवली में रहते हैं। गोरेगांव के जवाहर नगर में किरण रतिलाल रोकाणी नाम से उनकी हीरा तराशने की फैक्ट्री है। गोरेगांव में ही जेम्स नाम से एक अन्य यूनिट भी किरण का बेटा चलाता है, जिसमें आरोपी सचिन समेत नौ अन्य कारीगर काम करते हैं। इस कंपनी के प्रबंधक महेश काटे हैं।

महेश ही सभी कारीगरों को तराशने के लिए हीरा देते हैं। 10 दिसंबर को उन्होंने सचिन को भी 1 करोड़ 47 लाख रुपये कीमत के 491 कैरेट हीरे दिए थे, जिसे लेकर वह भाग गया। महेश काटे ने इस घटना की जानकारी किरण रोकानी को दी। रोकानी ने गोरेगांव पुलिस स्टेशन में सचिन के खिलाफ चोरी का केस दर्ज करवाया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अभिषेक त्रिमुखे और पुलिस उपायुक्त आनंद भोईटे के नेतृत्व में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सतीश उमरे की टीम ने घटना की जांच की। 120 सीसीटीवी फुटेज की मदद से गोरेगांव, मालाड, दहिसर, भिलाड, वापी, सूरत, अहमदाबाद, पालनपुर आदि इलाकों में उसकी तलाश की गई।

जांच में पता चला कि पुलिस से बचने के लिए आरोपी ड्रेस बदल-बदल कर गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में इधर-उधर भाग रहा है। आखिरकार राजस्थान के सीताफी के पास से सचिन को पुलिस गिरफ्तार करने में कामयाब रही। पूछताछ में उसने हीरे चुराने की बात कबूल की है। उसके पास से चोरी हुए 1 करोड़ 47 लाख 70 हजार रुपये के 470 कैरेट वजन का हीरा भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।

उमंग,उल्लास और हर्ष लेकर दुनिया भर में आता है नव वर्ष*

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(चारु सक्सेना – विभूति फीचर्स)
 नयी उमंगें, नया उत्साह,नया उल्लास नया हर्ष लेकर नव वर्ष हर वर्ष आता है, ताकि आने वाले वर्ष में व्यक्ति अपने अधूरे कार्यों को पूरा कर सके। नववर्ष के स्वागत का पर्व अलग अलग देशों में अपनी-अपनी संस्कृति के अनुरूप अलग-अलग रंग से मनाया जाता है। हमारे यहां नववर्ष चैत्र में मनाया जाता है, जब विक्रम संवत बदलता है। कहीं-कहीं मकर संक्रांति या अन्य अवसरों पर भी अलग-अलग कैलेण्डरों के अनुसार नववर्षारम्भ तथा उसके अनुरूप उत्सव मनाने की परंपरा है।
 *म्यांमार में नववर्ष*
भारत के पड़ोसी देश  म्यांमार (बर्मा)में नववर्ष के इस उत्सव को ‘तिजान’ कहते हैं। जो तीन दिन तक चलता है। लगभग एक सप्ताह पूर्व से इसकी तैयारियां शुरू हो जाती है। बर्मी लोग इस दिन गौतम बुद्ध की पूजा करते हैं।अपने मकानों से बाहर सड़क पर जगह-जगह शामियाने लगाते हैं और वहां दोस्तों और रिश्तेदारों को मिठाइयां खिलाई जाती हैं। उसके बाद वे आपस में एक-दूसरे पर सुगंधित जल डालकर पूरे वातावरण में खुशबू फैला देते हैं।
 *चीन में नववर्ष*
      पड़ोसी देश चीन में नववर्ष प्रारंभ होने के एक सप्ताह पूर्व से उत्सव मनाया जाता है। इस दिन आतिशबाजी के साथ ही बीते वर्ष को विदा करके नए वर्ष का स्वागत किया जाता है। पुराने जमाने में चीन में यह मान्यता थी कि प्रत्येक परिवार की रसोई में एक देवता रहता है, जो उस परिवार की गतिविधियों पर अपनी रिपोर्ट तैयार करके वर्ष के अंत में ईश्वर के पास उसे देने के लिये जाता है और नए वर्ष के प्रारंभ होने के साथ ही वापिस उस परिवार में लौट आता है। आतिशबाजी की परम्परा, उस देवता के जाने की विदाई और लौट आने के स्वागत समारोह के साथ जुड़ी है। पिछले वर्ष और नए वर्ष के मध्य की रात्रि में चीन के लोग पूरी तरह जागरण करते हैं और अगले दिन तरह-तरह के पकवान बनाकर खाते हैं।
 *जापान में नववर्ष*
नववर्ष के उपलक्ष्य में जापान में घरों को हरे बांस और चीड़ की लकड़ियों से सजाया जाता है तथा मेहमानों को स्वादिष्ट भोजन कराया जाता है। जापानी लोग इस अवसर पर किसी का ऋण लौटा देना अपना  कर्तव्य मानते हैं। यदि किसी जापानी के पास ऋण चुकाने के लिये धन न हो तो वह अपने घर का सामान बेचकर भी ऋण चुकाने का प्रयत्न करता है। इसके लिये जापान में एक विशेष बाजार भी लगाया जाता है। जहां  सामान का उचित मूल्य भी मिल जाता है। जापान में इस दिन पतंग उड़ाने का भी प्रचलन है। छोटे बच्चों की पढ़ाई शुरू करने के लिये भी इस दिन को जापान में शुभ माना जाता है। जापान में नववर्ष के त्यौहार तीन दिनों तक मनाये जाते हैं। इन दिनों वहां मनाये जाने वाले त्यौहार को ‘याबुरी’ के नाम से पुकारा जाता है। इन तीनों दिनों में लोग खूब खुशियां मनाते हैं और खाते-पीते हैं। वहां नए साल के पहले दिन स्वच्छ जल पीना आवश्यक होता है। ऐसी मान्यता है कि इस प्रकार स्वच्छ जल पीने से मनुष्य दीर्घायु होता है। अन्य देशों की भांति वहां भी लोग इस दिन एक दूसरे को शुभकामनायें देते हैं।
 *मॉरीशस में नववर्ष*
मॉरीशस में नववर्ष को प्रमुख पर्व  माना जाता है। मॉरीशस  विभिन्न देशों के निवासियों का संगम है।यहां नववर्ष सभी जातियों के लिये एक उत्साह लेकर आता है। नववर्ष मनाने के लिये यहां एक महीने पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं। घरों की सफाई व पुताई की जाती है। लोग नये-नये कपड़े व एक-दूसरे को देने के लिये उपहार खरीदते हैं। व्हिस्की, वाइन आदि पहले से ही खरीद लाते हैं। 31 दिसम्बर के  दिन परिवार के सभी सदस्य और मित्रगण एक जगह पर एकत्रित होते हैं। रात को 12 बजे तक शराब पीते व ताश खेलते हैं। 12 बजे के बाद सब लोग एक कमरे में इक‌ट्ठे होकर ‘शैम्पेन’ पीते हैं तथा ‘किस’ कर शुभकामनायें देते हैं तथा सुबह पांच बजे तक नृत्य चलता है, फिर सुबह सब नहा-धोकर नए वस्त्र पहनकर एक-दूसरे के घर जाकर शुभकामनायें देते हैं तथा ‘पेय’ आदि का सेवन करते हैं।
 *अफगानिस्तान में भी नववर्ष*
अफगानिस्तान में नववर्ष पहली जनवरी को न मनाकर ‘अमल’ की पहली तारीख अर्थात अंग्रेजी कैलेण्डर की 21 मार्च को मनाया जाता है। 20 मार्च को खुशी का दिन होता है। उस रात हरी सब्जियों के साथ-साथ कड़ी चावल भी बनते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं। 12 बजे बत्तियां बुझा दी जाती हैं । लोग 12 बजते ही एक दूसरे को नववर्ष को शुभकामनायें देना शुरू कर देते हैं। उसके बाद दो-तीन बजे के लगभग घर से बाहर कहीं जाना तथा घास पर चलना जरूरी होता है। इसे ‘सबजाला-हा-गाटकरदान’ कहते हैं।
 *तंजानिया में नववर्ष*
तन्जानिया में ईद तथा क्रिसमस प्रमुख पर्व होने की वजह से नववर्ष बहुत धूमधाम से नहीं मनाया जाता। नववर्ष की खुशी में तन्जानिया में 30 दिसम्बर की शाम से नृत्य व संगीत लहरी छिड़ जाती है। लोग शाम को लोकनृत्य करते हैं। वे अपने घरों, दफ्तरों तथा अन्य इमारतों को सजाते हैं। कुछ लोग क्लब जाते हैं। जहां म्यूजिक चलता है। यहां लोगों का मुख्य काम नववर्ष पर व्हिस्की पीना होता है। लोग एक-दूसरे को शुभकामनायें देते हैं ‘उफवातु’ ‘नाम्वाकाम्पया’ अर्थात नववर्ष के साथ खुश रहो।
 *थाईलैण्ड में नववर्ष*
थाईलैण्ड में 30 दिसम्बर को ही खाने-पीने की चीजें तैयार की जाती हैं तथा पार्टी दी जाती है। इस दिन विशेष खाना बनता है। रात्रि में लोग बाहर जाते हैं तथा अर्द्धरात्रि को किसी दूसरे के घर या किसी विशेष स्थान पर नववर्ष मनाते हैं। नृत्य व संगीत प्रमुख आकर्षण होता है।
          बौद्ध धर्म वाले पहली तारीख को सुबह अपने मंदिर जाते हैं। मोनेस्ट्री में बौद्ध भिक्षुओं को खाना दिया जाता है। नववर्ष के इस समारोह को ईरान में ‘नौरोज’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन परिवार के सदस्य एक मेज के चारों ओर बैठते हैं तथा बारी- बारी से अंकुरित बीजों को पानी से भरे बर्तन में डालते हैं, जो मेज के बीचोंबीच रख दिया जाता है। इस बर्तन के इर्द-गिर्द एक शीशा, झंडा, एक मोमबत्ती तथा एक रोटी रखी रहती है। ऐसा करना ये लोग बड़ा शुभ मानते हैं। रात्रि को ईरान के लोग अपने-अपने घरों पर रोशनी करते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनायें देते हैं।
 *इंडोनेशिया में नववर्ष*
इंडोनेशिया में नववर्षोत्सव ‘को ‘गांलून’ के नाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग वहां नये वस्त्र पहनते हैं। तरह-तरह के पकवान खाते हैं और आपस में एक-दूसरे को नववर्ष की बधाई देते हैं।
 *आस्ट्रेलिया में नववर्ष*
यहां नववर्ष बड़े उल्लास व परम्परागत ढंग से मनाने की परम्परा है। यहां इसे क्रिसमस पर्व की भांति ही आनन्दपूर्वक मनाते हैं। इस दिन वहां लोग जमकर खुशियां मनाते हैं, खाते-पीते हैं तथा एक- दूसरे को शुभकामनायें देने की परम्परा भी है। इसके अतिरिक्त आस्ट्रेलिया में नववर्ष पर लोग एक-दूसरे को शुकर की अनुकृति, चिमनी, बुश, नाल के आकार की एक वस्तु, व्लीकर के चार पत्ते, चांदी और स्वर्ण मुद्रा आदि भी देते हैं। इन्हें वहां सौभाग्यशाली माना जाता है।
 *रुस में दो नववर्ष*
         रूस में एक ही वर्ष में दो बार नववर्ष के त्यौहार को मनाने की परम्परा है। पूरे विश्व के साथ पहली जनवरी को यहां भी नववर्ष मनाया जाता है। लोग खूब खुशियां मनाते हैं। खाते-पीते व एक दूसरे को शुभकामनायें देते हैं। इसके कुछ ही दिन बाद तेरह जनवरी को पुनः रूस में नववर्ष मनाया जाता है। पुरानेने जमाने में रूसी लोग परम्परागत वर्ष को ही मानते थे। उनका वर्ष आज के अंग्रेजी कैलेण्डर से 13 दिन पश्चात होता था, इसलिये 13 जनवरी भी उनके लिये महत्वपूर्ण हो गयी। यही परिपाटी वहां आज भी प्रचलित है। अतः वहां नववर्ष दो बार मनाया जाता है। दूसरे अवसर यानी 13 जनवरी को भी लोग विभिन्न समारोह आयोजित करके खुशियां मनाते हैं. दावतें खाते हैं और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। इस प्रकार पूरे विश्व में नववर्ष एक नई चेतना व उल्लास के साथ मनाया जाता है। (विभूति फीचर्स)

मुंबई का AQI पहुंचा 200 के पार, GRAP-4 के चलते निर्माण कार्यों पर लगा प्रतिबंध

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महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में वायु गुणवत्ता खराब होने के चलते बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने शहर में जीआरएपी 4 मानदंड लागू करने का फैसला किया है। मुंबई के जिन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 से ऊपर है, वहां सभी निजी और सार्वजनिक निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश है।

GRAP 4 के चलते निर्माण कार्य रोका गया

प्रशासन की ओर से कहा गया कि मुंबई के जिन क्षेत्रों में AQI सूचकांक 200 अंक से अधिक है। वहां GRAP 4 मानदंडों के तहत सभी निर्माण स्थलों पर काम रोका गया है। एक बार जब AQI 200 को पार कर जाता है, तो डेवलपर्स को कोई भी काम रोकने का नोटिस जारी किए बिना नियम तुरंत लागू कर दिया जाएगा।

अभी इन इलाकों में लगा प्रतिबंध

बीएमसी प्रशासन ने बताया कि अभी मुंबई के बोरीवली ईस्ट और बायकुला में निर्माण कार्य को बंद किया गया है। जहां लगातार खराब AQI पहुंच रहा था। बीएमसी ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हो जाता, तब तक शहर में खुदाई के लिए कोई नई अनुमति नहीं दी जाएगी।

दंडात्मक कार्रवाई का आदेश

काम रोके जाने की नोटिस के बावजूद भी निर्माण कार्य जारी रहता है, तो संबंधित डेवलपर्स को महाराष्ट्र क्षेत्रीय एवं नगर नियोजन (MRTP) अधिनियम की धारा 52 के तहत दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

क्या है GRAP-4?

सर्दियों में वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के तहत GRAP 4 प्रतिबंधों में निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध शामिल है। प्रतिकूल मौसम स्थितियों के कारण मुंबई की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। वायु गुणवत्ता में गिरावट के कारण, इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में स्टेज 4 प्रतिबंध लागू किए गए थे।

ये है AQI लेवल की श्रेणी

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, 0-50 का एक्यूआई ‘अच्छा’ श्रेणी में माना जाता है, जबकि 51-100 संतोषजनक श्रेणी में आता है। यदि AQI 100 अंक को पार कर जाता है, तो इसे ‘मध्यम’ श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है, जबकि 200 से ऊपर 300 अंक तक इसे ‘खराब’ श्रेणी में रखा जाता है। 300 से अधिक AQI को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा जाता है, जबकि 400 से अधिक को गंभीर माना जाता है।

ISRO ने ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट’ यानी स्पैडेक्स सैटेलाइन की सफल लॉन्चिंग कर एक नया इतिहास रचा

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नई दिल्ली: इसरो (ISRO) ने सोमवार शाम ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट’ यानी स्पैडेक्स सैटेलाइन की सफल लॉन्चिंग कर एक नया इतिहास रच दिया है. इस तरह भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक और गौरवशाली उड़ान भरा है. स्वदेशी तरीके से विकसित इस डॉकिंग तकनीक के जरिए इसरो दो स्पेसक्राफ्ट को आपस में जोड़ेगा. इस मिशन की कामयाबी के साथ ही भारत रूस, अमेरिका और चीन की बराबरी कर लेगा.

सोमवार रात 10 बजते ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में एक और मिल का पत्थर शामिल हो गया. जब श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी60 के जरिए स्पैडेक्स मिशन को अंजाम दिया गया.

अंतरिक्ष की दुनिया में अपने बूते डॉकिंग अनडॉकिंग की तकनीक को अंजाम देने में सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन को ही महारत हासिल है. अब भारत भी इस ग्रुप में शामिल होने की तैयारी में है.

भारत के इस मिशन को आसान भाषा में समझें

ऑरबिट में दो उपग्रह हैं. उन्हें आपस में लाकर जोड़ने के लिए एक प्रॉक्सिमीटी ऑपरेशन की जरूरत होती है. सिग्नल के पास जाकर उसे कैच कराना होता है और उसको रिडिजाइन करना होता है. जैसे सुनीता विलियम्स धरती से अंतरिक्ष क्रू लाइनर में गईं और स्पेस स्टेशन में प्रवेश किया. ऐसे ही भारत को शील्ड यूनिट बनाना है और इसके लिए डॉकिंग की जरूरत है.

और आसान भाषा में समझें तो एक पेन का उदाहरण ले सकते हैं. जैसे कैप को पेन में फिट कर देना डॉकिंग है. अंतरिक्ष में ये बेहद जटिल काम है और कई अंतरिक्ष अभियानों के लिए ये जरूरी है.

  • अंतरिक्ष में सबसे पहले अमेरिका ने 16 मार्च, 1966 को डॉकिंग की थी
  • सोवियत संघ ने पहली बार 30 अक्टूबर, 1967 को दो स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में डॉक किए थे
  • चीन ने पहली बार स्पेस डॉकिंग 2 नवंबर, 2011 को की थी

इसरो ने SpaDeX मिशन के तहत 229 टन वजन के पीएसएलवी रॉकेट से दो छोटे उपग्रहों को प्रक्षेपित किया है. ये उपग्रह 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर डॉकिंग और अनडॉकिंग करेंगे.

कितना मुश्किल है डॉकिंग अनडॉकिंग?

सैटेलाइट अंतरिक्ष में बहुत तेजी से चलते हैं. 7.8 किमी/सेकंड, जैसे दो उपग्रह एक ही स्पीड में चलते हैं, तो डिफरेंस कम होता है. ICI से इसे कंट्रोल किया जाएगा. फिर दोनों समान तेजी से साथ-साथ जाएंगे और जु़ड़ जाएंगे. जैसे दो ट्रेन तेजी से एक ही दिशा में आसपास की ट्रैक पर चल रहे हों और एक दूसरे का दरवाजा आमने-सामने हो, लेकिन कैसे जाएं. यही काम कंप्यूटर के जरिए अंतरिक्ष में होना है.

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भारत अंतरिक्ष में ये बहुत बड़ा एक्सपेरिमेंट करने जा रहा है. दो सैटेलाइट को एक ही रॉकेट से छोड़ा जाना, उनको फिर अंतरिक्ष में पास लाना और दूर ले जाना. इसी को डॉकिंग और अनडॉकिंग कहते हैं. बोलना आसान है, लेकिन करना बहुत मुश्किल. जब इनको पास लाया जाएगा और दूर ले जाया जाएगा, दोनों सैटेलाइट अंतरिक्ष में बुलेट की रफ्तार से ज्यादा तेज चल रहे होंगे. एक बंदूक की गोली से तेज चलने वाले सैटेलाइट को पास लाना और उनके बीच टक्कर ना हो, ऐसा करना बेहद मुश्किल काम है.

चंद्रयान-4 मिशन में काम आएगी डॉकिंग अनडॉकिंग टेक्नोलॉजी

ये डॉकिंग अनडॉकिंग टेक्नोलॉजी भारत के चंद्रयान-4 मिशन में काम आएगी. जो चांद से सैंपल रिटर्न मिशन है. फिर भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनेगा, तब धरती से कई मॉड्यूल्स को ले जाकर अंतरिक्ष में जोड़ा जाएगा और 2040 में जब एक भारतीय को चांद पर भेजा जाएगा और वापस लाया जाएगा, तब भी डॉकिंग और अनडॉकिंग एक्सपेरिमेंट की जरूरत पड़ेगी. ये डॉकिंग अनडॉकिंग एक बहुत ही पेचीदा काम है. अभी तक केवल रूस, अमेरिका और चीन ने इसमें महारत हासिल की है. अब भारत इसकी ओर कदम बढ़ा रहा है.

 

भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने महिला वर्ल्ड रैपिड शतरंज में रचा इतिहास*

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 *(हेमन्त खुटे-विभूति फीचर्स)*
भारतीय शतरंज इतिहास में एक और गौरवशाली अध्याय जुड़ गया है। भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने अपने बेहतरीन खेल प्रदर्शन से महिला वर्ल्ड रैपिड शतरंज स्पर्धा में शानदार जीत दर्ज की है। 29 दिसंबर को न्यूयॉर्क में आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के फाइनल में उन्होंने इंडोनेशिया की इरिन सुकंदर को मात देकर खिताब अपने नाम किया। यह उपलब्धि न केवल उनके शतरंज कौशल का प्रमाण है, बल्कि भारत को शतरंज के वैश्विक मानचित्र पर और अधिक मजबूत करता है।
 *भारत को दी अनुपम सौगात*
हम्पी ने दूसरी बार रैपिड शतरंज का खिताब जीतकर देश को अनुपम सौगात दी है।
शतरंज की सुप्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी  कोनेरू हम्पी ने वर्ष 2019 में मास्को में हुए विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में चीन की लेई  तिंगजी  को मात देते हुए महिला महिला विश्व खिताब जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा दुनिया को मनवाया था।
 *आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी*
कोनेरू हम्पी ने अपने खेल करियर में विश्व रैपिड का खिताब दूसरी बार जीत कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
  हम्पी ने मां बनने के बाद वर्ष 2017 और 2018 में अपने बच्चे की देखभाल हेतु  शतरंज स्पर्धा से 2 वर्ष का ब्रेक लिया था बावजूद उन्होंने अपने आत्मविश्वास में कोई कमी आने नहीं दी थी। दो वर्षों के लंबे अंतराल के बाद शतरंज जगत में धमाकेदार वापसी करते हुए एकाग्रता और धैर्य के साथ खेलकर वर्ष 2019 में अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को पराजित कर विश्व महिला रैपिड शतरंज चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था।
 *हम्पी ने दूसरी बार वर्ल्ड  रैपिड शतरंज का खिताब अपने नाम किया*
भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने 29 दिसंबर को न्यूयार्क में आयोजित महिला वर्ल्ड रैपिड शतरंज स्पर्धा में  इंडोनेशिया की इरिन सुकंदर को हराकर दूसरी बार वर्ल्ड रैपिड का खिताब अपने नाम किया है। इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाली हम्पी भारत की पहली महिला खिलाड़ी है।
*महिला विश्व रैपिड चैम्पियनशिप के अंतिम दौर पश्चात टॉप 10 खिलाड़ियों की सूची*
1. जीएम हम्पी कोनेरू – 8.5/11
2. जीएम जू वेनजुन – 8.0/11
3. जीएम कैटरीना लग्नो – 8.0/11
4. जीएम टैन झोंग्यी – 8.0/11
5. जीएम हरिका द्रोणावल्ली – 8.0/11
6. डब्ल्यूआईएम अफ़रूज़ा खामदामोवा – 8.0/11
7. जीएम एलेक्जेंड्रा कोस्टेनीयुक – 8.0/11
8. आईएम बिबिसार असौबायेवा – 7.5/11
9. आईएम इरीन खारिस्मा सुकंदर – 7.5/11
10. आईएम स्टावरौला सोलाकिडौ – 7.5/11
 *बतौर इनाम 60000 डॉलर  मिले*
कोनेरु हम्पी विश्व महिला रैपिड शतरंज चैंपियनशिप के ग्यारहवें व अंतिम चक्र में इरिन को कड़े मुकाबले में शिकस्त देकर सर्वाधिक 8.5 अंक अर्जित कर प्रथम स्थान प्राप्त करने में कामयाब रही। प्रथम स्थान की प्राप्ति पर इन्हें स्वर्ण पदक के साथ 60 हजार डॉलर मिले।
 *बेटी का कॅरियर बनाने पिता ने छोड़ी थी नौकरी*
हम्पी ने पांच वर्ष की अल्पायु में शतरंज खेलना सीखा था। बचपन से ही हम्पी कुशाग्र बुद्धि की थी। शतरंज खेल के प्रति उसकी लगन को देखते हुए इनके पिता अशोक कोनेरू  ने शतरंज खेलने के लिए सदैव प्रेरित किया और प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था की। शतरंज में उन्हें बेटी का करियर नजर आया,इसलिए  उन्होंने प्रोफेसर की अपनी नौकरी छोड़कर सारा ध्यान अपनी बेटी के ऊपर केंद्रित किया ।  पिता के भरपूर प्रोत्साहन व मार्गदर्शन की बदौलत हम्पी विश्व की महारत खिलाड़ी बन सकी।
 *शतरंज में प्रमुख उपलब्धियां*
कोनेरू ने वर्ष 1997, 1998 एवं 1999 में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर तीन बार स्वर्ण पदक जीतकर अपने कॅरियर की शानदार शुरुआत की । वर्ष 1998 में अहमदाबाद में आयोजित एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप में हम्पी ने लड़कों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए अंडर 20 सेक्शन जीता। 2001 में कोनेरू ने विश्व जूनियर गर्ल्स चैंपियनशिप, 2002 में ब्रिटिश महिला चैंपियनशिप, 2003 में एशियाई तथा 2005 में नार्थ यूराल्स कप जीता।
  वर्ष 1998 में अहमदाबाद में आयोजित एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप में हम्पी ने लड़कों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए अंडर 20 सेक्शन जीता। 2001 में कोनेरू ने विश्व जूनियर गर्ल्स चैंपियनशिप, 2002 में ब्रिटिश महिला चैंपियनशिप, 2003 में एशियाई तथा 2005 में नार्थ यूराल्स कप जीता।
कोनेरु वर्ष 1999 में भारत की सबसे कम उम्र की महिला ग्रैंडमास्टर बनी तथा वर्ष 2002 में पुरुष वर्ग की भी ग्रैंडमास्टर बनी एवं वर्ष 2007 में 2600 इलो रेटिंग पार की।
 *पुरस्कार एवं सम्मान*
शतरंज खेल में उल्लेखनीय योगदान एवं बेहतर प्रदर्शन के लिए वर्ष 2003 में अर्जुन अवार्ड तथा 2007 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया।(विभूति फीचर्स)

गौ सेवा संकल्प अभियान, 4 ट्रैक्टर चारा लेकर गौशाला पहुंचे लोग

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Dungarpur News: डूंगरपुर जिले में गौ सेवा संकल्प अभियान से जुड़े लोग आज 4 ट्रैक्टर चारा लेकर भंडारिया गौशाला पहुंच गए. गायों के चारा आते ही गौशाला की गाये भी दौड़कर आ गई. गौ सेवकों ने जयकारे लगाए

र गायों के लिए आगे भी चारे पानी के इंतजाम पर जोर दिया.

गौ सेवा संकल्प को लेकर चल रहे केशव पंड्या ने बताया कि एक बार भंडारिया गौशाला में आने का कार्यक्रम हुआ था. उस समय गायों के लिए चारे पानी की कमी देखकर गौ माता के लिए बीड़ा उठाने का संकल्प लिया.उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा के दिन से गौ सेवा संकल्प की शुरुआत की. जिसमें 2 से 5 पुले चारा दान संकल्प चलाया. वसी गांव से शुरू हुए इस संकल्प से पास के ओडवाडिया, धावडी, पुनाली समेत कई गांवों और शहर से लोग जुड़ते गए.

लोगों ने गौ सेवा के लिए अपनी स्वेच्छा से चारे के लिए दान दिया. अभियान से 1 हजार से ज्यादा सदस्य जुड़ गए और उससे मिलने वाली दान राशि से गायों के लिए चारा लिया. पहले 1 ट्रैक्टर चारा दिया गया था. इसके बाद आज रविवार को सभी गांवों के लोग मिलकर 4 ट्रैक्टर चारा लेकर वसी हनुमान जी मंदिर से डूंगरपुर पहुंचे. भंडारिया गौ शाला में चारों ट्रैक्टर भरे चारे को दे दिया. वहीं चारे से भरे ट्रैक्टर आते ही गाये भी दौड़ने लगी. केशव पंड्या ने बताया कि गायों के चारे पानी के लिए आगे भी संकल्प अभियान जारी रहेगा और गायों के लिए सालभर के लिए चारे का इंतजाम किया जा रहा है.